< Nahum 2 >

1 Doch jetzt kommt der Zertrümmerer über dich! Betritt die Warte! Den Weg bespähe! Umgürte deine Lenden! Zusammen nimm die ganze Kraft!
सत्यानाश करनेवाला तेरे विरुद्ध चढ़ आया है। गढ़ को दृढ़ कर; मार्ग देखता हुआ चौकस रह; अपनी कमर कस; अपना बल बढ़ा दे।
2 Mit Jakobs Prachtschmuck kehrt der Herr zurück, so, wie mit dem von Israel. Denn Räuber hatten es geplündert, vernichtet seine Habe.
यहोवा याकूब की बड़ाई इस्राएल की बड़ाई के समान ज्यों की त्यों कर रहा है, क्योंकि उजाड़नेवालों ने उनको उजाड़ दिया है और दाख की डालियों का नाश किया है।
3 Gerötet sind die Schilde seiner Krieger; die Kämpfer sind in Kot getaucht. Beim hellen Fackelscheine schirren sie die Wagen an und schwingen Feuerspäne.
उसके शूरवीरों की ढालें लाल रंग से रंगी गईं, और उसके योद्धा लाल रंग के वस्त्र पहने हुए हैं। तैयारी के दिन रथों का लोहा आग के समान चमकता है, और भाले हिलाए जाते हैं।
4 Nun rasen Wagen auf den Straßen hin und rasseln auf den Plätzen, wie Wetterstrahlen anzuschauen, wie Blitze, die daniederfahren.
रथ सड़कों में बहुत वेग से हाँके जाते और चौकों में इधर-उधर चलाए जाते हैं; वे मशालों के समान दिखाई देते हैं, और उनका वेग बिजली का सा है।
5 Jetzt ruft man ihre Tapfersten herbei. Sie schlüpfen durch die Laufgräben. Sie hasten zu der Mauer hin; dann wird ein Sturmdach aufgestellt.
वह अपने शूरवीरों को स्मरण करता है; वे चलते-चलते ठोकर खाते हैं, वे शहरपनाह की ओर फुर्ती से जाते हैं, और सुरक्षात्मक ढाल तैयार किया जाता है।
6 Die Schleusentore werden aufgebrochen; die Flöße schwanken.
नहरों के द्वार खुल जाते हैं, और राजभवन गलकर बैठा जाता है।
7 Die Sockel werden bloßgelegt, gehoben, und ihre Pfosten ächzen gleich den Tauben, ins Mark getroffen.
हुसेब नंगी करके बँधुआई में ले ली जाएगी, और उसकी दासियाँ छाती पीटती हुई पिण्डुकों के समान विलाप करेंगी।
8 Und Ninive wird wie ein Sumpfland namenlos. Nun wird die Flucht ergriffen: "Haltet! Haltet!" Doch niemand dreht sich um.
नीनवे जब से बनी है, तब से तालाब के समान है, तो भी वे भागे जाते हैं, और “खड़े हो; खड़े हो”, ऐसा पुकारे जाने पर भी कोई मुँह नहीं मोड़ता।
9 "Nun plündert Silber, plündert Gold!" Unzählig sind die kostbaren Geräte, weit wertvoller als alle andern Kostbarkeiten.
चाँदी को लूटो, सोने को लूटो, उसके रखे हुए धन की बहुतायत, और वैभव की सब प्रकार की मनभावनी सामग्री का कुछ परिमाण नहीं।
10 Jetzt Öde, Leere, Wüstenei, verzagte Herzen, Kniee schlotternd und Krampf in allen Hüften, aller Angesicht verzogen und verzerrt.
१०वह खाली, छूछी और सूनी हो गई है! मन कच्चा हो गया, और पाँव काँपते हैं; और उन सभी की कमर में बड़ी पीड़ा उठी, और सभी के मुख का रंग उड़ गया है!
11 Wo ist das Löwenlager? Wo jenes Jungleufutter, das herbeizuschaffen der Löwe fortging? Und ungestört verblieben dort die Löwenjungen.
११सिंहों की वह माँद, और जवान सिंह के आखेट का वह स्थान कहाँ रहा जिसमें सिंह और सिंहनी अपने बच्चों समेत बेखटके फिरते थे?
12 Der Löwe holte Raub für seine Jungen, würgte ab für seine Löwinnen und füllte seine Höhlen mit dem Raub, mit Beute seine Lagerstatt.
१२सिंह तो अपने बच्चों के लिये बहुत आहेर को फाड़ता था, और अपनी सिंहनियों के लिये आहेर का गला घोंट घोंटकर ले जाता था, और अपनी गुफाओं और माँदों को आहेर से भर लेता था।
13 "Jetzt bin ich über dich gekommen", ein Spruch des Herrn der Heerscharen. "Ich laß in Feuer deine Lagerstatt aufgehen. Das Schwert frißt deine jungen Leuen, und ich vertilge von der Erde deine Jungen, und deines Knurrens Laut soll nimmermehr vernommen werden.
१३सेनाओं के यहोवा की यह वाणी है, मैं तेरे विरुद्ध हूँ, और उसके रथों को भस्म करके धुएँ में उड़ा दूँगा, और उसके जवान सिंह सरीखे वीर तलवार से मारे जाएँगे; मैं तेरे आहेर को पृथ्वी पर से नष्ट करूँगा, और तेरे दूतों का बोल फिर सुना न जाएगा।

< Nahum 2 >