< Nombres 1 >
1 Et le Seigneur parla à Moïse dans le désert de Sinaï, dans le tabernacle d’alliance, au premier jour du second mois, à la seconde année de leur sortie d’Égypte, disant:
१इस्राएलियों के मिस्र देश से निकल जाने के दूसरे वर्ष के दूसरे महीने के पहले दिन को, यहोवा ने सीनै के जंगल में मिलापवाले तम्बू में, मूसा से कहा,
2 Faites le dénombrement de toute l’assemblée des enfants d’Israël, selon leur parenté, leurs maisons, et les noms de chacun, de tout ce qui est du sexe masculin,
२“इस्राएलियों की सारी मण्डली के कुलों और पितरों के घरानों के अनुसार, एक-एक पुरुष की गिनती नाम ले लेकर करना।
3 Depuis vingt ans et au-dessus, de tous les hommes forts d’Israël, et vous les dénombrerez, selon leurs bandes, toi et Aaron.
३जितने इस्राएली बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के हों, और जो युद्ध करने के योग्य हों, उन सभी को उनके दलों के अनुसार तू और हारून गिन ले।
4 Et il y aura avec vous les princes de leurs tribus et de leurs maisons dans leur parenté.
४और तुम्हारे साथ प्रत्येक गोत्र का एक पुरुष भी हो जो अपने पितरों के घराने का मुख्य पुरुष हो।
5 Ceux dont voici les noms: De Ruben, Elisur, fils de Sédéur;
५तुम्हारे उन साथियों के नाम ये हैं: रूबेन के गोत्र में से शदेऊर का पुत्र एलीसूर;
6 De Siméon, Salamiel, fils de Surisaddaï;
६शिमोन के गोत्र में से सूरीशद्दै का पुत्र शलूमीएल;
7 De Juda, Nahasson, fils d’Aminadab;
७यहूदा के गोत्र में से अम्मीनादाब का पुत्र नहशोन;
8 D’Issachar, Nathanaël, fils de Suar;
८इस्साकार के गोत्र में से सूआर का पुत्र नतनेल;
9 De Zabulon, Eliab, fils d’Hélon.
९जबूलून के गोत्र में से हेलोन का पुत्र एलीआब;
10 Et d’entre les fils de Joseph: d’Ephraïm, Elisama, fils d’Amiud; de Manassé, Gamaliel, fils de Phadassur;
१०यूसुफ वंशियों में से ये हैं, अर्थात् एप्रैम के गोत्र में से अम्मीहूद का पुत्र एलीशामा, और मनश्शे के गोत्र में से पदासूर का पुत्र गम्लीएल;
11 De Benjamin, Abidan, fils de Gédéon;
११बिन्यामीन के गोत्र में से गिदोनी का पुत्र अबीदान;
12 De Dan, Ahiézer, fils d’Amisaddaï;
१२दान के गोत्र में से अम्मीशद्दै का पुत्र अहीएजेर;
13 D’Aser, Phégiel, fils d’Ochran;
१३आशेर के गोत्र में से ओक्रान का पुत्र पगीएल;
14 De Gad, Eliasaph, fils de Duel;
१४गाद के गोत्र में से दूएल का पुत्र एल्यासाप;
15 De Nephtah, Ahira, fils d’Enan.
१५नप्ताली के गोत्र में से एनान का पुत्र अहीरा।”
16 C’étaient là les plus nobles princes de la multitude selon leurs tribus et leur parenté, et les chefs de l’armée d’Israël,
१६मण्डली में से जो पुरुष अपने-अपने पितरों के गोत्रों के प्रधान होकर बुलाए गए, वे ये ही हैं, और ये इस्राएलियों के हजारों में मुख्य पुरुष थे।
17 Que prirent Moïse et Aaron avec toute la multitude du peuple,
१७जिन पुरुषों के नाम ऊपर लिखे हैं उनको साथ लेकर मूसा और हारून ने,
18 Et qu’ils assemblèrent au premier jour du second mois, les recensant selon la parenté, les maisons, les familles, la personne et le nom de chacun, depuis vingt ans et au-dessus,
१८दूसरे महीने के पहले दिन सारी मण्डली इकट्ठी की, तब इस्राएलियों ने अपने-अपने कुल और अपने-अपने पितरों के घराने के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु वालों के नामों की गिनती करवाकर अपनी-अपनी वंशावली लिखवाई;
19 Comme avait ordonné le Seigneur à Moïse. Or, il y eut de dénombré dans le désert de Sinaï,
१९जिस प्रकार यहोवा ने मूसा को आज्ञा दी थी उसी के अनुसार उसने सीनै के जंगल में उनकी गणना की।
20 De Ruben, premier-né d’Israël, selon les générations, les familles, les maisons et le nom de chacun, tout ce qui est du sexe masculin, depuis vingt ans et au-dessus, allant à la guerre,
२०और इस्राएल के पहलौठे रूबेन के वंश के जितने पुरुष अपने कुल और अपने पितरों के घराने के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
21 Quarante-six mille cinq cents.
२१और रूबेन के गोत्र के गिने हुए पुरुष साढ़े छियालीस हजार थे।
22 Des enfants de Siméon, selon les générations, les familles et les maisons de leur parenté, furent recensés selon le nom et la personne de chacun, tout ce qui est du sexe masculin, depuis vingt ans et au-dessus, allant à la guerre,
२२शिमोन के वंश के लोग जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे, और जो युद्ध करने के योग्य थे वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए।
23 Cinquante-neuf mille trois cents.
२३और शिमोन के गोत्र के गिने हुए पुरुष उनसठ हजार तीन सौ थे।
24 Des enfants de Gad, selon les générations, les familles et les maisons de leur parenté, furent recensés selon le nom de chacun depuis vingt ans et au-dessus, comme pouvant tous aller aux combats,
२४गाद के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
25 Quarante-cinq mille six cent cinquante.
२५और गाद के गोत्र के गिने हुए पुरुष पैंतालीस हजार साढ़े छः सौ थे।
26 Des enfants de Juda, selon les générations, les familles et les maisons de leur parenté, selon le nom de chacun depuis vingt ans et au-dessus, tous ceux qui pouvaient aller aux combats,
२६यहूदा के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
27 Furent recensés soixante-quatorze mille six cents.
२७और यहूदा के गोत्र के गिने हुए पुरुष चौहत्तर हजार छः सौ थे।
28 Des enfants d’Issachar, selon les générations, les familles et les maisons de leur parenté, selon le nom de chacun, depuis vingt ans et au-dessus, tous ceux qui pouvaient aller aux combats.
२८इस्साकार के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
29 Furent recensés cinquante-quatre mille quatre cents.
२९और इस्साकार के गोत्र के गिने हुए पुरुष चौवन हजार चार सौ थे।
30 Des enfants de Zabulon, selon les générations, les familles et les maisons de leur parenté, furent recensés selon le nom de chacun, depuis vingt ans et au-dessus, tous ceux qui pouvaient aller aux combats,
३०जबूलून के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
31 Cinquante-sept mille quatre cents.
३१और जबूलून के गोत्र के गिने हुए पुरुष सत्तावन हजार चार सौ थे।
32 Des enfants de Joseph, enfants d’Ephraïm, selon les générations, les familles et les maisons de leur parenté furent recensés, selon le nom de chacun, depuis vingt ans et au-dessus, tous ceux qui pouvaient aller aux combats,
३२यूसुफ के वंश में से एप्रैम के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
33 Quarante mille cinq cents.
३३और एप्रैम गोत्र के गिने हुए पुरुष साढ़े चालीस हजार थे।
34 Ensuite, des enfants de Manassé selon les générations, les familles et les maisons de leur parenté, furent recensés selon le nom de chacun depuis vingt ans et au-dessus, tous ceux qui pouvaient aller aux combats,
३४मनश्शे के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
35 Trente-deux mille deux cents.
३५और मनश्शे के गोत्र के गिने हुए पुरुष बत्तीस हजार दो सौ थे।
36 Des fils de Benjamin, selon les générations, les familles et les maisons de leur parenté, furent recensés par le nom de chacun, depuis vingt ans et au-dessus, tous ceux qui pouvaient aller aux combats,
३६बिन्यामीन के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
37 Trente-cinq mille quatre cents.
३७और बिन्यामीन के गोत्र के गिने हुए पुरुष पैंतीस हजार चार सौ थे।
38 Des enfants de Dan, selon les générations, les familles et les maisons de leur parenté, furent recensés par le nom de chacun, depuis vingt ans et au-dessus, tous ceux qui pouvaient aller aux combats,
३८दान के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे अपने-अपने नाम से गिने गए:
39 Soixante-deux mille sept cents.
३९और दान के गोत्र के गिने हुए पुरुष बासठ हजार सात सौ थे।
40 Des enfants d’Aser, selon les générations, les familles et les maisons de leur parenté, furent recensés selon les noms de chacun, depuis vingt ans et au-dessus, tous ceux qui pouvaient aller aux combats,
४०आशेर के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
41 Quarante-un mille et cinq cents.
४१और आशेर के गोत्र के गिने हुए पुरुष साढ़े इकतालीस हजार थे।
42 Des enfants de Nephthali, selon les générations, les familles et les maisons de leur parenté, furent recensés par les noms de chacun depuis vingt ans et au-dessus, tous ceux qui pouvaient aller aux combats,
४२नप्ताली के वंश के जितने पुरुष अपने कुलों और अपने पितरों के घरानों के अनुसार बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के थे और जो युद्ध करने के योग्य थे, वे सब अपने-अपने नाम से गिने गए:
43 Cinquante-trois mille quatre cents.
४३और नप्ताली के गोत्र के गिने हुए पुरुष तिरपन हजार चार सौ थे।
44 Tels sont ceux que dénombrèrent Moïse, Aaron, et les douze princes d’Israël, chacun selon les maisons de sa parenté.
४४इस प्रकार मूसा और हारून और इस्राएल के बारह प्रधानों ने, जो अपने-अपने पितरों के घराने के प्रधान थे, उन सभी को गिन लिया और उनकी गिनती यही थी।
45 Ainsi le nombre total des enfants d’Israël selon leurs maisons et leurs familles, depuis vingt ans et au-dessus, qui pouvaient aller aux combats, fut
४५अतः जितने इस्राएली बीस वर्ष या उससे अधिक आयु के होने के कारण युद्ध करने के योग्य थे वे अपने पितरों के घरानों के अनुसार गिने गए,
46 De six cent trois mille cinq cent cinquante hommes.
४६और वे सब गिने हुए पुरुष मिलाकर छः लाख तीन हजार साढ़े पाँच सौ थे।
47 Pour les Lévites, ils ne furent pas dénombrés dans la tribu de leurs familles avec eux.
४७इनमें लेवीय अपने पितरों के गोत्र के अनुसार नहीं गिने गए।
48 Car le Seigneur parla à Moïse, disant:
४८क्योंकि यहोवा ने मूसा से कहा था,
49 Ne compte point la tribu de Lévi, et tu ne comprendras point le nombre des Lévites avec les enfants d’Israël:
४९“लेवीय गोत्र की गिनती इस्राएलियों के संग न करना;
50 Mais prépose-les au tabernacle du témoignage, à tous ses vases et à tout ce qui appartient aux cérémonies. Eux-mêmes porteront le tabernacle et tous ses ustensiles: ils seront dans le ministère, et c’est autour du tabernacle qu’ils camperont.
५०परन्तु तू लेवियों को साक्षी के तम्बू पर, और उसके सम्पूर्ण सामान पर, अर्थात् जो कुछ उससे सम्बंध रखता है उस पर अधिकारी नियुक्त करना; और सम्पूर्ण सामान सहित निवास को वे ही उठाया करें, और वे ही उसमें सेवा टहल भी किया करें, और तम्बू के आस-पास वे ही अपने डेरे डाला करें।
51 Lorsqu’il faudra partir, les Lévites enlèveront le tabernacle; lorsqu’il faudra camper, ils le dresseront; tout étranger qui en approchera, sera mis à mort.
५१और जब जब निवास को आगे ले जाना हो तब-तब लेवीय उसको गिरा दें, और जब जब निवास को खड़ा करना हो तब-तब लेवीय उसको खड़ा किया करें; और यदि कोई दूसरा समीप आए तो वह मार डाला जाए।
52 Mais les enfants d’Israël poseront leur camp, chacun selon ses bandes, ses corps et son armée.
५२और इस्राएली अपना-अपना डेरा अपनी-अपनी छावनी में और अपने-अपने झण्डे के पास खड़ा किया करें;
53 Et les Lévites planteront leurs tentes autour du tabernacle, afin que l’indignation ne vienne pas sur les enfants d’Israël, et ils veilleront à la garde du tabernacle du témoignage.
५३पर लेवीय अपने डेरे साक्षी के तम्बू ही के चारों ओर खड़े किया करें, कहीं ऐसा न हो कि इस्राएलियों की मण्डली पर मेरा कोप भड़के; और लेवीय साक्षी के तम्बू की रक्षा किया करें।”
54 Les enfants d’Israël firent donc selon tout ce qu’avait ordonné le Seigneur à Moïse.
५४जो आज्ञाएँ यहोवा ने मूसा को दी थीं, इस्राएलियों ने उन्हीं के अनुसार किया।