< Hesekiel 36 >
1 Und du, Menschensohn, weissage über die Berge Israels und sprich: Berge Israels, höret das Wort Jehovas!
“हे मनुष्य के पुत्र, इस्राएल के पर्वतों के लिये भविष्यवाणी करो और कहो, ‘हे इस्राएल के पर्वतों, याहवेह की बात सुनो.
2 So spricht der Herr, Jehova: Weil der Feind über euch spricht: Haha! und: Die ewigen Höhen, sie sind uns zum Besitztum geworden!
परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: शत्रु ने तुमसे कहा, “आहा! पुराने ज़माने के ऊंचे स्थान हमारे हो गये हैं.”’
3 darum weissage und sprich: So spricht der Herr, Jehova: Darum, ja darum, daß man euch von allen Seiten her verwüstet und angeschnaubt [O. nach euch geschnappt] hat, so daß ihr dem Überrest der Nationen ein Besitztum geworden und ins Gerede der Zunge und ins Geschwätz der Leute gekommen seid:
इसलिये भविष्यवाणी करके कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: क्योंकि उन्होंने तुम्हें सब तरफ लूटा और कुचला जिससे बाकी जातियों के अधिकार में हो गये और जनताओं की ईर्ष्यालु बात और बदनामी के विषय हो गये,
4 darum, ihr Berge Israels, höret das Wort des Herrn, Jehovas! So spricht der Herr, Jehova, zu den Bergen und zu den Hügeln, zu den Gründen und zu den Tälern, und zu den wüsten Trümmern und zu den verlassenen Städten, welche dem Überrest der Nationen ringsum zur Beute und zum Spott geworden sind-
इसलिये, हे इस्राएल के पर्वतों, परम प्रधान याहवेह की बात सुनो: परम प्रधान याहवेह के पर्वतों और पहाड़ियों, तराइयों और घाटियों, उजाड़ खंडहरों और त्याग दिये गये नगरों, जो लूट लिये गये हैं और जिनकी तुम्हारे चारों तरफ की बाकी जातियां हंसी उड़ाती हैं, इन सबसे कहना है—
5 darum, so spricht der Herr, Jehova: Wahrlich, im Feuer meines Eifers habe ich geredet wider den Überrest der Nationen und wider ganz Edom, die sich mein Land zum Besitztum gemacht haben, mit ganzer Herzensfreude, mit Verachtung der Seele, um es zur Plünderung auszuleeren!
परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: अपने अति उत्साह में, मैंने बाकी जातियों के विरुद्ध और सारे एदोम के विरुद्ध कहा है, क्योंकि खुशी और अपने मन में ईर्ष्या के कारण, उन्होंने मेरे देश को अपने अधिकार में ले लिया ताकि वे इसके चरागाह को लूट सकें.’
6 Darum weissage von dem Lande Israel und sprich zu den Bergen und zu den Hügeln, zu den Gründen und zu den Tälern: So spricht der Herr, Jehova: Siehe, in meinem Eifer und in meinem Grimm habe ich geredet, weil ihr die Schmach der Nationen getragen habt.
इसलिये इस्राएल देश के बारे में भविष्यवाणी करो और पर्वतों और पहाड़ियों, तराइयों तथा घाटियों से कहो: ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं ईर्ष्यालु कोप में होकर कहता हूं क्योंकि तुमने जाति-जाति के लोगों के अपमान को सहा है.
7 Darum, so spricht der Herr, Jehova: Ich, ich habe meine Hand erhoben: [d. i. zum Schwure] Wenn nicht die Nationen, welche rings um euch her sind, ihre eigene Schmach tragen sollen!
इसलिये परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: मैं हाथ उठाकर शपथ खाता हूं कि तुम्हारे चारों तरफ की जातियां भी अपमान सहेंगी.
8 Ihr aber, Berge Israels, ihr sollt meinem Volke Israel eure Zweige treiben und eure Frucht tragen, denn sie [d. h. die Zweige und die Frucht] sind nahe daran zu kommen.
“‘पर हे इस्राएल के पर्वतों, तुममें मेरे इस्राएली लोगों के लिये शाखाएं और फल पैदा होंगे, क्योंकि वे जल्दी घर लौट आएंगे.
9 Denn siehe, ich will zu euch kommen, und ich will mich zu euch wenden, und ihr sollt bebaut und besät werden.
मैं तुम्हारे लिये चिंतित हूं और तुम पर कृपादृष्टि रखूंगा; तुममें हल चलाया जाएगा और बीज बोया जाएगा,
10 Und ich werde die Menschen auf euch vermehren, das ganze Haus Israel insgesamt; und die Städte sollen bewohnt und die Trümmer aufgebaut werden.
और मैं तुम पर बहुत से लोगों को बसाऊंगा—जी हां, पूरे इस्राएल के नगर बसाये जाएंगे और खंडहर हो गये स्थान फिर से बनाये जाएंगे.
11 Und ich werde Menschen und Vieh auf euch vermehren, und sie werden sich mehren und fruchtbar sein; und ich werde euch bewohnt machen, wie in euren Vorzeiten, und werde euch wohltun, mehr als in euren Anfängen. Und ihr werdet wissen, daß ich Jehova bin.
मैं तुममें रहनेवाले मनुष्यों एवं पशुओं की संख्या को बढ़ाऊंगा, वे फलवंत होंगे और संख्या में बहुत हो जाएंगे. मैं पहले की तरह तुममें लोगों को बसाऊंगा और मैं तुम्हें पहले से ज्यादा समृद्ध करूंगा. तब तुम जानोगे कि मैं याहवेह हूं.
12 Und ich werde Menschen, mein Volk Israel, auf euch wandeln lassen, und sie werden dich [bezieht sich nach dem Hebr. auf das Gebirge Israels] besitzen, und du wirst ihnen zum Erbteil sein; und du wirst sie hinfort nicht mehr der Kinder berauben. -
मैं ऐसा करूंगा कि लोग अर्थात् मेरे लोग इस्राएल तुममें बसेंगे. वे तुम पर अधिकार कर लेंगे, और तुम उनका उत्तराधिकार होगे; तुम फिर कभी उन्हें उनके संतान से वंचित नहीं करोगे.
13 So spricht der Herr, Jehova: Weil sie zu euch sprechen: Du [bezieht sich nach dem Hebr. auf das Land] verzehrst Menschen und hast deine Nation der Kinder beraubt,
“‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: क्योंकि कुछ लोग तुम्हें कहते हैं, “तुम लोगों को खा जाते हो और अपनी जाति को उसके बच्चों से वंचित करते हो,”
14 darum wirst du nicht mehr Menschen verzehren, und wirst deine Nation nicht mehr straucheln machen [Nach and. Lesart: der Kinder berauben, ] spricht der Herr, Jehova.
इसलिये तुम फिर लोगों को नहीं खाओगे या अपनी जाति को संतानरहित नहीं करोगे, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.
15 Und ich will dich nicht mehr die Schmähung der Nationen hören lassen, und den Hohn der Völker sollst du nicht mehr tragen; und du sollst deine Nation nicht mehr straucheln machen, spricht der Herr, Jehova.
मैं फिर तुम्हें जाति-जाति के लोगों से ताना नहीं सुनवाऊंगा और फिर तुम्हें लोगों से अपमान सहना न पड़ेगा या तुम अपनी जाति के गिरने का कारण न बनोगे, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है.’”
16 Und das Wort Jehovas geschah zu mir also:
याहवेह का वचन फिर मेरे पास आया:
17 Menschensohn, das Haus Israel wohnte in seinem Lande, und sie verunreinigten es durch ihren Weg und durch ihre Handlungen; ihr Weg war vor mir wie die Unreinigkeit eines unreinen Weibes.
“हे मनुष्य के पुत्र, जब इस्राएल के लोग अपने देश में रह रहे थे, तब उन्होंने उसे अपने चालचलन और कार्यों के द्वारा अशुद्ध किया. मेरी दृष्टि में उनका चालचलन एक स्त्री के माहवारी अशुद्धता के जैसा था.
18 Da goß ich meinen Grimm über sie aus wegen des Blutes, das sie im Lande vergossen, und weil sie es durch ihre Götzen verunreinigt hatten.
इसलिये मेरा कोप उन पर भड़का क्योंकि उन्होंने देश में खून बहाया था और इसे अपनी मूर्तियों से अशुद्ध किया था.
19 Und ich versprengte sie unter die Nationen, und sie wurden in die Länder zerstreut; ich richtete sie nach ihrem Wege und nach ihren Handlungen.
मैंने उन्हें जाति-जाति के लोगों के बीच तितर-बितर कर दिया, और वे सारे देशों में बिखर गए; मैंने उनके चालचलन और उनके कार्यों के अनुसार उनका न्याय किया.
20 Und als sie zu den Nationen kamen, wohin sie kamen, da entweihten sie meinen heiligen Namen, indem man von ihnen sagte: Jehovas Volk sind diese, und aus seinem Lande sind sie gezogen.
और जहां कहीं भी वे जाति-जाति के लोगों के बीच गये, उन्होंने मेरे पवित्र नाम को अपवित्र किया, क्योंकि उनसे यह कहा गया था, ‘ये याहवेह के लोग हैं, तौभी उन्हें उसका देश छोड़ना पड़ा.’
21 Aber ich habe meinen heiligen Namen verschont, [Eig. ich habe mich meines heiligen Namens erbarmt] welchen das Haus Israel entweiht hat unter den Nationen, wohin sie kamen. -
मुझे मेरे पवित्र नाम की चिंता थी, जिसे इस्राएल के लोग जहां भी गये, वहां जनताओं के बीच अपवित्र किया.
22 Darum sprich zum Hause Israel: So spricht der Herr, Jehova: Nicht um euretwillen tue ich es, Haus Israel, sondern um meines heiligen Namens willen, den ihr entweiht habt unter den Nationen, wohin ihr gekommen seid.
“इसलिये इस्राएलियों से कहो, ‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: हे इस्राएल के लोगों, जो कुछ मैं करने जा रहा हूं, वह तुम्हारे कारण नहीं, पर अपने पवित्र नाम के लिए करने जा रहा हूं, जिसे तुम जहां भी गये, वहां तुमने जनताओं के बीच अपवित्र किया.
23 Und ich werde meinen großen Namen heiligen, der entweiht ist unter den Nationen, welchen ihr entweiht habt in ihrer Mitte. Und die Nationen werden wissen, daß ich Jehova bin, spricht der Herr, Jehova, wenn ich mich vor ihren Augen an euch heilige [d. h. heilig erweise.] -
मैं अपने बड़े नाम की पवित्रता को दिखाऊंगा, जिसे तुमने जनताओं के बीच अपवित्र किया, वह नाम जिसे तुमने उनके बीच अपवित्र किया. तब लोग जानेंगे कि मैं याहवेह हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है, जब मैं उनके आंखों के सामने तुम्हारे द्वारा पवित्र ठहरूंगा.
24 Und ich werde euch aus den Nationen holen und euch sammeln aus allen Ländern und euch in euer Land bringen.
“‘क्योंकि मैं तुम्हें जातियों में से निकाल लूंगा; मैं तुम्हें सब देशों से इकट्ठा करूंगा और तुम्हें तुम्हारे स्वयं के देश में ले आऊंगा.
25 Und ich werde reines Wasser auf euch sprengen, und ihr werdet rein sein; von allen euren Unreinigkeiten und von allen euren Götzen werde ich euch reinigen.
मैं तुम पर शुद्ध पानी छिड़कूंगा, और तुम शुद्ध हो जाओगे; मैं तुम्हें तुम्हारे सब अशुद्धियों से और तुम्हारे सब मूर्तियों से शुद्ध करूंगा.
26 Und ich werde euch ein neues Herz geben und einen neuen Geist in euer Inneres geben; und ich werde das steinerne Herz aus eurem Fleische wegnehmen und euch ein fleischernes Herz geben.
मैं तुम्हें एक नया हृदय दूंगा और तुममें एक नई आत्मा डालूंगा; मैं तुमसे तुम्हारे पत्थर के हृदय को हटा दूंगा और तुम्हें मांस का एक हृदय दूंगा.
27 Und ich werde meinen Geist in euer Inneres geben; und ich werde machen, daß ihr in meinen Satzungen wandelt und meine Rechte bewahret und tut.
और मैं अपनी आत्मा तुममें डालूंगा और ऐसा करूंगा कि तुम मेरे नियमों पर चलोगे और मेरे कानूनों पर सावधानीपूर्वक चलोगे.
28 Und ihr werdet in dem Lande wohnen, das ich euren Vätern gegeben habe; und ihr werdet mein Volk, und ich werde euer Gott sein.
तब तुम उस देश में रहोगे, जिसे मैंने तुम्हारे पूर्वजों को दिया था; तुम मेरे लोग होगे और मैं तुम्हारा परमेश्वर ठहरूंगा.
29 Und ich werde euch befreien von allen euren Unreinigkeiten. Und ich werde das Getreide herbeirufen und es mehren, und keine Hungersnot mehr auf euch bringen;
मैं तुम्हें तुम्हारी सब अशुद्धता से छुड़ाऊंगा. मैं अनाज के लिये आज्ञा दूंगा और इसे प्रचूर मात्रा में कर दूंगा और तुम पर अकाल नहीं लाऊंगा.
30 und ich werde die Frucht des Baumes und den Ertrag des Feldes mehren, auf daß ihr nicht mehr den Schimpf einer Hungersnot traget unter den Nationen.
मैं पेड़ों के फलों की संख्या में वृद्धि करूंगा और खेत के फसल को भी अधिक उपजाऊंगा, ताकि तुम्हें अकाल के कारण जाति-जाति के लोगों के बीच कलंकित न होना पड़े.
31 Und ihr werdet eurer bösen Wege gedenken und eurer Handlungen, die nicht gut waren, und werdet Ekel an euch selbst empfinden wegen eurer Missetaten und eurer Greuel.
तब तुम्हारे बुरे चालचलन और दुष्कर्म तुम्हें याद आएंगे, और तुम अपने पापों और घृणित कार्यों के कारण अपने आपसे घृणा करने लगोगे.
32 Nicht um euretwillen tue ich es, spricht der Herr, Jehova, das sei euch kund; schämet euch und werdet beschämt vor euren Wegen, Haus Israel! -
मैं तुम्हें बताना चाहता हूं कि मैं यह सब तुम्हारे हित में नहीं कर रहा हूं, परम प्रधान याहवेह की घोषणा है. हे इस्राएल लोगों, अपने आचरण के कारण लज्जित और कलंकित हो!
33 So spricht der Herr, Jehova: An dem Tage, da ich euch reinigen werde von allen euren Missetaten, da will ich die Städte bewohnt machen, und die Trümmer sollen aufgebaut werden.
“‘परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: जिस दिन मैं तुम्हें तुम्हारे सब पापों से शुद्ध करूंगा, मैं तुम्हारे नगरों को पुनर्स्थापित करूंगा, और खंडहर फिर बनाये जाएंगे.
34 Und das verwüstete Land soll bebaut werden, statt daß es eine Wüste war vor den Augen jedes Vorüberziehenden.
उजाड़ भूमि पर फसल उगाई जाएगी, इसके बदले कि वह वहां से आने-जानेवाले लोगों की दृष्टि में उजाड़ पड़ा रहे.
35 Und man wird sagen: Dieses Land da, das verwüstete, ist wie der Garten Eden geworden, und die verödeten und verwüsteten und zerstörten Städte sind befestigt und bewohnt.
वे कहेंगे, “यह देश जो उजड़ा पड़ा था, अब एदेन की वाटिका जैसा हो गया है; वे शहर जो खंडहर, उजड़े और नष्ट हो गये थे, वे अब गढ़वाले हो गये हैं और लोग वहां रहने लगे हैं.”
36 Und die Nationen, welche rings um euch her übrigbleiben werden, werden wissen, daß ich, Jehova, das Zerstörte aufbaue, das Verwüstete bepflanze. Ich, Jehova, habe geredet und werde es tun. -
तब वे जातियां, जो तुम्हारे आस-पास बची हुई हैं, वे यह जानेंगी कि मैं याहवेह ने ही नष्ट हुए स्थानों को फिर से बनाया है और उजाड़े स्थानों को फिर से बसाया है. मैं याहवेह ने यह कहा है और मैं इसको पूरा भी करूंगा.’
37 So spricht der Herr, Jehova: Auch noch um dieses werde ich mich vom Hause Israel erbitten [Eig. ersuchen] lassen, daß ich es ihnen tue: Ich werde sie an Menschen vermehren wie eine Herde.
“परम प्रधान याहवेह का यह कहना है: एक बार फिर मैं इस्राएल की प्रार्थना को स्वीकार करूंगा और उनके लिये यह करूंगा: मैं उनके लोगों की संख्या को भेड़-बकरियों की तरह अत्यधिक करूंगा,
38 Wie eine geheiligte Herde, wie die Herde Jerusalems an seinen Festen, [Eig. bestimmten Zeiten, d. h. alle geheiligten Zeiten und Tage; so auch Kap. 44,24] also werden die verödeten Städte voll Menschenherden sein. Und sie werden wissen, daß ich Jehova bin.
उन्हें पशुओं के उस झुंड के समान अत्यधिक करूंगा, जो येरूशलेम में ठहराये गए त्योहारों के लिये होते हैं. इस प्रकार वे खंडहर हुए शहर लोगों के झुंड से भर जाएंगे. तब वे जानेंगे कि मैं याहवेह हूं.”