< Psalm 85 >

1 Dem Musikmeister; von den Korahiten ein Psalm. Du hast zwar, HERR, deinem Lande Gnade gewährt,
प्रधान बजानेवाले के लिये: कोरहवंशियों का भजन हे यहोवा, तू अपने देश पर प्रसन्न हुआ, याकूब को बँधुवाई से लौटा ले आया है।
2 hast deinem Volke die Schuld vergeben und all seine Sünde zugedeckt, (SELA)
तूने अपनी प्रजा के अधर्म को क्षमा किया है; और उसके सब पापों को ढाँप दिया है। (सेला)
3 hast deinem ganzen Groll entsagt, von der Glut deines Zorns dich abgewandt:
तूने अपने रोष को शान्त किया है; और अपने भड़के हुए कोप को दूर किया है।
4 stell uns nun aber auch wieder her, du Gott unsers Heils, und laß deinen Unmut gegen uns schwinden!
हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, हमको पुनः स्थापित कर, और अपना क्रोध हम पर से दूर कर!
5 Willst du denn unversöhnlich gegen uns zürnen und deinen Zorn fortdauern lassen für und für?
क्या तू हम पर सदा कोपित रहेगा? क्या तू पीढ़ी से पीढ़ी तक कोप करता रहेगा?
6 Willst du uns nicht wieder neu beleben, daß dein Volk sich deiner mag freuen?
क्या तू हमको फिर न जिलाएगा, कि तेरी प्रजा तुझ में आनन्द करे?
7 Laß uns schauen, o HERR, deine Gnade und gewähre uns dein Heil!
हे यहोवा अपनी करुणा हमें दिखा, और तू हमारा उद्धार कर।
8 Ich will doch hören, was Gott der HERR verkündet! – Fürwahr, er kündet Segen an seinem Volke und seinen Frommen; nur daß sie nicht wieder sich wenden zur Torheit!
मैं कान लगाए रहूँगा कि परमेश्वर यहोवा क्या कहता है, वह तो अपनी प्रजा से जो उसके भक्त है, शान्ति की बातें कहेगा; परन्तु वे फिरके मूर्खता न करने लगें।
9 Wahrlich, sein Heil ist denen nah, die ihn fürchten, daß Herrlichkeit in unserm Lande wohne,
निश्चय उसके डरवैयों के उद्धार का समय निकट है, तब हमारे देश में महिमा का निवास होगा।
10 daß Gnade und Treue einander begegnen, Gerechtigkeit und Friede sich küssen.
१०करुणा और सच्चाई आपस में मिल गई हैं; धर्म और मेल ने आपस में चुम्बन किया हैं।
11 Die Treue wird aus der Erde sprossen und Gerechtigkeit vom Himmel niederschauen.
११पृथ्वी में से सच्चाई उगती और स्वर्ग से धर्म झुकता है।
12 Dann wird uns der HERR auch Segen spenden, daß unser Land uns seinen Ertrag gewährt;
१२हाँ, यहोवा उत्तम वस्तुएँ देगा, और हमारी भूमि अपनी उपज देगी।
13 Gerechtigkeit wird vor ihm hergehn und achten auf den Weg seiner Schritte.
१३धर्म उसके आगे-आगे चलेगा, और उसके पाँवों के चिन्हों को हमारे लिये मार्ग बनाएगा।

< Psalm 85 >