< Psalm 93 >
1 Der HERR ist König! Er hat sich gekleidet in Hoheit; in Hoheit hat der HERR sich gekleidet, mit Kraft umgürtet, auch der Erdkreis steht fest, so daß er nicht wankt.
याहवेह, राज्य करते हैं, उन्होंने वैभवशाली परिधान धारण किए हैं; याहवेह ने तेज के परिधान धारण किए हैं और वह शक्ति से सुसज्जित हैं; विश्व सुदृढ़ नींव पर स्थापित है, जो अटल है.
2 Fest steht dein Thron von Anbeginn, von Ewigkeit her bist du.
सनातन काल से आपका सिंहासन बसा है; स्वयं आप सनातन काल से हैं.
3 Fluten erhoben, o HERR, Fluten erhoben ihr Brausen, Fluten werden (auch weiter) ihr Tosen erheben –
याहवेह, जल स्तर उठता जा रहा है, लहरों की ध्वनि ऊंची होती जा रही है; समुद्र की प्रचंड लहरों का प्रहार उग्र होता जा रहा है.
4 mächtiger als das Brausen gewaltiger Wasser, mächtiger als die brandenden Meereswogen ist der HERR in der Himmelshöhe!
विशालकाय लहरों की गर्जन से कहीं अधिक शक्तिशाली, उद्वेलित लहरों के प्रहार से कहीं अधिक प्रचंड हैं, महान सर्वशक्तिमान याहवेह.
5 Was du verordnet hast, ist völlig zuverlässig, deinem Hause gebührt Heiligkeit, o HERR, für die Dauer der Zeiten.
अटल हैं आपके अधिनियम; पवित्रता, आपके आवास की शोभा; याहवेह, ये सदा-सर्वदा स्थिर रहेंगे.