< Psaumes 71 >
1 Des fils de Jonadab et des premiers captifs.
याहवेह, मैंने आपका आश्रय लिया है; मुझे कभी लज्जित न होने दीजिएगा.
2 Délivrez-moi dans votre justice, et arrachez-moi à la persécution. Inclinez vers moi votre oreille, et sauvez-moi.
अपनी धार्मिकता में हे परमेश्वर, मुझे बचाकर छुड़ा लीजिए; मेरी पुकार सुनकर मेरा उद्धार कीजिए.
3 Soyez-moi un Dieu protecteur, et un lieu fortifié; afin que vous me sauviez; Parce que c’est vous qui êtes mon ferme appui et mon refuge.
आप मेरे आश्रय की चट्टान बन जाइए, जहां मैं हर एक परिस्थिति में शरण ले सकूं; मेरे उद्धार का आदेश प्रसारित कीजिए, आप ही मेरे लिए चट्टान और गढ़ हैं.
4 Mon Dieu, arrachez-moi de la main d’un pécheur, d’un homme agissant contre la loi et inique;
मुझे दुष्ट के शिकंजे से मुक्त कर दीजिए, परमेश्वर, उन पुरुषों के हाथों से जो कुटिल तथा क्रूर हैं.
5 Parce que c’est vous qui êtes ma patience, Seigneur; Seigneur, mon espérance depuis ma jeunesse.
प्रभु याहवेह, आप ही मेरी आशा हैं, बचपन से ही मैंने आप पर भरोसा रखा है.
6 Sur vous j’ai été appuyé à ma naissance: dès le sein de ma mère vous avez été mon protecteur. Vous avez toujours été l’objet de mes chants.
वस्तुतः गर्भ ही से आप मुझे संभालते आ रहे हैं; मेरे जन्म की प्रक्रिया भी आपके द्वारा पूर्ण की गई. मैं सदा-सर्वदा आपका स्तवन करता रहूंगा.
7 Je suis devenu comme un prodige pour la plupart; mais vous êtes mon aide puissant.
अनेकों के लिए मैं एक उदाहरण बन गया हूं; मेरे लिए आप दृढ़ आश्रय प्रमाणित हुए हैं.
8 Que ma bouche soit remplie de louange, afin que je chante votre gloire; tout le jour, votre grandeur.
मेरा मुख आपका गुणगान करते हुए नहीं थकता, आपका वैभव एवं तेज सारे दिन मेरे गीतों के विषय होते हैं.
9 Ne me rejetez pas au temps de ma vieillesse; lorsque ma force m’a manqué, ne m’abandonnez pas.
मेरी वृद्धावस्था में मेरा परित्याग न कीजिए; अब, जब मेरा बल घटता जा रहा है, मुझे भूल न जाइए,
10 Parce que mes ennemis ont parlé de moi, et ceux qui observaient mon âme ont tenu conseil ensemble,
क्योंकि मेरे शत्रुओं ने मेरे विरुद्ध स्वर उठाना प्रारंभ कर दिया है; जो मेरे प्राण लेने चाहते हैं, वे मेरे विरुद्ध षड़्यंत्र रच रहे हैं.
11 Disant: Dieu l’a délaissé, poursuivez-le, saisissez-le: parce qu’il n’est personne qui le délivre.
वे कहते फिर रहे हैं, “परमेश्वर तो उसे छोड़ चुके हैं, उसे खदेड़ो और उसे जा पकड़ो, कोई नहीं रहा उसे बचाने के लिए.”
12 Dieu, ne vous éloignez pas de moi; mon Dieu, voyez à me secourir.
परमेश्वर, मुझसे दूर न रहिए; तुरंत मेरी सहायता के लिए आ जाइए.
13 Qu’ils soient confondus, et qu’ils périssent, ceux qui disent du mal de mon âme: qu’ils soient couverts de confusion et de honte, ceux qui me cherchent des maux.
वे, जो मुझ पर आरोप लगाते हैं, लज्जा में ही नष्ट हो जाएं; जो मेरी हानि करने पर सामर्थ्यी हैं, लज्जा और अपमान में समा जाएं.
14 Pour moi, toujours j’espérerai: j’ajouterai à toutes vos louanges.
जहां तक मेरा प्रश्न है, मैं आशा कभी न छोड़ूंगा; आपका स्तवन मैं अधिक-अधिक करता जाऊंगा.
15 Ma bouche annoncera votre justice, tout le jour, et votre salut. Parce que je n’ai pas connu une science vaine,
सारे दिन मैं अपने मुख से आपके धर्ममय कृत्यों के तथा आपके उद्धार के बारे में बताता रहूंगा; यद्यपि मुझे इनकी सीमाओं का कोई ज्ञान नहीं है.
16 J’entrerai dans les puissances du Seigneur: Seigneur, je me souviendrai de votre justice seule.
मैं प्रभु याहवेह के विलक्षण कार्यों की घोषणा करता हुआ आऊंगा; मेरी घोषणा का विषय होगा मात्र आपकी धार्मिकता, हां, मात्र आपकी.
17 Ô Dieu, vous m’avez instruit dès ma jeunesse, et je publierai vos merveilles opérées jusqu’à ce jour,
परमेश्वर, मेरे बचपन से ही आप मुझे शिक्षा देते आए हैं, आज तक मैं आपके महाकार्य की घोषणा कर रहा हूं.
18 Et dans ma vieillesse et ma décrépitude, ô Dieu; ne me délaissez pas, jusqu’à ce que j’annonce votre bras à toute la génération qui doit venir;
आज जब मैं वृद्ध हो चुका हूं, मेरे केश पक चुके हैं, परमेश्वर, मुझे उस समय तक न छोड़ना, जब तक मैं अगली पीढ़ी को आपके सामर्थ्य तथा आपके पराक्रम के विषय में शिक्षा न दे दूं.
19 Et votre justice, ô Dieu, qui s’élèvent jusqu’aux cieux, et les grandes choses que vous avez faites: ô Dieu, qui est semblable à vous?
परमेश्वर आपकी धार्मिकता आकाश तक ऊंची है, आपने महाकार्य किए हैं. परमेश्वर, कौन है आपके तुल्य?
20 Que vous m’avez montré de tribulations nombreuses et pénibles! mais revenant, vous m’avez rendu la vie, et vous m’avez ramené des abîmes de la terre.
यद्यपि आप मुझे अनेक विकट संकटों में से लेकर यहां तक ले आए हैं, आप ही मुझमें पुनः जीवन का संचार करेंगे, आप पृथ्वी की गहराइयों से मुझे ऊपर ले आएंगे.
21 Vous avez multiplié votre magnificence; et revenant, vous m’avez consolé.
आप ही मेरी महिमा को ऊंचा करेंगे तथा आप ही मुझे पुनः सांत्वना प्रदान करेंगे.
22 Aussi moi je glorifierai en vous, sur des instruments de psaume, votre vérité: ô Dieu, je vous chanterai sur la harpe, vous qui êtes le saint d’Israël.
मेरे परमेश्वर, आपकी विश्वासयोग्यता के लिए, मैं वीणा के साथ आपका स्तवन करूंगा; इस्राएल के परम पवित्र, मैं किन्नोर की संगत पर, आपका गुणगान करूंगा.
23 Mes lèvres exulteront, lorsque je vous chanterai, ainsi que mon âme que vous avez rachetée;
अपने होंठों से मैं हर्षोल्लास में नारे लगाऊंगा, जब मैं आपके स्तवन गीत गाऊंगा; मैं वही हूं, जिसका आपने उद्धार किया है.
24 Et ma langue aussi s’exercera tout le jour à chanter votre justice, alors que seront confondus et couverts de honte ceux qui me cherchent des maux.
आपके युक्त कृत्यों का वर्णन मेरी जीभ से सदा होता रहेगा, क्योंकि जो मेरी हानि के इच्छुक थे आपने उन्हें लज्जित और निराश कर छोड़ा है.