< 2 Chronik 22 >

1 Und [2. Kön. 8,25] die Bewohner von Jerusalem machten Ahasja, [derselbe Name wie "Joahas" [Kap. 21,17], nur umgestellt] seinen jüngsten Sohn, zum König an seiner Statt; denn alle die älteren hatte die Schar ermordet, welche mit den Arabern ins Lager gekommen war. Und Ahasja, der Sohn Jorams, des Königs von Juda, ward König.
येरूशलेम वासियों ने यहोराम के छोटे पुत्र अहज़्याह को उसके स्थान पर राजा अभिषिक्त किया; क्योंकि वह दल, जो अरब शिविर में ठहरा हुआ था, उसने उसके सभी बड़े पुत्रों की हत्या कर दी थी. तब राजा यहोराम का पुत्र अहज़्याह ने शासन शुरू किया.
2 [Im hebr. Texte steht irrtümlich: 42] Jahre war Ahasja alt, als er König wurde, und er regierte ein Jahr zu Jerusalem; und der Name seiner Mutter war Athalja, die Tochter Omris.
जब अहज़्याह ने शासन शुरू किया, उसकी उम्र बाईस साल थी. उसने येरूशलेम में एक साल राज्य किया. उसकी माता का नाम अथालियाह था. वह इस्राएल के राजा ओमरी की पोती थी.
3 Auch er wandelte auf den Wegen des Hauses Ahabs; denn seine Mutter war seine Ratgeberin zum gesetzlosen Handeln.
अहज़्याह भी अहाब की नीतियों का अनुसरण करता रहा, क्योंकि बुराई में उसकी सलाहकार थी उसकी माता.
4 Und er tat, was böse war in den Augen Jehovas, wie das Haus Ahabs; denn diese waren nach dem Tode seines Vaters seine Ratgeber, zu seinem Verderben.
उसने वह किया, जो याहवेह की दृष्टि में बुरा था, अहाब के परिवार के समान, क्योंकि उसके पिता की मृत्यु के बाद ऐसी उसकी सलाह थी, जिसका परिणाम था सर्वनाश.
5 Auch ging er auf ihren Rat und zog hin mit Joram, dem Sohne Ahabs, dem König von Israel, in den Streit wider Hasael, den König von Syrien, nach Ramoth-Gilead. Und die Syrer verwundeten Joram.
अहज़्याह भी इस्राएल की सलाह का अनुसरण करता रहा. वह इस्राएल के राजा अहाब के पुत्र योराम के साथ मिलकर अराम के राजा हाज़ाएल के विरुद्ध युद्ध के लिए रामोथ-गिलआद में युद्ध-भूमि में उतर पड़े. मगर अरामियों ने योराम को घायल कर दिया.
6 Da kehrte er zurück, um sich in Jisreel von den Wunden heilen zu lassen, die sie ihm zu Rama geschlagen hatten, als er wider Hasael, den König von Syrien, stritt. Und Asarja, [Wahrscheinlich zu l.: Ahasja] der Sohn Jorams, der König von Juda, zog hinab, um Joram, den Sohn Ahabs, in Jisreel zu besuchen, weil er krank war.
रामाह में अराम के राजा हाज़ाएल से युद्ध करते हुए राजा योराम को जो घाव लगे थे, उनसे स्वस्थ होने के लिए वह येज़्रील को लौट गया. यहूदिया के राजा यहोराम का पुत्र अहज़्याह अहाब के पुत्र योराम की स्थिति को देखने येज़्रील गया क्योंकि योराम बीमार था.
7 Aber von Gott war es der Untergang Ahasjas, daß er zu Joram kam. Denn als er angekommen war, zog er mit Joram aus wider Jehu, den Sohn Nimsis, welchen Jehova gesalbt hatte, um das Haus Ahabs auszurotten. [2. Kön. 9,14-29;10,12-15]
अहज़्याह का विनाश परमेश्वर ही के द्वारा पहले से ही तय किया गया था, इसलिये वह यहोराम से भेंट करने गया, फिर वहां पहुंचने पर वह योराम के साथ निमशी के पुत्र येहू से भेंट करने चला गया. येहू, जिसे याहवेह ने अहाब के वंश का विनाश करने के लिए ठहराया था.
8 Und es geschah, als Jehu an dem Hause Ahabs Gericht übte, da traf er die Obersten von Juda und die Söhne der Brüder Ahasjas, welche Ahasja dienten; und er ermordete sie.
जब येहू राजा अहाब के वंश पर परमेश्वर द्वारा ठहराए गए दंड दे रहा था, उसकी भेंट उन यहूदी अधिकारियों से हो गई. इनमें अहज़्याह के भाइयों के वे पुत्र भी थे, जो अहज़्याह के सेवक भी थे. येहू ने इन सभी की हत्या कर दी.
9 Und er suchte Ahasja, und sie griffen ihn, als er sich in Samaria versteckt hielt; und sie brachten ihn zu Jehu und töteten ihn. Und sie begruben ihn, denn sie sprachen: Er ist ein Sohn Josaphats, der Jehova gesucht hat mit seinem ganzen Herzen. Und das Haus Ahasjas hatte niemand mehr, der zum Königtum tüchtig gewesen wäre.
उसने अहज़्याह की खोज की और उसे शमरिया में जा पकड़ा, जहां वह जा छिपा था. वे उसे येहू के सामने लाए. वहीं उन्होंने उसका वध किया और उसे गाड़ दिया. क्योंकि वे याद कर रहे थे कि वह यहोशाफ़ात का पोता है, जिसने पूरे हृदय से याहवेह की इच्छा जानने की खोज की थी. अब कोई भी बचा न रहा, जो यहूदिया राज्य के अधिकार को स्थिर रख सके.
10 Und [2. Kön. 11,1] als Athalja, die Mutter Ahasjas, sah, daß ihr Sohn tot war, da machte sie sich auf und brachte allen königlichen Samen vom Hause Juda um.
जब अहज़्याह की माता को मालूम हुआ कि उसके पुत्र की मृत्यु हो चुकी है, उसने जाकर सारे यहूदिया राजपरिवार को नाश कर दिया.
11 Aber Josabath, die Tochter des Königs, nahm Joas, den Sohn Ahasjas, und stahl ihn weg aus der Mitte der Königssöhne, die getötet wurden, und sie tat ihn und seine Amme in das Schlafgemach. [S. die Anm. zu 2. Kön. 11,2] Und so verbarg ihn Josabath, die Tochter des Königs Joram, das Weib Jojadas, des Priesters [denn sie war die Schwester Ahasjas] vor Athalja, so daß sie ihn nicht tötete.
जब राजा के पुत्रों का संहार किया जा रहा था, राजा की पुत्री येहोशाबेअथ ने अहज़्याह के पुत्र योआश को उसकी धाय के साथ शयनागार में छिपा दिया था. इस प्रकार राजा यहोराम की पुत्री येहोशाबेअथ ने, जो पुरोहित यहोयादा की पत्नी थी, जो अहज़्याह की बहन भी थी, योआश की अथालियाह द्वारा हत्या किए जाने से बचा लिया.
12 Und er war sechs Jahre bei ihnen im Hause Gottes versteckt. Athalja aber regierte über das Land.
जब देश पर अथालियाह शासन कर रही थी, छः साल तक योआश को परमेश्वर के भवन में छिपाए रखा गया.

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