< Psalm 54 >

1 Dem Musikmeister, mit Saitenspiel; ein Lehrgedicht Davids, als die Siphiter kamen und zu Saul sagten: »Weißt du nicht, daß David sich bei uns verborgen hält?«. Hilf mir, o Gott, durch deinen Namen
संगीत निर्देशक के लिये. तार वाद्यों की संगत के साथ. दावीद की मसकील गीत रचना. यह उस स्थिति के संदर्भ में है, जब ज़िफियों ने जाकर शाऊल को सूचना दी थी: “दावीद हमारे यहां छिपे हैं.” परमेश्वर, अपने नाम के द्वारा मेरा उद्धार कीजिए; अपनी सामर्थ्य के द्वारा मुझे निर्दोष प्रमाणित कीजिए.
2 Höre, o Gott, mein Gebet, vernimm die Worte meines Mundes!
परमेश्वर, मेरी प्रार्थना सुनिए; मेरे मुख के वचनों पर ध्यान दीजिए.
3 Denn Freche haben sich gegen mich erhoben, und Gewalttätige trachten mir nach dem Leben: sie haben Gott sich nicht vor Augen gestellt. (SELA)
ऐसे अपरिचित पुरुषों ने मुझ पर आक्रमण कर दिया है; कुकर्मी पुरुष अब मेरे प्राण के प्यासे हो गए हैं, जिनके हृदय में आपके प्रति कोई श्रद्धा नहीं है.
4 Ich weiß: Gott ist mir ein Helfer, der Allherr ist meiner Seele Stütze.
कोई संदेह नहीं कि परमेश्वर मेरी सहायता के लिए तत्पर हैं; प्रभु ही हैं, जो मुझमें बल देते हैं.
5 Das Böse wird auf meine Feinde zurückfallen: nach deiner Treue vernichte sie!
ऐसा हो कि बुराई मेरे निंदकों पर ही जा पड़े; परमेश्वर अपनी विश्वासयोग्यता के कारण उनका विनाश कर दीजिए.
6 Dann will ich mit Freuden dir Opfer bringen, will preisen deinen Namen, o HERR, daß er gütig ist;
मैं आपको स्वेच्छा बलि अर्पित करूंगा; याहवेह, मैं आपकी महान महिमा की सराहना करूंगा, क्योंकि यह शोभनीय है.
7 denn er hat mich aus aller Bedrängnis errettet, und an meinen Feinden hat mein Auge sich geweidet.
आपने समस्त संकटों से मेरा छुटकारा किया है, मैंने स्वयं अपनी आंखों से, अपने शत्रुओं की पराजय देखी है.

< Psalm 54 >