< Nombres 10 >
1 Le Seigneur parla encore à Moïse, disant:
याहवेह ने मोशेह से और कहा:
2 Fais-toi deux trompettes d’argent ductiles, avec lesquelles tu puisses convoquer la multitude, quand le camp devra être levé.
“पीटी गई चांदी की परत से दो तुरहियां बनाओ, तुम इनका प्रयोग सभा को बुलाने में करोगे, कि वे कूच के लिए शिविर को तैयार करें.
3 Et lorsque tu auras sonné des trompettes, toute la multitude s’assemblera vers toi à la porte du tabernacle d’alliance.
जब ये दोनों साथ साथ बजाए जाएंगे, तब सारी सभा तुम्हारे सामने मिलनवाले तंबू के द्वार पर हो जाएगी.
4 Si tu sonnes une fois, les princes viendront vers toi, et les chefs de la multitude d’Israël.
किंतु यदि सिर्फ एक ही तुरही बजाई जाएगी, तब प्रधान तथा इस्राएल के दलों के प्रधान तुम्हारे सामने इकट्ठा होंगे.
5 Mais si le son de la trompette se fait entendre plus prolongé et interrompu, ceux qui sont du côté oriental lèveront le camp les premiers.
किंतु जब तुम चेतावनी का बिगुल बजाओगे, तब शिविर के पूर्वी दिशा के शिविर कूच करेंगे.
6 Mais au deuxième son et au bruit de la trompette pareil au premier, ceux qui habitent au midi enlèveront leurs tentes; et c’est de cette manière que les autres feront, les trompettes retentissant pour le départ.
जब कभी तुम दोबारा चेतावनी का बिगुल बजाओगे, वे शिविर, जो दक्षिण दिशा में हैं, कूच करेंगे; आवश्यक है कि उनका कूच शुरू करने के लिए चेतावनी का बिगुल बजाया जाए.
7 Et quand le peuple devra être assemblé, le son des trompettes sera simple, et elles sonneront sans interruption.
जब कभी सभा इकट्ठी की जाए, तुम बिना किसी चेतावनी नाद के तुरही बजाओगे.
8 Or, les fils d’Aaron, prêtres, sonneront des trompettes; et ce sera une loi perpétuelle en vos générations.
“अहरोन के पुरोहित पुत्र इसके अलावा तुरही नाद करेंगे; यह तुम्हारी आनेवाली सभी पीढ़ियों के लिए हमेशा की विधि है.
9 Si vous sortez de votre terre pour une guerre contre les ennemis qui combattent contre vous, vous sonnerez bruyamment des trompettes, et il y aura souvenir de vous devant le Seigneur votre Dieu, en sorte que vous soyez délivrés des mains de vos ennemis.
जब तुम अपने विरोधी से युद्ध करो, जिसने तुम पर आक्रमण किया है, तब तुम इन तुरहियों से चेतावनी का बिगुल बजाओगे, कि याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के सामने तुम्हारा स्मरण किया जाए और शत्रुओं से तुम्हारी रक्षा हो सके.
10 Quand vous ferez un festin, ainsi que les jours de fête, et les calendes, vous sonnerez des trompettes au milieu des holocaustes et des victimes pacifiques, afin qu’elles soient pour vous un souvenir de la part de votre Dieu. Je suis le Seigneur votre Dieu.
इसके अलावा आनंद के अवसरों पर, तुम्हारे ठहराए गए आनंद मनाने के अवसरों पर, तुम्हारे ठहराए गए उत्सवों पर तथा हर एक महीने की पहली तारीख पर तुम अपनी होमबलियों, अपनी मेल बलियों के अवसर पर तुरही फूंकोगे; तब वे तुम्हारे परमेश्वर के सामने एक स्मरण का कार्य करेंगे. मैं ही हूं वह याहवेह, तुम्हारा परमेश्वर.”
11 À la seconde année, au second mois, au vingtième jour du mois, la nuée se leva de dessus le tabernacle de l’alliance;
दूसरे वर्ष के दूसरे महीने में बीसवीं तारीख को यह बादल साक्षी तंबू से ऊपर की ओर उठ गया.
12 Alors les enfants d’Israël partirent, selon leurs bandes, du désert de Sinaï, et la nuée se reposa dans la solitude de Pharan.
इस्राएल के घराने ने सीनायी के निर्जन प्रदेश से अपनी यात्राएं शुरू कर दी. यह बादल पारान के निर्जन प्रदेश में जा ठहर गया.
13 Or levèrent le camp les premiers, selon le commandement du Seigneur par l’entremise de Moïse,
यह ऐसा पहला अवसर था, जब उन्होंने मोशेह को दिए गए याहवेह के आदेश के अनुसार यात्रा शुरू की थी.
14 Les enfants de Juda, selon leurs bandes, dont le prince était Nahasson, fils d’Aminadab.
यहूदाह के वंश की छावनी के झंडे, उनके सैन्य व्यवस्था के अनुसार चल रहे थे. अम्मीनादाब का पुत्र नाहशोन सेनापति था.
15 Dans la tribu des enfants d’Issachar, fut prince Nathanaël, fils de Suar.
तब ज़ुअर का पुत्र नेथानेल इस्साखार गोत्र की सेना का सेनापति था.
16 Dans la tribu de Zabulon, était prince Eliab, fils d’Hélon.
ज़ेबुलून गोत्र की सेना का सेनापति था हेलोन का पुत्र एलियाब.
17 Ainsi, le tabernacle ayant été enlevé, les enfants de Gerson et de Mérari sortirent, le portant.
इसके बाद साक्षी तंबू उतारा गया और गेरशोन तथा मेरारी के पुत्रों ने साक्षी तंबू को उठाते हुए कूच किया.
18 Ensuite partirent aussi selon leurs bandes et leur rang, les enfants de Ruben, dont le prince était Hélisur, fils de Sédéur.
इनके बाद रियूबेन गोत्र की छावनी के झंडे के साथ शेदेउर के पुत्र एलिज़ुर के नेतृत्व में सेना ने कूच किया.
19 Mais dans la tribu des enfants de Siméon, le prince fut Salamiel, fils de Surisaddaï.
इनके साथ थे शिमओन के गोत्र की सेना, जिनका सेनापति था ज़ुरीशद्दाय का पुत्र शेलुमिएल.
20 Et dans la tribu de Gad était prince Eliasaph, fils de Duel.
गाद के गोत्र की सेना का सेनापति था देउएल का पुत्र एलियासाफ़.
21 Après, partirent aussi les Caathites portant le sanctuaire. Le tabernacle était toujours porté, jusqu’à ce qu’on vînt au lieu de l’érection,
इनके बाद कोहाथियों ने पवित्र वस्तुओं के साथ कूच किया, कि उनके वहां पहुंचने के पहले ही साक्षी तंबू खड़ा किया जा सके.
22 Levèrent de même le camp selon leurs bandes, les enfants d’Ephraïm, dans l’armée desquels le prince était Elisama, fils d’Ammiud.
इसके बाद एफ्राईम गोत्र के घराने की सेना ने उनकी छावनी के झंडे के साथ चलना शुरू किया. उनका सेनापति अम्मीहूद का पुत्र एलीशामा था.
23 Dans la tribu des fils de Manassé, le prince fut Gamaliel, fils de Phadassur.
मनश्शेह गोत्र के घराने की सेना का सेनापति पेदाहज़ुर का पुत्र गमालिएल था,
24 Et dans la tribu de Benjamin était chef Abidan, fils de Gédéon.
बिन्यामिन गोत्र की सेना का सेनापति गिदियोनी का पुत्र अबीदान था.
25 Partirent les derniers de tout le camp, selon leurs bandes, les fils de Dan, dans l’armée desquels le prince fut Ahiézer, fils d’Ammisaddaï.
इसके बाद उनकी सेना के अनुसार दान गोत्र के घराने की छावनी का झंडा था. कूच करते हुए यह सारी छावनी के लिए प्राण रक्षक सेना हुई. इस सेना का सेनापति अम्मीशद्दाय का पुत्र अहीएज़र था.
26 Mais dans la tribu des enfants d’Aser était prince Phégiel, fils d’Ochran;
आशेर गोत्र के घराने की सेना का सेनापति ओखरन का पुत्र पागिएल था.
27 Et dans la tribu des enfants de Nephthali, le prince fut Ahira, fils d’Enan.
नफताली गोत्र के घराने की सेना का सेनापति एनन का पुत्र अहीरा था.
28 Voilà le camp et les départs des enfants d’Israël, selon leurs bandes, quand ils sortaient.
कूच करते हुए इस्राएल के घराने की सेनाओं के अनुसार यही क्रम हुआ करता था.
29 Or. Moïse dit à Hobab, fils de Raguel, le Madianite, son parent: Nous partons pour le lieu que le Seigneur doit nous donner: viens avec nous, afin que nous te fassions du bien, parce que le Seigneur a promis des biens à Israël.
अंत में मोशेह ने अपनी पत्नी के भाई, होबाब से, अर्थात् अपने मिदियानी ससुर रियुएल के पुत्र से कहा, “हम उस स्थान की ओर आगे बढ़ रहे हैं, जिसका वर्णन याहवेह ने इन शब्दों में किया था: ‘यह मैं तुम्हें दे दूंगा.’ तुम भी हमारे साथ आ जाओ. हम तुम्हारा ध्यान रखेंगे; क्योंकि याहवेह ने इस्राएल की भलाई की प्रतिज्ञा की है.”
30 Hobab lui répondit: Je n’irai pas avec toi, mais je retournerai en ma terre, dans laquelle je suis né.
किंतु होबाब ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं आपके साथ नहीं जा सकता; मेरे लिए सही यही है कि मैं अपने संबंधियों के पास अपने देश लौट जाऊं.”
31 Mais Moïse: Ne nous abandonne pas, reprit-il; car toi, tu sais dans quels lieux dans le désert nous devons camper, et tu seras notre guide.
तो मोशेह ने उससे निवेदन किया, “कृपा कर हमारा साथ मत छोड़ो. तुम जानते हो कि इस मरुभूमि मे पड़ाव डालने के लिए अच्छी जगह कहां-कहां होगी; तुम तो हमारे लिए हमारी आंखें हो सकोगे.
32 Et quand tu seras venu avec nous, tout ce qu’il y aura de meilleur dans les richesses que le Seigneur doit nous accorder, nous te le donnerons.
हम आश्वासन देते हैं कि यदि तुम हमारे साथ चलोगे, तो जितनी भी भलाई याहवेह हमारे लिए करेंगे, उसमें हम तुमको शामिल कर लेंगे.”
33 Partis donc de la montagne du Seigneur, ils firent le chemin de trois journées, et l’arche d’alliance du Seigneur les précédait, montrant pendant trois jours le lieu du camp.
इस प्रकार उन्होंने याहवेह के पर्वत से अपनी यात्रा प्रारंभ की और तीन दिन यात्रा करते रहे. याहवेह की वाचा का संदूक तीन दिनों तक उनके आगे-आगे रहा कि इस्राएल के डेरे के लिए सही विश्राम का स्थान तय किया जा सके.
34 La nuée du Seigneur aussi les couvrait pendant le jour, lorsqu’ils marchaient.
जब उन्होंने छावनी के स्थान से यात्रा शुरू की थी, दिन के समय याहवेह का बादल उनके ऊपर-ऊपर बना रहता था.
35 Et lorsqu’on élevait l’arche, Moïse disait: Levez-vous, Seigneur, que vos ennemis soient dissipés, et qu’ils fuient devant votre face, ceux qui vous haïssent.
इसके बाद, जब भी संदूक के साथ यात्रा आरंभ करते थे, मोशेह का यह वचन था: “याहवेह सक्रिय हो जाइए! आपके शत्रु बिखर जाएं; जिन्हें आपसे घृणा है आपके सामने से भाग जाएं.”
36 Et lorsqu’on la posait, il disait: Revenez, Seigneur, à la multitude de l’armée d’Israël.
जब भी संदूक ठहर जाता, मोशेह कहते थे, “याहवेह, हज़ारों हज़ार इस्राएलियों के निकट लौट आइए.”