< 5 Mose 28 >
1 Und wenn du der Stimme des HERRN, deines Gottes, gehorchen wirst, daß du haltest und tust alle seine Gebote, die ich dir heute gebiete, so wird dich der HERR, dein Gott, das höchste machen über alle Völker auf Erden,
अब भविष्य यह होगा, कि यदि तुम सावधानीपूर्वक याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी रहोगे, जो आदेश मैं आज तुम्हें सौंप रहा हूं, याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें पृथ्वी के सारे राष्ट्रों से अति महान बनाए रखेंगे.
2 und werden über dich kommen alle diese Segen und werden dich treffen, darum daß du der Stimme des HERRN, deines Gottes, bist gehorsam gewesen.
तुम इन सभी सुख समृद्धि से अभिभूत हो जाओगे, ये तुम तक पहुंच जाएंगी, सिर्फ यदि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारी बने रहोगे:
3 Gesegnet wirst du sein in der Stadt, gesegnet auf dem Acker.
याहवेह तुम्हारे नगरों और खेतों को आशीष प्रदान करेंगे.
4 Gesegnet wird sein die Frucht deines Leibes, die Frucht deines Landes und die Frucht deines Viehes und die Früchte deiner Ochsen und die Früchte deiner Schafe.
याहवेह तुम्हारे बच्चों को आशीर्वाद देंगे. वे तुम्हारी भूमि की फसल आशीषित होगी, और तुम्हारे जानवरों के बच्चे आशीषित होंगे.
5 Gesegnet wird sein, dein Korb und dein Übriges.
आशीषित रहेगी तुम्हारी टोकरी और तुम्हारा आटा गूंथने का कटोरा.
6 Gesegnet wirst du sein, wenn du ein gehest, gesegnet, wenn du ausgehest.
आशीषित रहोगे तुम, जब तुम कुछ करोगे और धन्य रहोगे तुम, जब तुम लौटकर आओगे.
7 Und der HERR wird deine Feinde, die sich wider dich auflehnen, vor dir schlagen; durch einen Weg sollen sie ausziehen wider dich und durch sieben Wege vor dir fliehen.
याहवेह तुम्हारे उठे हुए शत्रुओं को हराने की योजना करेंगे; वे एक मार्ग से तुम पर हमला करने तो आएंगे. मगर तुम्हारे सामने भागते हुए सात दिशाओं में बिखर जाएंगे.
8 Der HERR wird gebieten dem Segen, daß er mit dir sei in deinem Keller und in allem, das du vornimmst, und wird dich segnen in dem Lande, das dir der HERR, dein Gott, gegeben hat.
याहवेह तुम्हारे अन्नभण्डारों को, तुम्हारे हर एक उपक्रम को और उस देश को, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें प्रदान कर रहे हैं, समृद्धि का आदेश देंगे.
9 Der HERR wird dich ihm zum heiligen Volk aufrichten, wie er dir geschworen hat, darum daß du die Gebote des HERRN, deines Gottes, hältst und wandelst in seinen Wegen,
याहवेह तुम्हें अपने ही लिए पवित्र प्रजा-स्वरूप प्रतिष्ठित करेंगे; जैसी प्रतिज्ञा वह तुमसे खुद कर चुके हैं, यदि तुम याहवेह अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करते हुए उनकी नीतियों का पालन करते रहोगे.
10 daß alle Völker auf Erden werden sehen, daß du nach dem Namen des HERRN genennet bist, und werden sich vor dir fürchten.
परिणामस्वरूप सारी पृथ्वी के लोग इस बात के गवाह होंगे कि तुम वह प्रजा हो, जिसका सम्मान याहवेह के नाम से है. इससे उन पर तुम्हारा आतंक स्थापित हो जाएगा.
11 Und der HERR wird machen, daß du Überfluß an Gütern haben wirst, an der Frucht deines Leibes, an der Frucht deines Viehes, an der Frucht deines Ackers, auf dem Lande, das der HERR deinen Vätern geschworen hat, dir zu geben.
याहवेह, तुम्हारी संतान में, तुम्हारे पशुओं की सन्तति में और तुम्हारी भूमि के उत्पाद में, तुम्हारी समृद्धि को उस देश में, जो याहवेह ने तुम्हारे पूर्वजों को देने की प्रतिज्ञा की थी, पूरा करेंगे.
12 Und der HERR wird dir seinen guten Schatz auftun, den Himmel, daß er deinem Lande Regen gebe zu seiner Zeit, und daß er segne alle Werke deiner Hände. Und du wirst vielen Völkern leihen, du aber wirst von niemand borgen.
याहवेह अपने बड़े भंडार को तुम्हारे लिए उपलब्ध कर देंगे; आकाश अपनी तय ऋतु में भूमि पर वृष्टि करेगा, तुम्हारे सारे काम सफल होंगे और तुम अनेक राष्ट्रों को ऋण दोगे, मगर खुद तुम्हें किसी से ऋण लेने की ज़रूरत न होगी.
13 Und der HERR wird dich zum Haupt machen und nicht zum Schwanz, und wirst oben schweben und nicht unten liegen, darum daß du gehorsam bist den Geboten des HERRN, deines Gottes, die ich dir heute gebiete, zu halten und zu tun,
याहवेह तुम्हें सबसे ऊंचा ही बनाए रखेंगे, पूंछ नहीं; तुम ऊंचाई पर ही रहोगे, अधीन कभी नहीं, यदि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करोगे, जो आज मैं तुम्हें सौंप रहा हूं; कि तुम सावधानीपूर्वक उनका पालन करते रहो,
14 und daß du nicht weichest von irgend einem Wort, das ich euch heute gebiete, weder zur Rechten noch zur Linken, damit du andern Göttern nachwandelst, ihnen zu dienen.
कि तुम इनसे, इनमें से किसी के मर्म से ज़रा भी विचलित न होओ, और पराए देवताओं की उपासना-सेवा में लीन हो जाओ.
15 Wenn du aber nicht gehorchen wirst der Stimme des HERRN, deines Gottes, daß du haltest und tust alle seine Gebote und Rechte, die ich dir heute gebiete, so werden alle diese Flüche über dich kommen und dich treffen.
मगर यदि स्थिति यह हो जाए, कि आज तुम मेरे द्वारा दिए जा रहे, याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों और नियमों का पालन न करो, तो ये सारे शाप तुम्हें आ घेरेंगे, और तुम पर प्रभावी हो जाएंगे:
16 Verflucht wirst du sein in der Stadt, verflucht auf dem Acker.
तुम अपने नगर में शापित होंगे, तुम अपने देश में शापित होंगे.
17 Verflucht wird sein dein Korb und dein übriges.
शापित होंगी तुम्हारी टोकरी और तुम्हारे गूंथने का पात्र.
18 Verflucht wird sein die Frucht deines Leibes, die Frucht deines Landes, die Frucht deiner Ochsen und die Frucht deiner Schafe.
शापित होंगी तुम्हारी अपनी संतान, तुम्हारी भूमि की उपज, तुम्हारे पशुओं और भेड़ों की वृद्धि.
19 Verflucht wirst du sein, wenn du eingehest, verflucht, wenn du ausgehest.
शापित होगा तुम्हारा कूच और तुम्हारा लौटकर आना.
20 Der HERR wird unter dich senden Unfall, Unrat und Unglück in allem, das du vor die Hand nimmst, daß du tust, bis du vertilget werdest und bald untergehest um deines bösen Wesens willen, daß du mich verlassen hast.
तुम्हारे सारे कामों में तुम्हारे कामों के दुराचार और तुम्हारे द्वारा याहवेह का त्याग किए जाने के कारण याहवेह तुम पर शाप, डर और कुंठा डाल देंगे, कि तुम नाश हो जाओ और तेजी से तुम्हारा विनाश हो जाए.
21 Der HERR wird dir die Sterbedrüse anhängen, bis daß er dich vertilge in dem Lande, dahin du kommst, dasselbe einzunehmen.
याहवेह तुम पर महामारी सम्बद्ध कर देंगे, जब तक वह तुम्हें उस देश से नाश न कर दें, जिसमें अधिकार करने के लिये तुम उसमें प्रवेश कर रहे हो.
22 Der HERR wird dich schlagen mit Schwulst, Fieber, Hitze, Brunst, Dürre, giftiger Luft und Gelbsucht und wird dich verfolgen, bis er dich umbringe.
याहवेह तुम पर क्षय रोग, बुखार, सूजन, बड़ी जलन और तलवार का प्रहार प्रभावी करेंगे, जब तक तुम मिट न जाओ.
23 Dein Himmel, der über deinem Haupt ist, wird ehern sein, und die Erde unter dir eisern.
तुम्हारे सिर के ऊपर विशाल आकाश कांसे और पांवों के नीचे की धरती लोहा हो जाएगी.
24 Der HERR wird deinem Lande Staub und Asche für Regen geben vom Himmel auf dich, bis du vertilget werdest.
याहवेह, तुम पर बालू और धूल की बारिश करेंगे; ये आकाश से तुम पर ये तब तक बरसते रहेंगे जब तक तुम नाश न हो जाओ.
25 Der HERR wird dich vor deinen Feinden schlagen. Durch einen Weg wirst du zu ihnen ausziehen, und durch sieben Wege wirst du vor ihnen fliehen; und wirst zerstreuet werden unter alle Reiche auf Erden.
याहवेह, ऐसा करेंगे, कि तुम अपने शत्रुओं द्वारा हरा दिए जाओगे. उन पर हमला करने तो तुम एक मार्ग से जाओगे, मगर तुम सात दिशाओं में पलायन करोगे. सारी पृथ्वी के राज्यों के लिए तुम आतंक का पर्याय हो जाओगे.
26 Dein Leichnam wird eine Speise sein allem Gevögel des Himmels und allem Tier auf Erden; und niemand wird sein, der sie scheucht.
तुम्हारे शव आकाश के सारे पक्षियों और पृथ्वी के पशुओं का आहार हो जाएंगे और उन्हें खदेड़ने के लिए वहां कोई भी न रहेगा.
27 Der HERR wird dich schlagen mit Drüsen Ägyptens, mit Feigwarzen, mit Grind und Krätze, daß du nicht kannst heil werden.
मिस्र देश के समान याहवेह तुम पर फोड़ों, बतौरियों का वार करेंगे और उसके अलावा चकत्ते और खुजली का भी, जिनसे तुम्हें छुड़ौती प्राप्त हो ही न सकेगी.
28 Der HERR wird dich schlagen mit Wahnsinn, Blindheit und Rasen des Herzens;
याहवेह तुम पर पागलपन, अंधेपन और हृदय की घबराहट का वार कर देंगे.
29 und wirst tappen im Mittag, wie ein Blinder tappet im Dunkeln; und wirst auf deinem Wege kein Glück haben und wirst Gewalt und Unrecht leiden müssen dein Leben lang; und niemand wird dir helfen.
परिणामस्परूप तुम दिन-दोपहरी टटोलते रहोगे, जिस प्रकार अंधा टटोलता रहता है. तुम्हारे कामों से तुम्हें कोई लाभ न मिलेगा, बल्कि तुम लगातार उत्पीड़ित भी किए जाओगे और लूटते जाओगे, मगर वहां तुम्हारी रक्षा के लिए कोई भी न रह जाएगा.
30 Ein Weib wirst du dir vertrauen lassen, aber ein anderer wird bei ihr schlafen. Ein Haus wirst du bauen, aber du wirst nicht drinnen wohnen. Einen Weinberg wirst du pflanzen, aber du wirst ihn nicht gemein machen.
जिस कन्या से तुम्हारी सगाई होगी, कोई अन्य पुरुष शीलभंग करेगा; तुम अपने घर का निर्माण तो करोगे, मगर उसमें निवास न कर सकोगे. तुम अंगूर के बगीचे तो लगाओगे मगर अंगूरों का उपभोग न कर सकोगे.
31 Dein Ochse wird vor deinen Augen geschlachtet werden, aber du wirst nicht davon essen. Dein Esel wird vor deinem Angesicht mit Gewalt genommen und dir nicht wiedergegeben werden. Dein Schaf wird deinen Feinden gegeben werden, und niemand wird dir helfen.
तुम्हारे बछड़े का वध तुम्हारे सामने तो होगा मगर तुम उसका उपभोग न कर सकोगे. तुम्हारा गधा तुमसे छीन लिया जाएगा. और तुम उसे पुनः प्राप्त न कर सकोगे. तुम्हारी भेड़ें तुम्हारे शत्रुओं की संपत्ति हो जाएंगी और कोई भी तुम्हारी रक्षा के लिए वहां न रहेगा.
32 Deine Söhne und deine Töchter werden einem andern Volk gegeben werden, daß deine Augen zusehen und verschmachten über ihnen täglich, und wird keine Stärke in deinen Händen sein.
तुम्हारे पुत्र-पुत्रियां तुम्हारे देखते-देखते बंधुआई में चले जाएंगे और तुम हमेशा उनकी लालसा करते रह जाओगे, मगर इसके लिए तुम कुछ भी न कर सकोगे.
33 Die Früchte deines Landes und alle deine Arbeit wird ein Volk verzehren, das du nicht kennest; und wirst Unrecht leiden und zerstoßen werden dein Leben lang.
तुम्हारी भूमि का उत्पाद विदेशियों का आहार हो जाएगा और तुम आजीवन उत्पीड़ित और दमित किए जाते रहोगे.
34 Und wirst unsinnig werden vor dem, das deine Augen sehen müssen.
तुम्हारे सामने जो कुछ आएगा उसे देख तुम विक्षिप्त हो जाओगे.
35 Der HERR wird dich schlagen mit einer bösen Drüse an den Knieen und Waden, daß du nicht kannst geheilet werden, von den Fußsohlen an bis auf die Scheitel.
याहवेह तुम्हारे पैरों और घुटनों में ऐसे पीड़ादायक फोड़े उत्पन्न कर देंगे, जिनसे तुम स्वस्थ नहीं हो सकोगे, वस्तुतः तुम सिर से पांव तक घावों से भर जाओगे.
36 Der HERR wird dich und deinen König, den du über dich gesetzt hast, treiben unter ein Volk, das du nicht kennest noch deine Väter; und wirst daselbst dienen andern Göttern, Holz und Steinen.
याहवेह तुम्हें और उस राजा को, जो तुम्हारे द्वारा प्रतिष्ठित किया गया होगा, एक ऐसे राष्ट्र में भेज देंगे, जिसे न तो तुम जानते हो और न ही जिसे तुम्हारे पूर्वजों ने जाना था. उस राष्ट्र में तुम काठ और पत्थर की मूर्तियों की सेवा-उपासना करोगे.
37 Und wirst ein Scheusal und ein Sprichwort und Spott sein unter allen Völkern, da dich der HERR hingetrieben hat.
तब तुम उन लोगों के बीच, जिनके बीच में याहवेह तुम्हें हकाल देंगे, भय, लोकोक्ति और उपहास का विषय होकर रह जाओगे.
38 Du wirst viel Samens ausführen auf das Feld und wenig einsammeln; denn die Heuschrecken werden's abfressen.
तुम विपुल बीज बोओगे, मगर फसल काटने के अवसर पर तुम बहुत अल्प एकत्र कर सकोगे, क्योंकि टिड्डियां इसे चट कर जाएंगी.
39 Weinberge wirst du pflanzen und bauen, aber keinen Wein trinken noch lesen; denn die Würmer werden's verzehren.
तुम द्राक्षा उद्यानों का रोपण और कृषि ज़रूर करोगे, मगर तुम न तो द्राक्षा एकत्र कर सकोगे और न ही द्राक्षारस का सेवन कर सकोगे, इन्हें कीट चट कर जाएंगे.
40 Ölbäume wirst du haben in allen deinen Grenzen, aber du wirst dich nicht salben mit Öl; denn dein Ölbaum wird ausgerissen werden.
तुम्हारे देश की सारी सीमा में ज़ैतून वृक्ष तो होंगे, मगर तुम ज़ैतून तेल का प्रयोग अभ्यंजन के लिए नहीं कर सकोगे, क्योंकि ज़ैतून फलों का अवपात हो जाएगा.
41 Söhne und Töchter wirst du zeugen und doch nicht haben; denn sie werden gefangen weggeführt werden.
तुम्हारे पुत्र-पुत्रियां पैदा ज़रूर होंगे, मगर वे तुम्हारे होकर न रह सकेंगे, क्योंकि उन्हें बन्दीत्व में ले जाया जाएगा.
42 Alle deine Bäume und Früchte deines Landes wird das Ungeziefer fressen.
कीट तुम्हारे सारे वृक्षों और भूमि की उपज में समा जाएंगे.
43 Der Fremdling, der bei dir ist, wird über dich steigen und immer oben schweben; du aber wirst heruntersteigen und immer unterliegen.
तुम्हारे बीच प्रवास कर रहा विदेशी तुमसे अधिक उन्नत होता जाएगा, मगर खुद तुम्हारा ह्रास ही ह्रास होता चला जाएगा.
44 Er wird dir leihen, du aber wirst ihm nicht leihen; er wird das Haupt sein, und du wirst der Schwanz sein.
वह विदेशी ही तुम्हें ऋण देने की स्थिति में होगा, मगर तुम उसे ऋण देने की स्थिति में न रहोगे. वह तो शीर्ष पर पहुंच जाएगा, मगर तुम निम्नतम स्तर पर रह जाओगे.
45 Und werden alle diese Flüche über dich kommen und dich verfolgen und treffen, bis du vertilget werdest, darum daß du der Stimme des HERRN, deines Gottes, nicht gehorchet hast, daß du seine Gebote und Rechte hieltest, die er dir geboten hat.
इस प्रकार ये सारे शाप तुम पर प्रभावी हो जाएंगे, तुम्हारा पीछा करते रहेंगे, तुम्हें पकड़ लेंगे, कि तुम पूरी तरह नाश हो जाओ, क्योंकि तुमने याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों का पालन नहीं किया, उनके अध्यादेशों को पूरा नहीं किया, जो खुद उन्हीं ने तुम्हें प्रदान किए हैं.
46 Darum werden Zeichen und Wunder an dir sein und an deinem Samen ewiglich,
ये शाप तुम्हारे और तुम्हारे वंशजों के लिए चिन्ह और अलौकिक घटनाएं होकर रह जाएंगे.
47 daß du dem HERRN, deinem Gott, nicht gedienet hast mit Freude und Lust deines Herzens, da du allerlei genug hattest.
इसलिये कि तुमने इन सारी समृद्धि के लिए याहवेह, अपने परमेश्वर की वंदना न तो सहर्ष भाव में की और न सच्चे हृदय के साथ,
48 Und wirst deinem Feinde, den dir der HERR zuschicken wird, dienen in Hunger und Durst, in Blöße und allerlei Mangel, und er wird ein eisern Joch auf deinen Hals legen, bis daß er dich vertilge.
इसलिये तुम याहवेह द्वारा उत्प्रेरित अपने शत्रुओं के सेवक होकर रह जाओगे; जब तुम भूख, प्यास, नंगाई और सब प्रकार के अभाव की स्थिति में रहोगे. याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हारी गर्दन पर लोहे का जूआ तब तक रखे रहेंगे, जब तक वह तुम्हें नाश न कर दें.
49 Der HERR wird ein Volk über dich schicken von ferne, von der Welt Ende, wie ein Adler fleugt, des Sprache du nicht verstehest,
याहवेह दूरस्त देश को तुम पर हमला के लिए प्रेरित करेंगे; हां, पृथ्वी के छोर से, जिस प्रकार गरुड़ झपटता है, वह ऐसा राष्ट्र होगा, जिसकी भाषा तुम समझ नहीं पाओगे,
50 ein frech Volk, das nicht ansiehet die Person des Alten noch schonet der Jünglinge;
वह रौद्र स्वरूप राष्ट्र होगा. उसके हृदय में न तो वृद्धों के प्रति सम्मान होगा, न बालकों के प्रति करुणा.
51 und wird verzehren die Frucht deines Viehes und die Frucht deines Landes, bis du vertilget werdest; und wird dir nichts überlassen an Korn, Most, Öl, an Früchten der Ochsen und Schafe, bis daß dich's umbringe;
इसके अलावा वह राष्ट्र तब तक तुम्हारे पशुओं के बच्चों और भूमि की उपज का उपभोग करता रहेगा, जब तक तुम नाश न हो जाओ. अर्थात् वह राष्ट्र तुम्हारे उपभोग के लिए न तो अन्न छोड़ेगा, न नया द्राक्षारस न नया तेल, न तुम्हारे पशुओं की सन्तति और न ही भेड़ों के मेमने, जिससे तुम नाश हो ही जाओगे.
52 und wird dich ängsten in allen deinen Toren, bis daß es niederwerfe deine hohen und festen Mauern, darauf du dich verlässest, in all deinem Lande; und wirst geängstet werden in allen deinen Toren, in deinem ganzen Lande, das dir der HERR, dein Gott, gegeben hat.
वह राष्ट्र तुम्हारे सारे नगरों में की घेराबंदी कर लेगा और उसके हमला के परिणामस्वरूप वे उस पूरे देश में, जो तुम्हें याहवेह तुम्हारे परमेश्वर द्वारा प्रदान किया गया था, जिन शहरपनाहों पर तुम्हें पूरा भरोसा रहा था, भंग कर देंगे.
53 Du wirst die Frucht deines Leibes fressen, das Fleisch deiner Söhne und deiner Töchter, die dir der HERR, dein Gott, gegeben hat, in der Angst und Not, damit dich dein Feind drängen wird;
शत्रुओं द्वारा की गई घेराबंदी और उसके द्वारा दी गई प्रताड़ना के कारण तुम अपनी निज संतान को खाने लगोगे, तुम्हारे अपने पुत्र-पुत्रियों के मांस को, जो तुम्हें याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर द्वारा प्रदान किए गए हैं.
54 daß ein Mann, der zuvor sehr zärtlich und in Lüsten gelebt hat unter euch, wird seinem Bruder und dem Weibe in seinen Armen und dem Sohn, der noch übrig ist von seinen Söhnen, vergönnen,
उस समय वह व्यक्ति, जो तुम्हारे बीच में बहुत शालीन और संवेदनशील माना जाता है, वही अपने सहनागरिकों, अपनी प्रिय पत्नी और अपनी शेष संतान के प्रति निर्मम हो जाएगा,
55 zu geben jemand unter ihnen von dem Fleisch seiner Söhne, das er frisset, sintemal ihm nichts übrig ist von allem Gut, in der Angst und Not, damit dich dein Feind drängen wird in allen deinen Toren.
वह अपनी संतान के मांस में से किसी को कुछ न देगा, क्योंकि अभाव इतना ज्यादा हो जाएगा. ऐसी भयावह हो जाएगी वह स्थिति, जब तुम्हारे वे शत्रु तुम्हारे सारे नगरों में तुम पर अत्याचार करते रहें.
56 Ein Weib unter euch, das zuvor zärtlich und in Lüsten gelebt hat, daß sie nicht versucht hat, ihre Fußsohlen auf die Erde zu setzen vor Zärtlichkeit und Wollust, die wird dem Mann in ihren Armen und ihrem Sohn und ihrer Tochter vergönnen
तुम्हारे बीच वह स्त्री, जो बहुत शालीन और सुकुमारी मानी जाती है, जो इतनी परिष्कृत और सुकुमारी है, कि वह अपने पांव तक भूमि पर नहीं पड़ने देती, वही अपने प्रिय पति और पुत्र-पुत्री के प्रतिकूल हो जाएगी.
57 die Aftergeburt, die zwischen ihren eigenen Beinen ist ausgegangen, dazu ihre Söhne, die sie geboren hat; denn sie werden sie vor allerlei Mangel heimlich essen, in der Angst und Not, damit dich dein Feind drängen wird in deinen Toren.
वह उन्हें न तो अपने गर्भ की ममता दिखाएगी और न नवजात शिशु की, क्योंकि शत्रुओं द्वारा घेरे गए तुम्हारे नगर की स्थिति ऐसी शोचनीय हो चुकी होगी, कि वह खुद इन्हें छिप-छिप कर खाती रहना चाहेगी.
58 Wo du nicht wirst halten, daß du tust alle Worte dieses Gesetzes, die in diesem Buch geschrieben sind, daß du fürchtest diesen herrlichen und schrecklichen Namen, den HERRN, deinen Gott,
यदि तुम इस व्यवस्था में लिखित विधि के सब वचनों का पालन के प्रति सावधान न रहोगे, इस सम्मान्य और उदात्त नाम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के प्रति श्रद्धा न रखो,
59 so wird der HERR wunderlich mit dir umgehen, mit Plagen auf dich und deinen Samen, mit großen und langwierigen Plagen, mit bösen und langwierigen Krankheiten,
तब याहवेह तुम पर और तुम्हारे वंशजों पर अभूतपूर्व महामारियां ले आएंगे. ये महामारियां बहुत पीड़ादायी और स्थायी प्रकृति की और चिरकालिक और दयनीय व्याधियां होंगी.
60 und wird dir zuwenden alle Seuche Ägyptens, davor du dich fürchtest, und werden dir anhangen.
याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर मिस्र देश पर प्रभावी की गई सारी व्याधियां तुम पर प्रभावी कर देंगे, जो तुम्हारे लिए भयावह बनी हुई थीं, वे तुम पर संलग्न हो जाएंगी.
61 Dazu alle Krankheit und alle Plage, die nicht geschrieben sind in dem Buch dieses Gesetzes, wird der HERR über dich kommen lassen, bis du vertilget werdest.
यहां तक कि वे सारी व्याधियां और वे सारी महामारियां, जिनका उल्लेख इस विधान अभिलेख में नहीं किया गया है, याहवेह तुम पर प्रभावी कर देंगे, कि तुम्हारा विनाश हो जाए.
62 Und wird euer wenig Pöbels überbleiben, die ihr vorhin gewesen seid wie die Sterne am Himmel nach der Menge, darum daß du nicht gehorchet hast der Stimme des HERRN, deines Gottes.
तब तुम्हारी गिनती कम रह जाएगी, जबकि एक समय तुम ऐसे अनगिनत थे, जैसे आकाश के तारे. कारण यह है, कि तुम याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के प्रति अनाज्ञाकारी हो गए थे.
63 Und wie sich der HERR über euch zuvor freute, daß er euch Gutes täte und mehrete euch, also wird er sich über euch freuen, daß er euch umbringe und vertilge; und werdet verstöret werden von dem Lande, da du jetzt einzeuchst, es einzunehmen.
जिस प्रकार एक समय याहवेह की तुष्टि तुम्हारे जनसंख्या के बढ़ने और समृद्धि में थी, उसी प्रकार याहवेह की तुष्टि होगी तुम्हें नाश कर देने और मिटा देने में. तुम जिस देश पर अधिकार करने के उद्देश्य से उसमें प्रवेश कर रहे हो, तुम वहां से निकाल दिए जाओगे.
64 Denn der HERR wird dich zerstreuen unter alle Völker, von einem Ende der Welt bis ans andere; und wirst daselbst andern Göttern dienen, die du nicht kennest noch deine Väter, Holz und Steinen.
इसके अलावा, याहवेह ही तुम्हें हर जगह बिखरा देंगे; पृथ्वी के एक छोर से अन्य छोर तक. वहां तुम पराए देवताओं—पत्थर और लकड़ी के देवताओं के सेवक बन जाओगे, तुम्हारे पूर्वजों से सर्वथा अज्ञात देवताओं के.
65 Dazu wirst du unter denselben Völkern kein bleibend Wesen haben, und deine Fußsohlen werden keine Ruhe haben. Denn der HERR wird dir daselbst ein bebendes Herz geben und verschmachtete Augen und verdorrete Seele,
इन जनताओं के बीच निवास करते हुए तुम्हें ज़रा भी शांति प्राप्त न होगी. मगर हां, वहां याहवेह तुम्हें एक चिंतित हृदय प्रदान करेंगे. तुम्हारी दृष्टि क्षीण होती जाएगी और तुममें साहस न रह जाएगा.
66 daß dein Leben wird vor dir schweben. Nacht und Tag wirst du dich fürchten und deines Lebens nicht sicher sein.
तुम हमेशा संशय की स्थिति में रहोगे, तुम दिन में और रात में आतंक से भरे रहोगे, तुम्हारे जीवन का कोई निश्चय न रह जाएगा.
67 Des Morgens wirst du sagen: Ach, daß ich den Abend erleben möchte! Des Abends wirst du sagen: Ach, daß ich den Morgen erleben möchte! vor Furcht deines Herzens, die dich schrecken wird, und vor dem, das du mit deinen Augen sehen wirst.
प्रातः तुम विचार करोगे, “उत्तम होगा यह प्रातः नहीं, संध्या होती!” वैसे ही तुम संध्याकाल में यह कामना करते रहोगे: “उत्तम होता कि यह प्रभात होता!” यह उस आतंक के कारण होगा, जिसने तुम्हें भर रखा है, उस दृश्य के कारण, जो तुम्हारे सामने छाया रहता है.
68 Und der HERR wird dich mit Schiffen voll wieder nach Ägypten führen durch den Weg, davon ich gesagt habe: Du sollst ihn nicht mehr sehen. Und ihr werdet daselbst euren Feinden zu Knechten und Mägden verkauft werden, und wird kein Käufer da sein.
याहवेह, जो तुम्हें जलयानों में मिस्र देश में लौटा ले जाएंगे; उस मार्ग से जिसके विषय में मैंने कहा था, अब तुम इसे फिर कभी न देखोगे. तब तुम वहां खुद को अपने शत्रुओं के सामने पुरुष और स्त्री, दास-दासियों स्वरूप बिकने के लिए प्रस्तुत कर दोगे, मगर तुम्हें वहां कोई खरीददार प्राप्त न होगा.