< 5 Mose 34 >
1 Und Mose stieg von den Ebenen Moabs auf den Berg Nebo, den Gipfel des Pisga, der Jericho gegenüber ist. Und Jehova ließ ihn das ganze Land sehen:
१फिर मूसा मोआब के अराबा से नबो पहाड़ पर, जो पिसगा की एक चोटी और यरीहो के सामने है, चढ़ गया; और यहोवा ने उसको दान तक का गिलाद नामक सारा देश,
2 Das Gilead bis Dan, und das ganze Naphtali und das Land Ephraim und Manasse, und das ganze Land Juda bis zum hinteren Meere;
२और नप्ताली का सारा देश, और एप्रैम और मनश्शे का देश, और पश्चिम के समुद्र तक का यहूदा का सारा देश,
3 und den Süden und den Jordankreis, die Niederung von Jericho, der Palmenstadt, bis Zoar.
३और दक्षिण देश, और सोअर तक की यरीहो नामक खजूरवाले नगर की तराई, यह सब दिखाया।
4 Und Jehova sprach zu ihm: Das ist das Land, welches ich Abraham, Isaak und Jakob zugeschworen habe, indem ich sprach: Deinem Samen will ich es geben. Ich habe es dich mit deinen Augen sehen lassen, aber du sollst nicht hinübergehen.
४तब यहोवा ने उससे कहा, “जिस देश के विषय में मैंने अब्राहम, इसहाक, और याकूब से शपथ खाकर कहा था, कि मैं इसे तेरे वंश को दूँगा वह यही है। मैंने इसको तुझे साक्षात् दिखा दिया है, परन्तु तू पार होकर वहाँ जाने न पाएगा।”
5 Und Mose, der Knecht Jehovas, starb daselbst im Lande Moab, nach dem Worte Jehovas.
५तब यहोवा के कहने के अनुसार उसका दास मूसा वहीं मोआब देश में मर गया,
6 Und er begrub ihn im Tale, im Lande Moab, Beth-Peor gegenüber; und niemand weiß sein Grab bis auf diesen Tag.
६और यहोवा ने उसे मोआब के देश में बेतपोर के सामने एक तराई में मिट्टी दी; और आज के दिन तक कोई नहीं जानता कि उसकी कब्र कहाँ है।
7 Und Mose war hundertzwanzig Jahre alt, als er starb; sein Auge war nicht schwach geworden, und seine Kraft nicht geschwunden.
७मूसा अपनी मृत्यु के समय एक सौ बीस वर्ष का था; परन्तु न तो उसकी आँखें धुँधली पड़ीं, और न उसका पौरूष घटा था।
8 Und die Kinder Israel beweinten Mose in den Ebenen Moabs dreißig Tage lang; und es wurden die Tage des Weinens der Trauer um Mose vollendet.
८और इस्राएली मोआब के अराबा में मूसा के लिये तीस दिन तक रोते रहे; तब मूसा के लिये रोने और विलाप करने के दिन पूरे हुए।
9 Und Josua, der Sohn Nuns, war erfüllt mit dem Geiste der Weisheit; denn Mose hatte seine Hände auf ihn gelegt; und die Kinder Israel gehorchten ihm und taten, so wie Jehova dem Mose geboten hatte.
९और नून का पुत्र यहोशू बुद्धिमानी की आत्मा से परिपूर्ण था, क्योंकि मूसा ने अपने हाथ उस पर रखे थे; और इस्राएली उस आज्ञा के अनुसार जो यहोवा ने मूसा को दी थी उसकी मानते रहे।
10 Und es stand in Israel kein Prophet mehr auf wie Mose, welchen Jehova gekannt hätte von Angesicht zu Angesicht,
१०और मूसा के तुल्य इस्राएल में ऐसा कोई नबी नहीं उठा, जिससे यहोवा ने आमने-सामने बातें की,
11 nach all den Zeichen und Wundern, die Jehova ihn gesandt hatte zu tun im Lande Ägypten, an dem Pharao und an allen seinen Knechten und an seinem ganzen Lande;
११और उसको यहोवा ने फ़िरौन और उसके सब कर्मचारियों के सामने, और उसके सारे देश में, सब चिन्ह और चमत्कार करने को भेजा था,
12 und nach all der starken Hand und nach all dem Großen und Furchtbaren, das Mose vor den Augen des ganzen Israel getan hat.
१२और उसने सारे इस्राएलियों की दृष्टि में बलवन्त हाथ और बड़े भय के काम कर दिखाए।