< Psalm 60 >

1 [Dem Vorsänger; nach Schuschan-Eduth. Ein Gedicht von David, zum Lehren, ] [als er stritt mit den Syrern von Mesopotamien und mit den Syrern von Zoba, und Joab zurückkehrte und die Edomiter im Salztale schlug, zwölftausend Mann.] Gott, du hast uns verworfen, hast uns zerstreut, bist zornig gewesen; führe uns wieder zurück!
संगीत निर्देशक के लिये. “शूशन एदूथ” धुन पर आधारित. दावीद की मिकताम गीत रचना. यह सिखाए जाने के लिए. लिखा गया है. यह उस स्थिति का संदर्भ है जब दावीद अरम-नहरयिम और अरम-ज़ोबाह देशों से युद्धरत थे. उसी समय सेनापति योआब ने नमक की घाटी में लौटते हुए बारह हजार एदोमी सैनिकों को नाश किया था. परमेश्वर, आपने हमें शोकित छोड़ दिया, मानो आप हम पर टूट पड़े हैं; आप हमसे क्रोधित हो गए हैं. अब हमें पुनः अपना लीजिए!
2 Du hast das Land [O. die Erde] erschüttert, hast es zerrissen; heile seine Risse, denn es wankt!
आपने पृथ्वी को कंपाया था, धरती फट गई थी; अब जोड़कर इसे शांत कर दीजिए, क्योंकि यह कांप रही है.
3 Du hast dein Volk Hartes sehen lassen, mit Taumelwein hast du uns getränkt.
आपने अपनी प्रजा को विषम परिस्थितियों का अनुभव कराया; आपने हमें पीने के लिए वह दाखमधु दी, जिसके सेवन से हमारे पांव लड़खड़ा गए,
4 Denen, die dich fürchten, hast du ein Panier gegeben, daß es sich erhebe um der Wahrheit willen. (Sela)
किंतु अपने श्रद्धालुओं के लिए आपने एक ध्वजा ऊंची उठाई है, कि वह सत्य के प्रतीक स्वरूप प्रदर्शित की जाए.
5 Damit befreit werden deine Geliebten, rette durch deine Rechte und erhöre uns! [Nach and. Lesart: mich; vergl. Ps. 108,6-13]
अपने दायें हाथ से हमें छुड़ाकर हमें उत्तर दीजिए, कि आपके प्रिय पात्र छुड़ाए जा सकें.
6 Gott hat geredet in seiner Heiligkeit: Frohlocken will ich, will Sichem verteilen und das Tal Sukkoth ausmessen.
परमेश्वर ने अपने पवित्र स्थान में घोषणा की है: “अपने विजय में मैं शेकेम को विभाजित करूंगा तथा मैं सुक्कोथ घाटी को नाप कर बंटवारा कर दूंगा.
7 Mein ist Gilead, und mein Manasse, und Ephraim ist die Wehr meines Hauptes, Juda mein Herrscherstab. [And. üb.: mein Gesetzgeber]
गिलआद पर मेरा अधिकार है, मनश्शेह पर मेरा अधिकार है; एफ्राईम मेरे सिर का रखवाला है, यहूदाह मेरा राजदंड है.
8 Moab ist mein Waschbecken, auf Edom will ich meine Sandale werfen; Philistäa, jauchze mir zu!
मोआब राष्ट्र मेरे हाथ धोने का पात्र है, और एदोम राष्ट्र पर मैं अपनी पादुका फेंकूंगा; फिलिस्तिया के ऊपर उच्च स्वर में जयघोष करूंगा.”
9 Wer wird mich führen in die feste Stadt, wer wird mich leiten bis nach Edom?
कौन ले जाएगा मुझे सुदृढ़-सुरक्षित नगर तक? कौन पहुंचाएगा मुझे एदोम नगर तक?
10 Nicht du, Gott, der du uns verworfen hast, und nicht auszogest, o Gott, mit unseren Heeren?
परमेश्वर, क्या आप ही नहीं, जिन्होंने हमें अब शोकित छोड़ दिया है और हमारी सेनाओं को साथ देना भी छोड़ दिया है?
11 Schaffe uns Hülfe aus der Bedrängnis! [O. vom Bedränger] Menschenrettung ist ja eitel.
शत्रु के विरुद्ध हमारी सहायता कीजिए, क्योंकि किसी भी मनुष्य द्वारा लायी गयी सहायता निरर्थक है.
12 Mit Gott werden wir mächtige Taten [Eig. Mächtiges] tun; und er, er wird unsere Bedränger zertreten.
परमेश्वर के साथ मिलकर हमारी विजय सुनिश्चित होती है, वही हमारे शत्रुओं को कुचल डालेगा.

< Psalm 60 >