< 2 Koenige 23 >
1 Und der König sandte hin, und man versammelte zu ihm alle Ältesten von Juda und von Jerusalem.
१राजा ने यहूदा और यरूशलेम के सब पुरनियों को अपने पास बुलाकर इकट्ठा किया।
2 Und der König ging in das Haus Jehovas hinauf, und alle Männer von Juda und alle Bewohner von Jerusalem mit ihm, und die Priester und die Propheten, und alles Volk, vom Kleinsten bis zum Größten; und man las vor ihren Ohren alle Worte des Buches des Bundes, das im Hause Jehovas gefunden worden war.
२तब राजा, यहूदा के सब लोगों और यरूशलेम के सब निवासियों और याजकों और नबियों वरन् छोटे बड़े सारी प्रजा के लोगों को संग लेकर यहोवा के भवन में गया। उसने जो वाचा की पुस्तक यहोवा के भवन में मिली थी, उसकी सब बातें उनको पढ़कर सुनाईं।
3 Und der König stand auf dem Standorte und machte den Bund vor Jehova, Jehova nachzuwandeln und seine Gebote und seine Zeugnisse und seine Satzungen zu beobachten mit ganzem Herzen und mit ganzer Seele, um die Worte dieses Bundes zu erfüllen, welche in diesem Buche geschrieben sind. Und das ganze Volk trat in den Bund.
३तब राजा ने खम्भे के पास खड़ा होकर यहोवा से इस आशा की वाचा बाँधी, कि मैं यहोवा के पीछे-पीछे चलूँगा, और अपने सारे मन और सारे प्राण से उसकी आज्ञाएँ, चितौनियाँ और विधियों का नित पालन किया करूँगा, और इस वाचा की बातों को जो इस पुस्तक में लिखी हैं पूरी करूँगा; और सब प्रजा वाचा में सम्भागी हुई।
4 Und der König gebot Hilkija, dem Hohenpriester, und den Priestern zweiten Ranges und den Hütern der Schwelle, aus dem Tempel Jehovas alle Geräte hinauszutun, die dem Baal und der Aschera und dem ganzen Heere des Himmels gemacht worden waren; und er verbrannte sie außerhalb Jerusalems in den Gefilden des Kidron, und ließ ihren Staub nach Bethel bringen.
४तब राजा ने हिल्किय्याह महायाजक और उसके नीचे के याजकों और द्वारपालों को आज्ञा दी कि जितने पात्र बाल और अशेरा और आकाश के सब गणों के लिये बने हैं, उन सभी को यहोवा के मन्दिर में से निकाल ले आओ। तब उसने उनको यरूशलेम के बाहर किद्रोन के मैदानों में फूँककर उनकी राख बेतेल को पहुँचा दी।
5 Und er schaffte die Götzenpriester ab, welche die Könige von Juda eingesetzt hatten, und die auf den Höhen, in den Städten von Juda und in der Umgebung von Jerusalem geräuchert hatten; und die, welche dem Baal, der Sonne und dem Monde und dem Tierkreise und dem ganzen Heere des Himmels räucherten.
५जिन पुजारियों को यहूदा के राजाओं ने यहूदा के नगरों के ऊँचे स्थानों में और यरूशलेम के आस-पास के स्थानों में धूप जलाने के लिये ठहराया था, उनको और जो बाल और सूर्य-चन्द्रमा, राशिचक्र और आकाश के सारे गणों को धूप जलाते थे, उनको भी राजा ने हटा दिया।
6 Und er schaffte die Aschera aus dem Hause Jehovas hinaus, außerhalb Jerusalems, in das Tal Kidron; und er verbrannte sie im Tale Kidron und zermalmte sie zu Staub und warf ihren Staub auf die Gräber der Kinder des Volkes.
६वह अशेरा को यहोवा के भवन में से निकालकर यरूशलेम के बाहर किद्रोन नाले में ले गया और वहीं उसको फूँक दिया, और पीसकर बुकनी कर दिया। तब वह बुकनी साधारण लोगों की कब्रों पर फेंक दी।
7 Und er riß die Häuser der Buhler nieder, die sich im Hause Jehovas befanden, worin die Weiber Zelte webten für die Aschera.
७फिर पुरुषगामियों के घर जो यहोवा के भवन में थे, जहाँ स्त्रियाँ अशेरा के लिये पर्दे बुना करती थीं, उनको उसने ढा दिया।
8 Und er ließ alle Priester aus den Städten Judas kommen, und verunreinigte die Höhen, wo die Priester geräuchert hatten, von Geba bis Beerseba. Und er riß die Höhen der Tore nieder, die am Eingang des Tores Josuas, des Obersten der Stadt, und die am Stadttore zur Linken jedes Eintretenden waren.
८उसने यहूदा के सब नगरों से याजकों को बुलवाकर गेबा से बेर्शेबा तक के उन ऊँचे स्थानों को, जहाँ उन याजकों ने धूप जलाया था, अशुद्ध कर दिया; और फाटकों के ऊँचे स्थान अर्थात् जो स्थान नगर के यहोशू नामक हाकिम के फाटक पर थे, और नगर के फाटक के भीतर जानेवाले के बाईं ओर थे, उनको उसने ढा दिया।
9 Doch opferten die Priester der Höhen nicht auf dem Altar Jehovas zu Jerusalem, sondern sie aßen Ungesäuertes in der Mitte ihrer Brüder.
९तो भी ऊँचे स्थानों के याजक यरूशलेम में यहोवा की वेदी के पास न आए, वे अख़मीरी रोटी अपने भाइयों के साथ खाते थे।
10 Und er verunreinigte das Topheth, welches im Tale der Söhne Hinnoms lag, damit niemand mehr seinen Sohn oder seine Tochter dem Molech durchs Feuer gehen ließe.
१०फिर उसने तोपेत जो हिन्नोमवंशियों की तराई में था, अशुद्ध कर दिया, ताकि कोई अपने बेटे या बेटी को मोलेक के लिये आग में होम करके न चढ़ाए।
11 Und er schaffte die Rosse ab, welche die Könige von Juda der Sonne gesetzt hatten am Eingang des Hauses Jehovas, bei der Zelle Nethan-Meleks, des Kämmerers, der im Parwarim wohnte; und die Wagen der Sonne verbrannte er mit Feuer.
११जो घोड़े यहूदा के राजाओं ने सूर्य को अर्पण करके, यहोवा के भवन के द्वार पर नतन्मेलेक नामक खोजे की बाहर की कोठरी में रखे थे, उनको उसने दूर किया, और सूर्य के रथों को आग में फूँक दिया।
12 Und die Altäre, die auf dem Dache des Obergemachs des Ahas waren, welche die Könige von Juda gemacht hatten, und die Altäre, welche Manasse in den beiden Höfen des Hauses Jehovas gemacht hatte, riß der König nieder und zertrümmerte sie, und er warf ihren Staub in das Tal Kidron.
१२आहाज की अटारी की छत पर जो वेदियाँ यहूदा के राजाओं की बनाई हुई थीं, और जो वेदियाँ मनश्शे ने यहोवा के भवन के दोनों आँगनों में बनाई थीं, उनको राजा ने ढाकर पीस डाला और उनकी बुकनी किद्रोन नाले में फेंक दी।
13 Und der König verunreinigte die Höhen, die vor Jerusalem, zur Rechten des Berges des Verderbens waren, welche Salomo, der König von Israel, der Astoreth, dem Scheusal der Zidonier, und Kamos, dem Scheusal Moabs, und Milkom, dem Greuel der Kinder Ammon, gebaut hatte.
१३जो ऊँचे स्थान इस्राएल के राजा सुलैमान ने यरूशलेम के पूर्व की ओर और विकारी नामक पहाड़ी के दक्षिण ओर, अश्तोरेत नामक सीदोनियों की घिनौनी देवी, और कमोश नामक मोआबियों के घिनौने देवता, और मिल्कोम नामक अम्मोनियों के घिनौने देवता के लिये बनवाए थे, उनको राजा ने अशुद्ध कर दिया।
14 Und er zerschlug die Bildsäulen und hieb die Ascherim um, und füllte ihre Stätte mit Menschengebeinen an.
१४उसने लाठों को तोड़ दिया और अशेरों को काट डाला, और उनके स्थान मनुष्यों की हड्डियों से भर दिए।
15 Und auch den Altar, der zu Bethel war, die Höhe, welche Jerobeam, der Sohn Nebats, gemacht hatte, der Israel sündigen machte, auch diesen Altar und die Höhe riß er nieder; und er verbrannte die Höhe, zermalmte sie zu Staub und verbrannte die Aschera.
१५फिर बेतेल में जो वेदी थी, और जो ऊँचा स्थान नबात के पुत्र यारोबाम ने बनाया था, जिसने इस्राएल से पाप कराया था, उस वेदी और उस ऊँचे स्थान को उसने ढा दिया, और ऊँचे स्थान को फूँककर बुकनी कर दिया और अशेरा को फूँक दिया।
16 Und als Josia sich umwandte und die Gräber sah, die daselbst in dem Berge waren, da sandte er hin und ließ die Gebeine aus den Gräbern holen und verbrannte sie auf dem Altar und verunreinigte ihn, nach dem Worte Jehovas, das der Mann Gottes ausgerufen hatte, der diese Dinge ausrief.
१६तब योशिय्याह ने मुड़कर वहाँ के पहाड़ की कब्रों को देखा, और लोगों को भेजकर उन कब्रों से हड्डियाँ निकलवा दीं और वेदी पर जलवाकर उसको अशुद्ध किया। यह यहोवा के उस वचन के अनुसार हुआ, जो परमेश्वर के उस भक्त ने पुकारकर कहा था जिसने इन्हीं बातों की चर्चा की थी।
17 Und er sprach: Was ist das dort für ein Mal, das ich sehe? Und die Leute der Stadt sprachen zu ihm: Es ist das Grab des Mannes Gottes, der von Juda gekommen ist und diese Dinge ausgerufen hat, die du wider den Altar von Bethel getan hast.
१७तब उसने पूछा, “जो खम्भा मुझे दिखाई पड़ता है, वह क्या है?” तब नगर के लोगों ने उससे कहा, “वह परमेश्वर के उस भक्त जन की कब्र है, जिसने यहूदा से आकर इसी काम की चर्चा पुकारकर की थी, जो तूने बेतेल की वेदी से किया है।”
18 Und er sprach: Laßt ihn liegen, niemand beunruhige seine Gebeine! Und so retteten sie seine Gebeine samt den Gebeinen des Propheten, der von Samaria gekommen war.
१८तब उसने कहा, “उसको छोड़ दो; उसकी हड्डियों को कोई न हटाए।” तब उन्होंने उसकी हड्डियाँ उस नबी की हड्डियों के संग जो सामरिया से आया था, रहने दीं।
19 Und auch alle Häuser der Höhen, die in den Städten Samarias waren, welche die Könige von Israel gemacht hatten, um Jehova zu reizen, tat Josia hinweg; und er verfuhr mit ihnen gerade so, wie er zu Bethel verfahren war.
१९फिर ऊँचे स्थान के जितने भवन सामरिया के नगरों में थे, जिनको इस्राएल के राजाओं ने बनाकर यहोवा को क्रोध दिलाया था, उन सभी को योशिय्याह ने गिरा दिया; और जैसा-जैसा उसने बेतेल में किया था, वैसा-वैसा उनसे भी किया।
20 Und er schlachtete alle Priester der Höhen, die daselbst waren, auf den Altären, und verbrannte Menschengebeine auf denselben. Und er kehrte nach Jerusalem zurück.
२०उन ऊँचे स्थानों के जितने याजक वहाँ थे उन सभी को उसने उन्हीं वेदियों पर बलि किया और उन पर मनुष्यों की हड्डियाँ जलाकर यरूशलेम को लौट गया।
21 Und der König gebot dem ganzen Volke und sprach: Feiert Jehova, eurem Gott, Passah, wie in diesem Buche des Bundes geschrieben steht.
२१राजा ने सारी प्रजा के लोगों को आज्ञा दी, “इस वाचा की पुस्तक में जो कुछ लिखा है, उसके अनुसार अपने परमेश्वर यहोवा के लिये फसह का पर्व मानो।”
22 Denn es war kein solches Passah gefeiert worden wie dieses, von den Tagen der Richter an, welche Israel gerichtet haben, und alle Tage der Könige von Israel und der Könige von Juda;
२२निश्चय ऐसा फसह न तो न्यायियों के दिनों में माना गया था जो इस्राएल का न्याय करते थे, और न इस्राएल या यहूदा के राजाओं के दिनों में माना गया था।
23 sondern im achtzehnten Jahre des Königs Josia wurde dieses Passah dem Jehova zu Jerusalem gefeiert.
२३राजा योशिय्याह के राज्य के अठारहवें वर्ष में यहोवा के लिये यरूशलेम में यह फसह माना गया।
24 Und auch die Totenbeschwörer und die Wahrsager, und die Teraphim und die Götzen, und alle Scheusale, die im Lande Juda und in Jerusalem gesehen wurden, schaffte Josia hinweg, um die Worte des Gesetzes auszuführen, welche in dem Buche geschrieben standen, das der Priester Hilkija im Hause Jehovas gefunden hatte.
२४फिर ओझे, भूत-सिद्धिवाले, गृहदेवता, मूरतें और जितनी घिनौनी वस्तुएँ यहूदा देश और यरूशलेम में जहाँ कहीं दिखाई पड़ीं, उन सभी को योशिय्याह ने इस मनसा से नाश किया, कि व्यवस्था की जो बातें उस पुस्तक में लिखी थीं जो हिल्किय्याह याजक को यहोवा के भवन में मिली थी, उनको वह पूरी करे।
25 Und vor ihm ist seinesgleichen kein König gewesen, der zu Jehova umgekehrt wäre mit seinem ganzen Herzen und mit seiner ganzen Seele und mit seiner ganzen Kraft, nach allem Gesetz Moses; und nach ihm ist seinesgleichen nicht aufgestanden.
२५उसके तुल्य न तो उससे पहले कोई ऐसा राजा हुआ और न उसके बाद ऐसा कोई राजा उठा, जो मूसा की पूरी व्यवस्था के अनुसार अपने पूर्ण मन और पूर्ण प्राण और पूर्ण शक्ति से यहोवा की ओर फिरा हो।
26 Doch kehrte Jehova nicht um von der großen Glut seines Zornes, womit sein Zorn wider Juda entbrannt war, wegen all der Reizungen, mit welchen Manasse ihn gereizt hatte.
२६तो भी यहोवा का भड़का हुआ बड़ा कोप शान्त न हुआ, जो इस कारण से यहूदा पर भड़का था, कि मनश्शे ने यहोवा को क्रोध पर क्रोध दिलाया था।
27 Und Jehova sprach: Auch Juda will ich vor meinem Angesicht hinwegtun, wie ich Israel hinweggetan habe; und ich will diese Stadt verwerfen, die ich erwählt, Jerusalem, und das Haus, von dem ich gesagt habe: Mein Name soll daselbst sein!
२७यहोवा ने कहा था, “जैसे मैंने इस्राएल को अपने सामने से दूर किया, वैसे ही यहूदा को भी दूर करूँगा; और इस यरूशलेम नगर, जिसे मैंने चुना और इस भवन जिसके विषय मैंने कहा, कि यह मेरे नाम का निवास होगा, के विरुद्ध मैं हाथ उठाऊँगा।”
28 Und das Übrige der Geschichte Josias und alles, was er getan hat, ist das nicht geschrieben in dem Buche der Chronika der Könige von Juda?
२८योशिय्याह के और सब काम जो उसने किए, वह क्या यहूदा के राजाओं के इतिहास की पुस्तक में नहीं लिखे हैं?
29 In seinen Tagen zog der Pharao Neko, der König von Ägypten, wider den König von Assyrien hinauf, an den Strom Phrat. Und der König Josia zog ihm entgegen; aber Neko tötete ihn zu Megiddo, sowie er ihn sah.
२९उसके दिनों में फ़िरौन-नको नामक मिस्र का राजा अश्शूर के राजा की सहायता करने फरात महानद तक गया तो योशिय्याह राजा भी उसका सामना करने को गया, और फ़िरौन-नको ने उसको देखते ही मगिद्दो में मार डाला।
30 Und seine Knechte führten ihn zu Wagen tot von Megiddo hinweg und brachten ihn nach Jerusalem; und sie begruben ihn in seinem Begräbnis. Und das Volk des Landes nahm Joahas, den Sohn Josias, und sie salbten ihn und machten ihn zum König an seines Vaters Statt.
३०तब उसके कर्मचारियों ने उसका शव एक रथ पर रख मगिद्दो से ले जाकर यरूशलेम को पहुँचाया और उसकी निज कब्र में रख दिया। तब साधारण लोगों ने योशिय्याह के पुत्र यहोआहाज को लेकर उसका अभिषेक करके, उसके पिता के स्थान पर राजा नियुक्त किया।
31 Dreiundzwanzig Jahre war Joahas alt, als er König wurde, und er regierte drei Monate zu Jerusalem; und der Name seiner Mutter war Hamutal, die Tochter Jeremias, von Libna.
३१जब यहोआहाज राज्य करने लगा, तब वह तेईस वर्ष का था, और तीन महीने तक यरूशलेम में राज्य करता रहा; उसकी माता का नाम हमूतल था, जो लिब्नावासी यिर्मयाह की बेटी थी।
32 Und er tat, was böse war in den Augen Jehovas, nach allem, was seine Väter getan hatten.
३२उसने ठीक अपने पुरखाओं के समान वही किया, जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है।
33 Und der Pharao Neko setzte ihn gefangen zu Ribla im Lande Hamath, daß er nicht mehr König wäre zu Jerusalem; und er legte dem Lande eine Buße von hundert Talenten Silber und einem Talente Gold auf.
३३उसको फ़िरौन-नको ने हमात देश के रिबला नगर में बन्दी बना लिया, ताकि वह यरूशलेम में राज्य न करने पाए, फिर उसने देश पर सौ किक्कार चाँदी और किक्कार भर सोना जुर्माना किया।
34 Und der Pharao Neko machte Eljakim, den Sohn Josias, zum König, an Josias, seines Vaters, Statt, und verwandelte seinen Namen in Jojakim; Joahas aber nahm er mit, und er kam nach Ägypten und starb daselbst.
३४तब फ़िरौन-नको ने योशिय्याह के पुत्र एलयाकीम को उसके पिता योशिय्याह के स्थान पर राजा नियुक्त किया, और उसका नाम बदलकर यहोयाकीम रखा; परन्तु यहोआहाज को वह ले गया। और यहोआहाज मिस्र में जाकर वहीं मर गया।
35 Und Jojakim gab das Silber und das Gold dem Pharao; doch schätzte er das Land, um das Geld nach dem Befehle des Pharao zu geben: von dem Volke des Landes, von einem jeden nach seiner Schätzung, trieb er das Silber und das Gold ein, um es dem Pharao Neko zu geben.
३५यहोयाकीम ने फ़िरौन को वह चाँदी और सोना तो दिया परन्तु देश पर इसलिए कर लगाया कि फ़िरौन की आज्ञा के अनुसार उसे दे सके, अर्थात् देश के सब लोगों से जितना जिस पर लगान लगा, उतनी चाँदी और सोना उससे फ़िरौन-नको को देने के लिये ले लिया।
36 Fünfundzwanzig Jahre war Jojakim alt, als er König wurde, und er regierte elf Jahre zu Jerusalem; und der Name seiner Mutter war Sebudda, die Tochter Pedajas, von Ruma.
३६जब यहोयाकीम राज्य करने लगा, तब वह पच्चीस वर्ष का था, और ग्यारह वर्ष तक यरूशलेम में राज्य करता रहा; उसकी माता का नाम जबीदा था जो रूमावासी पदायाह की बेटी थी।
37 Und er tat, was böse war in den Augen Jehovas, nach allem, was seine Väter getan hatten.
३७उसने ठीक अपने पुरखाओं के समान वह किया जो यहोवा की दृष्टि में बुरा है।