< Psaumes 65 >
1 Cantique de Jérémie et d’Ézéchiel, pour le peuple émigré, lorsqu’il commençait à sortir. À vous, ô Dieu, convient un hymne en Sion; et à vous sera rendu un vœu dans Jérusalem.
ऐ ख़ुदा, सिय्यून में ता'रीफ़ तेरी मुन्तज़िर है; और तेरे लिए मिन्नत पूरी की जाएगी।
2 Exaucez ma prière: vers vous, toute chair viendra.
ऐ दुआ के सुनने वाले! सब बशर तेरे पास आएँगे।
3 Des paroles d’ hommes iniques ont prévalu sur nous; mais vous, vous pardonnerez nos iniquités.
बद आ'माल मुझ पर ग़ालिब आ जाते हैं; लेकिन हमारी ख़ताओं का कफ़्फ़ारा तू ही देगा।
4 Bienheureux celui que vous avez choisi et pris à votre service: il habitera dans vos parvis.
मुबारक है वह आदमी जिसे तू बरगुज़ीदा करता और अपने पास आने देता है, ताकि वह तेरी बारगाहों में रहे। हम तेरे घर की खू़बी से, या'नी तेरी पाक हैकल से आसूदा होंगे।
5 Admirable par l’équité qui y règne.
ऐ हमारे नजात देने वाले ख़ुदा! तू जो ज़मीन के सब किनारों का और समन्दर पर दूर दूर रहने वालों का तकिया है; ख़ौफ़नाक बातों के ज़रिए' से तू हमें सदाक़त से जवाब देगा।
6 Vous qui disposez les montagnes par votre force, armé de puissance;
तू कु़दरत से कमरबस्ता होकर, अपनी ताक़त से पहाड़ों को मज़बूती बख़्शता है।
7 Qui troublez le profond de la mer, le bruit de ses flots. Les nations seront troublées,
तू समन्दर के और उसकी मौजों के शोर को, और उम्मतों के हँगामे को ख़त्म कर देता है।
8 Et ceux qui habitent les limites de la terre craindront à la vue de vos miracles: vous réjouirez le matin naissant et le soir.
ज़मीन की इन्तिहा के रहने वाले, तेरे मु'मुअजिज़ों से डरते हैं; तू मतला' — ए — सुबह को और शाम को ख़ुशी बख़्शता है।
9 Vous avez visité la terre, et vous l’avez enivrée: vous avez multiplié ses richesses.
तू ज़मीन पर तवज्जुह करके उसे सेराब करता है, तू उसे खू़ब मालामाल कर देता है; ख़ुदा का दरिया पानी से भरा है; जब तू ज़मीन को यूँ तैयार कर लेता है तो उनके लिए अनाज मुहय्या करता है।
10 Enivrez ses ruisseaux, multipliez ses productions: dans les pluies douces elle se réjouira en produisant.
उसकी रेघारियों को खू़ब सेराब उसकी मेण्डों को बिठा देता उसे बारिश से नर्म करता है, उसकी पैदावार में बरकत देता
11 Vous bénirez la couronne de l’année, objet de votre bonté; et vos champs seront remplis par l’abondance des fruits.
तू साल को अपने लुत्फ़ का ताज पहनाता है; और तेरी राहों से रौग़न टपकता है।
12 Les lieux riants du désert seront engraissés; et les collines seront ceintes d’exultation.
वह बियाबान की चरागाहों पर टपकता है, और पहाड़ियाँ ख़ुशी से कमरबस्ता हैं।
13 Les béliers des brebis ont été revêtus d’une riche toison, et les vallées abonderont en froment: elles crieront, et elles diront un hymne.
चरागाहों में झुंड के झुंड फैले हुए हैं, वादियाँ अनाज से ढकी हुई हैं, वह ख़ुशी के मारे ललकारती और गाती हैं।