< Psaumes 59 >
1 Ne perdez pas entièrement; par David, pour une inscription de titre, quand Saül envoya des gens et fit garder sa maison afin de le tuer (I Rois 19,11). Arrachez-moi à mes ennemis, ô mon Dieu; et délivrez-moi de ceux qui s’insurgent contre moi.
१प्रधान बजानेवाले के लिये अल-तशहेत राग में दाऊद का मिक्ताम; जब शाऊल के भेजे हुए लोगों ने घर का पहरा दिया कि उसको मार डाले हे मेरे परमेश्वर, मुझ को शत्रुओं से बचा, मुझे ऊँचे स्थान पर रखकर मेरे विरोधियों से बचा,
2 Délivrez-moi de ceux qui opèrent l’iniquité; et sauvez-moi des hommes de sang.
२मुझ को बुराई करनेवालों के हाथ से बचा, और हत्यारों से मेरा उद्धार कर।
3 Car voilà qu’ils ont pris mon âme; des forts ont fondu sur moi.
३क्योंकि देख, वे मेरी घात में लगे हैं; हे यहोवा, मेरा कोई दोष या पाप नहीं है, तो भी बलवन्त लोग मेरे विरुद्ध इकट्ठे होते हैं।
4 Ni mon iniquité ni mon péché, Seigneur, n’en ont été cause; c’est sans iniquité que j’ai couru et que j’ai dirigé mes voies.
४मैं निर्दोष हूँ तो भी वे मुझसे लड़ने को मेरी ओर दौड़ते है; जाग और मेरी मदद कर, और यह देख!
5 Levez-vous au-devant de moi, et voyez, Seigneur Dieu des armées, Dieu d’Israël.
५हे सेनाओं के परमेश्वर यहोवा, हे इस्राएल के परमेश्वर सब अन्यजातियों को दण्ड देने के लिये जाग; किसी विश्वासघाती अत्याचारी पर अनुग्रह न कर। (सेला)
6 Ils reviendront vers le soir, et ils seront affamés comme des chiens, et ils tourneront autour de la ville.
६वे लोग साँझ को लौटकर कुत्ते के समान गुर्राते हैं, और नगर के चारों ओर घूमते हैं।
7 Voici qu’ils parleront dans leur bouche; et un glaive est sur leurs lèvres, en disant: Qui nous a entendus?
७देख वे डकारते हैं, उनके मुँह के भीतर तलवारें हैं, क्योंकि वे कहते हैं, “कौन हमें सुनता है?”
8 Mais vous, Seigneur, vous vous rirez d’eux; vous réduirez au néant toutes les nations.
८परन्तु हे यहोवा, तू उन पर हँसेगा; तू सब अन्यजातियों को उपहास में उड़ाएगा।
9 Je garderai pour vous ma force; parce que, ô Dieu, vous êtes mon soutien.
९हे परमेश्वर, मेरे बल, मैं तुझ पर ध्यान दूँगा, तू मेरा ऊँचा गढ़ है।
10 Mon Dieu! sa miséricorde me préviendra.
१०परमेश्वर करुणा करता हुआ मुझसे मिलेगा; परमेश्वर मेरे शत्रुओं के विषय मेरी इच्छा पूरी कर देगा।
11 Dieu me montrera le sort de mes ennemis: ne les tuez point, de peur que mon peuple n’oublie leur châtiment. Dispersez-les par votre puissance et faites-les déchoir, ô mon protecteur, ô Seigneur!
११उन्हें घात न कर, ऐसा न हो कि मेरी प्रजा भूल जाए; हे प्रभु, हे हमारी ढाल! अपनी शक्ति से उन्हें तितर-बितर कर, उन्हें दबा दे।
12 À cause du crime de leur bouche et du discours de leurs lèvres; et qu’ils soient pris dans leur orgueil.
१२वह अपने मुँह के पाप, और होठों के वचन, और श्राप देने, और झूठ बोलने के कारण, अभिमान में फँसे हुए पकड़े जाएँ।
13 À leur consommation, à la colère de leur consommation, et ils ne seront plus.
१३जलजलाहट में आकर उनका अन्त कर, उनका अन्त कर दे ताकि वे नष्ट हो जाएँ तब लोग जानेंगे कि परमेश्वर याकूब पर, वरन् पृथ्वी की छोर तक प्रभुता करता है। (सेला)
14 Ils reviendront vers le soir, et ils seront affamés comme des chiens; et ils tourneront autour de la ville.
१४वे साँझ को लौटकर कुत्ते के समान गुर्राते, और नगर के चारों ओर घूमते है।
15 Ils se disperseront pour manger: mais s’ils ne sont pas rassasiés, ils murmureront.
१५वे टुकड़े के लिये मारे-मारे फिरते, और तृप्त न होने पर रात भर गुर्राते है।
16 Pour moi, je chanterai votre force; et je célébrerai dans des transports de joie, dès le matin, votre miséricorde. Parce que vous êtes devenu mon soutien et mon refuge au jour de ma tribulation.
१६परन्तु मैं तेरी सामर्थ्य का यश गाऊँगा, और भोर को तेरी करुणा का जयजयकार करूँगा। क्योंकि तू मेरा ऊँचा गढ़ है, और संकट के समय मेरा शरणस्थान ठहरा है।
17 Ô mon aide, je vous célébrerai, parce que vous êtes mon Dieu, mon soutien; mon Dieu, ma miséricorde.
१७हे मेरे बल, मैं तेरा भजन गाऊँगा, क्योंकि हे परमेश्वर, तू मेरा ऊँचा गढ़ और मेरा करुणामय परमेश्वर है।