< Psalm 56 >
1 [Dem Vorsänger, nach: "Die Taube der fernen Terebinthen". Von David, ein Gedicht, [Hebr. Miktam; so auch Ps. 57. 58. 59. 60] als die Philister ihn zu Gath ergriffen.] Sei mir gnädig, o Gott! denn es schnaubt [O. schnappt] nach mir der Mensch; den ganzen Tag mich befehdend, bedrückt er mich.
संगीत निर्देशक के लिये. “दूर के बांज वृक्ष पर बैठा कबूतरी” धुन पर आधारित. दावीद की मिकताम गीत रचना. यह उस घटना का संदर्भ है, जब गाथ देश में फिलिस्तीनियों ने दावीद को पकड़ लिया था. परमेश्वर, मुझ पर कृपा कीजिए, क्योंकि शत्रु मुझे कुचल रहे हैं; दिन भर उनका आक्रमण मुझ पर प्रबल होता जा रहा है.
2 Es schnauben [O. schnappen] meine Feinde den ganzen Tag; denn viele befehden mich in Hochmut.
मेरे निंदक सारे दिन मेरा पीछा करते हैं; अनेक हैं, जो मुझ पर अपने अहंकार से प्रहार कर रहे हैं.
3 An dem Tage, da ich mich fürchte, vertraue ich auf dich.
भयभीत होने की स्थिति में, मैं आप पर ही भरोसा करूंगा.
4 In [O. Durch; so auch v 10] Gott werde ich rühmen sein Wort; auf Gott vertraue ich, ich werde mich nicht fürchten; was sollte das Fleisch mir tun?
परमेश्वर, आपकी प्रतिज्ञा स्तुति प्रशंसनीय है, परमेश्वर, मैं आप पर ही भरोसा रखूंगा और पूर्णतः निर्भय हो जाऊंगा. नश्वर मनुष्य मेरा क्या बिगाड़ लेगा?
5 Meine Worte verdrehen [Eig. kränken] sie den ganzen Tag, alle ihre Gedanken sind wider mich zum Bösen.
दिन भर मेरे वचन को उलटा कर प्रसारित किया जाता है; मेरी हानि की युक्तियां सोचना उनकी दिनचर्या हो गई है.
6 Sie rotten sich zusammen, verstecken sich, [Nach and. Lesart: legen einen Hinterhalt] sie beobachten meine Fersen, weil sie meiner Seele auflauern.
वे बुरी युक्ति रचते हैं, वे घात लगाए बैठे रहते हैं, वे मेरे हर कदम पर दृष्टि बनाए रखते हैं, कि कब मेरे प्राण ले सकें.
7 Sollte bei ihrem Frevel Rettung für sie sein? Im Zorn stürze nieder die Völker, o Gott!
उनकी दुष्टता को देखकर उन्हें बचकर न जाने दें; परमेश्वर, अपने क्रोध के द्वारा इन लोगों को मिटा दीजिए.
8 Mein Umherirren [O. Klagen] zählst du. Lege [O. hast du gezählt. Gelegt sind usw.] in deinen Schlauch meine Tränen; sind sie nicht in deinem Buche? [O. Verzeichnis]
आपने मेरे भटकने का लेखा रखा है; आपने मेरे आंसू अपनी कुप्पी में जमा कर रखें हैं. आपने इनका लेखा भी अपनी पुस्तक में रखा है?
9 Dann werden meine Feinde umkehren an dem Tage, da ich rufe; dieses weiß ich, daß Gott für mich ist. [O. denn Gott ist für mich]
तब जैसे ही मैं आपको पुकारूंगा, मेरे शत्रु पीठ दिखाकर भाग खड़े होंगे. तब यह प्रमाणित हो जाएगा कि परमेश्वर मेरे पक्ष में हैं.
10 In Gott werde ich rühmen das Wort, in Jehova werde ich rühmen das Wort.
वही परमेश्वर, जिनकी प्रतिज्ञा स्तुति प्रशंसनीय है, वही याहवेह, जिनकी प्रतिज्ञा स्तुति प्रशंसनीय है.
11 Auf Gott vertraue ich; ich werde mich nicht fürchten; was sollte der Mensch mir tun?
मैं परमेश्वर पर ही भरोसा रखूंगा, तब मुझे किसी का भय न होगा. मनुष्य मेरा क्या बिगाड़ सकता है?
12 Auf mir, o Gott, sind deine Gelübde, [d. h. die ich dir gelobt habe] ich werde dir Dankopfer entrichten.
परमेश्वर, मुझे आपके प्रति की गई मन्नतें पूर्ण करनी हैं; मैं आपको अपनी आभार-बलि अर्पण करूंगा.
13 Denn du hast meine Seele vom Tode errettet, ja, meine Füße vom Sturz, um zu wandeln vor dem Angesicht Gottes im Lichte der Lebendigen.
क्योंकि आपने मृत्यु से मेरे प्राणों की रक्षा की है, मेरे पांवों को आपने फिसलने से बचाया है कि मैं, परमेश्वर, आपके साथ साथ जीवन ज्योति में चल सकूं.