< 4 Mose 20 >

1 Und die Kinder Israel, die ganze Gemeinde, kamen in die Wüste Zin, im ersten Monat; [des 40. Jahres nach dem Auszug aus Ägypten; vergl. v 28 mit Kap. 33,38] und das Volk blieb zu Kades; und Mirjam starb daselbst und wurde daselbst begraben.
पहले महीने में सारे इस्राएल के घराने के लोग ज़िन के निर्जन प्रदेश में पहुंच गए. उन्होंने कादेश में पड़ाव डाला. यहां मिरियम की मृत्यु हो गई और उसे वहीं मिट्टी दी गई.
2 Und es war kein Wasser da für die Gemeinde, und sie versammelten sich wider Mose und wider Aaron.
इस्राएल के घराने के पीने के लिए वहां जल उपलब्ध ही न था. वे लोग मोशेह तथा अहरोन के विरोध में एकजुट हो गए.
3 Und das Volk haderte mit Mose, und sie sprachen und sagten: Wären wir doch umgekommen, als unsere Brüder vor Jehova umkamen!
लोगों ने मोशेह से यह कहते हुए झगड़ा करना शुरू कर दिया, “सही होता कि हम भी उसी अवसर पर नाश हो गए होते, जब हमारे भाई याहवेह के सामने नाश हुए जा रहे थे!
4 Und warum habt ihr die Versammlung Jehovas in diese Wüste gebracht, daß wir daselbst sterben, wir und unser Vieh?
क्यों आप याहवेह की प्रजा को इस निर्जन प्रदेश में ले आए हैं, कि हम और हमारे पशु सभी मृत्यु के कौर हो जाएं?
5 Und warum habt ihr uns aus Ägypten heraufgeführt, um uns an diesen bösen Ort zu bringen? Es ist kein Ort der Aussaat und der Feigenbäume und der Weinstöcke und der Granatbäume, und kein Wasser ist da zu trinken.
क्यों आपने हमें मिस्र देश से निकलने के लिए मजबूर किया; क्या इस बेमतलब के स्थान में लाकर छोड़ने के लिए? यह तो अन्‍न या, अंजीरों या दाख-लताओं या अनारों का देश है ही नहीं, और न ही यहां हमारे लिए पीने का पानी उपलब्ध है!”
6 Und Mose und Aaron gingen von der Versammlung hinweg zum Eingang des Zeltes der Zusammenkunft und fielen auf ihr Angesicht; und die Herrlichkeit Jehovas erschien ihnen.
यह सुन मोशेह तथा अहरोन इस्राएली सभा के सामने से निकलकर मिलनवाले तंबू के प्रवेश के सामने आकर मुंह के बल गिर पड़े. यहां उन्हें याहवेह की महिमा के दर्शन हुआ.
7 Und Jehova redete zu Mose und sprach:
याहवेह ने मोशेह को आज्ञा दी,
8 Nimm den Stab und versammle die Gemeinde, du und dein Bruder Aaron, und redet vor ihren Augen zu dem Felsen, so wird er sein Wasser geben; und du wirst ihnen Wasser aus dem Felsen hervorbringen und die Gemeinde tränken und ihr Vieh.
“अपनी लाठी अपने साथ लेकर तुम और तुम्हारा भाई अहरोन, सारी सभा को इकट्ठा कर उनकी दृष्टि में उस चट्टान से बात करो कि वह अपना जल निकाल दे. ऐसा करके तुम उस चट्टान में से उनके लिए जल निकालोगे कि सारी सभा तथा उनके पशु जल पी सकें.”
9 Und Mose nahm den Stab vor Jehova weg, so wie er ihm geboten hatte.
फिर मोशेह ने याहवेह के सामने से वह लाठी उठा ली, ठीक जैसा आदेश उन्हें याहवेह की ओर से मिला था.
10 Und Mose und Aaron versammelten die Versammlung vor dem Felsen; und er sprach zu ihnen: Höret doch, ihr Widerspenstigen! werden wir euch Wasser aus diesem Felsen hervorbringen?
मोशेह एवं अहरोन ने सारी सभा को उस चट्टान के सामने इकट्ठा किया और उनसे कहा, “विद्रोहियो, अब मेरी सुनो. क्या अब हमें तुम्हारे लिए इस चट्टान से जल निकालना होगा?”
11 Und Mose erhob seine Hand und schlug den Felsen mit seinem Stabe zweimal; da kam viel Wasser heraus, und die Gemeinde trank und ihr Vieh.
यह कहते हुए मोशेह ने अपनी बांह ऊंची उठाकर अपनी लाठी से उस चट्टान पर दो बार वार किया और बहुत मात्रा में जल निकलने लगा. सारी सभा एवं पशुओं ने अपनी प्यास बुझा ली.
12 Da sprach Jehova zu Mose und zu Aaron: Weil ihr mir nicht geglaubt habt, mich vor den Augen der Kinder Israel zu heiligen, deswegen sollt ihr diese Versammlung nicht in das Land bringen, das ich ihnen gegeben habe.
किंतु याहवेह ने मोशेह एवं अहरोन से कहा, “तुमने मुझमें विश्वास न करके इस्राएल के घराने के सामने मेरी पवित्रता की पुष्टि नहीं की, इसलिये तुम इस सभा को मेरे द्वारा दिए हुए देश में नहीं ले जाओगे.”
13 Das ist das Wasser von Meriba, [O. das Haderwasser] wo die Kinder Israel mit Jehova haderten, und er sich an ihnen heiligte.
यह मेरिबाह का सोता था जहां इस्राएल के घराने ने याहवेह से झगड़ा किया था और यहां याहवेह ने स्वयं को उनके बीच पवित्र सिद्ध कर दिया.
14 Und Mose sandte Boten aus Kades an den König von Edom: So spricht dein Bruder Israel: Du kennst all das Ungemach, das uns betroffen hat:
मोशेह ने कादेश से एदोम के राजा को संदेशवाहकों के द्वारा यह संदेश भेजा: “आपके भाई इस्राएल की विनती यह है: आप तो हम पर आई कठिनाइयों को जानते हैं.
15 unsere Väter zogen nach Ägypten hinab, und wir haben eine lange Zeit in Ägypten gewohnt; und die Ägypter behandelten uns und unsere Väter übel.
हमारे पूर्वजों ने मिस्र देश में प्रवास किया और हम वहां बहुत समय तक रहते रहे. मिस्रियों ने हमारे साथ तथा हमारे पूर्वजों के साथ क्रूरतापूर्वक व्यवहार किया,
16 Da schrieen wir zu Jehova, und er hat unsere Stimme gehört und einen Engel gesandt und uns aus Ägypten herausgeführt; und siehe, wir sind zu Kades, einer Stadt am Äußersten deines Gebiets.
हमने इस पर याहवेह की गुहार लगाई और उन्होंने हमारी सुन ली, तथा अपना एक स्वर्गदूत भेजकर हमें मिस्र देश से निकाल लिया. “अब हम कादेश तक आ पहुंचे हैं, जो आपके देश की सीमा से लगा हुआ है.
17 Laß uns doch durch dein Land ziehen! Wir wollen nicht durch die Äcker und durch die Weinberge ziehen und wollen kein Wasser aus den Brunnen [d. h. Cisternen] trinken; auf der Straße des Königs wollen wir ziehen und nicht ausbiegen zur Rechten noch zur Linken, bis wir durch dein Gebiet gezogen sind.
कृपया हमें अपने देश में से होकर निकल जाने की अनुमति दे दीजिए. हम न तो आपके किसी खेत में से होकर जाएंगे और न किसी दाख की बारी में से; यहां तक कि हम तो किसी कुएं के जल का भी उपयोग नहीं करेंगे. हम सिर्फ राजमार्ग का ही प्रयोग करेंगे, जब तक हम आपकी सीमा से पार न हो जाएं, हम न दायीं ओर जाएंगे, न बायीं ओर.”
18 Aber Edom sprach zu ihm: Du sollst nicht bei mir durchziehen, daß ich dir nicht mit dem Schwerte entgegenrücke.
किंतु इस विषय में एदोम का जवाब था: “आप लोग हमारे देश में से होकर नहीं जाएंगे, नहीं तो हम आपको तलवार से रोकेंगे.”
19 Und die Kinder Israel sprachen zu ihm: Auf der Landstraße [Eig. ein aufgeschütteter, erhöhter Weg] wollen wir hinaufziehen; und wenn wir von deinem Wasser trinken, ich und mein Vieh, so will ich den Preis dafür geben; mit meinen Füßen will ich durchziehen, weiter nichts. [W. es ist gar keine Sache [nichts Außerordentliches], mit meinen Füßen usw.]
इस्राएलियों ने उससे दोबारा विनती की: “हम सिर्फ राजमार्ग से ही यात्रा करेंगे और यदि हमारे पशु आपका ज़रा सा भी जल पिएंगे, तब हम इसका मूल्य भुगतान कर देंगे. हमें सिर्फ यहां से पैदल ही पैदल जाने की अनुमति दे दीजिए, इसके अलावा कुछ भी नहीं.”
20 Und er sprach: Du sollst nicht durchziehen! Und Edom zog aus, ihm entgegen, mit zahlreichem Volk und mit starker Hand.
किंतु उसका उत्तर यही था: “तुम यहां से होकर नहीं जाओगे.” तब एदोम उनके विरुद्ध एक मजबूत सेना तथा पक्‍के इरादे के साथ खड़ा हो गया.
21 Und so weigerte sich Edom, Israel zu gestatten, durch sein Gebiet zu ziehen; und Israel bog von ihm ab.
एदोम ने इस्राएल को अपने देश में से होकर जाने की अनुमति नहीं दी; इसलिये इस्राएल ने उस देश से होकर जाने का विचार छोड़ दिया.
22 Und sie brachen auf von Kades; und die Kinder Israel, die ganze Gemeinde, kamen an den Berg Hor.
इस्राएल के घराने ने कादेश से कूच किया, और पूरी इस्राएली सभा होर पर्वत तक पहुंच गई.
23 Und Jehova redete zu Mose und zu Aaron am Berge Hor, an der Grenze des Landes Edom, und sprach:
एदोम की सीमा पर होर पर्वत पर याहवेह ने मोशेह तथा अहरोन को सूचित किया,
24 Aaron soll zu seinen Völkern versammelt werden; denn er soll nicht in das Land kommen, das ich den Kindern Israel gegeben habe, weil ihr meinem Befehle widerspenstig gewesen seid bei dem Wasser von Meriba.
“अहरोन को उसके पूर्वजों में मिल जाना है; क्योंकि वह उस देश में प्रवेश नहीं करेगा, जो मैंने इस्राएल के घराने को दिया है, क्योंकि तुम दोनों ने मेरिबाह के जल पर मेरे आदेश का विद्रोह किया था.
25 Nimm Aaron und Eleasar, seinen Sohn, und laß sie hinaufsteigen auf den Berg Hor;
अहरोन तथा उसके पुत्र एलिएज़र को होर पर्वत पर ले जाओ.
26 und ziehe Aaron seine Kleider aus und lege sie seinem Sohne Eleasar an; und Aaron soll versammelt werden und daselbst sterben.
वहां अहरोन के पुरोहित वस्त्र उतारकर उसके पुत्र एलिएज़र को पहना देना. फिर अहरोन अपने लोगों में मिल जाएगा; वहां उसका देहांत हो जाएगा.”
27 Und Mose tat, so wie Jehova geboten hatte, und sie stiegen auf den Berg Hor, vor den Augen der ganzen Gemeinde.
तब मोशेह ने ठीक वही किया, जैसा याहवेह ने आदेश दिया था: वे सारी सभा की दृष्टि में होर पर्वत पर चढ़ गए.
28 Und Mose zog Aaron seine Kleider aus und legte sie seinem Sohne Eleasar an; und Aaron starb daselbst auf dem Gipfel des Berges; und Mose und Eleasar stiegen von dem Berge herab.
जब मोशेह ने वे कपड़े अहरोन से उतारकर उसके पुत्र एलिएज़र को पहनाए, तब अहरोन ने वहां पर्वत शिखर पर अपने प्राणों को त्याग दिया. इसके बाद मोशेह एवं एलिएज़र पर्वत से नीचे उतर गए,
29 Und als die ganze Gemeinde sah, daß Aaron verschieden war, da beweinte das ganze Haus Israel Aaron dreißig Tage lang.
जब सारी सभा को यह मालूम चला कि अहरोन की मृत्यु हो चुकी है, तब सारे इस्राएल के घराने ने तीस दिन अहरोन के लिए विलाप किया.

< 4 Mose 20 >