< Mica 4 >

1 Es wird aber in den letzten Tagen geschehen, daß der Berg des Hauses des HERRN festgegründet an der Spitze der Berge stehen und über alle Höhen erhaben sein wird.
कि अंत के दिनों में वह पर्वत और पहाड़ जिस पर याहवेह का भवन है; उसे दृढ़ और ऊंचा किया जायेगा, और सब जाति के लोग बहती हुई नदी के समान उस ओर आएंगे.
2 Und Völker werden ihm zuströmen, und viele Nationen werden hingehen und sagen: «Kommt, laßt uns wallen zum Berge des HERRN, zum Hause des Gottes Jakobs, daß er uns über seine Wege belehre und wir auf seinen Pfaden wandeln!» Denn von Zion wird die Lehre ausgehen und des HERRN Wort von Jerusalem.
और जाति के लोग कहेंगे, “आओ, हम याहवेह के पर्वत, याकोब के परमेश्वर के भवन को चलें. कि वह हमें अपने नियम सिखाएं, और हम उनके मार्गों पर चलें.” क्योंकि ज़ियोन से व्यवस्था निकलेगी, और येरूशलेम से याहवेह का वचन आएगा.
3 Und er wird Schiedsrichter sein zwischen großen Völkern und zurechtweisen starke Nationen, die weit weg wohnen, also daß sie ihre Schwerter zu Pflugscharen und ihre Spieße zu Rebmessern verschmieden; kein Volk wird wider das andere ein Schwert erheben, und sie werden nicht mehr den Krieg erlernen;
परमेश्वर जनताओं के बीच न्याय करेंगे और लोगों की परेशानियां दूर करेंगे. तब वे अपनी तलवारों को पीट-पीटकर हल के फाल तथा अपने भालों को हंसिया बना लेंगे. एक देश दूसरे के विरुद्ध तलवार नहीं उठायेगा, तथा उन्हें फिर कभी लड़ने के लिए तैयार नहीं किया जाएगा.
4 sondern jedermann wird unter seinem Weinstock und unter seinem Feigenbaum sitzen, und niemand wird ihn stören; denn der Mund des HERRN hat es geredet!
हर एक जन अपनी ही अंगूर की लता और अपने ही अंजीर के वृक्ष के नीचे बैठेगा, और उन्हें कोई नहीं डराएगा, क्योंकि सर्वशक्तिमान याहवेह ने कहा है.
5 Denn alle Völker mögen wandeln, ein jedes im Namen seines Gottes; wir aber wollen wandeln im Namen des HERRN, unsres Gottes, immer und ewiglich!
सब जातियां अपने-अपने देवताओं का नाम लेकर चलें तो चलें, पर हम सदा-सर्वदा याहवेह अपने परमेश्वर का नाम लेकर चलेंगे.
6 An jenem Tage, spricht der HERR, will ich das Hinkende sammeln, und das Verstoßene zusammenbringen und die, denen ich Unheil zugefügt habe;
“उस दिन,” यह याहवेह की घोषणा है, “मैं लंगड़ों को इकट्ठा करूंगा; मैं बंधुवा लोगों को और उन लोगों को भी इकट्ठा करूंगा जिन्हें मैंने दुःख दिया है.
7 und will aus dem Hinkenden einen Überrest machen und aus dem, was weit entfernt war, ein starkes Volk; und der HERR wird über sie herrschen auf dem Berge Zion von nun an bis in Ewigkeit.
मैं लंगड़ों को अपना बचा हुआ भाग, और भगाये हुओं को एक मजबूत जाति बनाऊंगा. तब उस समय से लेकर सदा-सर्वदा तक याहवेह ज़ियोन पर्वत से उन पर शासन करते रहेंगे.
8 Und du, Herdenturm, Hügel der Tochter Zion, bis zu dir wird reichen und zu dir wird zurückkehren die frühere Herrschaft, das Königtum der Tochter Jerusalem!
जहां तक तुम्हारा सवाल है, हे झुंड की चौकसी के मचान, हे ज़ियोन की पुत्री के सुरक्षा गढ़, तुम्हें तुम्हारे पहले का राज्य दे दिया जाएगा; येरूशलेम की पुत्री को राजपद दिया जाएगा.”
9 Was schreist du aber jetzt so laut? Ist kein König bei dir? Sind deine Ratsherren umgekommen, daß dich Wehen ergriffen haben wie eine Gebärende?
तुम उच्च स्वर में क्यों चिल्ला रही हो, क्या तुम्हारा कोई राजा नहीं है? क्या तुम्हारा शासन करनेवाला नाश हो गया है, कि तुम जच्चा स्त्री के समान दर्द से छटपटा रही हो?
10 Zittere und stöhne, du Tochter Zion, wie eine Gebärende; denn nun mußt du zur Stadt hinaus und auf dem Felde wohnen und nach Babel ziehen! Dort sollst du gerettet werden, dort wird dich der HERR erlösen aus der Hand deiner Feinde.
हे ज़ियोन की बेटी, जच्चा स्त्री की तरह दर्द से छटपटाओ, क्योंकि अब तुम्हें शहर छोड़कर खुले मैदान में डेरा डालना ज़रूरी है. तुम बाबेल जाओगी; और तुम बचाई जाओगी. वहां याहवेह तुम्हें तुम्हारे शत्रुओं के हाथ से छुड़ाएंगे.
11 Denn jetzt haben sich viele Völker wider dich versammelt, welche sagen: «Sie soll entweiht werden, damit unser Auge seine Lust an Zion sehe!»
पर अब तो तुम्हारे विरुद्ध में बहुत से राष्ट्र इकट्‍ठे हुए हैं. वे कहते हैं, “उसे अशुद्ध होने दो, ज़ियोन की दुर्गति हमारे आनंद का विषय हो!”
12 Sie wissen aber nicht, was der HERR im Sinne hat, und merken seinen Ratschluß nicht, daß er sie zusammengebracht hat wie Garben auf der Tenne.
पर वे याहवेह के विचारों को नहीं जानते हैं; वे उसकी उस योजना को नहीं समझते, कि उसने उन्हें पूलियों के समान खलिहान में इकट्ठा किया है.
13 Mache dich auf und drisch, du Tochter Zion! Denn ich mache dir eiserne Hörner und eherne Hufe, daß du große Völker zermalmest und ihren Raub dem HERRN weihest und ihren Reichtum dem Beherrscher der ganzen Erde.
“हे ज़ियोन की बेटी, उठ और दांवनी कर, क्योंकि मैं तुम्हें लोहे के सींग दूंगा; मैं तुम्हें पीतल के खुर दूंगा, और तुम बहुत सी जातियों को टुकड़े-टुकड़े कर दोगी.” तुम उनकी लूटी गई चीज़ें याहवेह को, और उनकी संपत्ति सारे पृथ्वी के प्रभु को अर्पित करोगी.

< Mica 4 >