< 2 Samuel 9 >
1 Und David sprach: Ist noch jemand übriggeblieben vom Hause Sauls, daß ich Barmherzigkeit an ihm erweise um Jonatans willen?
दावीद ने पूछताछ की, “क्या शाऊल के वंशजों में से अब भी कोई बचा रह गया है कि मैं योनातन से की गई अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने के लिए उस पर कृपा प्रदर्शित कर सकूं?”
2 Es war aber ein Knecht vom Hause Sauls, der hieß Ziba; den beriefen sie zu David; und der König sprach zu ihm: Bist du Ziba? Er sprach: Ja, dein Knecht!
शाऊल के परिवार की परिचर्या के उद्देश्य से एक सेवक रखा गया था, जिसका नाम ज़ीबा था. उसे ही दावीद से भेंटकरने के लिए बुलवाया गया. राजा ने उससे प्रश्न किया, “क्या तुम्ही ज़ीबा हो?” “जी हां, मैं आपका सेवक ज़ीबा हूं,” उसने उत्तर दिया.
3 Der König sprach: Ist noch jemand da vom Hause Sauls, daß ich Gottes Barmherzigkeit an ihm erweise? Ziba sprach zum König: Es ist noch ein Sohn Jonatans vorhanden, der lahm an den Füßen ist.
इस पर राजा ने इससे आगे प्रश्न किया, “क्या शाऊल के वंश में अब कोई भी शेष न रहा, जिस पर मैं परमेश्वर की दया दिखा सकूं?” ज़ीबा ने उन्हें उत्तर दिया, “योनातन का एक पुत्र ज़रूर जीवित है. दोनों ही पैरों से वह अपंग है.”
4 Der König sprach zu ihm: Wo ist er? Ziba sprach zum König: Siehe, er ist zu Lodebar, im Hause Machirs, des Sohnes Ammiels!
राजा ने उससे पूछा, “वह कहां है?” ज़ीबा ने राजा को उत्तर दिया, “इस समय वह लो-देबार में अम्मिएल के पुत्र माखीर के आवास में है.”
5 Da sandte der König David hin und ließ ihn holen von Lodebar aus dem Hause Machirs, des Sohnes Ammiels.
तब राजा दावीद ने लो-देबार में अम्मिएल के पुत्र माखीर के आवास से मेफ़िबोशेथ को बुलवा लिया.
6 Als nun Mephiboset, der Sohn Jonatans, des Sohnes Sauls, zu David kam, fiel er auf sein Angesicht und verneigte sich. David aber sprach: Mephiboset! Er sprach: Siehe, hier bin ich, dein Knecht!
शाऊल के पुत्र योनातन का पुत्र मेफ़िबोशेथ ने आकर भूमि पर मुख के बल गिरकर दावीद को नमस्कार किया. दावीद ने उसे संबोधित किया, “मेफ़िबोशेथ!” उसने उत्तर दिया, “हां जी, मैं आपका सेवक हूं!”
7 David sprach zu ihm: Fürchte dich nicht; denn ich will gewiß Barmherzigkeit an dir erzeigen um Jonatans, deines Vaters willen und will dir alle Äcker deines Vaters Saul wiedergeben; du aber sollst täglich an meinem Tisch das Brot essen!
दावीद ने उसे आश्वासन दिया, “डरो मत, तुम्हारे पिता योनातन के कारण तुम पर कृपा करूंगा, और तुम्हारे पितामह शाऊल की सारी भूमि तुम्हें लौटा दूंगा. इसके अलावा अब से तुम नियमित रूप से मेरे साथ मेरी ही मेज़ पर भोजन किया करोगे.”
8 Da verneigte er sich und sprach: Wer bin ich, dein Knecht, daß du dich wendest zu einem toten Hunde, wie ich einer bin?
एक बार फिर मेफ़िबोशेथ दंडवत हो गया. उसने कहा, “आपका सेवक है ही क्या, जो आप मुझ जैसे मरे हुए कुत्ते की ओर ध्यान दें?”
9 Und der König rief Ziba, den Knecht Sauls, und sprach zu ihm: Alles, was Saul und seinem ganzen Hause gehört hat, habe ich dem Sohne deines Herrn gegeben.
इसके बाद राजा ने ज़ीबा, शाऊल के सेवक को यह सूचित किया, “वह सब, जो शाऊल और उनके परिवार का है, मैंने तुम्हारे स्वामी के पोते को दे दिया है.
10 So bestelle ihm nun sein Land, du und deine Söhne und deine Knechte, und bring [die Ernte] ein, damit der Sohn deines Herrn Brot zu essen habe; Mephiboset aber, der Sohn deines Herrn, soll täglich an meinem Tisch essen. Ziba aber hatte fünfzehn Söhne und zwanzig Knechte.
यह तुम्हारी जवाबदारी है कि तुम, तुम्हारे पुत्र और तुम्हारे सेवक उनके लिए इस भूमि पर खेती करें और उपज उत्पन्न करें और उन्हें सौंपे, कि तुम्हारे स्वामी के पोते के पर्याप्त भोजन रहे; मगर मेफ़िबोशेथ, तुम्हारे स्वामी का पोता हमेशा मेरे साथ भोजन करता रहेगा.” (ज़ीबा के पन्द्रह पुत्र और बीस सेवक थे.)
11 Und Ziba sprach zum König: Ganz so, wie mein Herr, der König, seinem Knechte gebietet, wird dein Knecht tun! Also aß Mephiboset an seinem Tisch, wie einer der Söhne des Königs.
ज़ीबा ने राजा से कहा, “जैसा राजा, मेरे स्वामी ने आदेश दिया है, आपका सेवक वैसा ही करेगा.” तब मेफ़िबोशेथ दावीद के साथ राजा के पुत्रों के समान भोजन करने लगा.
12 Und Mephiboset hatte einen kleinen Sohn, der hieß Micha. Und alles, was im Hause Zibas wohnte, diente Mephiboset.
मेफ़िबोशेथ का मीका नामक एक पुत्र था—एक बालक. वे सभी, जो ज़ीबा के घर में रहते थे, मेफ़िबोशेथ के सेवक बन गए.
13 Mephiboset aber wohnte zu Jerusalem, denn er aß täglich an des Königs Tisch. Er war aber lahm an beiden Füßen.
तब मेफ़िबोशेथ येरूशलेम में निवास करने लगा, क्योंकि वह सदैव राजा के साथ भोजन किया करता था; वह दोनों पैरों में अपंग था.