< Markus 1 >

1 Anfang des Evangeliums von Jesus Christus: Wie geschrieben steht in dem Propheten Jesaias:
परमेश्वर को बेटा यीशु मसीह को सुसमाचार की सुरूवात।
2 Siehe, ich sende meinen Boten vor dir her, der soll dir den Weg bereiten;
जसो की यशायाह भविष्यवक्ता की किताब म लिख्यो हय “परमेश्वर न कह्यो, ‘मय तोरो आगु अपनो दूत ख भेजूं, ऊ तोरो लायी रस्ता तैयार करेंन।’
3 hört, wie es ruft in der Wüste: bereitet den Weg des Herrn, macht eben seine Pfade.
जंगल म एक पुकारन वालो को आवाज सुनायी दे रह्यो हय कि ‘प्रभु को रस्ता तैयार करो, अऊर ओकी सड़के सीधी करो!’”
4 So trat auf Johannes der Täufer in der Wüste, und verkündete eine Taufe der Buße zu Sündenvergebung.
येकोलायी यूहन्ना बपतिस्मा देन वालो सुनसान जागा म बपतिस्मा अऊर शिक्षा देतो हुयो लोगों सी कह्यो, अपनो पापों सी दूर रहो अऊर माफी लायी। “मन फिराव को बपतिस्मा लेवो, अऊर परमेश्वर तुम्हरो पापों ख माफ करेंन।”
5 Uns es zog zu ihm hinaus das ganze judäische Land und die Jerusalemiten alle, und ließen sich von ihm taufen im Jordanfluß, indem sie ihre Sünden bekannten.
सब यहूदिया प्रदेश को अऊर यरूशलेम नगर को सब रहन वालो लोग निकल क यूहन्ना को जवर गयो। अऊर उन्न अपनो पापों ख मान क, यरदन नदी म ओको सी बपतिस्मा लेन लग्यो।
6 Und Johannes war gekleidet in Kamelshaar mit einem ledernen Gürtel um seine Lende, und aß Heuschrecken und wilden Honig.
यूहन्ना ऊंट को बाल को कपड़ा पहिन्यो अऊर अपनी कमर म चमड़ा को पट्टा बान्ध्यो रहत होतो, अऊर टिड्डियां अऊर जंगली शहेद खात होतो।
7 Und er verkündete: es kommt nach mir, der stärker ist als ich, für den ich nicht gut genug bin mich zu bücken und ihm den Schuhriemen zu lösen.
अऊर ऊ यो प्रचार करत होतो, “मोरो बाद ऊ आवन वालो हय, जो मोरो सी शक्तिमान हय। मय त यो लायक नहाय की झुक क ओको चप्पल को बन्ध निकाल सकू।
8 Ich habe euch mit Wasser getauft, er aber wird euch mit heiligem Geiste taufen.
मय न त तुम्ख पानी सी बपतिस्मा दियो हय पर ऊ तुम्ख पवित्र आत्मा सी बपतिस्मा देयेंन।”
9 Und es geschah, in jenen Tagen kam Jesus von Nazaret in Galiläa, und ließ sich von Johannes im Jordan taufen.
उन दिनो म यीशु न नासरत नगर सी गलील प्रदेश म आय क, यरदन नदी म यूहन्ना सी पानी म डुब क बपतिस्मा लियो।
10 Und alsbald, da er aufstieg vom Wasser, sah er die Himmel sich spalten und den Geist wie eine Taube auf ihn herabfahren,
अऊर जब यीशु पानी सी निकल क ऊपर आयो, त तुरतच ओन आसमान ख खुलतो अऊर पवित्र आत्मा ख कबूत्तर को जसो अपनो ऊपर उतरता देख्यो।
11 und eine Stimme aus den Himmeln sprach: du bist mein geliebter Sohn, an dir habe ich Wohlgefallen gefunden.
अऊर या स्वर्ग सी आवाज सुनी, “तय मोरो प्रिय बेटा आय, तोरो सी मय खुश हय।”
12 Und alsbald treibt ihn der Geist in die Wüste,
तब आत्मा न तुरतच ओख सुनसान जागा को तरफ भेज्यो।
13 und er war in der Wüste vierzig Tage lang und wurde versucht vom Satan, und war bei den wilden Thieren, und die Engel dienten ihm.
अऊर सुनसान जागा म चालीस दिन तक शैतान न ओकी परीक्षा करी; अऊर ऊ जंगली पशु को संग रह्यो, अऊर स्वर्गदूत ओकी सेवा करत रह्यो।
14 Nach der Verhaftung des Johannes kam Jesus nach Galiläa und verkündete das Evangelium Gottes:
यूहन्ना ख जेलखाना म डाल्यो जान को बाद यीशु न गलील म आय क परमेश्वर को राज्य को सुसमाचार प्रचार करयो,
15 die Zeit ist erfüllt und das Reich Gottes herbeigekommen, thut Buße und glaubet an das Evangelium.
“सही समय पूरो भयो हय,” उन्न कह्यो, “अऊर परमेश्वर को राज्य जवर आय गयो हय! अपनो पापों सी मन फिरावो अऊर सुसमाचार पर विश्वास करो!”
16 Und da er am galiläischen See dahinzog, sah er Simon und Simons Bruder Andreas, wie sie auswarfen im See; denn sie waren Fischer.
जब यीशु गलील को झील को किनार-किनार जातो हुयो, ओन दोय भाऊ शिमोन अऊर ओको भाऊ अन्द्रियास ख झील म जार डालतो देख्यो; कहालीकि हि मछवारा होतो।
17 Und Jesus sagte zu ihnen: kommt mir nach, so will ich euch Menschenfischer werden lassen,
यीशु न उन्को सी कह्यो; “मोरो पीछू आवो; मय तुम्ख लोगों ख परमेश्वर को राज्य म लावनो सिखाऊं।”
18 und alsbald ließen sie die Netze und folgten ihm.
हि तुरतच जार ख छोड़ क ओको पीछू चली गयो।
19 Und da er ein wenig weitergieng, sah er Jakobus, den Sohn des Zebedäus, und seinen Bruder Johannes, ebenfalls im Schiffe, an der Ausrichtung der Netze,
अऊर कुछ आगु आय क, ओन जब्दी को दोय बेटा याकूब, अऊर ओको भाऊ यूहन्ना ख, डोंगा पर जार ख सुधारतो देख्यो।
20 und alsbald berief er sie; und sie ließen ihren Vater Zebedäus im Schiffe mit den Tagelöhnern, und giengen hin ihm nach.
जब यीशु न उन्ख देख्यो, अऊर तुरतच उन्ख बुलायो; हि अपनो बाप जब्दी ख मजूरों को संग डोंगा पर छोड़ क, ओको पीछू चली गयो।
21 Und sie ziehen hinein nach Kapernaum; und alsbald gieng er am Sabbat in die Synagoge und lehrte,
यीशु अऊर ओको चेला कफरनहूम नगर म आयो, अऊर ऊ आराम दिन म यहूदियों को आराधनालय म जाय क शिक्षा देन लग्यो।
22 und sie waren betroffen über seine Lehre; denn er lehrte sie wie einer der Vollmacht hat und nicht wie die Schriftgelehrten.
अऊर लोग ओकी शिक्षा सी अचम्भित भयो; कहालीकि ऊ उन्ख धर्मशास्त्री को जसो नहीं, पर अधिकार सी शिक्षा देत होतो।
23 Und alsbald war in ihrer Synagoge ein Mensch mit einem unreinen Geist, der schrie auf:
उच समय म, उन्को आराधनालय म एक आदमी होतो, जेको म एक दुष्ट आत्मा होती।
24 was willst du von uns, Jesus von Nazaret? bist du gekommen, uns zu verderben? Wir wissen, wer du bist: der Heilige Gottes.
ओन चिल्लाय क कह्यो, “हे नासरत नगर को यीशु, हम्ख तोरो सी का काम? का तय हम्ख नाश करन आयो हय? मय तोख जानु हय, तय कौन आय? परमेश्वर को पवित्र जन आय!”
25 Und Jesus bedrohte ihn: verstumme und fahre aus von ihm.
यीशु न ओख डाट क कह्यो, “चुप रह्य; अऊर ओको म सी निकल जा।”
26 Und der unreine Geist verzerrte ihn und fuhr mit lautem Geschrei von ihm aus.
तब दुष्ट आत्मा ओख मुरकट क, अऊर बड़ो आवाज सी चिल्लाय क ओको म सी निकल गयी।
27 Und alles war voll Staunen, man fragte sich: was ist das? eine neue Lehre mit Vollmacht! auch den unreinen Geistern gebietet er und sie gehorchen ihm!
येको पर सब लोग अचम्भा करतो हुयो आपस म वाद-विवाद करन लग्यो, की “या का बात आय? या त कोयी नयी शिक्षा आय! ऊ अधिकार को संग दुष्ट आत्मावों ख भी आज्ञा देत होतो, अऊर हि ओकी आज्ञा मानत होतो।”
28 Und sein Ruf gieng alsbald aus überall hin in die ganze galiläische Umgegend.
अऊर यीशु को समाचार को बारे म तुरतच गलील को आजु-बाजू को पूरो प्रदेश म फैल गयो।
29 Und alsbald giengen sie von der Synagoge aus in das Haus des Simon und Andreas mit Jakobus und Johannes.
यीशु आराधनालय म सी निकल क, याकूब अऊर यूहन्ना को संग शिमोन अऊर अन्द्रियास को घर आयो।
30 Die Schwiegermutter Simons aber lag am Fieber darnieder, und alsbald sagen sie ihm von ihr.
शिमोन की सासु बुखार म पड़ी होती, अऊर उन्न तुरतच ओको बारे म यीशु सी कह्यो।
31 Und er trat hinzu, nahm sie bei der Hand und richtete sie auf, da verließ sie das Fieber und sie wartete ihnen auf.
तब ओन जवर जाय क ओको हाथ पकड़ क ओख उठायो; अऊर ओको बुखार उतर गयो, अऊर वा उन्की सेवा-भाव करन लगी।
32 Da es aber Abend geworden, als die Sonne untergieng,
शाम को समय जब सूरज डुब गयो त लोग सब बीमारों ख अऊर उन्ख, जेको म दुष्ट आत्मायें होती, यीशु को जवर लायो।
33 brachten sie zu ihm alle, die ein Leiden hatten, und die dämonisch waren; und es war die ganze Stadt an der Thüre versammelt,
अऊर नगर को सब लोग फाटक को बाहेर जमा भयो।
34 und er heilte viele Leidende mit mancherlei Krankheiten, und trieb viele Dämonen aus, und ließ die Dämonen nicht davon reden, daß sie ihn kannten.
यीशु न बहुत सो ख जो कुछ तरह की बीमारी सी जकड़्यो हुयो होतो, उन्ख चंगो करयो, अऊर बहुत सी दुष्ट आत्मावों ख निकाल्यो, अऊर दुष्ट आत्मावों ख बोलन नहीं दियो, कहालीकि हि ओख जानत होती की ऊ कौन आय।
35 Und früh morgens noch im Dunkeln stand er auf, gieng hinaus, und zog fort an einen einsamen Ort, und daselbst betete er.
भुन्सारो ख, यीशु उठ क निकल गयो, अऊर एक एकान्त जागा म गयो अऊर प्रार्थना करन लग्यो।
36 Und Simon und seine Genossen verfolgten ihn,
पर शिमोन अऊर ओको संगी ओख ढूंढन गयो।
37 und fanden ihn und sagen zu ihm: es sucht dich alles.
अऊर जब ऊ मिल्यो, त ओको सी कह्यो, “सब लोग तोख ढूंढ रह्यो हय।”
38 Und er sagt zu ihnen: laßt uns anderwärts gehen, in die benachbarten Ortschaften, damit ich auch dort verkünde; denn dazu bin ich ausgegangen.
पर यीशु न उन्ख उत्तर दियो, “आवो; हम अऊर कहीं आजु-बाजू को गांवो म जाबो, कि मय उत भी प्रचार करू, कहालीकि मय येको लायीच आयो हय।”
39 Und er gieng und verkündete in ihren Synagogen in ganz Galiläa, und trieb die Dämonen aus.
येकोलायी ऊ पूरो गलील म यहूदियों को सभागृह म जाय-जाय क प्रचार करत अऊर दुष्ट आत्मावों ख निकालत रह्यो।
40 Und es kommt ein Aussätziger zu ihm und bittet ihn: so du willst, kannst du mich reinigen.
अऊर एक कोढ़ को रोगी यीशु को जवर आय क ओको सी बिनती करी, अऊर ओको सामने घुटना टेक क ओको सी कह्यो; “यदि तय चाहवय त मोख शुद्ध कर सकय हय।”
41 Und er hatte Mitleid, streckte seine Hand aus, rührte ihn an, und sagt zu ihm: ich will es, werde rein.
यीशु न कोढ़ी पर तरस खाय क हाथ बढ़ायो, अऊर ओख छूय क कह्यो, “मय चाहऊ हय तय शुद्ध होय जा!”
42 Und alsbald wich der Aussatz von ihm, und er ward rein.
अऊर तुरतच ओको कोढ़ सुधरतो चल्यो, अऊर ऊ शुद्ध भय गयो।
43 Und er fuhr ihn an, und trieb ihn alsbald hinaus
तब यीशु न ओख कठिन चेतावनी दे क तुरतच बिदा करयो,
44 und sagt zu ihm: siehe zu, daß du niemand etwas sagest; sondern gehe hin, zeige dich dem Priester, und opfere für deine Reinigung, was Moses verordnet hat, zum Zeugnis für sie.
अऊर ओको सी कह्यो, “सुन, कोयी सी कुछ मत कहजो, पर जाय क अपनो आप ख याजक ख दिखाव, अऊर अपनो शुद्ध होन को बारे म जो कुछ मूसा न ठहरायो हय ओख भेंट चढ़ाव कि उन पर गवाही हो।”
45 Er aber gieng hinaus, und fieng an, es eifrig zu verkünden und die Sache ruchbar zu machen, so daß er nicht mehr öffentlich in eine Stadt gehen konnte, sondern draußen an einsamen Orten hielt er sich auf, und sie kamen zu ihm von überall her.
पर ऊ आदमी बाहेर जाय क यो बात को बहुत प्रचार करन अऊर यहां तक फैलावन लग्यो कि यीशु फिर खुलेआम नगर म नहीं जाय सक्यो, पर बाहेर सुनसान जागा म रह्यो; अऊर चारयी तरफ सी लोग ओको जवर आतो रह्यो।

< Markus 1 >