< Psalm 80 >
1 [Dem Vorsänger, nach Schoschannim-Eduth. Von Asaph, [O. nach Schoschannim [Lilien]. Ein Zeugnis von Asaph] ein Psalm.] Hirte Israels, nimm zu Ohren! der du Joseph leitest wie eine Herde, der du thronst zwischen [O. über; vergl. 1. Chr. 28,18; Hes. 10,1] den Cherubim, strahle hervor!
संगीत निर्देशक के लिये. “वाचा की कुमुदिनी” धुन पर आधारित. आसफ की रचना. एक स्तोत्र. इस्राएल के चरवाहे, हमारी सुनिए, आप ही हैं, जो योसेफ़ की अगुवाई भेड़ों के वृन्द की रीति से करते हैं. आप, जो करूबों के मध्य विराजमान हैं, प्रकाशमान हों!
2 Vor Ephraim und Benjamin und Manasse erwecke deine Macht und komm zu unserer Rettung!
एफ्राईम, बिन्यामिन तथा मनश्शेह के सामने अपने सामर्थ्य को प्रगट कीजिए; और हमारी रक्षा कीजिए.
3 O Gott! führe uns zurück, und laß dein Angesicht leuchten, so werden wir gerettet werden.
परमेश्वर, हमें हमारी पूर्व स्थिति प्रदान कीजिए; हम पर अपना मुख प्रकाशित कीजिए, कि हमारा उद्धार हो जाए.
4 Jehova, Gott der Heerscharen! Bis wann raucht dein Zorn wider das [O. beim] Gebet deines Volkes?
याहवेह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, कब तक आपकी प्रजा की प्रार्थनाओं के प्रति, आपका कोप भीतर ही भीतर सुलगता रहेगा?
5 Du hast sie mit Tränenbrot gespeist, und sie maßweise getränkt mit Zähren.
आपने आंसुओं को उनका आहार बना छोड़ा है; आपने उन्हें विवश कर दिया है, कि वे कटोरे भर-भर आंसू पिएं.
6 Du setztest uns zum Streit [d. h. zum Gegenstand des Streites, der Anfeindung] unseren Nachbarn, und unsere Feinde spotten untereinander.
आपने हमें अपने पड़ोसियों के लिए विवाद का कारण बना दिया है, हमारे शत्रु हमारा उपहास करते हैं.
7 O Gott der Heerscharen! führe uns zurück, und laß dein Angesicht leuchten, so werden wir gerettet werden.
सर्वशक्तिमान परमेश्वर, हमें हमारी पूर्व स्थिति प्रदान कर दीजिए; हम पर अपना मुख प्रकाशित कीजिए, कि हमारा उद्धार हो जाए.
8 Einen Weinstock zogest du [Eig. rissest du heraus] aus Ägypten, vertriebest Nationen und pflanztest ihn.
मिस्र देश से आप एक द्राक्षालता ले आए; आपने जनताओं को काटकर इसे वहां रोप दिया.
9 Du machtest Raum vor ihm, und er schlug Wurzeln und erfüllte das Land;
आपने इसके लिए भूमि तैयार की, इस लता ने जड़ पकड़ी और इसने समस्त भूमि आच्छादित कर दी.
10 Die Berge wurden bedeckt von seinem Schatten, und seine Äste waren gleich Cedern Gottes; [And. üb.: und von seinen Ästen Cedern Gottes [d. h. mächtige Cedern]]
इसकी छाया ने तथा मजबूत देवदार की शाखाओं ने, पर्वतों को ढंक लिया था.
11 Er streckte seine Reben aus bis ans Meer, und bis zum Strome hin seine Schößlinge.
वह अपनी शाखाएं समुद्र तक, तथा किशलय नदी तक फैली हुई थी.
12 Warum hast du seine Mauern niedergerissen, so daß ihn berupfen alle, die des Weges vorübergehen?
आपने इसकी सुरक्षा की दीवारें क्यों ढाह दीं, कि आते जाते लोग इसके द्राक्षा तोड़ते जाएं?
13 Es zerwühlt ihn der Eber aus dem Walde, und das Wild des Gefildes weidet ihn ab.
जंगली सूअर इसे निगल जाते, तथा मैदान के पशु इसे अपना आहार बनाते हैं.
14 Gott der Heerscharen! kehre doch wieder; schaue vom Himmel und sieh, und suche heim diesen Weinstock, [O. nimm dich dieses Weinstocks an usw.]
सर्वशक्तिमान परमेश्वर, हम आग्रह करते हैं, आप लौट आइए! स्वर्ग से दृष्टिपात कीजिए! और इस ओर ध्यान दीजिए,
15 Und den Setzling, den [And. üb.: und beschütze was usw.] deine Rechte gepflanzt, und das Reis, das du dir gestärkt hattest!
और इस द्राक्षालता की हां उस पौधे की जिसे आपके दायें हाथ ने लगाया है, तथा उस पुत्र को देखिए, जिसे आपने स्वयं सशक्त बनाया है.
16 Er ist mit Feuer verbrannt, er ist abgeschnitten; vor dem Schelten deines Angesichts kommen [O. kamen] sie um.
आपकी इस द्राक्षालता को काट डाला गया है, इसे अग्नि में भस्म कर दिया गया है; आपकी फटकार-मात्र आपकी प्रजा को नष्ट करने के लिए काफ़ी है.
17 Deine Hand sei auf dem Manne deiner Rechten, auf dem Menschensohne, den du dir gestärkt hast!
उस पुरुष पर आपके दायें हाथ का आश्वासन स्थिर रहे, जो आपके दायें पक्ष में उपस्थित है, वह मनुष्य का पुत्र जिसे आपने अपने लिए तैयार किया है.
18 So werden wir nicht von dir abweichen; belebe uns, und wir werden deinen Namen anrufen.
तब हम आपसे दूर न होंगे; हमें जिलाइए, हम आपके ही नाम को पुकारेंगे.
19 Jehova, Gott der Heerscharen! führe uns zurück; laß dein Angesicht leuchten, so werden wir gerettet werden.
याहवेह, सर्वशक्तिमान परमेश्वर, हमें पुनर्स्थापित कीजिए; अपना मुख हम पर प्रकाशित कीजिए कि हम सुरक्षित रहेंगे.