< 2 Koenige 25 >

1 Und [2. Chron. 36,17; Jer. 39,1-10] es geschah im neunten Jahre seiner Regierung, im zehnten Monat, am Zehnten des Monats, da kam Nebukadnezar, der König von Babel, er und sein ganzes Heer, wider Jerusalem und belagerte es; und sie bauten eine Verschanzung wider dasselbe ringsumher. [O. eine Verschanzung rings um dasselbe her]
राजा सीदकियाहू के शासन के नवें साल के दसवें महीने के दसवें दिन, बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र ने अपनी सारी सेना के साथ आकर येरूशलेम को घेर लिया, उसके आस-पास छावनी ड़ाल दी और इसके चारों ओर घेराबंदी की दीवार बना ली.
2 Und die Stadt kam in Belagerung bis in das elfte Jahr des Königs Zedekia.
राजा सीदकियाहू के शासन के ग्यारहवें साल तक नगर घिरा रहा.
3 Am Neunten des vierten [Vergl. Jer. 39,2;52,6] Monats, da nahm der Hunger in der Stadt überhand; und es war kein Brot mehr da für das Volk des Landes.
चौथे महीने के नवें दिन से नगर में अकाल ऐसा भयंकर हो गया कि नागरिकों के लिए कुछ भी भोजन न बचा.
4 Und die Stadt wurde erbrochen, und alle Kriegsmänner flohen des Nachts auf dem Wege durch das Tor, welches zwischen den beiden Mauern bei dem Garten des Königs lag [die Chaldäer aber waren rings um die Stadt her]; und man [O. er [der König]] zog den Weg zur Ebene. [H. Araba]
तब उन्होंने शहरपनाह को तोड़ डाली और रात में सारे योद्धा दो दीवारों के बीच की द्वार से, जो राजा की वाटिका के पास थी, निकल भागे. कसदी इस समय नगर को घेरे हुए थे. ये योद्धा अराबाह की दिशा में आगे बढ़ते गए,
5 Aber das Heer der Chaldäer jagte dem König nach, und sie erreichten ihn in den Ebenen [O. Steppen] von Jericho; und sein ganzes Heer zerstreute sich von ihm weg.
मगर कसदियों की सेना ने राजा का पीछा किया और येरीख़ो के मैदान में उसे पकड़ लिया, इस कारण सारी यहूदी सेना बिखर गई.
6 Und sie ergriffen den König und führten ihn zu dem König von Babel nach Ribla hinauf; und man sprach das Urteil über ihn.
उन्होंने राजा को बंदी बनाकर रिबलाह में बाबेल के राजा के सामने पेश किया. उस पर दंड की आज्ञा दी गई.
7 Und man schlachtete die Söhne Zedekias vor seinen Augen; und man blendete die Augen Zedekias, und band ihn mit ehernen Fesseln [Vergl. die Anm. zu Richt. 16,21] und brachte ihn nach Babel.
उन्होंने सीदकियाहू के पुत्रों का वहीं, उसी के देखते-देखते वध कर दिया. इसके बाद उन्होंने सीदकियाहू की आंखें निकाल लीं और उसे कांसे की सांकलों में बांधकर बाबेल ले गए.
8 Und im fünften Monat, am Siebten des Monats, das war das neunzehnte Jahr des Königs Nebukadnezar, des Königs von Babel, kam Nebusaradan, der Oberste der Trabanten, der Knecht des Königs von Babel, nach [O. gen; ein and. Wort als Jer. 52,12] Jerusalem.
बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र के राज्य-काल का उन्‍नीसवां वर्ष, पांचवें माह के सातवां दिन, बाबेल के राजा का सेवक, अंगरक्षकों को प्रधान, नेबुज़रादान येरूशलेम आ गया.
9 Und er verbrannte das Haus Jehovas und das Haus des Königs; und alle Häuser Jerusalems und jedes große Haus verbrannte er mit Feuer.
उसने याहवेह के भवन में, राजमहल में और येरूशलेम के सभी भवनों में आग लगा दी. हर एक अच्छा भवन भस्म कर दिया गया.
10 Und das ganze Heer der Chaldäer, das bei dem Obersten der Trabanten war, riß die Mauern von Jerusalem ringsum nieder.
अंगरक्षकों के प्रधान के साथ आई हुई कसदी सेना ने मिलकर येरूशलेम के चारों ओर बनाई हुई दीवारों को ढाह दिया.
11 Und den Rest des Volkes, die in der Stadt Übriggebliebenen, und die Überläufer, die zum König von Babel übergelaufen waren, und den Rest der Menge führte Nebusaradan, der Oberste der Trabanten, hinweg.
उन सभी को, जो नगर में बाकी रह गए थे, और जो बाबेल के राजा की ओर भाग गये थे, और दूसरे लोगों को भी, अंगरक्षकों का प्रधान नेबुज़रादान बंदी बनाकर बंधुआई में ले गया;
12 Aber von den Geringen des Landes ließ der Oberste der Trabanten zurück zu Weingärtnern und zu Ackerleuten.
मगर देश के कुछ कंगाल लोगों को अंगरक्षकों के प्रधान ने वहीं छोड़ दिया कि वे वहां रहकर अंगूर की उपज की देखभाल करें और भूमि पर हल चलाते रहें.
13 Und die ehernen Säulen, die am Hause Jehovas waren, und die Gestelle und das eherne Meer, die im Hause Jehovas waren, zerschlugen die Chaldäer und führten das Erz davon nach Babel.
याहवेह के मंदिर के कांस्य स्तंभ, कांस्य के आधार तथा कांस्य जलबर्तनों को कसदी तोड़कर उनके टुकड़ों को बाबेल ले गए.
14 Und die Töpfe und die Schaufeln und die Lichtmesser und die Schalen, und alle ehernen Geräte, womit man den Dienst verrichtete, nahmen sie weg.
वे याहवेह के भवन के पवित्र बर्तन, फावड़े, चिमटे तथा सभी कांस्य बर्तन, जो मंदिर में आराधना के लिए उपयोग होते थे, ये सब अपने साथ ले गए;
15 Auch die Räucherpfannen und die Sprengschalen, was von Gold war, das Gold, und was von Silber war, das Silber, nahm der Oberste der Trabanten weg.
इनके अलावा आग के लिए इस्तेमाल किए जानेवाले बर्तन और कटोरे भी. अंगरक्षकों का प्रधान वह सब जो सोने और चांदी का था, अपने साथ ले गया.
16 Die zwei Säulen, das eine Meer und die Gestelle, die Salomo für das Haus Jehovas gemacht hatte: das Erz aller dieser Geräte war nicht zu wägen.
दो स्तंभ, एक विशाल जल बर्तन, उनके आधार, जो शलोमोन द्वारा याहवेह के भवन में उपयोग के लिए निर्मित किए गए थे, इन सबका कांस्य अतुलनीय था.
17 Achtzehn Ellen war die Höhe der einen Säule, und ein Kapitäl von Erz war darauf, und die Höhe des Kapitäls war drei Ellen, und Netzwerk und Granatäpfel waren an dem Kapitäl ringsum: alles von Erz; und desgleichen war die andere Säule nebst dem Netzwerk.
एक-एक खंभे की ऊंचाई लगभग आठ मीटर थी, जिसका सिर कांसे का था. इस सिर की ऊंचाई लगभग डेढ़ मीटर थी. सिर के चारों ओर जाली और अनार की आकृति गढ़ी हुई थी. यह सभी कुछ कांसे का था. दूसरे खंभे पर भी इसी प्रकार की जालीदार आकृतियां थी.
18 Und der Oberste der Trabanten nahm Scheraja, den Oberpriester, und Zephanja, den zweiten Priester, und die drei Hüter der Schwelle;
इसके बाद अंगरक्षकों के प्रधान ने प्रमुख पुरोहित सेराइयाह, सहपुरोहित ज़ेफनियाह, और तीन मंदिर द्वारपालों को,
19 und aus der Stadt nahm er einen Kämmerer, der über die Kriegsleute bestellt war, und fünf Männer von denen, welche das Angesicht des Königs sahen, die in der Stadt vorgefunden wurden, und den Schreiber des Heerobersten, der das Volk des Landes zum Heere aushob, und sechzig Mann von dem Volke des Landes, die in der Stadt vorgefunden wurden.
नगर में से सैनिकों के पर्यवेक्षक अधिकारी तथा राजा के पांच सलाहकारों को जो वहीं नगर में थे, तथा सेनापति के सचिव को, जो देश के लोगों को सेना में भर्ती करता था, तथा देश के साठ व्यक्तियों को जो उस समय नगर में पाए गए थे, अपने साथ बंदी बनाकर ले गया.
20 Und Nebusaradan, der Oberste der Trabanten, nahm sie und brachte sie zu dem König von Babel nach Ribla.
नेबुज़रादान, जो अंगरक्षकों का प्रधान था, उसने इन सभी को रिबलाह ले जाकर बाबेल के राजा के समक्ष प्रस्तुत कर दिया.
21 Und der König von Babel erschlug sie und tötete sie zu Ribla im Lande Hamath. -Und so wurde Juda aus seinem Lande weggeführt.
तब बाबेल के राजा ने हामाथ देश के रिबलाह नगर में इन सभी का वध कर दिया. इस प्रकार यहूदिया के निवासी अपने देश से बंधुआई में ले जाया गया.
22 Und über das Volk, das im Lande Juda übriggeblieben war, welches Nebukadnezar, der König von Babel, übriggelassen hatte, über sie bestellte er Gedalja, den Sohn Achikams, des Sohnes Schaphans.
कुछ प्रजा के लोग, जिन्हें बाबेल के राजा नबूकदनेज्ज़र ने यहूदिया में रहने के लिए छोड़ दिया था, उनके लिए नबूकदनेज्ज़र ने शापान के पोते, अहीकाम के पुत्र, गेदालियाह को राज्यपाल बना दिया.
23 Und als alle Heerobersten, sie und ihre Männer, hörten, daß der König von Babel Gedalja bestellt habe, da kamen sie zu Gedalja nach Mizpa; nämlich Ismael, der Sohn Nethanjas, und Jochanan, der Sohn Kareachs, und Seraja, der Sohn Tanchumeths, der Netophathiter, und Jaasanja, der Sohn des Maakathiters, sie und ihre Männer.
जब सारे सेनाधिकारियों और उनके सैनिकों ने यह सुना कि बाबेल के राजा ने गेदालियाह को राज्यपाल बना दिया है, वे सब अपने सैनिकों के साथ गेदालियाह से मिलने मिज़पाह आ गए, उनमें ये भी शामिल थे: नेथनियाह का पुत्र इशमाएल, कोरियाह का पुत्र योहानन नेतोफ़ातवासी तनहूमेथ का पुत्र सेराइयाह, एक माकाहथिवासी का पुत्र यात्सानिया.
24 Und Gedalja schwur ihnen und ihren Männern und sprach zu ihnen: Fürchtet euch nicht vor den Knechten der Chaldäer; [Wahrsch. zu l. wie Jer. 40,9: den Chaldäern zu dienen] bleibet im Lande und dienet dem König von Babel, so wird es euch wohlgehen.
गेदालियाह ने उनके और सैनिकों के सामने शपथ लेते हुए कहा, “कसदी सैनिकों से डरने की ज़रूरत नहीं. यहीं देश में रहो, और बाबेल के राजा की सेवा में बने रहो, तो तुम्हारा भला ही होगा.”
25 Es geschah aber im siebten Monat, da kam Ismael, der Sohn Nethanjas, des Sohnes Elischamas, vom königlichen Geschlecht, [W. Samen] und zehn Männer mit ihm; und sie erschlugen Gedalja [und er starb] sowie die Juden und die Chaldäer, die zu Mizpa bei ihm waren.
मगर सातवें महीने में राजपरिवार के एलीशामा के पोते, नेथनियाह के पुत्र, इशमाएल ने दस सैनिकों के साथ जाकर गेदालियाह पर ऐसा वार किया कि उसकी मृत्यु हो गई. उसके अलावा उन यहूदियों और कसदियों का भी वध कर दिया, जो उस समय मिज़पाह में उसके साथ थे.
26 Da machte sich alles Volk, vom Kleinsten bis zum Größten, mit den Heerobersten auf, und sie kamen nach Ägypten; denn sie fürchteten sich vor den Chaldäern.
इसके कारण सभी प्रजा के लोग; सामान्य और विशेष, सेना अधिकारियों के साथ मिस्र देश को भाग गए क्योंकि उन्हें कसदियों का डर था.
27 Und es geschah im 37. Jahre der Wegführung Jojakins, des Königs von Juda, im zwölften Monat, am 27. des Monats, da erhob Ewil-Merodak, der König von Babel, im Jahre, da er König wurde, das Haupt Jojakins, des Königs von Juda, aus dem Gefängnis.
यहूदिया के राजा यहोइयाखिन के बंधुआई के सैंतीसवें साल के बारहवें महीने के सत्ताईसवें दिन, बाबेल के राजा एवील-मेरोदाख ने, जिस साल उसने शासन शुरू किया, यहूदिया के राजा यहोइयाखिन को जेल से रिहा कर दिया.
28 Und er redete gütig mit ihm und setzte seinen Stuhl über den Stuhl der Könige, die bei ihm in Babel waren;
उसने उससे कृपाभाव में वार्तालाप किया तथा उसके लिए उन राजाओं से उच्चतर स्थान पर सिंहासन स्थापित किया, जो बाबेल में इस समय उसके साथ थे.
29 und er veränderte die Kleider seines Gefängnisses; und er aß beständig vor ihm alle Tage seines Lebens.
तब यहोइयाखिन ने कारागार के वस्त्र छोड़ दिए, और वह मृत्युपर्यंत राजा के साथ भोजन करता रहा.
30 Und sein Unterhalt, ein beständiger Unterhalt, wurde ihm, soviel er täglich [W. das Tägliche an seinem Tage] bedurfte, von dem König gegeben alle Tage seines Lebens.
बाबेल के राजा की ओर से उसे नियमित रूप से उपवेतन दिया जाता रहा, तथा मृत्युपर्यंत उसकी दैनिक आवश्यकताएं पूर्ण की जाती रहीं.

< 2 Koenige 25 >