< Jesaja 52 >
1 Mache dich auf, mache dich auf, Zion; zieh deine Stärke an, schmücke dich herrlich, du heilige Stadt Jerusalem! Denn es wird hinfort kein Unbeschnittener oder Unreiner in dir regieren.
जाग जाग ऐ सिय्यून, अपनी शौकत से मुलब्बस हो; ऐ येरूशलेम पाक शहर, अपना ख़ुशनुमा लिबास पहन ले; क्यूँकि आगे को कोई नामख़्तून या नापाक तुझ में कभी दाख़िल न होगा।
2 Mache dich aus dem Staube, stehe auf, du gefangene Jerusalem; mache dich los von den Banden deines Halses, du gefangene Tochter Zion!
अपने ऊपर से गर्द झाड़ दे, उठकर बैठ; ऐ येरूशलेम, ऐ ग़ुलाम दुख़्तर — ए — सिय्यून, अपनी गर्दन के बंधनों को खोल डाल।
3 Denn also spricht der HERR: Ihr seid umsonst verkauft, ihr sollt auch ohne Geld gelöset werden.
क्यूँकि ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, तुम मुफ़्त बेचे गए, और तुम बेज़र ही आज़ाद किए जाओगे।
4 Denn so spricht der HERR HERR: Mein Volk zog am ersten hinab nach Ägypten, daß es daselbst ein Gast wäre; und Assur hat ihm ohne Ursache Gewalt getan.
ख़ुदावन्द ख़ुदा यूँ फ़रमाता है, कि “मेरे लोग इब्तिदा में मिस्र को गए कि वहाँ मुसाफ़िर होकर रहें, असूरियों ने भी बे वजह उन पर ज़ुल्म किया।”
5 Aber wie tut man mir jetzt allhie? spricht der HERR. Mein Volk wird umsonst verführet; seine HERRSCher machen eitel Heulen, spricht der HERR; und mein Name wird immer täglich gelästert.
ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है, कि “अब मेरा यहाँ क्या काम, हालाँकि मेरे लोग मुफ़्त ग़ुलामी में गए हैं? वह जो उन पर मुसल्लत हैं लल्कारतें हैं ख़ुदावन्द फ़रमाता हैं और हर रोज़ मुतवातिर मेरे नाम की तकफ़ीर की जाती है।
6 Darum soll mein Volk meinen Namen kennen zu derselbigen Zeit; denn siehe, ich will selbst reden.
यक़ीनन मेरे लोग मेरा नाम जानेंगे, और उस रोज़ समझेंगे कि कहनेवाला मैं ही हूँ, देखो, मैं हाज़िर हूँ।”
7 Wie lieblich sind auf den Bergen die Füße der Boten, die da Frieden verkündigen, Gutes predigen, Heil verkündigen, die da sagen zu Zion: Dein Gott ist König.
उसके पाँव पहाड़ों पर क्या ही ख़ुशनुमा हैं जो ख़ुशख़बरी लाता है और सलामती का 'ऐलान करता है और खैरियत की ख़बर और नजात का इश्तिहार देता है जो सिय्यून से कहता है तेरा ख़ुदा सल्तनत करता है।
8 Deine Wächter rufen laut mit ihrer Stimme und rühmen miteinander; denn man wird's mit Augen sehen, wenn der HERR Zion bekehret.
अपने निगहबानों की आवाज़ सुन, वह अपनी आवाज़ बलन्द करते हैं, वह आवाज़ मिलाकर गाते हैं; क्यूँकि जब ख़ुदावन्द सिय्यून को वापस आएगा तो वह उसे रू — ब — रू देखेंगे।
9 Lasset fröhlich sein und miteinander rühmen das Wüste zu Jerusalem; denn der HERR hat sein Volk getröstet und Jerusalem erlöset.
ऐ येरूशलेम के वीरानो, ख़ुशी से ललकारो, मिलकर नग़मा सराई करो, क्यूँकि ख़ुदावन्द ने अपनी क़ौम को दिलासा दिया उसने येरूशलेम का फ़िदिया दिया।
10 Der HERR hat offenbaret seinen heiligen Arm vor den Augen aller Heiden, daß aller Welt Ende siehet das Heil unsers Gottes.
ख़ुदावन्द ने अपना पाक बाज़ू तमाम क़ौमों की आँखों के सामने नंगा किया है और ज़मीन सरासर हमारे ख़ुदा की नजात को देखेगी।
11 Weichet, weichet! Ziehet aus von dannen und rühret kein Unreines an! Gehet aus von ihr, reiniget euch, die ihr des HERRN Geräte traget!
ऐ ख़ुदावन्द के ज़ुरूफ़ उठाने वालो, रवाना हो, रवाना हो; वहाँ से चले जाओ, नापाक चीज़ों को हाथ न लगाओ, उसके बीच से निकल जाओ और पाक हो।
12 Denn ihr sollt nicht mit Eilen ausziehen noch mit Flucht wandeln; denn der HERR wird vor euch herziehen, und der Gott Israels wird euch sammeln.
क्यूँकि तुम न तो जल्द निकल जाओगे, और न भागनेवाले की तरह चलोगे; क्यूँकि ख़ुदावन्द तुम्हारा हरावल, और इस्राईल का खुदा तुम्हारा चन्डावल होगा।
13 Siehe, mein Knecht wird weislich tun und wird erhöhet und sehr hoch erhaben sein,
देखो, मेरा ख़ादिम इक़बालमन्द होगा, वह आला — ओ — बरतर और निहायत बलन्द होगा।
14 daß sich viele über dir ärgern werden, weil seine Gestalt häßlicher ist denn anderer Leute und sein Ansehen denn der Menschenkinder.
जिस तरह बहुतेरे तुझ को देखकर दंग हो गए उसका चहरा हर एक बशर से ज़ाइद, और उसका जिस्म बनी आदम से ज़्यादा बिगड़ गया था,
15 Aber also wird er viel Heiden besprengen, daß auch Könige werden ihren Mund gegen ihm zuhalten. Denn welchen nichts davon verkündiget ist, dieselben werden's mit Lust sehen, und die nichts davon gehöret haben, die werden's merken.
उसी तरह वह बहुत सी क़ौमों को पाक करेगा और बादशाह उसके सामने ख़ामोश होंगे; क्यूँकि जो कुछ उनसे कहा न गया था, वह देखेंगे; और जो कुछ उन्होंने सुना न था, वह समझेंगे।