< Psalm 133 >
1 Ein Wallfahrtslied. Von David. Siehe, wie fein und lieblich ist's, wenn Brüder einträchtig beisammen wohnen!
देखो! कैसी अच्छी और खु़शी की बात है, कि भाई एक साथ मिलकर रहें!
2 Wie das feine Öl auf dem Haupt, das herabfließt in den Bart, den Bart Aarons, das herabfließt bis zum Saum seiner Kleider;
यह उस बेशक़ीमत तेल की तरह है, जो सिर पर लगाया गया, और बहता हुआ दाढ़ी पर, या'नी हारून की दाढ़ी पर आ गया; बल्कि उसके लिबास के दामन तक जा पहुँचा।
3 wie der Tau des Hermon, der herabfällt auf die Berge Zions; denn daselbst hat der HERR den Segen verheißen, Leben bis in Ewigkeit.
या हरमून की ओस की तरह है, जो सिय्यून के पहाड़ों पर पड़ती है! क्यूँकि वहीं ख़ुदावन्द ने बरकत का, या'नी हमेशा की ज़िन्दगी का हुक्म फ़रमाया।