< 5 Mose 23 >

1 Es soll kein Zerstoßener noch Verschnittener in die Gemeine des HERRN kommen.
जिसके ख़ुसिये कुचले गए हों या आलत काट डाली गई हो, वह ख़ुदावन्द की जमा'अत में आने न पाए।
2 Es soll auch kein Hurenkind in die Gemeine des HERRN kommen, auch nach dem zehnten Glied, sondern soll schlecht nicht in die Gemeine des HERRN kommen.
कोई हरामज़ादा ख़ुदावन्द की जमा'अत में दाख़िल न हो, दसवीं नसल तक उसकी नसल में से कोई ख़ुदावन्द की जमा'अत में आने न पाए।
3 Die Ammoniter und Moabiter sollen nicht in die Gemeine des HERRN kommen, auch nach dem zehnten Glied, sondern sie sollen nimmermehr hineinkommen,
कोई 'अम्मोनी या मोआबी ख़ुदावन्द की जमा'अत में दाख़िल न हो, दसवीं नसल तक उनकी नसल में से कोई ख़ुदावन्द की जमा'अत में कभी आने न पाए;
4 darum daß sie euch nicht zuvorkamen mit Brot und Wasser auf dem Wege, da ihr aus Ägypten zoget, und dazu wider euch dingeten den Bileam den Sohn Beors von Pethor aus Mesopotamien, daß er dich verfluchen sollte.
इसलिए कि जब तुम मिस्र से निकल कर आ रहे थे तो उन्होंने रोटी और पानी लेकर रास्ते में तुम्हारा इस्तक़बाल नहीं किया, बल्कि ब'ओर के बेटे बल'आम को मसोपतामिया के फ़तोर से उजरत पर बुलवाया ताकि वह तुझ पर ला'नत करे।
5 Aber der HERR, dein Gott, wollte Bileam nicht hören und wandelte dir den Fluch in den Segen, darum daß dich der HERR, dein Gott, lieb hatte.
लेकिन ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने बल'आम की न सुनी, बल्कि ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा ने तेरे लिए उस ला'नत को बरकत से बदल दिया इसलिए कि ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा को तुझसे मुहब्बत थी।
6 Du sollst ihnen weder Glück noch Gutes wünschen dein Leben lang ewiglich.
तू अपनी ज़िन्दगी भर कभी उनकी सलामती या स'आदत की चाहत न रखना।
7 Den Edomiter sollst du nicht für Greuel halten; er ist dein Bruder. Den Ägypter sollst du auch nicht für Greuel halten; denn du bist ein Fremdling in seinem Lande gewesen.
तू किसी अदोमी से नफ़रत न रखना, क्यूँकि वह तेरा भाई है; तू किसी मिस्री से भी नफ़रत न रखना, क्यूँकि तू उसके मुल्क में परदेसी हो कर रहा था।
8 Die Kinder, die sie im dritten Gliede zeugen, sollen in die Gemeine des HERRN kommen.
उनकी तीसरी नसल के जो लड़के पैदा हों वह ख़ुदावन्द की जमा'अत में आने पाएँ।
9 Wenn du aus dem Lager gehest wider deine Feinde, so hüte dich vor allem Bösen.
जब तू अपने दुश्मनों से लड़ने के लिए दल बाँध कर निकले तो अपने को हर बुरी चीज़ से बचाए रखना।
10 Wenn jemand unter dir ist, der nicht rein ist, daß ihm des Nachts was widerfahren ist, der soll hinaus vor das Lager gehen und nicht wieder hineinkommen,
अगर तुम्हारे बीच कोई ऐसा आदमी हो जो रात को एहतिलाम की वजह से नापाक हो गया हो, तो वह खे़मागाह से बाहर निकल जाए और खे़मागाह के अन्दर न आए;
11 bis er vor Abends sich mit Wasser bade. Und wenn die Sonne untergegangen ist, soll er wieder ins Lager gehen.
लेकिन जब शाम होने लगे तो वह पानी से गु़स्ल करे, और जब आफ़ताब गु़रूब हो जाए तो ख़ेमागाह में आए।
12 Und du sollst außen vor dem Lager einen Ort haben, dahin du zur Not hinausgehest.
और ख़ेमागाह के बाहर तू कोई जगह ऐसी ठहरा देना, जहाँ तू अपनी हाजत के लिए जा सके;
13 Und sollst ein Schäuflein haben, und wenn du dich draußen setzen willst, sollst du damit graben; und wenn du gesessen bist, sollst du zuscharren, was von dir gegangen ist.
और अपने साथ अपने हथियारों में एक मेख़ भी रखना, ताकि जब बाहर तुझे हाजत के लिए बैठना हो तो उससे जगह खोद लिया करे और लौटते वक़्त अपने फुज़ले को ढाँक दिया करे।
14 Denn der HERR, dein Gott, wandelt unter deinem Lager, daß er dich errette, und gebe deine Feinde vor dir. Darum soll dein Lager heilig sein, daß keine Schande unter dir gesehen werde, und er sich von dir wende.
इसलिए कि ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा तेरी ख़ेमागाह में फिरा करता है ताकि तुझको बचाए, और तेरे दुश्मनों को तेरे हाथ में कर दे; इसलिए तेरी ख़ेमागाह पाक रहे, ऐसा न हो कि वह तुझमें नजासत को देख कर तुझ से फिर जाए।
15 Du sollst den Knecht nicht seinem HERRN überantworten, der von ihm zu dir sich entwandt hat.
अगर किसी का ग़ुलाम अपने आक़ा के पास से भाग कर तेरे पास पनाह ले, तो तू उसे उसके आक़ा के हवाले न कर देना;
16 Er soll bei dir bleiben an dem Ort, den er erwählet in deiner Tore einem ihm zu gut; und sollst ihn nicht schinden.
बल्कि वह तेरे साथ तेरे ही बीच तेरी बस्तियों में से, जो उसे अच्छी लगे उसे चुन कर उसी जगह रहे; इसलिए तू उसे हरगिज़ न सताना।
17 Es soll keine Hure sein unter den Töchtern Israels, und kein Hurer unter den Söhnen Israels.
इस्राईली लड़कियों में कोई फ़ाहिशा न हो, और न इस्राईली लड़कों में कोई लूती हो।
18 Du sollst keinen Hurenlohn noch Hundgeld in das Haus Gottes, deines HERRN, bringen aus irgend einem Gelübde; denn das ist dem HERRN, deinem Gott, beides ein Greuel.
तू किसी फ़ाहिशा की ख़र्ची या कुत्ते की मज़दूरी, किसी मिन्नत के लिए ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के घर में न लाना; क्यूँकि ये दोनों ख़ुदावन्द तेरे ख़ुदा के नज़दीक मकरूह हैं।
19 Du sollst an deinem Bruder nicht wuchern, weder mit Geld, noch mit Speise, noch mit allem, damit man wuchern kann.
तू अपने भाई को सूद पर क़र्ज़ न देना, चाहे वह रुपये का सूद हो या अनाज का सूद या किसी ऐसी चीज़ का सूद हो जो ब्याज पर दी जाया करती है।
20 An dem Fremden magst du wuchern, aber nicht an deinem Bruder, auf daß dich der HERR, dein Gott, segne in allem, das du vornimmst im Lande, dahin du kommst, dasselbe einzunehmen.
तू परदेसी को सूद पर क़र्ज़ दे तो दे, लेकिन अपने भाई को सूद पर क़र्ज़ न देना; ताकि ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा उस मुल्क में जिस पर तू क़ब्ज़ा करने जा रहा है, तेरे सब कामों में जिनको तू हाथ लगाए तुझको बरकत दे।
21 Wenn du dem HERRN, deinem Gott, ein Gelübde tust, so sollst du es nicht verziehen zu halten; denn der HERR, dein Gott, wird's von dir fordern, und wird dir Sünde sein.
जब तू ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा की ख़ातिर मिन्नत माने तो उसके पूरा करने में देर न करना, इसलिए कि ख़ुदावन्द तेरा ख़ुदा ज़रूर उसको तुझसे तलब करेगा तब तू गुनाहगार ठहरेगा।
22 Wenn du das Geloben unterwegen lässest, so ist dir's keine Sünde.
लेकिन अगर तू मिन्नत न माने तो तेरा कोई गुनाह नहीं।
23 Aber was zu deinen Lippen ausgegangen ist, sollst du halten und danach tun, wie du dem HERRN, deinem Gott, freiwillig gelobet hast, das du mit deinem Munde geredet hast.
जो कुछ तेरे मुँह से निकले उसे ध्यान कर के पूरा करना, और जैसी मिन्नत तूने ख़ुदावन्द अपने ख़ुदा के लिए मानी हो, उसके मुताबिक़ रज़ा की क़ुर्बानी जिसका वा'दा तेरी ज़बान से हुआ अदा करना।
24 Wenn du in deines Nächsten Weinberg gehest, so magst du der Trauben essen nach deinem Willen, bis du satt habest; aber du sollst nichts in dein Gefäß tun.
जब तू अपने पड़ोसी के ताकिस्तान में जाए, तो जितने अंगूर चाहे पेट भर कर खाना, लेकिन कुछ अपने बर्तन में न रख लेना।
25 Wenn du in die Saat deines Nächsten gehest, so magst du mit der Hand Ähren abrupfen; aber mit der Sichel sollst du nicht drinnen hin und her fahren.
जब तू अपने पड़ोसी के खड़े खेत में जाए, तो अपने हाथ से बालें तोड़ सकता है लेकिन अपने पड़ोसी के खड़े खेत को हँसुआ न लगाना।

< 5 Mose 23 >