< 1 Chronik 26 >

1 Was die Abteilungen der Torhüter betrifft, so gehörte von den Korahiten Meselemja, der Sohn Kores, zu den Nachkommen Ebjasaphs;
फिर द्वारपालों के दल ये थेः कोरहियों में से तो मशेलेम्याह, जो कोरे का पुत्र और आसाप की सन्तानों में से था।
2 Meselemjas Söhne aber waren: Sacharja der erstgeborene, Jediael der zweite, Sebadja der dritte, Jathniel der vierte,
और मशेलेम्याह के पुत्र हुए, अर्थात् उसका जेठा जकर्याह, दूसरा यदीएल, तीसरा जबद्याह,
3 Elam der fünfte, Johanan der sechste, Eljehoenai der siebte. –
चौथा यातनीएल, पाँचवाँ एलाम, छठवां यहोहानान और सातवाँ एल्यहोएनै।
4 Die Söhne Obed-Edoms waren: Semaja der erstgeborene, Josabad der zweite, Joah der dritte, Sachar der vierte, Nethaneel der fünfte,
फिर ओबेदेदोम के भी पुत्र हुए, उसका जेठा शमायाह, दूसरा यहोजाबाद, तीसरा योआह, चौथा साकार, पाँचवाँ नतनेल,
5 Ammiel der sechste, Issaschar der siebte, Pehullethai der achte; denn Gott hatte ihn gesegnet. –
छठवाँ अम्मीएल, सातवाँ इस्साकार और आठवाँ पुल्लतै, क्योंकि परमेश्वर ने उसे आशीष दी थी।
6 Auch seinem Sohne Semaja waren Söhne geboren, welche in ihrer Familie eine leitende Stellung einnahmen, denn sie waren tüchtige Männer.
और उसके पुत्र शमायाह के भी पुत्र उत्पन्न हुए, जो शूरवीर होने के कारण अपने पिता के घराने पर प्रभुता करते थे।
7 Die Söhne Semajas waren: Othni, Rephael, Obed, Elsabad und seine Brüder, Elihu und Semachja, wackere Männer.
शमायाह के पुत्र ये थे, अर्थात् ओतनी, रपाएल, ओबेद, एलजाबाद और उनके भाई एलीहू और समक्याह बलवान पुरुष थे।
8 Diese alle gehörten zu den Nachkommen Obed-Edoms, sie, ihre Söhne und ihre Brüder, tüchtige Männer, tauglich zu Dienstleistungen, zusammen zweiundsechzig von Obed-Edom. –
ये सब ओबेदेदोम की सन्तानों में से थे, वे और उनके पुत्र और भाई इस सेवकाई के लिये बलवान और शक्तिमान थे; ये ओबेदेदोमी बासठ थे।
9 Auch Meselemja hatte Söhne und Brüder, tüchtige Männer, zusammen achtzehn. –
मशेलेम्याह के पुत्र और भाई अठारह थे, जो बलवान थे।
10 Die Söhne Hosas, der zu den Nachkommen Meraris gehörte, waren: Simri als Oberhaupt – obwohl er nicht der Erstgeborene war, hatte ihn sein Vater doch zum Oberhaupt eingesetzt –,
१०फिर मरारी के वंश में से होसा के भी पुत्र थे, अर्थात् मुख्य तो शिम्री (जिसको जेठा न होने पर भी उसके पिता ने मुख्य ठहराया),
11 Hilkia der zweite Sohn, Tebalja der dritte, Sacharja der vierte; die Gesamtzahl aller Söhne und Brüder Hosas betrug dreizehn.
११दूसरा हिल्किय्याह, तीसरा तबल्याह और चौथा जकर्याह था; होसा के सब पुत्र और भाई मिलकर तेरह थे।
12 Diesen Abteilungen der Torhüter, und zwar den Familienhäuptern, fielen gerade wie ihren Stammesgenossen Amtsgeschäfte im Dienst am Tempel des HERRN zu.
१२द्वारपालों के दल इन मुख्य पुरुषों के थे, ये अपने भाइयों के बराबर ही यहोवा के भवन में सेवा टहल करते थे।
13 Als man nämlich die Verlosung der einzelnen Tore nach den Familien, für die älteren wie für die jüngeren, vornahm,
१३इन्होंने क्या छोटे, क्या बड़े, अपने-अपने पितरों के घरानों के अनुसार एक-एक फाटक के लिये चिट्ठी डाली।
14 fiel für die Ostseite das Los auf Selemja. Auch für seinen Sohn Sacharja, einen klugen Ratgeber, warf man Lose, und das Los fiel für ihn auf die Nordseite;
१४पूर्व की ओर की चिट्ठी शेलेम्याह के नाम पर निकली। तब उन्होंने उसके पुत्र जकर्याह के नाम की चिट्ठी डाली (वह बुद्धिमान मंत्री था) और चिट्ठी उत्तर की ओर के लिये निकली।
15 für Obed-Edom auf die Südseite und für seine Söhne auf das Vorratsgebäude;
१५दक्षिण की ओर के लिये ओबेदेदोम के नाम पर चिट्ठी निकली, और उसके बेटों के नाम पर खजाने की कोठरी के लिये।
16 für Hosa auf die Westseite beim Tor Sallecheth, da wo die Straße ansteigt, eine Wache neben der andern.
१६फिर शुप्पीम और होसा के नामों की चिट्ठी पश्चिम की ओर के लिये निकली, कि वे शल्लेकेत नामक फाटक के पास चढ़ाई की सड़क पर आमने-सामने चौकीदारी किया करें।
17 Auf der Ostseite waren täglich sechs Leviten auf Wache, nach Norden zu täglich vier, nach Süden zu täglich vier, und am Vorratsgebäude je zwei;
१७पूर्व की ओर तो छः लेवीय थे, उत्तर की ओर प्रतिदिन चार, दक्षिण की ओर प्रतिदिन चार, और खजाने की कोठरी के पास दो ठहरे।
18 am Parbar auf der Westseite: vier an der Straße und zwei am Parbar.
१८पश्चिम की ओर के पर्बार नामक स्थान पर ऊँची सड़क के पास तो चार और पर्बार के पास दो रहे।
19 Dies sind die Abteilungen der Torhüter von den Nachkommen der Korahiten und von den Nachkommen Meraris.
१९ये द्वारपालों के दल थे, जिनमें से कितने तो कोरह के और कुछ मरारी के वंश के थे।
20 Ihre levitischen Stammesgenossen aber, welche die Aufsicht über die Schatzkammern des Hauses Gottes und über die Schätze an geweihten Gegenständen hatten, waren:
२०फिर लेवियों में से अहिय्याह परमेश्वर के भवन और पवित्र की हुई वस्तुओं, दोनों के भण्डारों का अधिकारी नियुक्त हुआ।
21 die Nachkommen Ladans, die Nachkommen des Gersoniten Ladan, die Familienhäupter vom Geschlecht des Gersoniten Ladan, die Jehieliten.
२१ये लादान की सन्तान के थे, अर्थात् गेर्शोनियों की सन्तान जो लादान के कुल के थे, अर्थात् लादान और गेर्शोनी के पितरों के घरानों के मुख्य पुरुष थे, अर्थात् यहोएली।
22 Die Nachkommen der Jehieliten waren: Setham und sein Bruder Joel, welche die Aufsicht über die Schätze des Gotteshauses hatten. –
२२यहोएली के पुत्र ये थे, अर्थात् जेताम और उसका भाई योएल जो यहोवा के भवन के खजाने के अधिकारी थे।
23 Was sodann die Amramiten, Jizhariten, Hebroniten und Ussieliten betrifft,
२३अम्रामियों, यिसहारियों, हेब्रोनियों और उज्जीएलियों में से।
24 so war Subael, ein Nachkomme Gersoms, des Sohnes Moses, Oberaufseher über die Schätze. –
२४शबूएल जो मूसा के पुत्र गेर्शोम के वंश का था, वह खजानों का मुख्य अधिकारी था।
25 Was ferner seine Stammesgenossen von Elieser her betrifft, so war dessen Sohn Rehabja, dessen Sohn Jesaja, dessen Sohn Joram, dessen Sohn Sichri, dessen Sohn Selomith.
२५और उसके भाइयों का वृत्तान्त यह है: एलीएजेर के कुल में उसका पुत्र रहब्याह, रहब्याह का पुत्र यशायाह, यशायाह का पुत्र योराम, योराम का पुत्र जिक्री, और जिक्री का पुत्र शलोमोत था।
26 Dieser Selomith und seine Brüder waren über alle Schätze an geweihten Gegenständen gesetzt, welche der König David und die Familienhäupter, ferner die Befehlshaber der Tausendschaften und der Hundertschaften sowie die Heerführer geweiht hatten, –
२६यही शलोमोत अपने भाइयों समेत उन सब पवित्र की हुई वस्तुओं के भण्डारों का अधिकारी था, जो राजा दाऊद और पितरों के घरानों के मुख्य-मुख्य पुरुषों और सहस्त्रपतियों और शतपतियों और मुख्य सेनापतियों ने पवित्र की थीं।
27 von der Beute aus den Kriegen hatten sie sie geweiht, um das Haus des HERRN damit auszustatten –;
२७जो लूट लड़ाइयों में मिलती थी, उसमें से उन्होंने यहोवा का भवन दृढ़ करने के लिये कुछ पवित्र किया।
28 auch alles, was der Seher Samuel und Saul, der Sohn des Kis, und Abner, der Sohn Ners, und Joab, der Sohn der Zeruja, geweiht hatten, überhaupt alle Weihgeschenke standen unter der Aufsicht Selomiths und seiner Geschlechtsgenossen.
२८वरन् जितना शमूएल दर्शी, कीश के पुत्र शाऊल, नेर के पुत्र अब्नेर, और सरूयाह के पुत्र योआब ने पवित्र किया था, और जो कुछ जिस किसी ने पवित्र कर रखा था, वह सब शलोमोत और उसके भाइयों के अधिकार में था।
29 Aus (dem Geschlecht) der Jizhariten waren Kenanja und seine Söhne für die auswärtigen Geschäfte bezüglich Israels als Amtleute und Richter bestellt. –
२९यिसहारियों में से कनन्याह और उसके पुत्र, इस्राएल के देश का काम अर्थात् सरदार और न्यायी का काम करने के लिये नियुक्त हुए।
30 Aus (dem Geschlecht) der Hebroniten waren Hasabja und seine Geschlechtsgenossen, tüchtige Männer, 1700 an der Zahl, über die Verwaltung Israels westlich vom Jordan für alle Angelegenheiten des HERRN und für den Dienst des Königs eingesetzt. –
३०और हेब्रोनियों में से हशब्याह और उसके भाई जो सत्रह सौ बलवान पुरुष थे, वे यहोवा के सब काम और राजा की सेवा के विषय यरदन के पश्चिम ओर रहनेवाले इस्राएलियों के अधिकारी ठहरे।
31 Zu den Hebroniten gehörte Jerija, das Oberhaupt – was die Hebroniten betrifft, so forschte man nach ihren Geschlechtern und Familien im vierzigsten Regierungsjahre Davids, und es fanden sich unter ihnen tüchtige Männer zu Jaeser in Gilead –,
३१हेब्रोनियों में से यरिय्याह मुख्य था, अर्थात् हेब्रोनियों की पीढ़ी-पीढ़ी के पितरों के घरानों के अनुसार दाऊद के राज्य के चालीसवें वर्ष में वे ढूँढ़े गए, और उनमें से कई शूरवीर गिलाद के याजेर में मिले।
32 dazu seine Stammesgenossen, tüchtige Männer, zusammen 2700; denen übertrug der König David die Verwaltung der Stämme Ruben, Gad und halb Manasse für alle Angelegenheiten Gottes und für die Angelegenheiten des Königs.
३२उसके भाई जो वीर थे, पितरों के घरानों के दो हजार सात सौ मुख्य पुरुष थे, इनको दाऊद राजा ने परमेश्वर के सब विषयों और राजा के विषय में रूबेनियों, गादियों और मनश्शे के आधे गोत्र का अधिकारी ठहराया।

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