< Psalm 126 >

1 Ein Stufenlied. Als Jehova die Gefangenen Zions zurückführte, waren wir wie Träumende.
यात्रा का गीत जब यहोवा सिय्योन में लौटनेवालों को लौटा ले आया, तब हम स्वप्न देखनेवाले से हो गए।
2 Da ward unser Mund voll Lachens, und unsere Zunge voll Jubels; da sagte man unter den Nationen: Jehova hat Großes an ihnen getan!
तब हम आनन्द से हँसने और जयजयकार करने लगे; तब जाति-जाति के बीच में कहा जाता था, “यहोवा ने, इनके साथ बड़े-बड़े काम किए हैं।”
3 Jehova hat Großes an uns getan: wir waren fröhlich!
यहोवा ने हमारे साथ बड़े-बड़े काम किए हैं; और इससे हम आनन्दित हैं।
4 Führe unsere Gefangenen zurück, Jehova, gleich Bächen im Mittagslande!
हे यहोवा, दक्षिण देश के नालों के समान, हमारे बन्दियों को लौटा ले आ!
5 Die mit Tränen säen, werden mit Jubel ernten.
जो आँसू बहाते हुए बोते हैं, वे जयजयकार करते हुए लवने पाएँगे।
6 Er geht hin unter Weinen und trägt den Samen zur Aussaat; er kommt heim mit Jubel und trägt seine Garben.
चाहे बोनेवाला बीज लेकर रोता हुआ चला जाए, परन्तु वह फिर पूलियाँ लिए जयजयकार करता हुआ निश्चय लौट आएगा।

< Psalm 126 >