< 2 Samuel 6 >
1 David ließ dann nochmals alle Auserlesenen in Israel zusammenkommen, 30000 Mann;
कुछ समय बाद दावीद ने इस्राएल से वीर युवाओं को चुना, जिनकी संख्या तीस हज़ार पाई गई.
2 dann machte er sich auf und zog mit dem gesamten Volke, das bei ihm war, nach Baala in Juda, um von dort die Lade Gottes heraufzuholen, die den Namen führt nach Gott, dem HERRN der Heerscharen, der über den Cheruben thront.
दावीद और उनके साथ के सभी व्यक्ति यहूदिया में बालह के लिए निकले कि वे वहां से परमेश्वर के संदूक, जिसकी पहचान सेनाओं के याहवेह के नाम के द्वारा होती है, जो करूबों पर विराजमान हैं.
3 Man lud die Lade Gottes auf einen neuen Wagen und brachte sie so hinweg aus dem Hause Abinadabs, das auf der Anhöhe lag; und zwar lenkten Ussa und Ahjo, die Söhne Abinadabs, den neuen Wagen
उन्होंने परमेश्वर के संदूक को एक नई गाड़ी पर रख दिया. उन्होंने संदूक को पहाड़ी पर बने अबीनादाब के घर से, इस रीति से लाया. इस नए वाहन को अबीनादाब के पुत्र उज्जा और आहियो चला रहे थे. और परमेश्वर के संदूक के साथ आहियो आगे-आगे चल रहा था.
4 und brachten die Lade weg aus dem Hause Abinadabs, das auf der Anhöhe lag, indem Ussa neben der Lade Gottes herging, während Ahjo vor der Lade einherschritt.
5 David aber und alle Israeliten tanzten vor dem HERRN her mit Aufbietung aller Kräfte und mit Liedern unter Begleitung von Zithern und Harfen, Handpauken, Schellen und Zimbeln.
इसी समय दावीद और सारा इस्राएल वंश याहवेह के सामने सनौवर की लकड़ी के बने हुए सब प्रकार के बाजे, वीणा, सांरगिया, डफ, डमरू और झांझ के साथ आनंद मना रहे थे.
6 Als sie nun so zur Tenne Nachons gekommen waren, griff Ussa mit der Hand nach der Lade Gottes und hielt sie fest, weil die Rinder zu Fall gekommen waren.
जब वे नाकोन के खलिहान पर पहुंचे, बैलों के लड़खड़ाने के कारण उज्जा ने परमेश्वर के संदूक की ओर हाथ बढ़ाकर उसे थाम लिया.
7 Da entbrannte der Zorn des HERRN gegen Ussa, und Gott schlug ihn dort wegen seiner Verfehlung, so daß er dort neben der Lade Gottes starb.
इस पर उज्जा पर याहवेह का क्रोध भड़क उठा. परमेश्वर ने उस पर इस बात के कारण वहीं वार किया. उसकी मृत्यु वहीं, परमेश्वर के संदूक के निकट हो गई.
8 Da wurde David tief betrübt, daß der HERR einen solchen Schlag gegen Ussa geführt hatte; daher nannte man jenen Ort Perez-Ussa bis auf den heutigen Tag.
उज्जा पर याहवेह के इस क्रोध पर दावीद को गुस्सा हो गया. वह स्थान आज तक पेरेज़-उज्जा नाम से जाना जाता है.
9 David aber geriet an jenem Tage in Furcht vor dem HERRN, so daß er ausrief: »Wie kann da die Lade des HERRN zu mir kommen?!«
उस दिन दावीद याहवेह से डर गए. वह विचार करने लगे, “यह कैसे संभव है कि याहवेह का संदूक मेरे यहां आए?”
10 Weil David also die Lade des HERRN nicht zu sich in die Davidsstadt bringen wollte, ließ er sie abseits in das Haus des Gathiters Obed-Edom schaffen.
तब दावीद ने याहवेह के संदूक को दावीद-नगर में लाना न चाहा, बल्कि उन्होंने संदूक को अलग ले जाकर गाथवासी ओबेद-एदोम के घर में रखवा दिया.
11 So blieb denn die Lade des HERRN ein Vierteljahr lang im Hause des Gathiters Obed-Edom stehen; der HERR aber segnete Obed-Edom und sein ganzes Haus.
तब याहवेह का संदूक गाथवासी ओबेद-एदोम के आवास में तीन महीने रखा रहा. याहवेह की कृपादृष्टि ओबेद-एदोम के सारे परिवार पर बनी रही.
12 Als man nun dem König David berichtete, der HERR habe das Haus Obed-Edoms und sein ganzes Besitztum um der Lade Gottes willen gesegnet, da ging David hin und holte die Lade Gottes voller Freude aus dem Hause Obed-Edoms nach der Davidsstadt hinauf
दावीद राजा को तब यह सूचना दी गई: “परमेश्वर के संदूक के कारण याहवेह ने ओबेद-एदोम के परिवार और उनकी संपत्ति पर आशीषों की बारिश की है.” दावीद गए और ओबेद-एदोम के घर से परमेश्वर का संदूक बड़े हर्ष के साथ दावीद के नगर में ले आए.
13 und opferte dabei, als die Träger der Lade des HERRN sechs Schritte gegangen waren, ein Rind und ein Mastkalb.
जब याहवेह के संदूक को उठानेवाले छः कदम आगे बढ़े, दावीद ने एक बैल और एक हष्ट-पुष्ट पशु की बलि चढ़ाई.
14 Auch tanzte David mit Aufbietung aller Kraft vor dem HERRN her, wobei er nur mit einem leinenen Schulterkleid umgürtet war.
इस समय मलमल का वस्त्र धारण किए हुए उल्लसित दावीद याहवेह के सामने पूरे मन से नाचने में लीन थे.
15 So brachte David mit allen Israeliten die Lade des HERRN unter Jauchzen und Posaunenschall (nach Jerusalem) hinauf.
जब याहवेह का संदूक दावीद और संपूर्ण इस्राएल द्वारा लाया जा रहा था, लोग नरसिंगे फूंकने के साथ खुशी से चिल्ला रहे थे.
16 Da begab es sich, als die Lade des HERRN in die Davidsstadt einzog, daß Sauls Tochter Michal zum Fenster hinausschaute; als sie nun den König David so vor dem HERRN her hüpfen und tanzen sah, empfand sie Verachtung für ihn in ihrem Herzen.
जब याहवेह का संदूक दावीद राजा के नगर में प्रवेश हो रहा था, शाऊल की पुत्री मीखल ने खिड़की के बाहर दृष्टि की, तो यह देखा कि राजा दावीद याहवेह के सामने उछलते हुए नाच रहे थे. यह देख उसका हृदय दावीद के प्रति घृणा से भर गया.
17 Nachdem man dann die Lade des HERRN hineingebracht und sie an ihren Platz inmitten des Zeltes, das von David für sie aufgeschlagen worden war, niedergesetzt hatte, brachte David Brand- und Heilsopfer vor dem HERRN dar,
उन्होंने याहवेह के संदूक को लाकर उस तंबू, जिसे दावीद ने उसके लिए विशेष रूप से बनवाया था, उसके भीतर, संदूक के लिए निर्धारित स्थान पर, स्थापित कर दिया.
18 segnete dann, als er mit der Darbringung der Brand- und Heilsopfer fertig war, das Volk im Namen des HERRN der Heerscharen
इसके बाद दावीद ने याहवेह को अग्निबलि और मेल बलि चढ़ाई. जब दावीद अग्निबलि और मेल बलि चढ़ा चुके, उन्होंने प्रजा के लिए सेनाओं के याहवेह के नाम में आशीर्वाद दिए.
19 und ließ unter das ganze Volk, an sämtliche Israeliten, sowohl an Männer wie an Frauen, an einen jeden einen Brotkuchen, ein Stück Fleisch und einen Rosinenkuchen austeilen. Darauf kehrte jedermann aus dem Volk nach Hause zurück.
इसके बाद उन्होंने सब लोगों में, पूरे इस्राएली जनसमूह में, स्त्री और पुरुष हर एक को, एक-एक रोटी, मांस का एक अंश और किशमिश की एक टिकी बांट दी. इसके बाद सभी लोग अपने-अपने घर चले गए.
20 Als nun David heimkehrte, um seine Familie zu begrüßen, trat Sauls Tochter Michal ihm mit den Worten entgegen: »Wie würdevoll hat sich heute der König von Israel benommen, indem er sich heute vor den Augen der Mägde seiner Untertanen entblößt hat, wie es sonst nur gemeine Leute tun!«
जब दावीद अपने परिवार को आशीर्वाद देने लौटे, तो शाऊल की पुत्री मीखल दावीद से भेंटकरने के लिए आई. उसने दावीद से कहा, “कैसा देखने लायक था, आज इस्राएल के राजा का वैभव! वह एक बेशर्म मूर्ख के समान अपने सेवकों की दासियों के सामने नंगा हुआ जा रहा था!”
21 Da erwiderte David der Michal: »Vor dem HERRN, der mich vor deinem Vater und vor dessen ganzem Hause erwählt hat, um mich zum Fürsten über das Volk des HERRN, über Israel, zu bestellen – ja vor dem HERRN will ich tanzen,
दावीद ने मीखल को उत्तर दिया, “यह तो याहवेह के सामने हो रहा था, जिन्होंने मुझे तुम्हारे पिता और तुम्हारे सारे परिवार की अपेक्षा इस्राएल का शासक बनाना सही समझा. याहवेह के सामने मैं और भी नाचूंगा,
22 auch wenn ich mich dadurch noch tiefer erniedrige als diesmal, und will demütig von mir denken; aber bei den Mägden, von denen du redest – bei ihnen werde ich an Ehre gewinnen.«
और मैं तो याहवेह के लिए अपने आपको तुम्हारी दृष्टि में और भी अधिक घृणित बना लूंगा, अपनी ही दृष्टि में नीचा हो जाऊंगा; मगर जिन दासियों का तुमने उल्लेख किया है, उनकी दृष्टि में तो मैं सम्मानित ही रहूंगा.”
23 Michal aber, Sauls Tochter, blieb bis an ihren Todestag kinderlos.
मृत्यु होने तक शाऊल की पुत्री मीखल बांझ ही रही.