< 2 Chronik 14 >
1 Als Abia sich aber zu seinen Vätern gelegt und man ihn in der Davidsstadt begraben hatte, folgte ihm sein Sohn Asa auf dem Throne nach; unter dessen Regierung erfreute das Land sich zehn Jahre lang der Ruhe.
अबीयाह अपने पूर्वजों के साथ हमेशा के लिए सो गया और उसे उसके पूर्वजों के साथ दावीद के नगर की कब्र में रखा गया. उसके स्थान पर आसा राजा बना. उसके शासनकाल के दस सालों में देश में शांति बनी रही.
2 Asa tat, was in den Augen des HERRN, seines Gottes, gut und recht war;
आसा ने वह किया जो याहवेह उसके परमेश्वर की दृष्टि में सही और उचित है.
3 denn er beseitigte die Altäre der fremden Götter und den Höhendienst, ließ die Malsteine zerschlagen und die Götzenpfähle umhauen
उसने अन्य जातीय वेदियों और पूजा स्थलों को हटा दिया, पूजा के खंभों को नाश कर दिया, अशेराह के मीनारों को काट गिराया.
4 und wies die Judäer darauf hin, den HERRN, den Gott ihrer Väter, zu suchen und das Gesetz und die Gebote zu erfüllen.
उसने यहूदिया को आदेश दिया कि वे अपने पूर्वजों के परमेश्वर याहवेह की खोज करें और व्यवस्था और नियमों का पालन करते रहें.
5 In allen Ortschaften Judas beseitigte er den Höhendienst und die Sonnensäulen, und das Reich erfreute sich der Ruhe unter ihm.
यहूदिया के सभी नगरों में से उसके शासनकाल में राज्य में कोई अव्यवस्था देखी न गई.
6 Er legte sodann feste Plätze in Juda an; denn das Land hatte Ruhe, und niemand führte in jenen Jahren Krieg mit ihm, weil der HERR ihm Ruhe verschafft hatte.
यहूदिया में उसने गढ़ नगरों को बनाया क्योंकि राज्य में शांति थी. इन सालों में किसी ने भी उससे युद्ध नहीं किया, क्योंकि उसे मिली यह शांति याहवेह ने दी थी.
7 Darum forderte er die Judäer auf: »Laßt uns diese Ortschaften ausbauen und sie mit Mauern und Türmen, Toren und Riegeln rings umgeben! Noch haben wir freie Hand im Lande, weil wir den HERRN, unsern Gott, gesucht haben; wir haben ihn gesucht, und er hat uns ringsum Ruhe geschafft.« So machten sie sich denn an die Bauten und führten sie glücklich aus.
यहूदिया से उसने कहा था, “चलो, हम इन नगरों को बनाएं. हम इन्हें दीवारों से घेर देंगे, हम इन पर पहरेदारों की ऊंची चौकियां बनाएं और इनमें द्वार और शालाएं लगा दें. हम याहवेह अपने परमेश्वर की इच्छा के खोजी रहे हैं इसलिये यह देश अब तक हमारा है और याहवेह ने हमें सभी ओर से शांति दी है.” इसलिये वे नगर बनाते गए और उन्नति करते गए.
8 Dazu besaß Asa ein Heer, das Schild und Speer führte: aus Juda 300000 und aus Benjamin 280000 Mann, welche Tartschen führten und den Bogen zu spannen wußten, durchweg tapfere Krieger.
यहूदिया राज्य से आसा की सेना में तीन लाख सैनिक थे, ये विशाल ढालों और बर्छियों से लैस थे. दो लाख अस्सी हज़ार सैनिक बिन्यामिन प्रदेश के थे, ये भी ढालों से लैस धनुर्धारी थे. सारे सैनिक वीर योद्धा थे.
9 Da zog der Kuschit Serah gegen sie heran mit einem Heere von einer Million Mann und mit dreihundert Kriegswagen und drang bis Maresa vor.
कूश देशवासी ज़ेराह ने दस लाख सैनिकों और 300 रथों की सेना लेकर यहूदिया पर हमला कर दिया. वह मारेशाह नामक स्थान तक आ पहुंचा.
10 Asa zog ihm entgegen, und sie stellten sich im Tal Zephatha bei Maresa zur Schlacht auf.
तब आसा उसका सामना करने आगे बढ़ा. उसकी सेना मारेशाह के निकट सापथा घाटी में युद्ध के लिये तैयार हुई.
11 Da rief Asa den HERRN, seinen Gott, an und betete: »HERR! Um zu helfen, ist bei dir kein Unterschied zwischen einem Starken und einem Schwachen. So hilf uns, HERR, unser Gott! Denn auf dich setzen wir unser Vertrauen und in deinem Namen sind wir gegen diese Übermacht ausgezogen. Du bist der HERR, unser Gott: kein Mensch soll dir gegenüber sich behaupten dürfen!«
आसा ने याहवेह, अपने परमेश्वर की दोहाई दी और यह याचना की, “याहवेह, शक्तिशाली और कमजोर के बीच युद्ध की स्थिति में आपके अलावा और कोई भी नहीं है, जो सहायता के लिए उपलब्ध हो. इसलिये याहवेह, हमारे परमेश्वर, हमारी सहायता कीजिए, क्योंकि हमारा भरोसा आप पर है. हम आपकी महिमा के कारण इस विशाल सेना के विरुद्ध खड़े हैं. याहवेह, हमारे परमेश्वर आप हैं. ऐसा कभी न हो कि कोई मनुष्य आप पर प्रबल हो.”
12 Da schlug der HERR die Kuschiten, so daß sie vor Asa und den Judäern die Flucht ergriffen;
तब याहवेह ने आसा और यहूदिया की सेना के सामने कूश देशवासियों को हरा दिया और कूश देशवासी उनके सामने से भाग गए.
13 Asa aber und das Heer, das bei ihm war, verfolgten sie bis Gerar, und es fielen von den Kuschiten so viele, daß keiner von ihnen mit dem Leben davonkam, sondern sie vor dem HERRN und seinem Heere völlig aufgerieben wurden. So machten die Judäer denn eine gewaltige Beute,
आसा और उसकी सेना ने गेरार तक उनका पीछा किया; इतने अधिक कूश देशवासी मारे गए कि उनका दोबारा इकट्ठा हो पाना असंभव हो गया. कारण यह था कि वे याहवेह और उनकी सेना के सामने चूर-चूर हो चुके थे. यहूदी सैनिकों ने बहुत बड़ी मात्रा में लूट की सामग्री इकट्ठा कर ली.
14 eroberten auch alle Städte rings um Gerar – es war nämlich ein Schrecken vom HERRN her über sie gekommen –, und sie plünderten alle Städte; denn es befand sich eine reiche Beute in ihnen.
गेरार के निकटवर्ती नगरों को उन्होंने नाश कर दिया. सभी पर याहवेह का घोर आतंक छा चुका था. यहूदी सेना ने सभी नगरों को लूट लिया. उनमें लूट का सामान बहुत सारा था.
15 Auch der Zeltlager mit den Herden bemächtigten sie sich, trieben Kleinvieh in Menge und Kamele als Beute weg und kehrten dann nach Jerusalem zurück.
उन्होंने उनके शिविर भी नाश कर दिए, जो पशु पालक थे. इनसे सेना ने बड़ी संख्या में भेड़ें और ऊंट ले लिए. इसके बाद वे येरूशलेम लौट गए.