< Sacharja 8 >

1 Und es geschah das Wort Jehovas der Heerscharen also:
फिर सेनाओं के यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा,
2 So spricht Jehova der Heerscharen: Ich eifere für Zion mit großem Eifer, und mit großem Grimme eifere ich für dasselbe.
“सेनाओं का यहोवा यह कहता है: सिय्योन के लिये मुझे बड़ी जलन हुई वरन् बहुत ही जलजलाहट मुझ में उत्पन्न हुई है।
3 So spricht Jehova: Ich kehre nach Zion zurück und will inmitten Jerusalems wohnen; und Jerusalem wird genannt werden “Stadt der Wahrheit”, und der Berg Jehovas der Heerscharen “der heilige Berg”.
यहोवा यह कहता है: मैं सिय्योन में लौट आया हूँ, और यरूशलेम के बीच में वास किए रहूँगा, और यरूशलेम सच्चाई का नगर कहलाएगा, और सेनाओं के यहोवा का पर्वत, पवित्र पर्वत कहलाएगा।
4 So spricht Jehova der Heerscharen: Es werden noch Greise und Greisinnen in den Straßen von Jerusalem sitzen, ein jeder mit seinem Stabe in seiner Hand vor Menge der Tage.
सेनाओं का यहोवा यह कहता है, यरूशलेम के चौकों में फिर बूढ़े और बूढ़ियाँ बहुत आयु की होने के कारण, अपने-अपने हाथ में लाठी लिए हुए बैठा करेंगी।
5 Und die Straßen der Stadt werden voll sein von Knaben und Mädchen, die auf seinen Straßen spielen.
और नगर के चौक खेलनेवाले लड़कों और लड़कियों से भरे रहेंगे।
6 So spricht Jehova der Heerscharen: Wenn es wunderbar ist in den Augen des Überrestes dieses Volkes in jenen Tagen, wird es auch in meinen Augen wunderbar sein? spricht Jehova der Heerscharen.
सेनाओं का यहोवा यह कहता है: चाहे उन दिनों में यह बात इन बचे हुओं की दृष्टि में अनोखी ठहरे, परन्तु क्या मेरी दृष्टि में भी यह अनोखी ठहरेगी, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है?
7 So spricht Jehova der Heerscharen: Siehe, ich werde mein Volk retten aus dem Lande des Aufgangs und aus dem Lande des Untergangs der Sonne;
सेनाओं का यहोवा यह कहता है, देखो, मैं अपनी प्रजा का उद्धार करके उसे पूरब से और पश्चिम से ले आऊँगा;
8 und ich werde sie herbeibringen, und sie werden wohnen inmitten Jerusalems; und sie werden mein Volk, und ich werde ihr Gott sein in Wahrheit und in Gerechtigkeit.
और मैं उन्हें ले आकर यरूशलेम के बीच में बसाऊँगा; और वे मेरी प्रजा ठहरेंगे और मैं उनका परमेश्वर ठहरूँगा, यह तो सच्चाई और धार्मिकता के साथ होगा।”
9 So spricht Jehova der Heerscharen: Stärket eure Hände, die ihr in diesen Tagen diese Worte aus dem Munde der Propheten höret, welche an dem Tage waren, da der Grund des Hauses Jehovas der Heerscharen, des Tempels, gelegt wurde, um ihn zu erbauen!
सेनाओं का यहोवा यह कहता है, “तुम इन दिनों में ये वचन उन भविष्यद्वक्ताओं के मुख से सुनते हो जो सेनाओं के यहोवा के भवन की नींव डालने के समय अर्थात् मन्दिर के बनने के समय में थे।
10 Denn vor diesen Tagen war kein Lohn für die Menschen und kein Lohn für das Vieh; und der Aus-und Eingehende hatte keinen Frieden vor dem Bedränger, und ich ließ alle Menschen gegeneinander los.
१०उन दिनों के पहले, न तो मनुष्य की मजदूरी मिलती थी और न पशु का भाड़ा, वरन् सतानेवालों के कारण न तो आनेवाले को चैन मिलता था और न जानेवाले को; क्योंकि मैं सब मनुष्यों से एक दूसरे पर चढ़ाई कराता था।
11 Nun aber will ich dem Überrest dieses Volkes nicht sein wie in den früheren Tagen, spricht Jehova der Heerscharen;
११परन्तु अब मैं इस प्रजा के बचे हुओं से ऐसा बर्ताव न करूँगा जैसा कि पिछले दिनों में करता था, सेनाओं के यहोवा की यही वाणी है।
12 sondern die Saat des Friedens, der Weinstock, wird seine Frucht geben, und die Erde ihren Ertrag geben, und der Himmel wird seinen Tau geben; und dem Überrest dieses Volkes werde ich das alles zum Erbteil geben.
१२क्योंकि अब शान्ति के समय की उपज अर्थात् दाखलता फला करेगी, पृथ्वी अपनी उपज उपजाया करेगी, और आकाश से ओस गिरा करेगी; क्योंकि मैं अपनी इस प्रजा के बचे हुओं को इन सब का अधिकारी कर दूँगा।
13 Und es wird geschehen, gleichwie ihr, Haus Juda und Haus Israel, ein Fluch unter den Nationen gewesen seid, also werde ich euch retten, und ihr werdet ein Segen sein. Fürchtet euch nicht, stärket eure Hände!
१३हे यहूदा के घराने, और इस्राएल के घराने, जिस प्रकार तुम अन्यजातियों के बीच श्राप के कारण थे उसी प्रकार मैं तुम्हारा उद्धार करूँगा, और तुम आशीष के कारण होगे। इसलिए तुम मत डरो, और न तुम्हारे हाथ ढीले पड़ने पाएँ।”
14 Denn so spricht Jehova der Heerscharen: Gleichwie ich euch Böses zu tun gedachte, als eure Väter mich erzürnten, spricht Jehova der Heerscharen, und ich es mich nicht gereuen ließ,
१४क्योंकि सेनाओं का यहोवा यह कहता है: “जिस प्रकार जब तुम्हारे पुरखा मुझे क्रोध दिलाते थे, तब मैंने उनकी हानि करने की ठान ली थी और फिर न पछताया,
15 also gedenke ich wiederum in diesen Tagen Jerusalem und dem Hause Juda Gutes zu tun. Fürchtet euch nicht!
१५उसी प्रकार मैंने इन दिनों में यरूशलेम की और यहूदा के घराने की भलाई करने की ठान ली है; इसलिए तुम मत डरो।
16 Dies sind die Dinge, die ihr tun sollt: Redet die Wahrheit einer mit dem anderen; richtet der Wahrheit gemäß und fället einen Rechtsspruch des Friedens in euren Toren;
१६जो-जो काम तुम्हें करना चाहिये, वे ये हैं: एक दूसरे के साथ सत्य बोला करना, अपनी कचहरियों में सच्चाई का और मेल मिलाप की नीति का न्याय करना,
17 und sinnet keiner auf des anderen Unglück in euren Herzen, und falschen Eid liebet nicht; denn alles dieses, ich hasse es, spricht Jehova.
१७और अपने-अपने मन में एक दूसरे की हानि की कल्पना न करना, और झूठी शपथ से प्रीति न रखना, क्योंकि इन सब कामों से मैं घृणा करता हूँ, यहोवा की यही वाणी है।”
18 Und das Wort Jehovas der Heerscharen geschah zu mir also:
१८फिर सेनाओं के यहोवा का यह वचन मेरे पास पहुँचा,
19 So spricht Jehova der Heerscharen: Das Fasten des vierten und das Fasten des fünften und das Fasten des siebten und das Fasten des zehnten Monats wird dem Hause Juda zur Wonne und zur Freude und zu fröhlichen Festzeiten werden. Doch liebet die Wahrheit und den Frieden.
१९“सेनाओं का यहोवा यह कहता है: चौथे, पाँचवें, सातवें और दसवें महीने में जो-जो उपवास के दिन होते हैं, वे यहूदा के घराने के लिये हर्ष और आनन्द और उत्सव के पर्वों के दिन हो जाएँगे; इसलिए अब तुम सच्चाई और मेल मिलाप से प्रीति रखो।
20 So spricht Jehova der Heerscharen: Noch wird es geschehen, daß Völker und Bewohner vieler Städte kommen werden;
२०“सेनाओं का यहोवा यह कहता है: ऐसा समय आनेवाला है कि देश-देश के लोग और बहुत नगरों के रहनेवाले आएँगे।
21 und die Bewohner der einen werden zur anderen gehen und sagen: “Laßt uns doch hingehen, um Jehova anzuflehen und Jehova der Heerscharen zu suchen!” “Auch ich will gehen!”
२१और एक नगर के रहनेवाले दूसरे नगर के रहनेवालों के पास जाकर कहेंगे, ‘यहोवा से विनती करने और सेनाओं के यहोवा को ढूँढ़ने के लिये चलो; मैं भी चलूँगा।’
22 Und viele Völker und mächtige Nationen werden kommen, um Jehova der Heerscharen in Jerusalem zu suchen und Jehova anzuflehen.
२२बहुत से देशों के वरन् सामर्थी जातियों के लोग यरूशलेम में सेनाओं के यहोवा को ढूँढ़ने और यहोवा से विनती करने के लिये आएँगे।
23 So spricht Jehova der Heerscharen: In jenen Tagen, da werden zehn Männer aus allerlei Sprachen der Nationen ergreifen, ja, ergreifen werden sie den Rockzipfel eines jüdischen Mannes und sagen: Wir wollen mit euch gehen, denn wir haben gehört, daß Gott mit euch ist.
२३सेनाओं का यहोवा यह कहता है: उन दिनों में भाँति-भाँति की भाषा बोलनेवाली सब जातियों में से दस मनुष्य, एक यहूदी पुरुष के वस्त्र की छोर को यह कहकर पकड़ लेंगे, ‘हम तुम्हारे संग चलेंगे, क्योंकि हमने सुना है कि परमेश्वर तुम्हारे साथ है।’”

< Sacharja 8 >