< 2 Koenige 21 >
1 Im Alter von zwölf Jahren wurde Manasse König und regierte fünfundfünfzig Jahre in Jerusalem; seine Mutter hieß Hephziba.
शासन शुरू करते समय मनश्शेह की उम्र बारह साल थी. येरूशलेम में उसने पचपन साल शासन किया. उसकी माता का नाम हेपज़िबाह था.
2 Er tat, was dem HERRN mißfiel, im Anschluß an den greuelhaften Götzendienst der heidnischen Völker, die der HERR vor den Israeliten vertrieben hatte.
उसने वही किया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत था; वही सभी जो उन जनताओं के समान घृणित था, जिन्हें याहवेह ने इस्राएल के सामने से निकाल दिया था.
3 Er baute die Höhen wieder auf, die sein Vater Hiskia zerstört hatte, errichtete dem Baal Altäre, ließ ein Standbild der Aschera herstellen, wie es der König Ahab von Israel getan hatte, betete das ganze Sternenheer des Himmels an und erwies ihnen Verehrung.
उसने उन पूजा स्थलों को दोबारा बनवाया, जिन्हें उसके पिता हिज़किय्याह ने गिरा दिया था. उसने देवता बाल की वेदियां दोबारा बनवाई और अशेराह के खंभे को दोबारा ठीक करा दिया; ठीक जिस प्रकार इस्राएल के राजा अहाब ने किया था. वह भी आकाशमंडल के सारे नक्षत्रों की सेवा-उपासना करता था.
4 Er erbaute sogar Altäre im Tempel des HERRN, von dem doch der HERR gesagt hatte: »In Jerusalem will ich meinen Namen wohnen lassen«;
उसने याहवेह के उसी भवन में अनेक वेदियां बनवा दीं, जिस भवन के बारे में याहवेह कह चुके थे, “येरूशलेम में मैं अपने नाम को स्थापित करूंगा.”
5 und zwar erbaute er dem ganzen Sternenheer des Himmels Altäre in den beiden Vorhöfen des Tempels des HERRN.
उसने याहवेह के ही भवन के दो आंगनों में आकाशमंडल के सारे नक्षत्रों के लिए वेदियां बनवाई.
6 Auch ließ er seinen eigenen Sohn als Brandopfer verbrennen, trieb Zauberei und Wahrsagerei und bestellte Totenbeschwörer und Zeichendeuter: er tat gar vieles, was dem HERRN mißfiel und ihn zum Zorn reizen mußte.
उसने अपने पुत्र की होमबलि दे दी. वह मोहिनी, शकुन विचारने और प्रेतसिद्धि को मानने लगा. याहवेह की दृष्टि में घोर बुराई कर उसने याहवेह के क्रोध को उकसा दिया.
7 Das geschnitzte Astartebild, das er hatte anfertigen lassen, stellte er sogar im Tempel auf, von dem doch der HERR zu David und dessen Sohne Salomo gesagt hatte: »In diesem Hause und in Jerusalem, das ich aus allen Stämmen Israels erwählt habe, will ich meinen Namen für ewige Zeiten wohnen lassen;
उसने अशेरा देवी की ढाली गई मूर्ति की प्रतिष्ठा उस भवन में कर दी, जिसके विषय में याहवेह ने दावीद और उनके पुत्र शलोमोन से यह कहा था, “मैं इस भवन में और येरूशलेम नगर में, जिसे मैंने इस्राएल के सारी गोत्रों में से चुन लिया है, हमेशा के लिए अपना नाम स्थापित करूंगा.
8 und ich will den Fuß Israels fortan nicht wieder wandern lassen aus dem Lande, das ich ihren Vätern gegeben habe, wofern sie nur darauf bedacht sind, alles zu tun, wie ich es ihnen geboten habe, nämlich ganz nach dem Gesetz (zu leben), das mein Knecht Mose ihnen geboten hat.«
इसके अलावा मैं इस्राएल के चरणों को इस देश से, जिसे मैंने उनकी संतानों के लिए दिया है, बाहर भटकाने न दूंगा; यदि वे सावधानीपूर्वक सिर्फ वह करें, जिसका मैंने उन्हें आदेश दिया है, और जिस व्यवस्था का आदेश मेरे सेवक मोशेह द्वारा उन्हें दिया गया.”
9 Aber sie gehorchten nicht; und Manasse verleitete sie dazu, es noch ärger zu treiben als die heidnischen Völker, welche der HERR vor den Israeliten vertilgt hatte.
मगर उन्होंने इसको नहीं माना. मनश्शेह ने उन्हें बुराई करने के लिए इस हद्द तक भटका दिया, जितना उन जनताओं ने तक न किया था, जिन्हें याहवेह ने इस्राएल प्रजा के सामने से नाश किया था.
10 Da ließ sich der HERR durch den Mund seiner Knechte, der Propheten, so vernehmen:
तब याहवेह ने अपने सेवक, भविष्यवक्ताओं के द्वारा यह संदेश भेजा:
11 »Weil Manasse, der König von Juda, diese Greuel verübt hat, die ärger sind als alles, was die Amoriter vordem getan haben; und weil er auch Juda durch seinen Götzendienst zur Sünde verführt hat,
“इसलिये कि यहूदिया के राजा मनश्शेह ने ऐसे घृणित काम किए हैं; अपने पहले इस देश में रहते हुए अमोरियों द्वारा किए गए सभी कामों से अधिक घृणित, और अपनी मूर्तियों के लिए यहूदिया को भी वही करने के लिए मजबूर किया.
12 darum hat der HERR, der Gott Israels, so gesprochen: ›Wisset wohl: ich will Unglück über Jerusalem und Juda kommen lassen, daß allen, die davon hören, beide Ohren gellen sollen!
इसलिए याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर का यह संदेश है: देख लेना, मैं येरूशलेम और यहूदिया पर ऐसी मुसीबत ला रहा हूं, कि जो कोई इसके बारे में सुनेगा, उसके दोनों ही कान झनझना जाएंगे.
13 Und zwar will ich über Jerusalem die Meßschnur ziehen wie (vordem) über Samaria und will die Setzwaage stellen wie beim Hause Ahabs, und ich will Jerusalem ausscheuern, wie man eine Schüssel ausscheuert und sie nach dem Ausscheuern auf ihre Oberseite umkehrt.
मैं येरूशलेम के ऊपर शमरिया के समान माप की डोरी, और अहाब के वंश के समान साहुल का उपयोग करूंगा. मैं येरूशलेम को ऐसे पोंछ दूंगा जैसे बर्तन को पोंछा जाता है, इसे पोंछकर मैं उसे उलट रख दूंगा.
14 Und ich will den Überrest meines Eigentumsvolkes verstoßen und sie in die Gewalt ihrer Feinde fallen lassen, daß sie allen ihren Feinden zum Raub und zur Beute werden sollen,
मैं अपनी मीरास के बचे हुए भाग का त्याग कर दूंगा, और उन्हें उनके शत्रुओं के हाथों में सौंप दूंगा. वे उनके सभी शत्रुओं द्वारा लूटे, और लूटा हुआ सामान हो जाएंगे;
15 zur Strafe dafür, daß sie getan haben, was mir mißfällt, und mich immerfort zum Zorn gereizt haben seit der Zeit, wo ihre Väter aus Ägypten ausgezogen sind, bis auf den heutigen Tag!‹«
क्योंकि उन्होंने वही किया है, जो जो मेरी दृष्टि में बुरा है, और इससे उन्होंने मेरे गुस्से को भड़काया है. ऐसा वे उसी समय से, जब उनके पूर्वज मिस्र देश से बाहर निकल आए थे, आज तक करते आ रहे हैं.”
16 Auch sehr viel unschuldiges Blut vergoß Manasse, so daß er Jerusalem damit bis oben an den Rand anfüllte, abgesehen von der Sünde, zu der er Juda verführte, das zu tun, was dem HERRN mißfiel.
उस पाप के अलावा जो उसने यहूदिया को वह करने के लिए उकसाया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत था, मनश्शेह ने अनगिनत निर्दोषों का बहुत लहू बहाया, कि येरूशलेम एक छोर से दूसरे छोर तक लहूलुहान हो गया.
17 Die übrige Geschichte Manasses aber und alles, was er unternommen, und seine Versündigung, die er begangen hat, das findet sich bekanntlich aufgezeichnet im Buch der Denkwürdigkeiten der Könige von Juda. –
मनश्शेह द्वारा किए गए बाकी कामों, उसकी उपलब्धियों और उसके द्वारा किए पापों का ब्यौरा यहूदिया के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है.
18 Als Manasse sich dann zu seinen Vätern gelegt und man ihn im Garten seines Palastes, im Garten Ussas begraben hatte, folgte ihm sein Sohn Amon als König in der Regierung nach.
मनश्शेह हमेशा के लिए अपने पूर्वजों में जा मिला और उसे उसी के महल की वाटिका, उज्जा की वाटिका में ही, गाड़ दिया. उसके स्थान पर उसका पुत्र अमोन शासन करने लगा.
19 Im Alter von zweiundzwanzig Jahren wurde Amon König, und zwei Jahre regierte er in Jerusalem; seine Mutter hieß Mesullameth und war die Tochter des Haruz von Jotba.
राजा बनने के अवसर पर अमोन की उम्र बाईस साल थी. येरूशलेम में उसने दो साल शासन किया. उसकी माता का नाम मेशुलेमेथ था, वह योत्बाह नगर के हारूज़ की पुत्री थी.
20 Er tat, was dem HERRN mißfiel, wie sein Vater Manasse getan hatte,
उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में गलत है; जैसा उसके पिता मनश्शेह ने किया था.
21 und wandelte ganz auf dem Wege, den sein Vater gewandelt war: er verehrte die Götzen, die sein Vater verehrt hatte, und betete sie an;
उसका सारा आचरण ठीक वैसा ही था, जैसा उसके पिता का था. वह मूर्तियों की सेवा-उपासना करता था, उन्हें ही नमन करता था, जिनकी सेवा-उपासना उसका पिता करता रहा था.
22 aber vom HERRN, dem Gott seiner Väter, wandte er sich ab und wandelte nicht auf dem Wege des HERRN.
इस प्रकार उसने याहवेह अपने पिता के परमेश्वर को छोड़ दिया और याहवेह के मार्ग का अनुसरण न किया.
23 Da verschworen sich seine eigenen Diener gegen ihn und ermordeten den König in seinem Palaste;
अमोन के सेवकों ने उसके विरुद्ध षड़्यंत्र रचा और उसी के घर में राजा की हत्या कर दी.
24 die Landbevölkerung aber erschlug alle, die an der Verschwörung gegen den König Amon teilgenommen hatten, und erhob dann seinen Sohn Josia zu seinem Nachfolger auf dem Throne.
मगर प्रजाजनों ने उन सभी की हत्या कर दी, जिन्होंने राजा अमोन के विरुद्ध षड़्यंत्र रचा था. उन्होंने उसके स्थान पर उसके पुत्र योशियाह को राजा बनाया.
25 Die übrige Geschichte Amons aber, alles was er unternommen hat, findet sich bekanntlich aufgezeichnet im Buch der Denkwürdigkeiten der Könige von Juda.
अमोन द्वारा किए गए अन्य कामों का ब्यौरा यहूदिया के राजाओं की इतिहास की पुस्तक में दिया गया है.
26 Als man ihn aber in seinem Begräbnis im Garten Ussas begraben hatte, folgte ihm sein Sohn Josia als König in der Regierung nach.
उसका अंतिम संस्कार उज्जा की वाटिका में स्थित कब्र में किया गया. उसकी जगह पर उसके पुत्र योशियाह ने शासन शुरू किया.