< Psalm 4 >

1 Dem Musikmeister, mit Saitenspiel; ein Psalm von David. Wenn ich rufe, erhöre mich,
प्रधान बजानेवाले के लिये: तारवाले बाजों के साथ। दाऊद का भजन हे मेरे धर्ममय परमेश्वर, जब मैं पुकारूँ तब तू मुझे उत्तर दे; जब मैं संकट में पड़ा तब तूने मुझे सहारा दिया। मुझ पर अनुग्रह कर और मेरी प्रार्थना सुन ले।
2 Ihr Herrensöhne, wie lange noch soll meine Ehre geschändet werden? Wie lange noch wollt ihr an Eitlem hangen, auf Lügen ausgehn? (SELA)
हे मनुष्यों, कब तक मेरी महिमा का अनादर होता रहेगा? तुम कब तक व्यर्थ बातों से प्रीति रखोगे और झूठी युक्ति की खोज में रहोगे? (सेला)
3 Erkennt doch, daß der HERR den ihm Getreuen sich auserkoren: der HERR vernimmt’s, wenn ich zu ihm rufe.
यह जान रखो कि यहोवा ने भक्त को अपने लिये अलग कर रखा है; जब मैं यहोवा को पुकारूँगा तब वह सुन लेगा।
4 Seid zornerregt, doch versündigt euch nicht! Denkt nach im stillen auf eurem Lager und schweigt! (SELA)
काँपते रहो और पाप मत करो; अपने-अपने बिछौने पर मन ही मन में ध्यान करो और चुपचाप रहो। (सेला)
5 Bringt Opfer der Gerechtigkeit dar und vertraut auf den HERRN!
धार्मिकता के बलिदान चढ़ाओ, और यहोवा पर भरोसा रखो।
6 Es sagen gar viele: »Wer läßt Gutes uns schauen?« Erhebe über uns, o HERR, das Licht deines Angesichts!
बहुत से हैं जो कहते हैं, “कौन हमको कुछ भलाई दिखाएगा?” हे यहोवा, तू अपने मुख का प्रकाश हम पर चमका!
7 Du hast mir größere Freude ins Herz gegeben als ihnen zur Zeit, wo sie Korn und Wein in Fülle haben.
तूने मेरे मन में उससे कहीं अधिक आनन्द भर दिया है, जो उनको अन्न और दाखमधु की बढ़ती से होता है।
8 In Frieden will ich beides, mich niederlegen und schlafen; denn du allein, HERR, läßt mich in Sicherheit wohnen.
मैं शान्ति से लेट जाऊँगा और सो जाऊँगा; क्योंकि, हे यहोवा, केवल तू ही मुझ को निश्चिन्त रहने देता है।

< Psalm 4 >