< Josua 22 >

1 Da berief Josua die Rubeniter und Gaditer und den halben Stamm Manasse und sprach zu ihnen:
तब यहोशू ने रियूबेन और गाद के गोत्र तथा मनश्शेह के आधे गोत्र को बुलवाया
2 Ihr habt alles gehalten, was euch Mose, der Knecht des HERRN, geboten hat, und habt meiner Stimme gehorcht in allem, was ich euch geboten habe.
और उनसे कहा, “याहवेह के सेवक मोशेह ने जो आज्ञाएं तुम्हें दी थीं, तुमने उन सबका पालन किया, तथा मेरी भी सब बातों को माना है.
3 Ihr habt eure Brüder während dieser langen Zeit nicht verlassen bis auf diesen Tag, und habt treulich an dem Gebot des HERRN, eures Gottes, festgehalten.
तुमने बीते दिनों से आज तक अपने भाई-बंधुओं की बुराई नहीं की, परंतु तुमने याहवेह, अपने परमेश्वर द्वारा दिए गए आदेशों को माना है.
4 Weil nun der HERR, euer Gott, eure Brüder zur Ruhe gebracht, wie er ihnen versprochen hat, so kehret jetzt um und ziehet hin in eure Hütten, in das Land eures Erbteils, das euch Mose, der Knecht des HERRN, jenseits des Jordan gegeben hat.
और अब, उनसे की गई अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर ने तुम्हारे भाई-बंधुओं को शान्तिपूर्ण और आरामदायक वातावरण दिया. अब तुम अपने तंबू में जाओ, जिसका अधिकार तुम्हें दिया गया है, जो तुम्हें यरदन के पार याहवेह के सेवक मोशेह द्वारा मिला है.
5 Nehmt euch nur sehr in acht, daß ihr tut nach dem Gebot und Gesetz, das euch Mose, der Knecht des HERRN, geboten hat: daß ihr den HERRN, euren Gott, liebet und auf allen seinen Wegen wandelt und seine Gebote befolget und ihm anhanget und ihm von ganzem Herzen und von ganzer Seele dienet!
तुम मोशेह द्वारा दिये आदेशों व नियमों को सावधानी से मानते रहना, और याहवेह अपने परमेश्वर से प्रेम करना, उनकी विधियों को मानना, उनके प्रति एक मन होकर रहना, तथा उनकी सेवा पूरे हृदय से करते रहना.”
6 Also segnete sie Josua und entließ sie; und sie gingen zu ihren Hütten.
यह कहते हुए यहोशू ने उन्हें आशीष देकर विदा किया और वे सब अपने-अपने तंबू में चले गए.
7 Aber dem halben Stamme Manasse hatte Mose ein Erbteil gegeben in Basan; der andern Hälfte gab Josua ein Erbteil unter ihren Brüdern diesseits des Jordan, gegen den Westen.
मोशेह ने मनश्शेह के आधे गोत्र को बाशान में संपत्ति दी थी, किंतु अन्य आधे गोत्र को यहोशू ने यरदन के पश्चिम में उनके बंधुओं के साथ भूमि दी थी. यहोशू ने उन्हें उनके तंबू में जाने को कहा और यहोशू ने उन्हें आशीष देकर विदा किया.
8 Und als er sie zu ihren Hütten gehen ließ und sie segnete, sprach er zu ihnen: Mit großem Gut kehrt ihr nun zurück zu euren Hütten, mit sehr viel Vieh, mit Silber, Gold, Erz, Eisen und mit Kleidern in großer Zahl; teilt den Raub eurer Feinde mit euren Brüdern!
यहोशू ने कहा, “अपने-अपने तंबू में से संपत्ति एवं पशु, चांदी, सोना, कांसा, लोहा तथा वस्त्र को लेकर आओ, और अपने भाई-बंधुओं के साथ शत्रुओं से लूटी गई सामग्री बांट लो.”
9 Also kehrten die Rubeniter, Gaditer und der halbe Stamm Manasse um und gingen von den Kindern Israel weg, von Silo, das im Lande Kanaan liegt, um ins Land Gilead zu ziehen, zum Lande ihres Erbteils, das sie daselbst besaßen, nach dem Befehl des HERRN durch Mose.
तब रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह के आधे गोत्र अपने-अपने घर को चले गये और कनान देश में शीलो पर जाकर इस्राएल वंश से अलग हो गए, और गिलआद देश की ओर बढ़ गए, जहां उनकी संपत्ति थी, जिसे उन्होंने मोशेह के द्वारा याहवेह से पाया था.
10 Und da sie in die Gegend am Jordan kamen, die im Lande Kanaan liegt, bauten die Rubeniter, Gaditer und der halbe Stamm Manasse einen Altar daselbst am Jordan, einen Altar von großem Umfang.
जब वे यरदन पहुंचे, जो कनान देश में है, रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह के आधे गोत्र के लोगों ने यरदन के तट पर एक वेदी बनाई, जो बहुत बड़ी थी.
11 Und die Kinder Israel hörten sagen: Siehe, die Kinder Ruben, die Kinder Gad und der halbe Stamm Manasse haben einen Altar gebaut gegenüber dem Lande Kanaan, in der Gegend am Jordan, jenseits der Kinder Israel!
जब इस्राएलियों को यह पता चला, तो वे कहने लगे, “देखो, रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह के आधे गोत्र ने कनान देश के द्वार पर एक वेदी बनाई है, जो यरदन में उस ओर है, जो इस्राएल के वंश की संपत्ति है.”
12 Da sie nun solches hörten, versammelte sich die ganze Gemeinde der Kinder Israel zu Silo, um wider sie ins Feld zu ziehen.
जब इस्राएल वंश ने यह सुना तब पूरा इस्राएल शीलो में उनसे युद्ध करने के इच्छा से जमा हुआ.
13 Und die Kinder Israel sandten zu den Rubenitern, den Gaditern und dem halben Stamm Manasse in das Land Gilead: Pinehas, den Sohn Eleasars, den Priester,
तब इस्राएल वंश ने एलिएज़र के पुत्र फिनिहास को गिलआद देश में रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह के आधे गोत्र से मिलने के लिए भेजा.
14 und mit ihm zehn Fürsten, je einen von jedem Vaterhaus aller Stämme Israels; jeder war das Haupt seines Vaterhauses unter den Tausenden Israels.
उसके साथ उन्होंने दस प्रधान भी भेजे जो इस्राएल के हर गोत्र के परिवार की ओर से एक-एक था. उनमें से हर एक इस्राएल के पूर्वजों के घरानों का प्रधान था.
15 Und diese kamen zu den Kindern Ruben, zu den Kindern Gad und zu dem halben Stamm Manasse in das Land Gilead, redeten mit ihnen und sprachen:
इन सबने गिलआद में रियूबेन, गाद गोत्र तथा मनश्शेह के आधे गोत्र से मिलकर उनसे कहा,
16 Also läßt euch die ganze Gemeinde des HERRN sagen: Was ist das für eine Untreue, die ihr an dem Gott Israels begangen habt, indem ihr euch heute von der Nachfolge des HERRN abkehret dadurch, daß ihr euch einen Altar bauet und euch heute gegen den HERRN empöret?
“याहवेह की पूरी प्रजा की ओर से यह संदेश है: ‘इस्राएल के परमेश्वर के प्रति तुमने गलत काम क्यों किया? तुमने उनके वचन पर चलना छोड़ दिया और तुमने अपने लिए एक वेदी बनाई है. तुमने याहवेह के विरुद्ध पाप किया है!
17 War uns zu wenig die Versündigung mit Peor, von welcher wir heute noch nicht gereinigt sind, und um derentwillen eine Plage über die Gemeinde des HERRN kam?
क्या पेओर का अपराध कम था, जिससे हम अब तक बाहर न आ सके, जिसके कारण याहवेह के लोगों में महामारी फैल गई थी;
18 Und ihr wendet euch heute von der Nachfolge des HERRN ab und empöret euch gegen den HERRN, so daß er morgen über die ganze Gemeinde Israel zürnt?
क्या, तुम्हें भी याहवेह के पीछे चलना छोड़ना पड़ रहा है? “‘यदि आज तुम लोग याहवेह के विरुद्ध विद्रोह करोगे तो वह इस्राएल की सारी प्रजा से रुठ जाएंगे.
19 Wenn das Land, das ihr besitzet, unrein ist, so kommet doch herüber in das Land, das der HERR besitzt, da die Wohnung des HERRN steht, und nehmet Besitz unter uns und lehnet euch nicht auf gegen den HERRN und gegen uns, indem ihr euch einen Altar bauet außer dem Altar des HERRN, unsres Gottes.
फिर भी, यदि तुम्हारा यह देश अशुद्ध है, तो इस देश से चले जाओ, जो याहवेह के अधीन है, जहां याहवेह की उपस्थिति है और हमारे मध्य आकर बस जाओ. बस, याहवेह हमारे परमेश्वर की वेदी के बदले अपने लिए वेदी बनाकर याहवेह तथा हमारे विरुद्ध विद्रोह मत करो.
20 Ist nicht, als Achan, der Sohn Serachs, etwas vom Gebannten veruntreute, der Zorn [Gottes] über die ganze Gemeinde Israel gekommen? Und er ging nicht allein unter in seiner Missetat!
क्या, तुम्हें याद नहीं कि ज़ेराह के पुत्र आखान ने भेंट की हुई वस्तुओं के संबंध में छल किया, और पूरे इस्राएल पर दंड आया? उसकी गलती के कारण केवल उसकी ही मृत्यु नहीं हुई.’”
21 Da antworteten die Kinder Ruben und die Kinder Gad und der halbe Stamm Manasse und sagten zu den Obersten der Tausende Israels:
यह सुन रियूबेन तथा गाद गोत्र और मनश्शेह के आधे गोत्र ने इस्राएल के परिवारों के प्रधानों को उत्तर दिया,
22 Der Gott der Götter, der HERR, der Gott der Götter, der HERR, er weiß, und Israel soll es auch wissen: Ist es aus Empörung oder Untreue gegen den HERRN geschehen, so helfe er uns heute nicht!
“सर्वशक्तिमान हैं परमेश्वर याहवेह! सर्वशक्तिमान परमेश्वर हैं, याहवेह! वह सर्वज्ञानी हैं, और इस्राएल को भी यह मालूम हो जाए, कि यदि यह विद्रोह के उद्देश्य से किया गया है, और यदि यह याहवेह के प्रति धोखा है तो, आज आप हमें न छोड़ें!
23 Wenn wir uns den Altar gebaut haben, um uns von der Nachfolge des HERRN abzuwenden, um Brandopfer und Speisopfer darauf zu opfern, oder um Dankopfer darauf zu tun, so fordere es der HERR!
यदि हमने इस वेदी को याहवेह से अलग होने के लिए किया है, या इसलिये कि इस पर होमबलि अन्‍नबलि अथवा मेल बलि चढ़ाएं तो, स्वयं याहवेह हमसे इसका हिसाब लें.
24 Vielmehr haben wir es aus Besorgnis und mit Absicht getan, indem wir sprachen: Morgen könnten eure Kinder zu unsern Kindern also sprechen: «Was geht euch der HERR, der Gott Israels, an?
“यह करने के पीछे हमारी यह इच्छा थी: भविष्य में कहीं वह समय न आ जाए, जब आपके बच्‍चे हमारे बच्चों से कहें, ‘इस्राएल के परमेश्वर याहवेह से तुम्हारा क्या लेना देना है?
25 Denn der HERR hat eine Grenze gesetzt zwischen uns und euch, ihr Kinder Ruben und Kinder Gad, nämlich den Jordan; ihr habt keinen Anteil an dem HERRN!» Damit würden eure Kinder unsre Kinder von der Furcht des HERRN abwendig machen.
क्योंकि याहवेह ने तुम्हारे तथा हमारे बीच में यरदन को एक सीमा बना दिया है. तुम, जो रियूबेन तथा गाद वंश के हो; याहवेह में तुम्हारा कोई भाग नहीं है.’ ऐसा कहकर आपकी संतान हमारी संतान को याहवेह के प्रति जो भय और आदर के योग्य है उससे दूर कर देगी तो?
26 Darum sprachen wir: Wir wollen doch für uns einen Altar machen, nicht für Brandopfer oder Schlachtopfer,
“इसलिये हमने सोचा है, ‘हम एक वेदी बनाये जो होमबलि और मेल बलि के लिए नहीं,’
27 sondern damit er Zeuge sei zwischen uns und euch und zwischen unsern Nachkommen, daß wir den Dienst des HERRN üben wollen vor ihm mit unsern Brandopfern, Schlachtopfern und Dankopfern, und damit eure Kinder künftig nicht zu unsern Kindern sagen dürfen: «Ihr habt keinen Anteil an dem HERRN.»
परंतु इसलिये कि यह आपके तथा हमारे और हमारी आनेवाली पीढ़ियों के बीच गवाह हो, कि हम अपनी होमबलियों, तथा मेल बलियों के द्वारा याहवेह के समक्ष उनकी सेवा-आराधना करेंगे, और आपकी संतान हमारी संतान से कभी यह न कहे, ‘तुम्हारे याहवेह से हमारा कोई लेना देना नहीं है.’
28 Und wir sprachen: Wenn sie aber künftig also zu uns und unsern Nachkommen reden sollten, so können wir sagen: «Seht das Abbild des Altars des HERRN, das unsre Väter gemacht haben, nicht für Brandopfer, noch für Schlachtopfer, sondern damit er zwischen uns und euch Zeuge sei!
“तब हमने यह विचार भी किया, कि हो सकता है कि भविष्य में यदि वे हमसे अथवा हमारी पीढ़ी के लोगों से यह पूछे, तब उनके लिए हमारा उत्तर होगा, ‘हमारे पूर्वजों द्वारा बनाया याहवेह की वेदी देख लो, जो न तो होमबलि के लिए है और न ही मेल बलि के लिए, परंतु यह हमारे और तुम्हारे बीच एक गवाह बनने के लिए है.’
29 Das sei ferne von uns, daß wir uns gegen den HERRN auflehnen, daß wir uns heute von der Nachfolge des HERRN abwenden und einen Altar bauen für Brandopfer, für Speisopfer und für Schlachtopfer, außer dem Altar des HERRN, unsres Gottes, der vor seiner Wohnung steht!»
“कभी ऐसा न हो कि हम याहवेह हमारे परमेश्वर की वेदी को छोड़कर होमबलि, अन्‍नबलि तथा मेल बलि चढ़ाने के लिए दूसरी वेदी बनाकर याहवेह से दूर हो जायें, उनके पीछे चलना छोड़ दें.”
30 Als aber Pinehas, der Priester, und die Obersten der Gemeinde, die Häupter der Tausende Israels, die mit ihm waren, diese Worte hörten, welche die Kinder Ruben, die Kinder Gad und die Kinder Manasse sagten, gefielen sie ihnen wohl.
जब पुरोहित फिनिहास, सभा के नेताओं तथा इस्राएल के परिवारों के प्रधानों ने, जो उस समय वहां थे, रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह के वंश से जब यह सब सुना, तब वे खुश हो गये.
31 Und Pinehas, der Sohn Eleasars, der Priester, sprach zu den Kindern Manasse: Heute erkennen wir, daß der HERR unter uns ist, daß ihr mit dieser Tat keine Untreue an dem HERRN begangen habt! Nun habt ihr die Kinder Israel aus der Hand des HERRN errettet!
एलिएज़र के पुत्र फिनिहास ने रियूबेन, गाद तथा मनश्शेह वंश को बताया, “आज हमें विश्वास हो गया हैं कि याहवेह हमारे साथ है, क्योंकि तुमने याहवेह की दृष्टि में कोई बुरा नहीं किया हैं. तुमने इस्राएल वंश को याहवेह के द्वारा सजा पाने से बचा लिया है.”
32 Da kehrten Pinehas, der Sohn Eleasars, der Priester, und die Obersten um [und zogen] von den Kindern Ruben und den Kindern Gad aus dem Lande Gilead in das Land Kanaan zu den Kindern Israel und brachten ihnen Bericht.
तब एलिएज़र के पुत्र पुरोहित फिनिहास तथा सभी प्रधान, रियूबेन तथा गाद वंश के देश गिलआद से इस्राएल वंश के देश कनान को लौट गए और उन्हें सब बात बता दी.
33 Da gefiel die Sache den Kindern Israel wohl. Und die Kinder Israel lobten Gott und sagten nicht mehr, daß sie wider jene zum Streit ausziehen wollten, um das Land zu verderben, in dem die Kinder Ruben und die Kinder Gad wohnten.
सब बात सुनकर इस्राएल वंशी खुश हो गए. उन्होंने परमेश्वर की महिमा की. और उन्होंने उस देश को, जिसमें रियूबेन तथा गाद वंश के लोग रह रहे थे, नष्ट करने के उद्देश्य से उनसे युद्ध करने का विचार छोड़ दिया.
34 Und die Kinder Ruben und die Kinder Gad nannten den Altar: Er ist ein Zeuge zwischen uns, daß der HERR Gott ist!
रियूबेन एवं गाद वंश ने उस वेदी को एद अर्थात् स्मारक नाम दिया, क्योंकि यह वेदी याहवेह परमेश्वर तथा उनके मध्य एक यादगार थी.

< Josua 22 >