< Jeremia 47 >
1 Das Wort Jehovas, welches zu Jeremia, dem Propheten, geschah [Im Hebr. wie Kap. 14,1;46,1] über [O. wider] die Philister, ehe der Pharao Gasa schlug.
ख़ुदावन्द का कलाम जो यरमियाह नबी पर फ़िलिस्तियों के बारे में नाज़िल हुआ, इससे पहले कि फ़िर'औन ने ग़ज़्ज़ा को फ़तह किया।
2 So spricht Jehova: Siehe, Wasser steigen herauf von Norden her und werden zu einem überschwemmenden Wildbach; und sie überschwemmen das Land und seine Fülle, die Städte und ihre Bewohner. Und es schreien die Menschen, und alle Bewohner des Landes heulen,
ख़ुदावन्द यूँ फ़रमाता है कि: देख, उत्तर से पानी चढ़ेंगे और सैलाब की तरह होंगे, और मुल्क पर और सब पर जो उसमें है, शहर पर और उसके बाशिन्दों पर, बह निकलेंगे। उस वक़्त लोग चिल्लाएँगे, और मुल्क के सब बाशिन्दे फ़रियाद करेंगे।
3 vor dem Schalle des Stampfens der Hufe seiner starken Rosse, vor dem Getöse seiner Wagen, dem Gerassel seiner Räder, -Väter sehen sich nicht um nach den Söhnen vor Erschlaffung der Hände-
उसके ताकतवर घोड़ों के खुरों की टाप की आवाज़ से, उसके रथों के रेले और उसके पहियों की गड़गड़ाहट से बाप कमज़ोरी की वजह से अपने बच्चों की तरफ़ लौट कर न देखेंगे।
4 wegen des Tages, der da kommt, um alle Philister zu zerstören und für Tyrus und Zidon jeden Hülfebringenden Überrest zu vertilgen. Denn Jehova zerstört die Philister, den Überrest der Insel [O. des Küstengebietes] Kaphtor.
यह उस दिन की वजह से होगा, जो आता है कि सब फ़िलिस्तियों को ग़ारत करे, और सूर और सैदा से हर मददगार को जो बाक़ी रह गया है हलाक करे; क्यूँकि ख़ुदावन्द फ़िलिस्तियों को या'नी कफ़तूर के जज़ीरे के बाक़ी लोगों को ग़ारत करेगा।
5 Kahlheit ist über Gasa gekommen, vernichtet ist Askelon, der Überrest ihres [bezieht sich auf Gasa und Askelon] Tales [Eig. ihrer Talebene.] Wie lange willst du dich ritzen? -
ग़ज़्ज़ा पर चन्दलापन आया है, अस्क़लोन अपनी वादी के बक़िये के साथ हलाक किया गया, तू कब तक अपने आप को काटता जाएगा
6 Wehe! Schwert Jehovas, wie lange willst du nicht rasten? Fahre zurück in deine Scheide, halte dich ruhig und still!
“ऐ ख़ुदावन्द की तलवार, तू कब तक न ठहरेगी? तू चल, अपने ग़िलाफ़ में आराम ले, और साकिन हो!
7 Wie sollte es rasten, da doch Jehova ihm geboten hat? Gegen Askelon und gegen das Gestade des Meeres, dorthin hat er es bestellt.
वह कैसे ठहर सकती है, जब कि ख़ुदावन्द ने अस्क़लोन और समन्दर के साहिल के ख़िलाफ़ उसे हुक्म दिया है? उसने उसे वहाँ मुक़र्रर किया है।”