< Hosea 5 >

1 Hört dies, ihr Priester, und du, Haus Israel, merke auf, und du, Königshaus, horche! Denn euch droht das Gericht; denn ihr seid eine Schlinge geworden für Mizpa und ein ausgebreitetes Fangnetz auf dem Tabor.
“हे पुरोहितो, यह बात सुनो! हे इस्राएलियो, ध्यान दो! राज घरानो, सुनो! यह न्याय तुम्हारे विरुद्ध है: तुम मिज़पाह में एक फंदा बन गये हो, ताबोर में बिछाये गये एक जाल हो.
2 Die Abtrünnigen schlachten im Verborgenen; aber ich habe ihnen allen eine Züchtigung zugedacht.
विद्रोहियों ने घोर नरसंहार किया है, मैं उन सबको अनुशासित करूंगा.
3 Ich kenne Ephraim wohl, und Israel ist vor mir nicht verborgen; [ich weiß], daß du, Ephraim, jetzt Unzucht getrieben, daß Israel sich verunreinigt hat.
मैं एफ्राईम के बारे में सब कुछ जानता हूं; इस्राएल की बात मुझसे छिपी नहीं है. हे एफ्राईम, तुम वेश्यावृत्ति में लिप्‍त हो; इस्राएल भ्रष्‍ट हो गया है.
4 Ihre Taten erlauben ihnen nicht, zu ihrem Gott zurückzukehren; denn ein Geist der Unzucht ist in ihren Herzen, und den HERRN erkennen sie nicht.
“उनके काम उन्हें अपने परमेश्वर की ओर लौटने नहीं देते. वेश्यावृत्ति की आत्मा उनके दिल में है; वे याहवेह को नहीं मानते हैं.
5 Aber Israels Stolz wird sich als Zeuge wider ihn erheben; und Israel und Ephraim werden fallen durch eigene Schuld, auch Juda wird mit ihnen fallen.
इस्राएल का घमंड उसी के विरुद्ध गवाही देता है; इस्राएली, और तो और एफ्राईम भी अपने पापों में लड़खड़ाते हैं; यहूदिया भी उनके साथ लड़खड़ाता है.
6 Mit ihren Schafen und mit ihren Rindern werden sie kommen, den HERRN zu suchen; aber sie werden ihn nicht finden; er hat sich von ihnen entfernt.
जब वे अपनी भेड़-बकरी और गाय-बैल के झुंड को लेकर याहवेह की खोज में जाते हैं, तो याहवेह उन्हें नहीं मिलते हैं; क्योंकि उन्होंने अपने आपको उनसे अलग कर लिया है.
7 Sie sind dem HERRN untreu geworden; denn sie haben fremde Kinder gezeugt; jetzt wird ein Neumond sie fressen samt ihren Erbteilen.
उन्होंने याहवेह के साथ विश्वासघात किया है; वे अवैध बच्‍चे पैदा करते हैं. जब वे नये चांद के भोज का उत्सव मनाएंगे, तो वह उनके खेतों को निगल जाएगा.
8 Stoßt in die Posaune zu Gibea, in die Trompete zu Rama; schlaget Lärm in Beth-Aven, nimm dich in acht, Benjamin!
“गिबियाह नगर में तुरही बजाओ, रामाह नगर में नरसिंगा फूंको. बेथ-आवेन में युद्ध की घोषणा ऊंची आवाज में करो; हे बिन्यामिन, हमारी अगुवाई करो.
9 Ephraim soll zur Wüste werden am Tage der Züchtigung; was ich den Stämmen Israels angekündigt habe, das kommt gewiß!
हिसाब करने के दिन एफ्राईम बेकार हो जाएगा. इस्राएल के गोत्रों के बीच मैं उसी बात की घोषणा करूंगा, जिसका होना निश्चित है.
10 Die Fürsten Judas sind denen gleich, welche die Grenze verrücken; über sie will ich meinen Grimm ausschütten wie Wasser.
यहूदिया के अगुए उनके जैसे हैं जो सीमा के पत्थरों को हटाते हैं. उन पर मैं अपना कोप पानी के बाढ़ की तरह उंडेलूंगा.
11 Ephraim wird unterdrückt, untertreten im Gericht; denn er ist so gern Menschensatzungen nachgelaufen.
एफ्राईम सताया जाता है, न्याय में कुचला गया है, क्योंकि उसने मूर्तियों के पीछे जाने की ठानी है.
12 Ich aber ward für Ephraim wie eine Motte und für das Haus Juda wie ein nagender Wurm.
मैं एफ्राईम के लिए कीड़े के समान, और यहूदाह के लोगों के लिए एक सड़न के जैसा हूं.
13 Und als Ephraim seine Krankheit sah und Juda sein Geschwür, da lief Ephraim zu Assur und sandte zum König Jareb; er aber konnte euch nicht heilen und das Geschwür nicht von euch nehmen.
“जब एफ्राईम ने अपनी बीमारी, और यहूदिया ने अपने घाव को देखा, तब एफ्राईम अश्शूर की तरफ गया, और बड़े राजा से सहायता की याचना की. परंतु वह तुम्हें न तो चंगा कर सकता है, और न ही तुम्हारे घावों को ठीक कर सकता है.
14 Denn ich bin wie ein Löwe gegen Ephraim und wie ein junger Leu gegen das Haus Juda; ich, ja ich, zerreiße und gehe davon und nehme weg, daß niemand erretten kann.
क्योंकि एफ्राईम के लिए मैं एक सिंह के जैसा, और यहूदाह के लिए एक बड़े सिंह के जैसा हो जाऊंगा. मैं उन्हें फाड़कर टुकड़े-टुकड़े कर दूंगा और चला जाऊंगा; मैं उन्हें उठाकर ले जाऊंगा, और उन्हें छुड़ाने वाला कोई न होगा.
15 Ich will wiederum an meinen Ort gehen, bis sie ihre Schuld erkennen und mein Angesicht suchen werden; in ihrer Not werden sie mich ernstlich suchen:
जब तक वे अपने अपराध को मान नहीं लेते और मेरी ओर लौट नहीं आते मैं अपने स्थान में नहीं लौटूंगा; अपनी दुर्गति के समय वे मन लगाकर मेरी खोज करेंगे.”

< Hosea 5 >