< 5 Mose 11 >
1 So sollst du denn Jehova, deinen Gott, lieben und seine Vorschriften [S. die Anm. zu 3. Mose 8,35] beobachten und seine Satzungen und seine Rechte und seine Gebote alle Tage.
इसलिये ज़रूरी है कि तुम याहवेह, अपने परमेश्वर से प्रेम करो और हमेशा उनके निर्देशों, नियमों, अध्यादेशों का और आदेशों का पालन करो.
2 Und erkennet [O. ihr erkennet] heute-denn nicht mit euren Kindern rede ich, die es nicht wissen und die es nicht gesehen haben-die Zucht Jehovas, eures Gottes, seine Größe, seine starke Hand und seinen ausgestreckten Arm,
आज यह भी समझ लो: मैं तुम्हारी संतानों से बातें नहीं करता हूं, जिन्होंने न तो याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के अनुशासन-शिक्षण को समझा है, न उन्होंने इसे देखा है न उन्होंने याहवेह की महानता को: उनके शक्तिशाली हाथ को, न उनकी बढ़ाई हुई भुजा को;
3 und seine Zeichen und seine Taten, die er in Ägypten getan hat, an dem Pharao, dem Könige von Ägypten, und an seinem ganzen Lande;
उनके द्वारा दिखाए गए चिन्ह, उनके द्वारा किए अद्धुत काम, जो उन्होंने मिस्र देश में मिस्र के राजा फ़रोह के और मिस्र की सारी प्रजा के सामने किए;
4 und was er getan hat an der Heeresmacht Ägyptens, an seinen Rossen und seinen Wagen, über welche er die Wasser des Schilfmeeres hinströmen ließ, als sie euch nachjagten; und Jehova hat sie vernichtet bis auf diesen Tag;
मिस्र की सेना के साथ, उसके घोड़ों और रथों के साथ, जब वे तुम्हारा पीछा करते चले जा रहे थे, कैसे याहवेह ने उन्हें लाल सागर के जल में डुबोकर पूरी तरह से नाश कर डाला था.
5 und was er euch in der Wüste getan hat, bis ihr an diesen Ort kamet;
और उन्होंने निर्जन प्रदेश में तुम्हारे साथ क्या-क्या किया था, जब तक तुम यहां न पहुंच गए,
6 und was er an Dathan und Abiram getan hat, den Söhnen Eliabs, des Sohnes Rubens: Wie die Erde ihren Mund auftat und sie inmitten von ganz Israel verschlang samt ihren Familien [Eig. ihren Häusern] und ihren Zelten und allem Bestehenden, das in ihrem Gefolge war.
और याहवेह ने दाथान और अबीराम के साथ, जो एलियाब के पुत्र और रियूबेन के पोते थे, क्या किया था, जब धरती ने अपना मुख खोल उन्हें, सारे इस्राएल के बीच से, उनके घर-परिवारों को, उनके शिविरों को और उनके साथ आ रहे हर एक जीवधारी को कौर बना लिया.
7 Denn eure Augen haben all das große Werk Jehovas gesehen, das er getan hat.
मगर तुम तो याहवेह द्वारा किए हर एक महान काम के गवाह हो.
8 Und so beobachtet das ganze Gebot, das ich dir heute gebiete, damit ihr stark seiet und hineinkommet und das Land besitzet, wohin ihr hinüberziehet, um es in Besitz zu nehmen;
फिर तुम आज मेरे द्वारा भेजे हर एक आदेश का पालन करोगे, कि तुम मजबूत हो जाओ और आगे बढ़कर उस देश पर अधिकार कर सको, जिसे पार करने के बाद तुम उस पर अधिकार करने पर हो,
9 und damit ihr eure Tage verlängert in dem Lande, das Jehova euren Vätern geschworen hat, ihnen und ihrem Samen zu geben, ein Land, das von Milch und Honig fließt.
कि तुम उस देश में, जिसमें दूध और शहद की बहुतायत है, जिसे उन्हें और उनके वंशजों को देने की शपथ याहवेह ने तुम्हारे पूर्वजों से की थी, तुम लंबी उम्र के हो सको.
10 Denn das Land, wohin du kommst, um es in Besitz zu nehmen, ist nicht wie das Land Ägypten, von wo ihr ausgezogen seid, wo du deine Saat sätest und mit deinem Fuße [d. h. durch treten eines Schöpfrades] wässertest, wie einen Krautgarten;
क्योंकि जिस देश के अधिकार के लक्ष्य से तुम वहां प्रवेश करने पर हो, वह मिस्र देश समान नहीं है, तुम जहां से निकलकर यहां आ पहुंचे हो, जहां तुम बीज बोते और सब्जी के बगीचे के समान अपने पैरों का प्रयोग सिंचाई के लिए किया करते थे.
11 sondern das Land, wohin ihr hinüberziehet, um es in Besitz zu nehmen, ist ein Land mit Bergen und Tälern; vom Regen des Himmels trinkt es Wasser;
वस्तुतः जिस देश पर अधिकार करने के उद्देश्य से तुम उसमें प्रवेश करने ही पर हो, वह पहाड़ियों और घाटियों का देश है, जो आकाश से हुई बारिश का जल जमा करता रहता है.
12 ein Land, auf welches Jehova, dein Gott, acht hat: Beständig sind die Augen Jehovas, deines Gottes, darauf gerichtet, vom Anfang des Jahres bis zum Ende des Jahres.
यह एक ऐसा देश है, जिसकी देखभाल याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर करते हैं; इस देश पर याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर की दृष्टि सदैव लगी रहती है, साल के शुरू से लेकर साल के अंत होने तक.
13 Und es wird geschehen wenn ihr fleißig auf meine Gebote höret, die ich euch heute gebiete, Jehova, euren Gott, zu lieben und ihm zu dienen mit eurem ganzen Herzen und mit eurer ganzen Seele,
यह तय है कि यदि तुम मेरे द्वारा आज दिए जा रहे इन आदेशों का पालन करोगे, अर्थात् याहवेह अपने परमेश्वर से प्रेम करोगे, और उन्हीं की सेवा अपने पूरा हृदय और अपने पूरा प्राणों से करोगे,
14 so werde ich den Regen eures Landes geben zu seiner Zeit, den Frühregen und den Spätregen, damit du dein Getreide und deinen Most und dein Öl einsammelst;
तो वह उपयुक्त मौसम में तुम्हारी भूमि के लिए बारिश भेजेंगे, शुरुआती और अंतिम बारिश, ताकि तुम अपने अन्न, नई दाखमधु और अपना तेल इकट्ठा कर सको.
15 und ich werde deinem Vieh Kraut geben auf deinem Felde, und du wirst essen und satt werden.
वह तुम्हारे पशुओं के लिए मैदानों में घास उत्पन्न करते रहेंगे. तुम भरपूर खाकर तृप्त हो जाओगे.
16 Hütet euch, daß euer Herz nicht verführt werde, und ihr abweichet und anderen Göttern dienet und euch vor ihnen bücket,
यह ध्यान रहे कि तुम्हारे हृदय के साथ छल न कर दिया जाए, कि तुम पराए देवताओं की ओर होकर उनकी सेवा और उपासना न करने लगो.
17 und der Zorn Jehovas wider euch entbrenne, und er den Himmel verschließe, daß kein Regen sei, und der Erdboden seinen Ertrag nicht gebe, und ihr bald aus dem guten Lande vertilgt werdet, das Jehova euch gibt.
नहीं तो याहवेह का कोप तुम पर भड़क उठेगा. तब वह आकाश को इस प्रकार रोक देंगे, कि बारिश के अभाव में भूमि अपनी उपज न दे सकेगी; फलस्वरूप तुम याहवेह द्वारा उत्तम देश से शीघ्र ही नाश हो जाओगे.
18 Und ihr sollt diese meine Worte auf euer Herz und auf eure Seele legen, und sie zum Zeichen auf eure Hand binden, und sie sollen zu Stirnbändern zwischen euren Augen sein.
तुम मेरे ये आदेश हृदय में रखोगे, अपनी आत्मा में उतार लोगे; तुम इन्हें अपने हाथ पर चिन्ह के रूप में बांध लोगे, ये तुम्हारे माथे पर टीका होंगे.
19 Und lehret sie eure Kinder, indem ihr davon redet, wenn du in deinem Hause sitzest, und wenn du auf dem Wege gehst, und wenn du dich niederlegst, und wenn du aufstehst;
तुम ये आदेश अपनी संतान को सिखाया करना. जब तुम अपने घर में बैठे हुए हो, तब तुम इनका उल्लेख करोगे, जब तुम मार्ग में आगे बढ़ रहे हो और जब तुम विश्राम के लिए लेटोगे या जब तुम नींद से उठोगे.
20 und schreibe sie auf die Pfosten deines Hauses und an deine Tore,
तुम उन्हें अपने घर की चौखटों पर और अपने द्वारों पर लिखोगे,
21 auf daß eure Tage und die Tage eurer Kinder sich mehren in dem Lande, welches Jehova euren Vätern geschworen hat, ihnen zu geben, wie die Tage des Himmels über der Erde.
कि उस देश में, जिसे देने की प्रतिज्ञा याहवेह ने शपथपूर्वक तुम्हारे पूर्वजों से की थी, आकाश और पृथ्वी के बने रहने तक तुम्हारी संतान गिनती में बढ़ती जाएं.
22 Denn wenn ihr dieses ganze Gebot, das ich euch [E. l. euch heute] zu tun gebiete, fleißig beobachtet, Jehova, euren Gott, zu lieben, auf allen seinen Wegen zu wandeln und ihm anzuhangen,
क्योंकि यदि तुम बड़ी सच्चाई से आदेशों का पालन करते रहोगे, जो मैं तुम्हें पालन करने का आदेश दे रहा हूं—याहवेह, अपने परमेश्वर से प्रेम करने का, उनकी पूरी नीतियों का पालन करने का और उनसे पूरी तरह सच्चा बने रहने का.
23 so wird Jehova alle diese Nationen vor euch austreiben; und ihr werdet Nationen in Besitz nehmen, größer und stärker als ihr.
तब याहवेह इन सभी राष्ट्रों को तुम्हारे सामने से खदेड़ देंगे और तुम ऐसे राष्ट्रों को उनके देश से दूर कर दोगे, जो गिनती में तुमसे अधिक और तुमसे अधिक शक्तिशाली हैं.
24 Jeder Ort, auf welchen eure Fußsohle treten wird, wird euer sein: von der Wüste und dem Libanon und vom Strome, dem Strome Phrat, bis an das hintere [d. h. westliche] Meer wird eure Grenze sein.
ऐसा हर एक भूभाग, जिससे तुम्हारे पांवों के तलवे छुएंगे, तुम्हारी संपत्ति हो जाएगा. तुम्हारी सीमा निर्जन प्रदेश से लेकर लबानोन तक और उस नदी, यानी फरात से पश्चिम सागर तक.
25 Niemand wird vor euch bestehen; euren Schrecken und eure Furcht wird Jehova, euer Gott, auf das ganze Land legen, auf welches ihr treten werdet, so wie er zu euch geredet hat.
कोई भी व्यक्ति तुम्हारे सामने ठहर न सकेगा. याहवेह तुम्हारे परमेश्वर, अपनी प्रतिज्ञा के अनुरूप, उस पूरे देश पर, जिसे तुम्हारे पैर छुएंगे, तुम्हारा भय, तुम्हारा आतंक भर देंगे.
26 Siehe, ich lege euch heute Segen und Fluch vor:
अब सुनो, आज मैं तुम्हारे सामने एक आशीर्वाद और एक शाप प्रस्तुत कर रहा हूं—
27 den Segen, wenn ihr den Geboten Jehovas, eures Gottes, gehorchet, die ich euch heute gebiete;
आशीर्वाद उस स्थिति में, जब तुम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों का पालन करोगे, जिनका आदेश आज मैं तुम्हें दे रहा हूं;
28 und den Fluch, wenn ihr den Geboten Jehovas, eures Gottes, nicht gehorchet und von dem Wege abweichet, den ich euch heute gebiete, um anderen Göttern nachzugehen, die ihr nicht kennet.
और शाप उस स्थिति में, जब तुम याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर के आदेशों को ठुकराओगे, उस मार्ग से भटक जाओगे, जिसका आदेश मैं आज तुम्हें दे रहा हूं, और उन पराए देवताओं का अनुसरण शुरू कर दोगे, जिन्हें तुम जानते भी न थे.
29 Und es soll geschehen, wenn Jehova, dein Gott, dich in das Land bringt, wohin du kommst, um es in Besitz zu nehmen, so sollst du den Segen erteilen auf [O. an. Vergl. Kap. 27,12 usw.; Jos. 8,33] dem Berge Gerisim und den Fluch auf [O. an. Vergl. Kap. 27,12 usw.; Jos. 8. 33] dem Berge Ebal.
और तब उस समय, जब याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें उस देश में पहुंचा देंगे, जिस पर अधिकार करने के लिए तुम उसमें प्रवेश करने पर हो, तुम आशीर्वाद तो गेरिज़िम पर्वत पर से और शाप एबल पर्वत पर से घोषित करोगे.
30 Sind sie nicht jenseit des Jordan, hinter dem Wege gegen Sonnenuntergang im Lande der Kanaaniter, [O. der durch das Land der Kanaaniter führt] die in der Ebene wohnen, Gilgal gegenüber, bei den Terebinthen Mores?
ये पर्वत यरदन नदी के पार हैं, पश्चिम दिशा में कुछ ही दूरी पर यह कनानियों का देश है, जो अराबाह में गिलगाल के सामने, मोरेह के बांज वृक्षों के निकट, निवास करते हैं.
31 Denn ihr gehet über den Jordan, um hineinzukommen, das Land in Besitz zu nehmen, das Jehova, euer Gott, euch gibt; und ihr werdet es in Besitz nehmen und darin wohnen.
क्योंकि अब तुम इस यरदन नदी को पार कर उस देश पर अधिकार करने पर ही हो, जो याहवेह तुम्हारे परमेश्वर तुम्हें प्रदान कर रहे हैं. तुम इस पर अधिकार करके इसमें निवास करने लगोगे.
32 Und so achtet darauf, alle die Satzungen und die Rechte zu tun, die ich euch heute vorlege.
जो जो आदेश और विधान मैं आज तुम्हारे सामने स्पष्ट कर रहा हूं, तुम उनको पूरा करने में सावधान रहोगे.