< Psalm 47 >
1 Dem Musikmeister, von den Korahiten, ein Psalm. Ihr Völker alle, klatscht in die Hände,
संगीत निर्देशक के लिये. कोराह के पुत्रों की रचना. एक स्तोत्र. समस्त राष्ट्रो, तालियां बजाओ; हर्षोल्लास में परमेश्वर का जय जयकार करो.
2 Denn der HERR, der Höchste, ist furchtbar, ein mächtiger König über die ganze Erde.
याहवेह, सर्वोच्च परमेश्वर भय-योग्य हैं, वही समस्त पृथ्वी के ऊपर पराक्रमी राजा हैं.
3 Er hat Völker unter unsre Herrschaft gebeugt und Völkerschaften unter unsre Füße;
उन्हीं ने जनताओं को हमारे अधीन कर दिया है, लोग हमारे पैरों के नीचे हो गए हैं.
4 er hat uns unser Erbteil auserwählt, den Stolz Jakobs, den er liebt. (SELA)
उन्हीं ने हमारे लिए निज भाग को निर्धारित किया है, यही याकोब का गौरव है, जो उनका प्रिय है.
5 Aufgefahren ist Gott unter Jauchzen, der HERR beim Schall der Posaunen.
जय जयकार की ध्वनि के मध्य से परमेश्वर ऊपर उठाए गए, तुरही नाद के मध्य याहवेह ऊपर उठाए गए.
6 Lobsinget Gott, lobsinget, lobsingt unserm König, lobsinget!
स्तुति गान में परमेश्वर की वंदना करो, वंदना करो; स्तुति गान में हमारे राजाधिराज की वंदना करो, वंदना करो.
7 Denn König der ganzen Erde ist Gott: so singt ihm denn ein kunstvolles Lied!
परमेश्वर संपूर्ण पृथ्वी के राजाधिराज हैं; उनके सम्मान में एक स्तवन गीत प्रस्तुत करो.
8 Gott ist König geworden über die Völker, Gott hat sich gesetzt auf seinen heiligen Thron.
संपूर्ण राष्ट्रों पर परमेश्वर का शासन है; परमेश्वर अपने महान सिंहासन पर विराजमान हैं.
9 Die Edlen der Völker haben sich versammelt als das Volk des Gottes Abrahams; denn Gott sind untertan die Schilde der Erde: hoch erhaben steht er da.
अब्राहाम के परमेश्वर की प्रजा के रूप में जनताओं के अध्यक्ष एकत्र हुए हैं, क्योंकि पृथ्वी की ढालों पर परमेश्वर का अधिकार है; परमेश्वर अत्यंत ऊंचे हैं.