< Hohelied 1 >

1 Das Lied der Lieder, von Salomo.
श्रेष्ठगीत जो सुलैमान का है। वधू
2 Er küsse mich mit den Küssen seines Mundes, denn deine Liebe ist besser als Wein.
तू अपने मुँह के चुम्बनों से मुझे चूमे! क्योंकि तेरा प्रेम दाखमधु से उत्तम है,
3 Lieblich an Geruch sind deine Salben, ein ausgegossenes Salböl ist dein Name; darum lieben dich die Jungfrauen.
तेरे भाँति-भाँति के इत्रों का सुगन्ध उत्तम है, तेरा नाम उण्डेले हुए इत्र के तुल्य है; इसलिए कुमारियाँ तुझ से प्रेम रखती हैं
4 Ziehe mich: wir werden dir nachlaufen. Der König hat mich in seine Gemächer geführt: wir wollen frohlocken und deiner uns freuen, wollen deine Liebe preisen mehr als Wein! Sie lieben dich in Aufrichtigkeit.
मुझे खींच ले; हम तेरे पीछे दौड़ेंगे। राजा मुझे अपने महल में ले आया है। हम तुझ में मगन और आनन्दित होंगे; हम दाखमधु से अधिक तेरे प्रेम की चर्चा करेंगे; वे ठीक ही तुझ से प्रेम रखती हैं।
5 Ich bin schwarz, aber anmutig, Töchter Jerusalems, wie die Zelte Kedars, wie die Zeltbehänge Salomos.
हे यरूशलेम की पुत्रियों, मैं काली तो हूँ परन्तु सुन्दर हूँ, केदार के तम्बुओं के और सुलैमान के पर्दों के तुल्य हूँ।
6 Sehet mich nicht an, weil ich schwärzlich bin, weil die Sonne mich verbrannt hat; meiner Mutter Söhne zürnten mir, bestellten mich zur Hüterin der Weinberge; meinen eigenen Weinberg habe ich nicht gehütet. -
मुझे इसलिए न घूर कि मैं साँवली हूँ, क्योंकि मैं धूप से झुलस गई। मेरी माता के पुत्र मुझसे अप्रसन्न थे, उन्होंने मुझ को दाख की बारियों की रखवालिन बनाया; परन्तु मैंने अपनी निज दाख की बारी की रखवाली नहीं की!
7 Sage mir an, du, den meine Seele liebt, wo weidest du, wo lässest du lagern am Mittag? Denn warum sollte ich wie eine Verschleierte sein bei den Herden deiner Genossen? -
हे मेरे प्राणप्रिय मुझे बता, तू अपनी भेड़-बकरियाँ कहाँ चराता है, दोपहर को तू उन्हें कहाँ बैठाता है; मैं क्यों तेरे संगियों की भेड़-बकरियों के पास घूँघट काढ़े हुए भटकती फिरूँ? वर
8 Wenn du es nicht weißt, du Schönste unter den Frauen, so geh hinaus, den Spuren der Herde nach und weide deine Zicklein bei den Wohnungen der Hirten.
हे स्त्रियों में सुन्दरी, यदि तू यह न जानती हो तो भेड़-बकरियों के खुरों के चिन्हों पर चल और चरावाहों के तम्बुओं के पास, अपनी बकरियों के बच्चों को चरा।
9 Einem Rosse an des Pharao Prachtwagen vergleiche ich dich, meine Freundin.
हे मेरी प्रिय मैंने तेरी तुलना फ़िरौन के रथों में जुती हुई घोड़ी से की है।
10 Anmutig sind deine Wangen in den Kettchen, dein Hals in den Schnüren.
१०तेरे गाल केशों के लटों के बीच क्या ही सुन्दर हैं, और तेरा कण्ठ हीरों की लड़ियों के बीच। वधू
11 Wir wollen dir goldene Kettchen machen mit Punkten von Silber. -
११हम तेरे लिये चाँदी के फूलदार सोने के आभूषण बनाएँगे।
12 Während der König an seiner Tafel war, gab meine Narde ihren Duft.
१२जब राजा अपनी मेज के पास बैठा था मेरी जटामासी की सुगन्ध फैल रही थी।
13 Mein Geliebter ist mir ein Bündel Myrrhe, das zwischen meinen Brüsten ruht.
१३मेरा प्रेमी मेरे लिये लोबान की थैली के समान है जो मेरी छातियों के बीच में पड़ी रहती है।
14 Eine Zypertraube ist mir mein Geliebter, in den Weinbergen von Engedi. -
१४मेरा प्रेमी मेरे लिये मेंहदी के फूलों के गुच्छे के समान है, जो एनगदी की दाख की बारियों में होता है। वर
15 Siehe, du bist schön, meine Freundin, siehe, du bist schön, deine Augen sind Tauben. -
१५तू सुन्दरी है, हे मेरी प्रिय, तू सुन्दरी है; तेरी आँखें कबूतरी की सी हैं। वधू
16 Siehe, du bist schön, mein Geliebter, ja, holdselig; ja, unser Lager ist frisches Grün.
१६हे मेरे प्रिय तू सुन्दर और मनभावना है और हमारा बिछौना भी हरा है;
17 Die Balken unserer Behausung sind Zedern, unser Getäfel Zypressen.
१७हमारे घर के धरन देवदार हैं और हमारी छत की कड़ियाँ सनोवर हैं।

< Hohelied 1 >