< 2 Koenige 24 >
1 Zu seiner Zeit zog Nebukadnezar, der König von Babel, herauf, und Jehojakim ward ihm untertan drei Jahre lang. Darnach fiel er wieder von ihm ab.
१उसके दिनों में बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर ने चढ़ाई की और यहोयाकीम तीन वर्ष तक उसके अधीन रहा; तब उसने फिरकर उससे विद्रोह किया।
2 Da sandte der HERR Truppen wider ihn aus Chaldäa, aus Syrien, aus Moab und von den Kindern Ammon; die sandte er gegen Juda, um es zugrunde zu richten, nach dem Worte des HERRN, das er durch seine Knechte, die Propheten, geredet hatte.
२तब यहोवा ने उसके विरुद्ध और यहूदा को नाश करने के लिये कसदियों, अरामियों, मोआबियों और अम्मोनियों के दल भेजे, यह यहोवा के उस वचन के अनुसार हुआ, जो उसने अपने दास भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा कहा था।
3 Fürwahr, nach dem Worte des HERRN kam das über Juda, daß er sie von seinem Angesicht täte, um der Sünden Manasses willen, für all das, was er getan hatte;
३निःसन्देह यह यहूदा पर यहोवा की आज्ञा से हुआ, ताकि वह उनको अपने सामने से दूर करे। यह मनश्शे के सब पापों के कारण हुआ।
4 und auch um des unschuldigen Blutes willen, das er vergossen, da er Jerusalem mit unschuldigem Blute erfüllt hatte; darum wollte der HERR nicht vergeben.
४और निर्दोष के उस खून के कारण जो उसने किया था; क्योंकि उसने यरूशलेम को निर्दोषों के खून से भर दिया था, जिसको यहोवा ने क्षमा करना न चाहा।
5 Was aber mehr von Jehojakim zu sagen ist, und alles, was er getan hat, ist das nicht geschrieben in der Chronik der Könige von Juda?
५यहोयाकीम के और सब काम जो उसने किए, वह क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं?
6 Und Jehojakim legte sich zu seinen Vätern. Und Jehojachin, sein Sohn, ward König an seiner Statt.
६अन्त में यहोयाकीम मरकर अपने पुरखाओं के संग जा मिला और उसका पुत्र यहोयाकीन उसके स्थान पर राजा हुआ।
7 Aber der König von Ägypten zog nicht mehr aus seinem Lande; denn der König von Babel hatte alles eingenommen, was dem König von Ägypten gehörte, vom Bache Ägyptens bis an den Euphratstrom.
७और मिस्र का राजा अपने देश से बाहर फिर कभी न आया, क्योंकि बाबेल के राजा ने मिस्र के नाले से लेकर फरात महानद तक जितना देश मिस्र के राजा का था, सब को अपने वश में कर लिया था।
8 Achtzehn Jahre alt war Jehojachin, als er König ward, und regierte drei Monate lang zu Jerusalem. Seine Mutter hieß Nehusta, die Tochter Elnatans von Jerusalem.
८जब यहोयाकीन राज्य करने लगा, तब वह अठारह वर्ष का था, और तीन महीने तक यरूशलेम में राज्य करता रहा; और उसकी माता का नाम नहुश्ता था, जो यरूशलेम के एलनातान की बेटी थी।
9 Er tat aber, was dem HERRN mißfiel, ganz wie sein Vater getan hatte.
९उसने ठीक अपने पिता के समान वह किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है।
10 Zu jener Zeit zogen die Knechte Nebukadnezars, des Königs von Babel, gen Jerusalem herauf, und die Stadt ward belagert.
१०उसके दिनों में बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर के कर्मचारियों ने यरूशलेम पर चढ़ाई करके नगर को घेर लिया।
11 Und Nebukadnezar, der König von Babel, kam zur Stadt, und seine Knechte belagerten sie.
११जब बाबेल के राजा नबूकदनेस्सर के कर्मचारी नगर को घेरे हुए थे, तब वह आप वहाँ आ गया।
12 Aber Jehojachin, der König von Juda, ging zum König von Babel hinaus, er samt seiner Mutter, seinen Knechten, seinen Obersten und seinen Kämmerern; und der König von Babel nahm ihn gefangen im achten Jahre seiner Regierung.
१२तब यहूदा का राजा यहोयाकीन अपनी माता और कर्मचारियों, हाकिमों और खोजों को संग लेकर बाबेल के राजा के पास गया, और बाबेल के राजा ने अपने राज्य के आठवें वर्ष में उनको पकड़ लिया।
13 Und er brachte von dannen heraus alle Schätze im Hause des HERRN und die Schätze im Hause des Königs und zerschlug alle goldenen Geräte, welche Salomo, der König von Israel, im Tempel des HERRN gemacht; wie der HERR gesagt hatte.
१३तब उसने यहोवा के भवन में और राजभवन में रखा हुआ पूरा धन वहाँ से निकाल लिया और सोने के जो पात्र इस्राएल के राजा सुलैमान ने बनाकर यहोवा के मन्दिर में रखे थे, उन सभी को उसने टुकड़े-टुकड़े कर डाला, जैसा कि यहोवा ने कहा था।
14 Und er führte ganz Jerusalem gefangen hinweg, nämlich alle Obersten und alle kriegstüchtigen Männer, zehntausend Gefangene, auch alle Schlosser und alle Schmiede, und ließ nichts übrig als geringes Landvolk.
१४फिर वह पूरे यरूशलेम को अर्थात् सब हाकिमों और सब धनवानों को जो मिलकर दस हजार थे, और सब कारीगरों और लोहारों को बन्दी बनाकर ले गया, यहाँ तक कि साधारण लोगों में से कंगालों को छोड़ और कोई न रह गया।
15 Also führte er Jehojachin nach Babel hinweg, auch die Mutter des Königs und die Frauen des Königs und seine Kämmerer. Dazu führte er die Mächtigen des Landes von Jerusalem gefangen nach Babel,
१५वह यहोयाकीन को बाबेल में ले गया और उसकी माता और स्त्रियों और खोजों को और देश के बड़े लोगों को वह बन्दी बनाकर यरूशलेम से बाबेल को ले गया।
16 auch alle Kriegsleute, siebentausend, dazu die Schlosser und die Schmiede, im ganzen tausend, alles kriegstüchtige Männer; und der König von Babel brachte sie gefangen nach Babel.
१६और सब धनवान जो सात हजार थे, और कारीगर और लोहार जो मिलकर एक हजार थे, और वे सब वीर और युद्ध के योग्य थे, उन्हें बाबेल का राजा बन्दी बनाकर बाबेल को ले गया।
17 Und der König von Babel machte Matanja, Jehojachins Oheim, zum König an seiner Statt, und änderte seinen Namen in Zedekia.
१७बाबेल के राजा ने उसके स्थान पर उसके चाचा मत्तन्याह को राजा नियुक्त किया और उसका नाम बदलकर सिदकिय्याह रखा।
18 Einundzwanzig Jahre alt war Zedekia, als er König ward, und regierte elf Jahre zu Jerusalem. Seine Mutter hieß Hamutal, die Tochter Jeremias von Libna.
१८जब सिदकिय्याह राज्य करने लगा, तब वह इक्कीस वर्ष का था, और यरूशलेम में ग्यारह वर्ष तक राज्य करता रहा; उसकी माता का नाम हमूतल था, जो लिब्नावासी यिर्मयाह की बेटी थी।
19 Und er tat, was dem HERRN mißfiel, ganz wie Jehojachin getan hatte.
१९उसने ठीक यहोयाकीम की लीक पर चलकर वही किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है।
20 Denn wegen des Zornes des HERRN kam es so weit mit Jerusalem und Juda, daß er sie von seinem Angesicht verwarf. Und Zedekia fiel ab von dem König zu Babel.
२०क्योंकि यहोवा के कोप के कारण यरूशलेम और यहूदा की ऐसी दशा हुई, कि अन्त में उसने उनको अपने सामने से दूर किया।