< Psalm 37 >

1 [S. die Anm. zu Ps. 25] N [Von David.] Erzürne dich nicht über die Übeltäter, beneide nicht die, welche Unrecht tun!
दावीद की रचना दुष्टों के कारण मत कुढ़ो, कुकर्मियों से डाह मत करो;
2 Denn wie das Gras werden sie schnell vergehen, und wie das grüne Kraut verwelken. [Eig. hinwelken]
क्योंकि वे तो घास के समान शीघ्र मुरझा जाएंगे, वे हरे पौधे के समान शीघ्र नष्ट हो जाएंगे.
3 Vertraue auf Jehova und tue Gutes; wohne im Lande und weide dich an Treue; [Eig. weide, od. pflege [übe] Treue]
याहवेह में भरोसा रखते हुए वही करो, जो उपयुक्त है; कि तुम सुरक्षित होकर स्वदेश में खुशहाल निवास कर सको.
4 und ergötze dich an Jehova: so wird er dir geben die Bitten deines Herzens.
तुम्हारा आनंद याहवेह में मगन हो, वही तुम्हारे मनोरथ पूर्ण करेंगे.
5 Befiehl [W. Wälze auf] Jehova deinen Weg und vertraue auf ihn! und er wird handeln;
याहवेह को अपने जीवन की योजनाएं सौंप दो; उन पर भरोसा करो और वे तुम्हारे लिए ये सब करेंगे:
6 und er wird deine Gerechtigkeit hervorkommen lassen wie das Licht, und dein Recht wie den Mittag.
वे तुम्हारी धार्मिकता को सबेरे के सूर्य के समान तथा तुम्हारी सच्चाई को मध्याह्न के सूर्य समान चमकाएंगे.
7 Vertraue still [W. Sei still] dem Jehova und harre auf ihn! Erzürne dich nicht über den, dessen Weg gelingt, über den Mann, der böse Anschläge ausführt!
याहवेह के सामने चुपचाप रहकर धैर्यपूर्वक उन पर भरोसा करो; जब दुष्ट पुरुषों की युक्तियां सफल होने लगें अथवा जब वे अपनी बुराई की योजनाओं में सफल होने लगें तो मत कुढ़ो!
8 Stehe ab vom Zorn und laß den Grimm! Erzürne dich nicht! nur zum Übeltun verleitet es.
क्रोध से दूर रहो, कोप का परित्याग कर दो; कुढ़ो मत! इससे बुराई ही होती है.
9 Denn die Übeltäter werden ausgerottet werden; aber die auf Jehova hoffen, diese werden das Land besitzen.
कुकर्मी तो काट डाले जाएंगे, किंतु याहवेह के श्रद्धालुओं के लिए भाग आरक्षित है.
10 Und noch um ein Kleines, und der Gesetzlose ist nicht mehr; und siehst du dich um nach seiner Stätte, so ist er [O. sie] nicht da.
कुछ ही समय शेष है जब दुष्ट का अस्तित्व न रहेगा; तुम उसे खोजने पर भी न पाओगे.
11 Aber die Sanftmütigen werden das Land besitzen, und werden sich ergötzen an Fülle von Wohlfahrt.
किंतु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, वे बड़ी समृद्धि में आनंदित रहेंगे.
12 Der Gesetzlose sinnt wider den Gerechten, und mit seinen Zähnen knirscht er wider ihn.
दुष्ट धर्मियों के विरुद्ध बुरी युक्ति रचते रहते हैं, उन्हें देख दांत पीसते रहते हैं;
13 Der Herr lacht seiner, denn er sieht, daß sein Tag kommt.
किंतु प्रभु दुष्ट पर हंसते हैं, क्योंकि वह जानते हैं कि उसके दिन समाप्‍त हो रहे हैं.
14 Die Gesetzlosen haben das Schwert gezogen und ihren Bogen gespannt, um zu fällen den Elenden und den Armen, hinzuschlachten, die in Geradheit wandeln.
दुष्ट तलवार खींचते हैं और धनुष पर डोरी चढ़ाते हैं कि दुःखी और दीन दरिद्र को मिटा दें, उनका वध कर दें, जो सीधे हैं.
15 Ihr Schwert wird in ihr eigenes Herz dringen, und ihre Bogen werden zerbrochen werden.
किंतु उनकी तलवार उन्हीं के हृदय को छेदेगी और उनके धनुष टूट जाएंगे.
16 Besser das Wenige des Gerechten, als der Überfluß vieler Gesetzlosen.
दुष्ट की विपुल संपत्ति की अपेक्षा धर्मी की सीमित राशि ही कहीं उत्तम है;
17 Denn die Arme der Gesetzlosen werden zerbrochen werden, aber Jehova stützt die Gerechten.
क्योंकि दुष्ट की भुजाओं का तोड़ा जाना निश्चित है, किंतु याहवेह धर्मियों का बल हैं.
18 Jehova kennt [d. h. nimmt Kenntnis von] die Tage derer, die lauter [O. vollkommen, tadellos] sind, und ihr Erbteil wird ewig sein;
याहवेह निर्दोष पुरुषों की आयु पर दृष्टि रखते हैं, उनका निज भाग सर्वदा स्थायी रहेगा.
19 sie werden nicht beschämt werden in der Zeit des Übels, und in den Tagen des Hungers werden sie gesättigt werden.
संकट काल में भी उन्हें लज्जा का सामना नहीं करना पड़ेगा; अकाल में भी उनके पास भरपूर रहेगा.
20 Denn die Gesetzlosen werden umkommen, und die Feinde Jehovas sind wie die Pracht der Auen; [And.: wie das Fett der Lämmer] sie schwinden, sie schwinden dahin wie Rauch.
दुष्टों का विनाश सुनिश्चित है: याहवेह के शत्रुओं की स्थिति घास के वैभव के समान है, वे धुएं के समान विलीन हो जाएंगे.
21 Der Gesetzlose borgt und erstattet nicht wieder; der Gerechte aber ist gnädig und gibt.
दुष्ट ऋण लेकर उसे लौटाता नहीं, किंतु धर्मी उदारतापूर्वक देता रहता है;
22 Denn die von ihm Gesegneten werden das Land besitzen, und die von ihm Verfluchten werden ausgerottet werden.
याहवेह द्वारा आशीषित पुरुष पृथ्वी के भागी होंगे, याहवेह द्वारा शापित पुरुष नष्ट कर दिए जाएंगे.
23 Von Jehova werden befestigt des Mannes Schritte, und an seinem Wege hat er Wohlgefallen;
जिस पुरुष के कदम याहवेह द्वारा नियोजित किए जाते हैं, उसके आचरण से याहवेह प्रसन्‍न होते हैं;
24 wenn er fällt, wird er nicht hingestreckt werden, denn Jehova stützt seine Hand.
तब यदि वह लड़खड़ा भी जाए, वह गिरेगा नहीं, क्योंकि याहवेह उसका हाथ थामे हुए हैं.
25 Ich war jung und bin auch alt geworden, und nie sah ich den Gerechten verlassen, noch seinen Samen nach Brot gehen;
मैंने युवावस्था देखी और अब मैं प्रौढ़ हूं, किंतु आज तक मैंने न तो धर्मी को शोकित होते देखा है और न उसकी संतान को भीख मांगते.
26 den ganzen Tag ist er gnädig und leiht, und sein Same wird gesegnet sein. [W. ist für Segen]
धर्मी सदैव उदार ही होते हैं तथा उदारतापूर्वक देते रहते हैं; आशीषित रहती है उनकी संतान.
27 Weiche vom Bösen und tue Gutes, und bleibe [O. so wirst du bleiben [im Lande wohnen]] ewiglich!
बुराई से परे रहकर परोपकार करो; तब तुम्हारा जीवन सदैव सुरक्षित बना रहेगा.
28 Denn Jehova liebt das Recht und wird seine Frommen nicht verlassen; ewig werden sie bewahrt, aber der Same der Gesetzlosen wird ausgerottet.
क्योंकि याहवेह को सच्चाई प्रिय है और वे अपने भक्तों का परित्याग कभी नहीं करते. वह चिरकाल के लिए सुरक्षित हो जाते हैं; किंतु दुष्ट की सन्तति मिटा दी जाएगी.
29 Die Gerechten werden das Land besitzen und werden darin wohnen immerdar.
धर्मी पृथ्वी के भागी होंगे तथा उसमें सर्वदा निवास करेंगे.
30 Der Mund des Gerechten spricht Weisheit aus, und seine Zunge redet das Recht;
धर्मी अपने मुख से ज्ञान की बातें कहता है, तथा उसकी जीभ न्याय संगत वचन ही उच्चारती है.
31 das Gesetz seines Gottes ist in seinem Herzen, seine Schritte werden nicht wanken.
उसके हृदय में उसके परमेश्वर की व्यवस्था बसी है; उसके कदम फिसलते नहीं.
32 Der Gesetzlose lauert auf den Gerechten und sucht ihn zu töten;
दुष्ट, जो धर्मी के प्राणों का प्यासा है, उसकी घात लगाए बैठा रहता है;
33 Jehova wird ihn nicht in seiner Hand lassen, und ihn nicht verdammen, wenn er gerichtet wird.
किंतु याहवेह धर्मी को दुष्ट के अधिकार में जाने नहीं देंगे और न ही न्यायालय में उसे दोषी प्रमाणित होने देंगे.
34 Harre auf Jehova und bewahre seinen Weg, und er wird dich erhöhen, das Land zu besitzen. Wenn die Gesetzlosen ausgerottet werden, wirst du zusehen. [O. An der Ausrottung der Gesetzlosen wirst du deine Lust sehen]
याहवेह की सहायता की प्रतीक्षा करो और उन्हीं के सन्मार्ग पर चलते रहो. वही तुमको ऐसा ऊंचा करेंगे, कि तुम्हें उस भूमि का अधिकारी कर दें; दुष्टों की हत्या तुम स्वयं अपनी आंखों से देखोगे.
35 Ich habe einen Gesetzlosen gesehen, der gewaltig [Zugleich: gewalttätig] war, und der sich ausbreitete wie ein nicht verpflanzter grüner [O. saftvoller] Baum;
मैंने एक दुष्ट एवं क्रूर पुरुष को देखा है जो उपजाऊ भूमि के हरे वृक्ष के समान ऊंचा था,
36 und man ging vorbei, und siehe, er war nicht mehr; und ich suchte ihn, und er ward nicht gefunden.
किंतु शीघ्र ही उसका अस्तित्व समाप्‍त हो गया; खोजने पर भी मैं उसे न पा सका.
37 Achte auf den Unsträflichen und sieh auf den Aufrichtigen; denn für den Mann des Friedens gibt es eine Zukunft. [O. Nachkommenschaft; wie Ps. 109,13]
निर्दोष की ओर देखो, खरे को देखते रहो; उज्जवल होता है शांत पुरुष का भविष्य.
38 Die Übertreter aber werden vertilgt allesamt, es wird abgeschnitten die Zukunft [O. Nachkommenschaft; wie Psalm 109,13] der Gesetzlosen.
किंतु समस्त अपराधी नाश ही होंगे; दुष्टों की सन्तति ही मिटा दी जाएगी.
39 Aber die Rettung der Gerechten ist von Jehova, der ihre Stärke [Eig. Feste, Schutzwehr] ist zur Zeit der Bedrängnis;
याहवेह धर्मियों के उद्धार का उगम स्थान हैं; वही विपत्ति के अवसर पर उनके आश्रय होते हैं.
40 und Jehova wird ihnen helfen und sie erretten; er wird sie erretten von den Gesetzlosen und ihnen Rettung verschaffen, denn sie trauen auf ihn.
याहवेह उनकी सहायता करते हुए उनको बचाते हैं; इसलिये कि धर्मी याहवेह का आश्रय लेते हैं, याहवेह दुष्ट से उनकी रक्षा करते हुए उनको बचाते हैं.

< Psalm 37 >