< 1 Samuel 12 >

1 Und Samuel sprach zu ganz Israel: "Ich habe eurer Stimme in allem gefolgt, was ihr mir gesagt. Ich setzte über euch einen König.
तब शमूएल ने सारे इस्राएलियों से कहा, “सुनो, जो कुछ तुम ने मुझसे कहा था उसे मानकर मैंने एक राजा तुम्हारे ऊपर ठहराया है।
2 Nun führt der König euch an. Ich selbst aber bin alt und grau. Doch meine Söhne sind noch bei euch. Und ich selbst habe euch von meiner Jugend an bis auf diesen Tag angeführt.
और अब देखो, वह राजा तुम्हारे आगे-आगे चलता है; और अब मैं बूढ़ा हूँ, और मेरे बाल सफेद हो गए हैं, और मेरे पुत्र तुम्हारे पास हैं; और मैं लड़कपन से लेकर आज तक तुम्हारे सामने काम करता रहा हूँ।
3 Hier bin ich. Verklagt mich beim Herrn und seinem Gesalbten! Wessen Ochsen habe ich weggenommen? Wessen Esel fortgeführt? Wen habe ich gedrückt? Wem habe ich Gewalt getan? Von wem habe ich Sühnegeld empfangen, so daß ich mein Auge ihm gegenüber zudrückte? Ich will es euch erstatten."
मैं उपस्थित हूँ; इसलिए तुम यहोवा के सामने, और उसके अभिषिक्त के सामने मुझ पर साक्षी दो, कि मैंने किसका बैल ले लिया? या किसका गदहा ले लिया? या किस पर अंधेर किया? या किसको पीसा? या किसके हाथ से अपनी आँखें बन्द करने के लिये घूस लिया? बताओ, और मैं वह तुम को फेर दूँगा?”
4 Sie sprachen: "Du hast uns nicht bedrückt noch Gewalt angetan und nicht das Geringste aus jemandes Hand genommen."
वे बोले, “तूने न तो हम पर अंधेर किया, न हमें पीसा, और न किसी के हाथ से कुछ लिया है।”
5 Da sprach er zu ihnen: "Der Herr sei mein Zeuge euch gegenüber, und sein Gesalbter sei heute Zeuge, daß ihr in meiner Hand nicht das Geringste gefunden habt!" Da sprachen sie: "Jawohl!"
उसने उनसे कहा, “आज के दिन यहोवा तुम्हारा साक्षी, और उसका अभिषिक्त इस बात का साक्षी है, कि मेरे यहाँ कुछ नहीं निकला।” वे बोले, “हाँ, वह साक्षी है।”
6 Da sprach Samuel zum Volk: "Der Herr hat Moses und Aaron eingesetzt und eure Väter aus Ägypterland heraufgeführt.
फिर शमूएल लोगों से कहने लगा, “जो मूसा और हारून को ठहराकर तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र देश से निकाल लाया वह यहोवा ही है।
7 Nun kommt her, daß ich vor dem Herrn mit euch rechte über alle Wohltaten des Herrn, die er an euch und euren Vätern getan!
इसलिए अब तुम खड़े रहो, और मैं यहोवा के सामने उसके सब धार्मिकता के कामों के विषय में, जिन्हें उसने तुम्हारे साथ और तुम्हारे पूर्वजों के साथ किया है, तुम्हारे साथ विचार करूँगा।
8 Als Jakob nach Ägypten gekommen war, da schrien eure Väter zum Herrn. Und der Herr sandte Moses und Aaron. Und diese führten eure Väter aus Ägypten und gaben ihnen an dieser Stätte Siedlungen.
याकूब मिस्र में गया, और तुम्हारे पूर्वजों ने यहोवा की दुहाई दी; तब यहोवा ने मूसा और हारून को भेजा, और उन्होंने तुम्हारे पूर्वजों को मिस्र से निकाला, और इस स्थान में बसाया।
9 Aber sie vergaßen den Herrn, ihren Gott. Da verkaufte er sie in die Hand Siseras, des Feldherrn von Chasor, dann in die der Philister und in die des Moabkönigs, und sie bekriegten sie.
फिर जब वे अपने परमेश्वर यहोवा को भूल गए, तब उसने उन्हें हासोर के सेनापति सीसरा, और पलिश्तियों और मोआब के राजा के अधीन कर दिया; और वे उनसे लड़े।
10 Da schrien sie zum Herrn und sprachen: 'Wir haben gesündigt, daß wir den Herrn verlassen haben und dann den Baalen und Astarten dienten. Nun aber rette uns aus unserer Feinde Hand! Dann wollen wir Dir dienen.'
१०तब उन्होंने यहोवा की दुहाई देकर कहा, ‘हमने यहोवा को त्याग कर और बाल देवताओं और अश्तोरेत देवियों की उपासना करके महापाप किया है; परन्तु अब तू हमको हमारे शत्रुओं के हाथ से छुड़ा तो हम तेरी उपासना करेंगे।’
11 Da erweckte der Herr Jerubbaal, und zwar den Richter, Jephte und Samuel und rettete euch aus eurer Feinde Hand ringsum, so daß ihr sicher wohntet.
११इसलिए यहोवा ने यरूब्बाल, बदान, यिप्तह, और शमूएल को भेजकर तुम को तुम्हारे चारों ओर के शत्रुओं के हाथ से छुड़ाया; और तुम निडर रहने लगे।
12 Als ihr aber sahet, daß der Ammoniterkönig Nachas gegen euch heranrückte, spracht ihr zu mir: 'Nein! Ein König herrsche über uns!' Und doch ist der Herr, euer Gott, euer König.
१२और जब तुम ने देखा कि अम्मोनियों का राजा नाहाश हम पर चढ़ाई करता है, तब यद्यपि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारा राजा था तो भी तुम ने मुझसे कहा, ‘नहीं, हम पर एक राजा राज्य करेगा।’
13 Nun denn! Da ist der König, den ihr erwählt und den ihr gefordert habt. Seht! Der Herr hat euch einen König gegeben.
१३अब उस राजा को देखो जिसे तुम ने चुन लिया, और जिसके लिये तुम ने प्रार्थना की थी; देखो, यहोवा ने एक राजा तुम्हारे ऊपर नियुक्त कर दिया है।
14 Wenn ihr den Herrn fürchtet, dann dienet ihm und hört seine Stimme. Dem Mund des Herrn dürft ihr nicht widersprechen. Ihr selbst und der König, der über euch herrscht, seid dem Herrn, eurem Gott, folgsam!
१४यदि तुम यहोवा का भय मानते, उसकी उपासना करते, और उसकी बात सुनते रहो, और यहोवा की आज्ञा को टालकर उससे बलवा न करो, और तुम और वह जो तुम पर राजा हुआ है दोनों अपने परमेश्वर यहोवा के पीछे-पीछे चलनेवाले बने रहो, तब तो भला होगा;
15 Hört ihr aber nicht auf des Herrn Stimme und widersprecht ihr dem Munde des Herrn, dann ist des Herrn Hand wider euch wie gegen eure Väter.
१५परन्तु यदि तुम यहोवा की बात न मानो, और यहोवा की आज्ञा को टालकर उससे बलवा करो, तो यहोवा का हाथ जैसे तुम्हारे पुरखाओं के विरुद्ध हुआ वैसे ही तुम्हारे भी विरुद्ध उठेगा।
16 Kommt jetzt her und seht das große Werk, das der Herr vor euch tut!
१६इसलिए अब तुम खड़े रहो, और इस बड़े काम को देखो जिसे यहोवा तुम्हारी आँखों के सामने करने पर है।
17 Ist nicht jetzt die Weizenernte? Ich rufe nun zum Herrn, daß er Gewitter und Regen sende. Dann erkennt ihr und seht, daß eure Bosheit groß ist, die ihr vor dem Herrn getan, indem ihr für euch einen König gefordert habt."
१७आज क्या गेहूँ की कटनी नहीं हो रही? मैं यहोवा को पुकारूँगा, और वह मेघ गरजाएगा और मेंह बरसाएगा; तब तुम जान लोगे, और देख भी लोगे, कि तुम ने राजा माँगकर यहोवा की दृष्टि में बहुत बड़ी बुराई की है।”
18 Dann rief Samuel zum Herrn, und der Herr sandte an jenem Tag Gewitter und Regen. So kam das Volk in große Angst vor dem Herrn und Samuel.
१८तब शमूएल ने यहोवा को पुकारा, और यहोवा ने उसी दिन मेघ गरजाया और मेंह बरसाया; और सब लोग यहोवा से और शमूएल से अत्यन्त डर गए।
19 Und das ganze Volk sprach zu Samuel: "Bete zum Herrn, deinem Gott, für deine Knechte, daß wir nicht sterben! Denn wir haben zu all unseren Sünden das Unrecht hinzugefügt, für uns einen König zu fordern."
१९और सब लोगों ने शमूएल से कहा, “अपने दासों के निमित्त अपने परमेश्वर यहोवा से प्रार्थना कर, कि हम मर न जाएँ; क्योंकि हमने अपने सारे पापों से बढ़कर यह बुराई की है कि राजा माँगा है।”
20 Da sprach Samuel zum Volke: "Seid ohne Furcht! Ihr habt zwar all dies Böse getan. Aber laßt wenigstens nicht vom Herrn, sondern dient dem Herrn aus eurem ganzen Herzen!
२०शमूएल ने लोगों से कहा, “डरो मत; तुम ने यह सब बुराई तो की है, परन्तु अब यहोवा के पीछे चलने से फिर मत मुड़ना; परन्तु अपने सम्पूर्ण मन से उसकी उपासना करना;
21 Ihr dürft keinesfalls zu den Götzen abfallen, die nichts nützen und nicht retten, weil sie Nichtse sind!
२१और मत मुड़ना; नहीं तो ऐसी व्यर्थ वस्तुओं के पीछे चलने लगोगे जिनसे न कुछ लाभ पहुँचेगा, और न कुछ छुटकारा हो सकता है, क्योंकि वे सब व्यर्थ ही हैं।
22 Denn der Herr verstößt um seines großen Namens willen nicht sein Volk, hat es doch dem Herrn gefallen, euch zum Volk für sich zu machen.
२२यहोवा तो अपने बड़े नाम के कारण अपनी प्रजा को न तजेगा, क्योंकि यहोवा ने तुम्हें अपनी ही इच्छा से अपनी प्रजा बनाया है।
23 Aber dessen ungeachtet sei es fern von mir, daß ich mich am Herrn versündigte und abließe, für euch zu beten! Vielmehr weise ich euch den guten und geraden Weg.
२३फिर यह मुझसे दूर हो कि मैं तुम्हारे लिये प्रार्थना करना छोड़कर यहोवा के विरुद्ध पापी ठहरूँ; मैं तो तुम्हें अच्छा और सीधा मार्ग दिखाता रहूँगा।
24 Nur fürchtet den Herrn und dient ihm getreulich aus ganzem Herzen! Denn seht: Was hat er Großes an euch getan!
२४केवल इतना हो कि तुम लोग यहोवा का भय मानो, और सच्चाई से अपने सम्पूर्ण मन के साथ उसकी उपासना करो; क्योंकि यह तो सोचो कि उसने तुम्हारे लिये कैसे बड़े-बड़े काम किए हैं।
25 Wenn ihr aber böse handelt, dann werdet ihr samt eurem König weggerafft werden."
२५परन्तु यदि तुम बुराई करते ही रहोगे, तो तुम और तुम्हारा राजा दोनों के दोनों मिट जाओगे।”

< 1 Samuel 12 >