< 1 Chronik 15 >
1 Hierauf baute er sich Häuser in der Davidsstadt und richtete für die Lade Gottes eine Stätte her, indem er ein Zelt für sie aufschlug.
दावीद ने दावीद-नगर में अपने लिए भवन बना लिए. उन्होंने परमेश्वर के संदूक के लिए भी एक जगह तैयार की और उसके लिए शिविर खड़ा किया.
2 Damals ordnete David an: »Niemand darf die Lade Gottes tragen außer den Leviten! Denn diese hat der HERR dazu erwählt, die Lade Gottes zu tragen und ihm allezeit Dienste zu verrichten.«
तब दावीद ने आदेश दिया, “परमेश्वर के संदूक को लेवियों के अलावा और कोई न उठाए, क्योंकि याहवेह ने हमेशा के लिए याहवेह के संदूक को उठाने के लिए और अपनी सेवा के लिए उन्हें ही चुना है.”
3 Dann entbot David das gesamte Israel nach Jerusalem, um die Lade des HERRN an die Stätte hinaufzuschaffen, die er für sie hatte herrichten lassen;
दावीद ने सारे इस्राएल को येरूशलेम में इकट्ठा किया कि याहवेह के संदूक को येरूशलेम में उनके द्वारा उसके लिए तैयार किए गए स्थान पर लाया जाए.
4 und zwar ließ David die Nachkommen Aarons sowie die Leviten zusammenkommen,
दावीद ने अहरोन के इन पुत्रों और लेवियों को इकट्ठा किया:
5 nämlich von den Nachkommen Kehaths: Uriel, den Obersten des Geschlechts, und seine Geschlechtsgenossen, hundertundzwanzig an der Zahl;
कोहाथ के पुत्रों में से उरीएल, जो प्रधान था और उसके 120 रिश्तेदार;
6 von den Nachkommen Meraris: Asaja, den Obersten des Geschlechts, und seine Geschlechtsgenossen, zweihundertundzwanzig;
मेरारी के पुत्रों में से असाइयाह, जो कि प्रधान था और उसके 220 संबंधी;
7 von den Nachkommen Gersoms: Joel, den Obersten des Geschlechts, und seine Geschlechtsgenossen, hundertunddreißig;
गेरशोम के पुत्रों में से योएल, जो प्रधान था और उसके 130 संबंधी;
8 von den Nachkommen Elizaphans: Semaja, den Obersten des Geschlechts, und seine Geschlechtsgenossen, zweihundert;
एलिज़ाफ़ान के पुत्रों में से, शेमायाह, जो प्रधान था और उसके 200 संबंधी;
9 von den Nachkommen Hebrons: Eliel, den Obersten des Geschlechts, und seine Geschlechtsgenossen, achtzig;
हेब्रोन के पुत्रों में से, एलिएल, जो प्रधान था और उसके 80 संबंधी;
10 von den Nachkommen Ussiels: Amminadab, den Obersten des Geschlechts, und seine Geschlechtsgenossen, hundertundzwölf. –
उज्ज़िएल के पुत्रों में से, अम्मीनादाब, जो प्रधान था और उसके 112 भाइयों को.
11 Darauf berief David die Priester Zadok und Abjathar und die Leviten Uriel, Asaja und Joel, Semaja und Eliel und Amminadab
तब दावीद ने सादोक और अबीयाथर नामक पुरोहितों को और उरीएल असाइयाह, योएल, शेमायाह, एलिएल और अम्मीनादाब नामक लेवियों को बुलवाकर
12 und richtete folgende Worte an sie: »Ihr seid die Familienhäupter der Leviten: so heiligt euch nun, ihr samt euren Geschlechtsgenossen! Denn ihr sollt die Lade des HERRN, des Gottes Israels, an die Stätte hinaufbringen, die ich für sie habe herrichten lassen.
उन्हें संबोधित करते हुए कहा, “आप सभी लेवी पितरों के गोत्रों के प्रधान हैं; आप लोग अपने आपको शुद्ध कीजिए-अपने आपको और अपने रिश्तेदारों, दोनों को, कि आप लोग याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर के संदूक को उस जगह पर ले आएं, जो मैंने उसके लिए तैयार किया है.
13 Weil ihr nämlich das vorige Mal nicht zugegen gewesen seid, hat der HERR, unser Gott, Unheil unter uns angerichtet, zur Strafe dafür, daß wir nicht in gebührender Weise Rücksicht auf ihn genommen hatten.«
पहली बार में आप लोगों ने इसको नहीं निभाया था, इसलिये याहवेह, हमारे परमेश्वर का क्रोध हम पर भड़क गया था. हमने व्यवस्था के अनुसार इसके उठाने के लिए उनकी इच्छा ही मालूम नहीं की थी.”
14 Da heiligten sich die Priester und die Leviten, um die Lade des HERRN, des Gottes Israels, hinaufzubringen;
तब पुरोहितों और लेवियों ने अपने आपको शुद्ध किया कि वे याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर के संदूक को ले आएं.
15 sodann hoben die Leviten die Lade Gottes so, wie Mose es nach dem Befehl des HERRN geboten hatte, auf ihre Schultern, indem sie die Tragstangen auf sich legten.
इसलिये लेवी वंशजों ने परमेश्वर के संदूक को उसमें लगी बल्लियों के द्वारा उठाया, जैसा मोशेह द्वारा आदेश दिया गया था, जैसा याहवेह ने मोशेह को बताया था.
16 Hierauf befahl David den Obersten der Leviten, ihre Geschlechtsgenossen, die Sänger, mit ihren Musikinstrumenten, den Harfen, Zithern und Zimbeln, antreten zu lassen, damit sie Musik und Gesang mit lautem Jubelschall ertönen ließen.
दावीद ने लेवियों के प्रधानों को यह आदेश दे रखा था कि वे अपने गायक संबंधियों को चुनें कि वे बाजों के साथ और ऊंची आवाज की झांझ के साथ आनंद में गायें.
17 Da stellten denn die Leviten Heman, den Sohn Joels, auf und von dessen Geschlechtsgenossen Asaph, den Sohn Berechjas, und von den Nachkommen Meraris, ihren Geschlechtsgenossen, Ethan, den Sohn Kusajas,
इसलिये लेवियों ने इसके लिए इन लोगों चुना: योएल के पुत्र हेमान और उसके संबंधियों को, बेरेखियाह के पुत्र आसफ और मेरारी के पुत्रों में से उनके संबंधियों को, कुशायाह के पुत्र एथन को;
18 und mit ihnen ihre Amtsgenossen zweiten Ranges: Sacharja, [den Sohn, ] sowie Jaasiel, Semiramoth, Jehiel, Unni, Eliab, Benaja, Maaseja, Matthithja, Eliphelehu, Mikneja, Obed-Edom und Jeiel, die Torhüter;
उनके साथ उनके संबंधियों को, जो दूसरे पद में थे, ज़करयाह, बेन, जआत्सिएल, शेमिरामोथ येहिएल, उन्नी, एलियाब, बेनाइयाह, मआसेइयाह, मत्तीथियाह, एलिफेलेहू, मिकनेइया ओबेद-एदोम और येइएल को, जो द्वारपाल थे.
19 dazu die Sänger Heman, Asaph und Ethan mit kupfernen Zimbeln, um die Musik zu verstärken,
संगीतकार हेमान, आसफ और एथन की जवाबदारी थी कांसे की झांझ को बजाना.
20 Sacharja dagegen nebst Ussiel, Semiramoth, Jehiel, Unni, Eliab, Maaseja und Benaja mit Leiern, zu denen sie in hoher Tonlage sangen;
ज़करयाह, आज़ेल, शेमिरामोथ, येहिएल, उन्नी, एलियाब मआसेइयाह और बेनाइयाह की जवाबदारी थी तन्तु वादन पर अलामोथ के अनुसार बजाना.
21 ferner Matthithja, Eliphelehu, Mikneja, Obed-Edom, Jehiel und Asasja mit Harfen, zu denen sie mit Baßstimmen sangen und den Gesang leiteten.
किंतु मत्तीथियाह, एलिफेलेहू, मिकनेइया, ओबेद-एदोम, येइएल और अज़रियाह की जवाबदारी थी शेमिनिथ शैली में तन्तु वादन के अनुसार बजाना
22 Kenanja ferner, der Oberste der Leviten beim Tragen (der heiligen Geräte), führte die Aufsicht beim Tragen, denn er verstand sich darauf;
लेवियों का प्रधान केनानियाह सभी गानों का अधिकारी था. वह संगीत में कुशल था, इसलिये वह निर्देश दिया करता था.
23 und Berechja und Elkana waren Torhüter bei der Lade;
बेरेखियाह और एलकाना संदूक के लिए ठहराए गए द्वारपाल थे.
24 Sebanja aber sowie Josaphat, Nethaneel, Amasai, Sacharja, Benaja und Elieser, die Priester, bliesen die Trompeten vor der Lade Gottes her, während Obed-Edom und Jehia Torhüter bei der Lade waren.
शेबानियाहु, योशाफत, नेथानेल, आमासाई, ज़करयाह, बेनाइयाह और एलिएज़र, ये सभी पुरोहित थे. इनकी जवाबदारी थी परमेश्वर के संदूक के सामने तुरहियां बजाना. ओबेद-एदोम और येहियाह भी संदूक के लिए ठहराए गए द्वारपाल थे.
25 So zogen denn David und die Ältesten der Israeliten und die Befehlshaber der Tausendschaften hin, um die Lade mit dem Bundesgesetz des HERRN aus dem Hause Obed-Edoms voller Freude hinaufzubringen;
इसलिये बहुत ही आनंद में भरकर दावीद, इस्राएल के पुरनिए और सहस्र पति ओबेद-एदोम के घर से याहवेह के संदूक को लाने के लिए गए.
26 und da Gott sich den Leviten, welche die Lade mit dem Bundesgesetz des HERRN trugen, gnädig bewies, opferte man sieben Stiere und sieben Widder.
उन्होंने सात बछड़ों और सात मेढ़ों की बलि चढ़ाई क्योंकि याहवेह का संदूक उठानेवाले लेवियों को परमेश्वर द्वारा दी जा रही सहायता साफ़ ही थी.
27 Dabei war David mit einem Überwurf von Byssus bekleidet, ebenso alle Leviten, welche die Lade trugen, sowie die Sänger und Kenanja, der das Tragen zu leiten hatte; David aber hatte ein linnenes Schulterkleid (darüber) angelegt.
इस मौके पर दावीद ने उत्तम-उत्तम मलमल का बागा पहना हुआ था, जैसा कि संदूक उठानेवाले लेवियों ने और गायकों और गाने वालों को निर्देश देनेवाले केनानियाह ने भी. इसके अलावा दावीद मलमल का एफ़ोद भी पहने हुए थे.
28 So brachte denn ganz Israel die Lade mit dem Bundesgesetz des HERRN unter lautem Jubel und Posaunenschall, mit Trompeten- und Zimbelklang und unter Harfen- und Zitherspiel hinauf.
तब याहवेह की वाचा के संदूक को पूरे इस्राएल ने जय जयकार करते हुए, नरसिंगे, तुरही, झांझों और तन्तु वादनों के ऊंचे संगीत के आवाज के साथ लाया गया.
29 Da begab es sich, als die Lade mit dem Bundesgesetz des HERRN in die Davidsstadt einzog, daß Sauls Tochter Michal zum Fenster hinausschaute; als sie nun den König David so springen und tanzen sah, empfand sie Verachtung für ihn in ihrem Herzen.
जैसे ही याहवेह की वाचा का संदूक दावीद-नगर में आया, खिड़की से शाऊल की पुत्री मीखल ने खुशी में नृत्य करते राजा दावीद को देखा और मन ही मन वह दावीद को तुच्छ मानने लगी.