< Matthaeus 4 >
1 Darauf ward Jesus vom Geist in die Wüste geführt, auf daß er vom Teufel versucht würde.
इसके बाद पवित्र आत्मा के निर्देश में येशु को बंजर भूमि ले जाया गया कि वह शैतान द्वारा परखे जाएं.
2 Und als er vierzig Tage und vierzig Nächte gefastet hatte, hungerte ihn hernach.
उन्होंने चालीस दिन और चालीस रात उपवास किया. उसके बाद जब उन्हें भूख लगी,
3 Und der Versucher trat zu ihm und sprach: Bist du Gottes Sohn, so sprich, daß diese Steine Brot werden!
परखने वाले ने उनके पास आकर कहा, “यदि तुम परमेश्वर-पुत्र हो तो इन पत्थरों को आज्ञा दो कि ये रोटी बन जाएं.”
4 Er aber antwortete und sprach: Es steht geschrieben: «Der Mensch lebt nicht vom Brot allein, sondern von einem jeden Wort, das durch den Mund Gottes ausgeht.»
येशु ने उसे उत्तर दिया, “मनुष्य का जीवन सिर्फ भोजन पर नहीं, बल्कि परमेश्वर के मुख से निकले हुए हर एक शब्द पर भी निर्भर है.”
5 Darauf nimmt ihn der Teufel mit sich in die heilige Stadt und stellt ihn auf die Zinne des Tempels
तब शैतान ने येशु को पवित्र नगर में ले जाकर मंदिर के शीर्ष पर खड़ा कर दिया
6 und spricht zu ihm: Bist du Gottes Sohn, so wirf dich hinab; denn es steht geschrieben: «Er wird seinen Engeln deinethalben Befehl geben, und sie werden dich auf den Händen tragen, damit du deinen Fuß nicht etwa an einen Stein stoßest.»
और उनसे कहा, “यदि तुम परमेश्वर-पुत्र हो तो यहां से नीचे कूद जाओ, क्योंकि लिखा है, “वह अपने स्वर्गदूतों को तुम्हारे संबंध में आज्ञा देंगे तथा वे तुम्हें हाथों-हाथ उठा लेंगे कि तुम्हारे पैर को पत्थर से चोट न लगे.”
7 Da sprach Jesus zu ihm: Wiederum steht geschrieben: «Du sollst den Herrn, deinen Gott, nicht versuchen.»
उसके उत्तर में येशु ने उससे कहा, “यह भी तो लिखा है तुम प्रभु अपने परमेश्वर को न परखो.”
8 Wiederum nimmt ihn der Teufel mit auf einen sehr hohen Berg und zeigt ihm alle Reiche der Welt und ihre Herrlichkeit
तब शैतान येशु को अत्यंत ऊंचे पर्वत पर ले गया और विश्व के सारे राज्य और उनका सारा ऐश्वर्य दिखाते हुए उनसे कहा,
9 und spricht zu ihm: Dieses alles will ich dir geben, wenn du niederfällst und mich anbetest.
“मैं ये सब तुम्हें दे दूंगा यदि तुम मेरी दंडवत-वंदना करो.”
10 Da spricht Jesus zu ihm: Hebe dich weg von mir, Satan! Denn es steht geschrieben: «Du sollst den Herrn, deinen Gott, anbeten und ihm allein dienen!»
इस पर येशु ने उसे उत्तर दिया, “हट, शैतान! दूर हो! क्योंकि लिखा है, तुम सिर्फ प्रभु अपने परमेश्वर की ही आराधना और सेवा किया करो.”
11 Da verließ ihn der Teufel; und siehe, Engel traten hinzu und dienten ihm.
तब शैतान उन्हें छोड़कर चला गया और स्वर्गदूत आए और उनकी सेवा करने लगे.
12 Als aber Jesus hörte, daß Johannes gefangengesetzt worden war, entwich er nach Galiläa.
यह मालूम होने पर कि बपतिस्मा देनेवाले योहन को बंदी बना लिया गया है, येशु गलील प्रदेश में चले गए,
13 Und er verließ Nazareth, kam und ließ sich zu Kapernaum nieder, das am Meere liegt, im Gebiet von Sebulon und Naphtali;
और नाज़रेथ नगर को छोड़ कफ़रनहूम नगर में बस गए, जो झील तट पर ज़ेबुलून तथा नफताली नामक क्षेत्र में था.
14 auf daß erfüllt würde, was durch Jesaja gesagt ist, den Propheten, der da spricht:
ऐसा इसलिये हुआ कि भविष्यवक्ता यशायाह की यह भविष्यवाणी पूरी हो:
15 «Das Land Sebulon und das Land Naphtali, am Wege des Meeres, jenseits des Jordan, das Galiläa der Heiden,
यरदन नदी के पार समुद्रतट पर बसे ज़ेबुलून तथा नफताली प्रदेश अर्थात् गलील प्रदेश में, जहां गैर-इस्राएली बसे हुए हैं,
16 das Volk, das in der Finsternis saß, hat ein großes Licht gesehen, und die da saßen im Lande und Schatten des Todes, denen ist ein Licht aufgegangen.»
अंधकार में जी रहे लोगों ने एक बड़ी ज्योति को देखा; गहन अंधकार के निवासियों पर ज्योति चमकी.
17 Von da an begann Jesus zu predigen und zu sprechen: Tut Buße; denn das Himmelreich ist nahe herbeigekommen!
उस समय से येशु ने यह उपदेश देना प्रारंभ कर दिया, “मन फिराओ क्योंकि स्वर्ग-राज्य पास आ गया है.”
18 Als er aber am galiläischen Meere wandelte, sah er zwei Brüder, Simon, genannt Petrus, und dessen Bruder Andreas; die warfen das Netz ins Meer, denn sie waren Fischer.
एक दिन गलील झील के किनारे चलते हुए येशु ने दो भाइयों को देखा: शिमओन, जो पेतरॉस कहलाए तथा उनके भाई आन्द्रेयास को. ये समुद्र में जाल डाल रहे थे क्योंकि वे मछुआरे थे.
19 Und er spricht zu ihnen: Folget mir nach, und ich will euch zu Menschenfischern machen!
येशु ने उनसे कहा, “मेरा अनुसरण करो—मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुआरे बनाऊंगा.”
20 Und sie verließen alsbald die Netze und folgten ihm nach.
वे उसी क्षण अपने जाल छोड़कर येशु का अनुसरण करने लगे.
21 Und als er von da weiterging, sah er in einem Schiffe zwei andere Brüder, Jakobus, den Sohn des Zebedäus, und dessen Bruder Johannes, mit ihrem Vater Zebedäus ihre Netze flicken; und er berief sie.
जब वे वहां से आगे बढ़े तो येशु ने दो अन्य भाइयों को देखा—ज़ेबेदियॉस के पुत्र याकोब तथा उनके भाई योहन को. वे दोनों अपने पिता के साथ नाव में अपने जाल ठीक कर रहे थे. येशु ने उन्हें बुलाया.
22 Da verließen sie alsbald das Schiff und ihren Vater und folgten ihm nach.
उसी क्षण वे नाव और अपने पिता को छोड़ येशु के पीछे हो लिए.
23 Und Jesus durchzog ganz Galiläa, lehrte in ihren Synagogen und predigte das Evangelium von dem Reich und heilte alle Krankheiten und alle Gebrechen im Volk.
येशु सारे गलील प्रदेश की यात्रा करते हुए, उनके यहूदी सभागृहों में शिक्षा देते हुए, स्वर्ग-राज्य के ईश्वरीय सुसमाचार का उपदेश देने लगे. वह लोगों के हर एक रोग तथा हर एक व्याधि को दूर करते जा रहे थे.
24 Und sein Ruf verbreitete sich in ganz Syrien; und sie brachten alle Kranken zu ihm, die mit mancherlei Krankheiten und Schmerzen behaftet waren, Besessene und Mondsüchtige und Lahme; und er heilte sie.
सारे सीरिया प्रदेश में उनके विषय में समाचार फैलता चला गया और लोग उनके पास उन सबको लाने लगे, जो रोगी थे तथा उन्हें भी, जो विविध रोगों, पीड़ाओं, दुष्टात्मा, मूर्च्छा रोगों तथा पक्षाघात से पीड़ित थे. येशु इन सभी को स्वस्थ करते जा रहे थे.
25 Und es folgte ihm eine große Volksmenge nach aus Galiläa und aus dem Gebiet der Zehn-Städte und aus Jerusalem und Judäa und von jenseits des Jordan.
गलील प्रदेश, देकापोलिस, येरूशलेम, यहूदिया प्रदेश और यरदन नदी के पार से बड़ी भीड़ उनके पीछे-पीछे चली जा रही थी.