< Richter 15 >
1 Es begab sich aber nach einiger Zeit in den Tagen der Weizenernte, daß Simson sein Weib mit einem Ziegenböcklein besuchte. Als er aber sagte: Ich will zu meinem Weibe in die Kammer gehen, wollte ihr Vater ihn nicht hineinlassen.
कुछ समय बाद, गेहूं की कटनी के समय पर शिमशोन एक मेमना लेकर अपनी पत्नी से भेंटकरने गया: उसने उसके पिता से कहा, “मुझे अपनी पत्नी के कमरे में जाने की अनुमति दीजिए.” किंतु उसके ससुर ने उसे अनुमति नहीं दी.
2 Denn ihr Vater sprach: Ich dachte, du wärest ihr gram geworden, da habe ich sie deinem Gefährten gegeben! Ist nicht ihre jüngere Schwester schöner als sie? Die soll dein sein statt jener!
उसके ससुर ने उससे कहा, “मुझे तो यह लगा कि तुम्हें उससे घोर नफरत हो गई है; इसलिये मैंने उसे तुम्हारे साथी को दे दिया है. सुनो, क्या उसकी छोटी बहन उससे अधिक सुंदर नहीं है? अपनी पत्नी के स्थान पर तुम उसकी छोटी बहन को ले लो.”
3 Da sprach Simson zu ihnen: Diesmal bin ich unschuldig, wenn ich den Philistern Übles tue!
इस पर शिमशोन ने कहा, “अब यदि फिलिस्तीनियों का कोई नुकसान होता है, तो मुझे दोष न देना.”
4 Und Simson ging hin und fing dreihundert Füchse und nahm Fackeln, kehrte je einen Schwanz gegen den andern und tat je eine Fackel zwischen zwei Schwänze,
शिमशोन ने जाकर तीन सौ लोमड़ियां पकड़ी, दो-दो लोमड़ियों की पूछो को बांधकर उनके बीच एक-एक मशाल बांध दी.
5 zündete dieselben mit Feuer an und ließ sie unter das Korn der Philister laufen und zündete also die Garben an samt dem stehenden Korn und den Olivengärten.
जब उसने मशालों को जला लिया, उसने लोमड़ियों को फिलिस्तीनियों की खड़ी उपज में छोड़ दिया. इससे उनकी पुलियां तथा खड़ी हुई उपज जल गई. इसके अलावा उनके अंगूर के बगीचे और जैतून के बगीचे भी नष्ट होते गए.
6 Da sprachen die Philister: Wer hat das getan? Da sagte man: Simson, der Tochtermann des Timniters, weil er ihm sein Weib genommen und sie seinem Gefährten gegeben hat! Da zogen die Philister hinauf und verbrannten sie samt ihrem Vater mit Feuer.
फिलिस्तीनी पूछताछ करने लगे, “किसने किया है यह?” और उन्हें बताया गया, “शिमशोन, तिमनी के दामाद ने, क्योंकि तिमनी ने उसकी पत्नी उसके साथी को दे दी है.” इसलिये फिलिस्तीनी आए और उसकी पत्नी और ससुर को जला दिया.
7 Simson aber sprach zu ihnen: Wenn ihr solches tut, so will ich nicht eher aufhören, als bis ich an euch Rache genommen habe!
शिमशोन ने उनसे कहा, “तुमने जो कदम उठाया है, उसके कारण मैं शपथ खाता हूं कि जब तक मैं तो इसका बदला नहीं लूंगा, तब तक मैं शांति से नहीं बैठूंगा.”
8 Und er zerschlug ihnen Schenkel und Hüften mit gewaltigen Schlägen. Dann stieg er hinab und blieb in der Felsenkluft zu Etam.
फिर उसने बड़ी निर्दयता से उनको मार डाला और उसके बाद जाकर एथाम की चट्टान की गुफा में रहने लगा.
9 Da zogen die Philister hinauf und lagerten sich in Juda und ließen sich nieder zu Lechi.
फिलिस्तीनियों ने यहूदिया में पड़ाव डाल दिए, और उधर के लेही नगर पर हमला कर दिया.
10 Aber die Männer von Juda sprachen: Warum seid ihr wider uns heraufgezogen? Sie antworteten: Wir sind heraufgekommen, Simson zu binden, um ihm zu tun, wie er uns getan hat!
यहूदिया के रहनेवालों ने उनसे पूछा, “हम पर हमला क्यों?” उन्होंने उत्तर दिया, “शिमशोन को बांधकर ले जाने के लिए हम आए हैं, ताकि हम उससे बदला लें.”
11 Da zogen dreitausend Mann von Juda hinab zur Felsenkluft von Etam und sprachen zu Simson: Weißt du nicht, daß die Philister über uns Herrschen? Warum hast du uns denn das getan? Er sprach zu ihnen: Wie sie mir getan haben, so habe ich ihnen getan.
इसलिये यहूदिया के रहनेवाले तीन हज़ार लोग एथाम की चट्टान पर जाकर शिमशोन से कहने लगे, “क्या तुम भूल गए कि फिलिस्तीनी हमारे शासक हैं? तुमने हमारे साथ यह क्या कर डाला है?” शिमशोन ने उन्हें उत्तर दिया, “जैसा उन्होंने मेरे साथ किया, वैसा ही मैंने भी उनके साथ किया है.”
12 Sie sprachen zu ihm: Wir sind herabgekommen, um dich zu binden und in die Hand der Philister zu geben! Simson sprach zu ihnen: So schwört mir, daß ihr mich nicht töten wollt!
यहूदिया के रहनेवालों ने उससे कहा, “तुम्हें बंदी बनाकर फिलिस्तीनियों को सौंप देने के लिए हम यहां आए हैं.” शिमशोन ने उनसे कहा, “बस, मुझसे शपथ लो, कि तुम मेरी हत्या न करोगे.”
13 Sie antworteten ihm: Nein! wir wollen dich nur binden und in ihre Hand geben und wollen dich nicht töten! Und sie banden ihn mit zwei neuen Stricken und führten ihn von der Kluft herauf.
उन्होंने उसे आश्वासन दिया, “नहीं, नहीं, हम तुम्हें अच्छी तरह से बांधकर फिलिस्तीनियों को सौंप देंगे. मगर हम तुम्हारी हत्या नहीं करेंगे.” तब उन्होंने शिमशोन को दो नई रस्सियां लेकर बांध दिया और उसे गुफा में से बाहर ले आए.
14 Als er nun nach Lechi kam, jauchzten ihm die Philister entgegen. Da kam der Geist des HERRN über ihn; und die Stricke an seinen Armen wurden wie Fäden, die das Feuer versengt hat, so daß die Bande von seinen Händen fielen.
जब वे लेही पहुंचे, फिलिस्तीनी उससे मिलने के लिए चिल्लाते हुए आ गए. याहवेह का आत्मा सामर्थ्य में शिमशोन पर उतरा. उसकी बांधी गई रस्सियां ऐसी हो गईं जैसे आग में जला हुआ सन. उसके बंधन उसके हाथों से गिर पड़े.
15 Und er fand einen frischen Eselskinnbacken; da streckte er seine Hand aus und nahm ihn und erschlug damit tausend Mann.
उसे वहीं एक गधे के जबड़े की हड्डी मिली, जिसे उसने उठा लिया और उससे एक हज़ार फिलिस्तीनियों को मार डाला.
16 Und Simson sprach: «Mit dem Eselskinnbacken färbte ich sie rot, mit dem Eselskinnbacken schlug ich tausend Mann tot!»
तब शिमशोन ने कहा, “गधे के जबड़े की हड्डी से मैंने उनके ढेर पर ढेर लगा दिए. गधे के जबड़े की हड्डी से मैंने एक हज़ार व्यक्तियों को मार दिया.”
17 Und als er diesen Ausspruch getan, warf er den Kinnbacken aus seiner Hand und hieß jenen Ort Ramat-Lechi.
यह कहकर उसने गधे के जबड़े की हड्डी फेंक दी. वह स्थान रामात-लेही नाम से मशहूर हो गया.
18 Da ihn aber sehr dürstete, rief er den HERRN an und sprach: Du hast durch die Hand deines Knechtes dieses große Heil gegeben; soll ich nun aber vor Durst sterben und in die Hand der Unbeschnittenen fallen?
तब वह बहुत ही प्यासा हो गया. उसने इन शब्दों में याहवेह की दोहाई दी, “आपने अपने सेवक को यह महान विजय दी है; अब क्या मैं इस प्यास के कारण इन खतना-रहित लोगों द्वारा मारा जाऊंगा?”
19 Da spaltete Gott die Höhlung, die bei Lechi ist, so daß Wasser herausfloß; und als er trank, kehrte sein Geist wieder, und er lebte auf. Darum heißt man sie noch heute «Quelle des Anrufers»; sie ist bei Lechi.
तब परमेश्वर ने लेही की भूमि के उस गड्ढे को ऐसा फाड़ दिया, कि उसमें से जल निकलने लगा. जब शिमशोन ने उसे पिया, उसमें दोबारा बल आ गया और वह फिर से ताजा हो गया. इस घटना के कारण उसने उस स्थान को एन-हक्कोरे नाम दिया. लेही में यह आज तक बना हुआ है.
20 Und er richtete Israel zur Zeit der Philister zwanzig Jahre lang.
फिलिस्तीनियों के शासनकाल में शिमशोन ने बीस साल तक इस्राएल पर शासन किया.