< Psalm 110 >

1 Ein Psalm Davids. Der HERR sprach zu meinem Herrn: “Setze dich zu meiner Rechten, bis ich deine Feinde zum Schemel deiner Füße lege.”
दाऊद का भजन मेरे प्रभु से यहोवा की वाणी यह है, “तू मेरे दाहिने ओर बैठ, जब तक कि मैं तेरे शत्रुओं को तेरे चरणों की चौकी न कर दूँ।”
2 Der HERR wird das Zepter deines Reiches senden aus Zion: “Herrsche unter deinen Feinden!”
तेरे पराक्रम का राजदण्ड यहोवा सिय्योन से बढ़ाएगा। तू अपने शत्रुओं के बीच में शासन कर।
3 Nach deinem Sieg wird dir dein Volk willig opfern in heiligem Schmuck. Deine Kinder werden dir geboren wie der Tau aus der Morgenröte.
तेरी प्रजा के लोग तेरे पराक्रम के दिन स्वेच्छाबलि बनते हैं; तेरे जवान लोग पवित्रता से शोभायमान, और भोर के गर्भ से जन्मी हुई ओस के समान तेरे पास हैं।
4 Der HERR hat geschworen, und es wird ihn nicht gereuen: “Du ist ein Priester ewiglich nach der Weise Melchisedeks.”
यहोवा ने शपथ खाई और न पछताएगा, “तू मलिकिसिदक की रीति पर सर्वदा का याजक है।”
5 Der Herr zu deiner Rechten wird zerschmettern die Könige am Tage seines Zorns;
प्रभु तेरी दाहिनी ओर होकर अपने क्रोध के दिन राजाओं को चूर कर देगा।
6 er wird richten unter den Heiden; er wird ein großes Schlagen unter ihnen tun; er wird zerschmettern das Haupt über große Lande.
वह जाति-जाति में न्याय चुकाएगा, रणभूमि शवों से भर जाएगी; वह लम्बे चौड़े देशों के प्रधानों को चूर चूरकर देगा
7 Er wird trinken vom Bach auf dem Wege; darum wird er das Haupt emporheben.
वह मार्ग में चलता हुआ नदी का जल पीएगा और तब वह विजय के बाद अपने सिर को ऊँचा करेगा।

< Psalm 110 >