< Jesaja 19 >

1 Dies ist die Last über Ägypten: Siehe, der HERR wird auf einer schnellen Wolke fahren und nach Ägypten kommen. Da werden die Götzen in Ägypten vor ihm beben, und den Ägyptern wird das Herz feige werden in ihrem Leibe.
मिस्र के बारे में नबुव्वत देखो ख़ुदावन्द एक तेज़ रू बादल पर सवार होकर मिस्र में आता है, और मिस्र के बुत उसके सामने लरज़ाँ होंगे और मिस्र का दिल पिघल जाएगा।
2 Und ich will die Ägypter aneinander hetzen, daß ein Bruder wider den andern, ein Freund wider den andern, eine Stadt wider die andere, ein Reich wider das andere streiten wird.
और मैं मिस्रियों को आपस में मुख़ालिफ़ कर दूँगा; उनमें हर एक अपने भाई से और हर एक अपने पड़ोसी से लड़ेगा, शहर — शहर से और सूबे — सूबे से;
3 Und der Mut soll den Ägyptern unter ihnen vergehen, und will ihre Anschläge zunichte machen. Da werden sie dann fragen ihre Götzen und Pfaffen und Wahrsager und Zeichendeuter.
और मिस्र की रूह अफ़सुर्दा हो जाएगी, और मैं उसके मन्सूबे को फ़ना करूँगा; और वह बुतों और अफ़सूँगरों और जिन्नात के यारों और जादूगरों की तलाश करेंगे।
4 Aber ich will die Ägypter übergeben in die Hand grausamer HERREN; und ein harter König soll über sie herrschen, spricht der HERRSCher, der HERR Zebaoth.
लेकिन मैं मिस्रियों को एक सितमगर हाकिम के क़ाबू में कर दूँगा, और ज़बरदस्त बादशाह उन पर सल्तनत करेगा; यह ख़ुदावन्द रब्ब — उल — अफ़वाज का फ़रमान है।
5 Und das Wasser in den Seen wird vertrocknen, dazu der Strom wird versiegen und verschwinden.
और दरिया का पानी सूख जाएगा, और नदी ख़ुश्क और ख़ाली हो जाएगी।
6 Und die Wasser werden verlaufen, daß die Seen an Dämmen werden geringe und trocken werden, beide Rohr und Schilf verwelken,
और नाले बदबू हो जाएँगे, और मिस्र की नहरें ख़ाली होंगी और सूख जाएँगी, और बेद और ने मुरझा जाएँगे।
7 und das Gras an den Wassern verstieben, und alle Saat am Wasser wird verwelken und zunichte werden.
दरिया-ए-नील के किनारे की चरागाहें और वह सब चीज़ें जो उसके आस — पास बोई जाती हैं मुरझा जायेंगी और बिल्कुल बर्बाद — ओ — हलाक हो जाएँगी।
8 Und die Fischer werden trauern; und alle die, so Angel ins Wasser werfen, werden klagen, und die, so Netze auswerfen aufs Wasser, werden betrübt sein.
तब माहीगीर मातम करेंगे, और वह सब जो दरिया-ए-नील में शस्त डालते हैं ग़मगीन होंगे; और पानी में जाल डालने वाले बहुत बेताब हो जाएँगे।
9 Es werden mit Schanden bestehen, die da gute Garne wirken und Netze stricken.
और सन झाड़ने और कतान बुननेवाले घबरा जाएँगे।
10 Und die da Hälter haben, samt allen, die Teiche um Lohn machen, werden bekümmert sein.
हाँ उसके अरकान शिकस्ता और तमाम मज़दूर रंजीदा ख़ातिर होंगे
11 Die Fürsten zu Zoan sind Toren, die weisen Räte Pharaos sind im Rat zu Narren worden. Was sagt ihr doch von Pharao: Ich bin der Weisen Kind und komme von alten Königen her?
जुअन के शहज़ादे बिल्कुल बेवक़ूफ़ हैं फ़िर'औन के सबसे 'अक़्लमन्द सलाहकारों की मश्वरत वहशियाना ठहरी। फिर तुम क्यूँकर फ़िर'औन से कहते हो, कि मैं 'अक़्लमन्दों का फ़र्ज़न्द और शाहान — ए — क़दीम की नसल हूँ?
12 Wo sind denn nun deine Weisen? Laß sie dir's verkündigen und anzeigen, was der HERR Zebaoth über Ägypten beschlossen hat.
अब तेरे 'अक़्लमन्द कहाँ है? वह तुझे ख़बर दें, अगर वह जानते होते कि रब्ब — उल — अफ़वाज ने मिस्र के हक़ में क्या इरादा किया है।
13 Aber die Fürsten zu Zoan sind zu Narren worden, die Fürsten zu Noph sind betrogen; sie verführen samt Ägypten den Eckstein der Geschlechter.
जुअन के शहज़ादे बेवक़ूफ़ बन गए हैं, नूफ़ के शहज़ादों ने धोखा खाया और जिन पर मिस्री क़बाइल का भरोसा था उन्हीं ने उनको गुमराह किया।
14 Denn der HERR hat einen Schwindelgeist unter sie ausgegossen, daß sie Ägypten verführen in all ihrem Tun, wie ein Trunkenbold taumelt, wenn er speiet.
ख़ुदावन्द ने कजरवी की रूह उनमें डाल दी है और उन्होंने मिस्रियों को उनके सब कामों में उस मतवाले की तरह भटकाया जो उलटी करते हुए डगमगाता है।
15 Und Ägypten wird nichts haben das Haupt oder Schwanz, Ast oder Stumpf zeuge.
और मिस्रियों का कोई काम न होगा, जो सिर या दुम या ख़ास — ओ — 'आम कर सके।
16 Zu der Zeit wird Ägypten sein wie Weiber und sich fürchten und erschrecken, wenn der HERR Zebaoth die Hand über sie weben wird.
उस वक़्त रब्ब — उल — अफ़वाज के हाथ चलाने से जो वह मिस्र पर चलाएगा, मिस्री 'औरतों की तरह हो जायेंगे, और हैबतज़दह और परेशान होंगे।
17 Und Ägypten wird sich fürchten vor dem Lande Juda, daß, wer desselbigen gedenkt, wird davor erschrecken, über dem Rat des HERRN Zebaoth, den er über sie beschlossen hat.
तब यहूदाह का मुल्क मिस्र के लिए दहशत नाक होगा, हर एक जिससे उसका ज़िक्र हो ख़ौफ़ खाएगा; उस इरादे की वजह से जो रब्ब — उल — अफ़वाज ने उनके ख़िलाफ़ कर रख्खा है।
18 Zu der Zeit werden fünf Städte in Ägyptenland reden nach der Sprache Kanaans und schwören bei dem HERRN Zebaoth. Eine wird heißen Irheres.
उस रोज़ मुल्क — ए — मिस्र में पाँच शहर होंगे जो कना'नी ज़बान बोलेंगे, और रब्ब — उल — अफ़वाज की क़सम खाएँगे; उनमें से एक का नाम शहर — ए — आफ़ताब होगा।
19 Zur selbigen Zeit wird des HERRN Altar mitten in Ägyptenland sein und ein Malstein des HERRN an den Grenzen,
उस वक़्त मुल्क — ए — मिस्र के वस्त में ख़ुदावन्द का एक मज़बह और उसकी सरहद पर ख़ुदावन्द का एक सुतून होगा।
20 welcher wird ein Zeichen und Zeugnis sein dem HERRN Zebaoth in Ägyptenland. Denn sie werden zum HERRN schreien vor den Beleidigern; so wird er ihnen senden einen Heiland und Meister, der sie errette.
और वह मुल्क — ए — मिस्र में रब्ब — उल — अफ़वाज के लिए निशान और गवाह होगा; इसलिए कि वह सितमगरों के ज़ुल्म से ख़ुदावन्द से फ़रियाद करेंगे, और वह उनके लिए रिहाई देने वाला और हामी भेजेगा, और वह उनको रिहाई देगा।
21 Denn der HERR wird den Ägyptern bekannt werden; und die Ägypter werden den HERRN kennen zu der Zeit und werden ihm dienen mit Opfer und Speisopfer und werden dem HERRN geloben und halten.
और ख़ुदावन्द अपने आपको मिस्रियों पर ज़ाहिर करेगा और उस वक़्त मिस्री ख़ुदावन्द को पहचानेंगे, और ज़बीहे और हदिये पेश करेंगे; हाँ, वह ख़ुदावन्द के लिए मिन्नत माँनेंगे और अदा करेंगे।
22 Und der HERR wird die Ägypter plagen und heilen; denn sie werden sich bekehren zum HERRN; und er wird sich erbitten lassen und sie heilen.
और ख़ुदावन्द मिस्रियों को मारेगा, मारेगा और शिफ़ा बख़्शेगा; और वह ख़ुदावन्द की तरफ़ रूजू' लाएँगे और वह उनकी दुआ सुनेगा, और उनको सेहत बख़्शेगा।
23 Zu der Zeit wird eine Bahn sein von Ägypten in Assyrien, daß die Assyrer in Ägypten und die Ägypter in Assyrien kommen, und die Ägypter samt den Assyrern Gott dienen.
उस वक़्त मिस्र से असूर तक एक शाह — ए — राह होगी और असूरी मिस्र में आएँगें और मिस्री असूर को जाएँगे, मिस्री असूरियों के साथ मिलकर इबादत करेंगे।
24 Zu der Zeit wird Israel selbdritte sein mit den Ägyptern und Assyrern durch den Segen, so auf Erden sein wird.
तब इस्राईल मिस्र और असूर के साथ तीसरा होगा, और इस ज़मीन पर बरकत का ज़रिए' आ ठहरेगा।
25 Denn der HERR Zebaoth wird sie segnen und sprechen: Gesegnet bist du, Ägypten, mein Volk, und du, Assur, meiner Hände Werk, und du, Israel, mein Erbe!
क्यूँकि रब्ब — उल — अफ़वाज उनको बरकत बख़्शेगा और फ़रमाएगा मुबारक हो मिस्री मेरी उम्मत असूर मेरे हाथ की सन'अत और इस्राईल मेरी मीरास।

< Jesaja 19 >