< 2 Samuel 8 >
1 Nachmals besiegte David die Philister und demütigte sie und machte so der Oberherrschaft der Philister ein Ende. –
कुछ समय बाद दावीद ने फिलिस्तीनियों को युद्ध में हराया, और फिलिस्तीनियों के कब्जे के प्रमुख नगर का नियंत्रण उनसे छीन लिया.
2 Er besiegte auch die Moabiter und maß sie mit der Meßschnur ab, indem er sie auf die Erde niederlegen ließ; und zwar maß er zwei Schnurlängen ab, um (die betreffenden) zu töten, und eine volle Schnurlänge für die, welche am Leben bleiben sollten. So wurden die Moabiter Davids tributpflichtige Untertanen. –
दावीद ने मोआबियों को भी हराया, उन्हें भूमि पर लिटा कर एक डोर से उन्हें मापा. तब दो पंक्तियों का वध किया जाने का और एक पंक्ति को सजीव रखने का आदेश दिया. इससे मोआबी दावीद के सेवक हो गए और उन्हें शुल्क देने लगे.
3 Sodann besiegte David Hadad-Eser, den Sohn Rehobs, den König von Zoba, als dieser ausgezogen war, um seine Herrschaft am Euphrat wiederherzustellen.
जब ज़ोबाह के राजा रेहोब के पुत्र हादेदेज़र फरात नदी पर अपने अधिकार की पुनःस्थापना कर रहे थे, दावीद ने उसको भी हराया.
4 Dabei machte David 1700 Reiter von ihm und 20000 Mann Fußvolk zu Gefangenen und ließ die Gespanne sämtlich lähmen; nur hundert Wagenpferde behielt er von diesen für sich. –
दावीद ने हादेदेज़र से 1,000 रथ, 7,000 घुड़सवार और 20,000 पैदल सैनिक छीन लिए, और रथों के घोड़ों के पैंरो की प्रमुख नस काट दी, किंतु सौ रथों में इस्तेमाल के लिए पर्याप्त घोड़ों को छोड़ दिया.
5 Als dann die Syrer von Damaskus dem König Hadad-Eser von Zoba zu Hilfe kamen, erschlug David von den Syrern 22000 Mann
जब ज़ोबाह के राजा हादेदेज़र की सहायता के लिए दमेशेक से अरामी वहां आए, दावीद ने 22,000 अरामियों को मार दिया.
6 und setzte dann Vögte im damascenischen Syrien ein, so daß die dortigen Syrer zu tributpflichtigen Untertanen Davids wurden. So verlieh der HERR dem David den Sieg auf allen Zügen, die er unternahm.
दावीद ने दमेशेक के अरामी सैनिकों के बीच एक रक्षक सेना ठहरा दी. अरामी दावीद के सेवक बन गए, और उन्हें कर देने लगे. दावीद जहां कहीं गए, उन्हें याहवेह की सहायता मिलती रही.
7 Auch erbeutete David die goldenen Schilde, welche die Dienstleute Hadad-Esers getragen hatten, und ließ sie nach Jerusalem bringen;
हादेदेज़र के सेवकों की सोने की ढालों को दावीद ने लाकर येरूशलेम में रख दिया.
8 und in Betah und Berothai, den Städten Hadad-Esers, fiel dem König David sehr viel Kupfer in die Hände. –
हादेदेज़र के दोनों नगर बेताह और बेरोथाई से राजा दावीद ने बड़ी मात्रा में कांसा इकट्ठा किया.
9 Als aber Thoi, der König von Hamath, erfuhr, daß David die ganze Heeresmacht Hadad-Esers geschlagen hatte,
जब हामाथ के राजा तोऊ ने यह सुना कि दावीद ने हादेदेज़र की संपूर्ण सेना को हरा दिया है,
10 sandte er seinen Sohn Joram zum König David, um ihn zu begrüßen und ihm Glück zu wünschen, daß er aus dem Kriege mit Hadad-Eser als Sieger hervorgegangen war – Thoi hatte nämlich auf dem Kriegsfuß mit Hadad-Eser gestanden –; und jener brachte silberne, goldene und kupferne Geräte mit,
तोऊ ने अपने पुत्र योराम को राजा दावीद से भेंटकरने भेजा, ताकि वह राजा दावीद के स्वास्थ्य के बारे में मालूम करे, और उनको बधाई दे, क्योंकि दावीद ने हादेदेज़र को हरा दिया, जो हमेशा तोऊ से युद्ध करता रहता था. योराम अपने साथ सोना, चांदी और कांसे की वस्तुएं भी लाया था.
11 die der König David ebenfalls dem HERRN weihte, wie er es auch mit dem Silber und Gold machte, das ihm bei allen unterworfenen Völkern in die Hände gefallen war,
राजा दावीद ने सोना, चांदी और कांसे की इन सभी वस्तुओं को उन वस्तुओं के साथ याहवेह को समर्पित कर दी, जो वह उन सभी पराजित देशों,
12 nämlich bei den Syrern, Moabitern, Ammonitern, Philistern und Amalekitern, sowie mit der Beute, die ihm bei Hadad-Eser, dem Sohne Rehobs, dem König von Zoba, in die Hände gefallen war.
यानी, एदोम, मोआब, अम्मोन के वंशजों, फिलिस्तीनियों और अमालेकियों और ज़ोबाह के पुत्र, राजा हादेदेज़र से कब्जा किये गए थे.
13 Als David dann von dem Siege über die Syrer zurückkehrte, gewann er neuen Ruhm, indem er die Edomiter im Salztal besiegte und 18000 Mann von ihnen erschlug.
नमक की घाटी में 18,000 एदोमियों का संहार कर लौटने पर दावीद ने अपनी कीर्ति व्यापक कर ली.
14 Auch über alle Teile des Landes der Edomiter setzte er Vögte ein, so daß das ganze Land Edom ihm untertan wurde. So verlieh der HERR dem David den Sieg überall, wohin er zog.
इसके बाद दावीद ने संपूर्ण एदोम राष्ट्र में गढ़ रक्षक सेनाएं बना दी. सभी एदोमवासी दावीद के अधीन हो गए. दावीद जहां कहीं हमला करते थे, याहवेह की ओर से उन्हें सफलता ही प्राप्त होती थी.
15 So herrschte denn David über ganz Israel und ließ Recht und Gerechtigkeit in seinem ganzen Volke walten. –
दावीद सारे इस्राएल के शासक थे. उन्होंने अपनी सारी प्रजा के लिए न्याय और सच्चाई की व्यवस्था की थी.
16 Joab, der Sohn der Zeruja, stand an der Spitze des Heeres; Josaphat, der Sohn Ahiluds, war Kanzler;
ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब सेना पर अधीक्षक था और अहीलूद के पुत्र यहोशाफ़ात था लेखापाल;
17 Zadok, der Sohn Ahitubs, und Abjathar, der Sohn Ahimelechs, waren Priester, Seraja Staatsschreiber,
अहीतूब के पुत्र सादोक और अबीयाथर के पुत्र अहीमेलेख पुरोहित थे और सेराइयाह उनका सचिव था;
18 Benaja, der Sohn Jojadas, Befehlshaber der (Leibwache der) Krethi und Plethi; Priesterrang hatten auch die Söhne Davids.
यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह केरेथि और पेलेथ के निवासियों के प्रधान थे और दावीद के पुत्र प्रशासनिक सलाहकार थे.