< Jérémie 31 >
1 En ce temps-là, dit le Seigneur, je serai le Dieu de toutes les familles d’Israël, et elles seront mon peuple.
“उस समय,” यह याहवेह की वाणी है, “मैं इस्राएल के सारे परिवारों का परमेश्वर हो जाऊंगा तथा वे मेरी प्रजा ठहरेंगी.”
2 Voici ce que dit le Seigneur: Il a trouvé grâce dans le désert, un peuple qui avait échappé au glaive: Israël ira à son repos.
यह याहवेह की वाणी है: “वे लोग, जो तलवार प्रहार से उत्तरजीवित रह गए, जब इस्राएल ने चैन की खोज की; उन्हें निर्जन क्षेत्र में आश्रय प्राप्त हो गया.”
3 De loin le Seigneur m’a apparu. Et je t’ai aimée d’un amour éternel: c’est pour cela que je t’ai attirée ayant pitié de toi.
सुदूर देश में याहवेह उसके समक्ष प्रकट हुए, याहवेह ने उससे यह बात की: “मैंने तुम्हें, मेरे लोगों को, अनश्वर प्रेम से प्रेम किया है, इसलिये मैंने तुम्हें अत्यंत प्रेमपूर्वक अपनी ओर आकर्षित किया है.
4 Et de nouveau je t’édifierai, et tu seras édifiée, vierge d’Israël; tu paraîtras encore ornée au milieu des tambours, et tu sortiras dans un chœur de joueurs d’instruments.
तब मैं पुनः तुम्हारा निर्माण करूंगा, और तुम निर्मित हो जाओगी, कुंवारी इस्राएल तुम पुनः खंजरी उठाओगी तथा उनमें सम्मिलित हो जाओगी, जो आनन्दमग्न हो रहे होंगे.
5 Tu planteras encore des vignes sur les montagnes de Samarie; des planteurs les planteront, et jusqu’à ce que le temps arrive, ils ne vendangeront pas.
शमरिया की पहाड़ियों पर पुनः द्राक्षालता रोपण प्रारंभ हो जाएगा; रोपक इन्हें रोपेंगे ओर उनका सेवन करेंगे.
6 Car viendra un jour auquel les gardes crieront sur la montagne d’Ephraïm: Levez-vous, et montons en Sion vers le Seigneur notre Dieu.
क्योंकि एक दिन ऐसा भी आएगा जब एफ्राईम के पर्वतों से प्रहरी पुकारेंगे, ‘चलो-चलो, हमें याहवेह हमारे परमेश्वर के समक्ष ज़ियोन को जाना है.’”
7 Parce que voici ce que dit le Seigneur: Exultez d’allégresse, Jacob, et poussez des cris éclatants à la tête des nations, faites retentir vos voix, chantez, et dites: Seigneur, sauvez votre peuple, les restes d’Israël.
क्योंकि अब याहवेह का यह आदेश है: “हर्षोल्लास में याकोब के लिए गायन किया जाए; तथा राष्ट्रों के प्रमुख के लिए जयघोष किया जाए. स्तवन के साथ यह वाणी की जाए, ‘याहवेह, अपनी प्रजा को उद्धार प्रदान कीजिए, उनको, जो इस्राएल के बचे हुए लोग हैं.’
8 Voilà que moi je les amènerai de la terre de l’aquilon, et que je les rassemblerai des extrémités de la terre; parmi eux seront l’aveugle et le boiteux, la femme enceinte et celle qui a enfanté, mêlés ensemble, grande assemblée d’hommes revenant ici.
यह देखना, कि मैं उन्हें उत्तरी देश से लेकर आऊंगा, मैं उन्हें पृथ्वी के दूर क्षेत्रों से एकत्र करूंगा. उनमें ये सभी होंगे: नेत्रहीन, अपंग, गर्भवती स्त्री तथा वह जो प्रसूता है; एक साथ यह विशाल जनसमूह होगा, जो यहां लौट आएगा.
9 C’est dans le pleur qu’ils viendront, et c’est dans la miséricorde que je les ramènerai, et je les ramènerai à travers des torrents d’eau dans une voie droite, et ils n’y heurteront point, parce que je suis devenu pour Israël un père, et qu’Éphraïm est mon premier-né.
वे रोते हुए लौटेंगे; तथा वे प्रार्थना करेंगे और मैं उनका मार्गदर्शन करूंगा. मैं उन्हें जलधाराओं के निकट से लेकर आऊंगा, उनका मार्ग सीधा समतल होगा, जिस पर उन्हें ठोकर नहीं लगेगी, क्योंकि मैं इस्राएल के लिए पिता हूं, तथा एफ्राईम मेरा पहलौठा पुत्र है.
10 Ecoutez, nations, la parole du Seigneur, et annoncez-la aux îles qui sont au loin, et dites: Celui qui a dispersé Israël le rassemblera, et il le gardera comme un pasteur son troupeau.
“राष्ट्रों, याहवेह का संदेश सुनो, दूर तटवर्ती क्षेत्रों में घोषणा करो; जिसने इस्राएल को छिन्न-भिन्न कर दिया है: वही उन्हें एकत्र भी करेगा, वह उन्हें इस प्रकार सहेजेगा, जिस प्रकार चरवाहा अपनी भेड़-बकरियों को.
11 Car le Seigneur a racheté Jacob, et l’a délivré de la main d’un plus puissant que lui.
क्योंकि याहवेह ने मूल्य चुका कर याकोब को छुड़ा लिया है तथा उसे उसके बंधन से विमुक्त कर दिया है, जो उससे सशक्त था.
12 Et ils viendront, et ils chanteront des louanges sur la montagne de Sion; et ils accourront en foule vers les biens du Seigneur, vers le blé, et le vin, et l’huile, et le fruit des troupeaux de menu et de gros bétail; et leur âme sera comme un jardin arrosé; et ils n’auront plus faim.
वे लौटेंगे तथा ज़ियोन की ऊंचाइयों पर आकर हर्षोल्लास करेंगे; याहवेह की कृपादृष्टि के कारण वे आनंदित हो जाएंगे— अन्न, नई दाखमधु तथा प्रचूर तेल के कारण, भेड़ों एवं पशुओं के बच्चों के कारण. उनका जीवन सिंचित उद्यान सदृश होगा, वे पुनः अंत न होंगे.
13 Alors se réjouira la vierge au milieu d’un chœur, ainsi que les jeunes hommes et les vieillards ensemble; et je changerai leur deuil en joie, et je les consolerai, et je les remplirai d’allégresse après leur douleur.
तब कुंवारी कन्या का हर्ष नृत्य में फूट पड़ेगा इसमें जवान एवं प्रौढ़, दोनों ही सम्मिलित हो जाएंगे. क्योंकि मैं उनकी छाया को उल्लास में परिवर्तित कर दूंगा; मैं उनके शोक को आनंद में ढाल कर उन्हें सांत्वना प्रदान करूंगा.
14 Et j’enivrerai l’âme des prêtres de graisse, et mon peuple sera rempli de mes biens, dit le Seigneur.
मेजवानी ऐसी होगी कि पुरोहितों के प्राण तृप्त हो जाएंगे, तथा मेरी प्रजा मेरे द्वारा किए गए कल्याण पर संतुष्ट हो जाएगी,” यह याहवेह की वाणी है.
15 Voici ce que dit le Seigneur: Une voix a été entendue sur une hauteur, voix de lamentation, de deuil et de pleur, la voix de Rachel déplorant la perte de ses enfants, et ne voulant pas en être consolée, parce qu’ils ne sont plus,
याहवेह की बात यह है: “रामाह नगर में एक शब्द सुना गया, रोना तथा घोर विलाप! राहेल अपने बालकों के लिए रो रही है. धीरज उसे स्वीकार नहीं क्योंकि अब वे हैं ही नहीं.”
16 Voici ce que dit le Seigneur: Que ta voix cesse ses gémissements, et tes yeux leurs larmes; parce qu’il est une récompense à tes œuvres, dit le Seigneur, et ils reviendront de la terre de l’ennemi.
याहवेह का आदेश है: “अपने रुदन स्वर को नियंत्रित करो तथा अपनी अश्रुधारा को प्रतिबद्ध करो, क्योंकि तुम्हारे श्रम को पुरस्कृत किया जाएगा,” यह याहवेह की वाणी है. “वे शत्रु के देश से लौट आएंगे.
17 Et il est un espoir pour tes derniers moments, dit le Seigneur, et tes fils reviendront dans tes confins.
तुम्हारा सुखद भविष्य संभव है,” यह याहवेह की वाणी है. “तुम्हारे वंशज निज भूमि में लौट आएंगे.
18 Entendant, j’ai entendu Ephraïm dans sa transmigration: Vous m’avez châtié et j’ai été instruit, comme un jeune taureau indompté; convertissez-moi et je serai converti, parce que vous êtes le Seigneur mon Dieu.
“वस्तुस्थिति यह है कि मैंने एफ्राईम का विलाप करना सुना है: ‘जिस प्रकार उद्दंड बछड़े को प्रताड़ित किया जाता है उसी प्रकार आपने मुझे भी प्रताड़ित किया है, और मैंने इससे शिक्षा ग्रहण की है. मुझे अपनी उपस्थिति में ले आइए, कि मैं पूर्ववत हो जाऊं, क्योंकि याहवेह, आप ही मेरे परमेश्वर हैं.
19 Car, après que vous m’avez converti, j’ai fait pénitence, et après que vous m’avez montré mon état, j’ai frappé ma cuisse, l’ai été confondu, et j’ai rougi, parce que j’ai supporté l’opprobre de ma jeunesse.
जब मैं आपसे दूर हो गया था, तब मैंने लौटकर पश्चात्ताप किया; जब मेरी समझ में आ गया, तब मैंने अपनी छाती पीटी; मुझे लज्जित होना पड़ा. तथा मेरी प्रतिष्ठा भी भंग हो गई क्योंकि मैं अपनी जवानी की लांछना लिए हुए चल रहा था.’
20 Est-ce qu’il n’est pas un fils honorable pour moi, Ephraïm, n’est-il pas un enfant de délices? parce que, depuis que j’ai parlé de lui, je me souviendrai encore de lui. C’est pour cela que mes entrailles sont émues sur lui; ayant pitié, j’aurai pitié de lui, dit le Seigneur.
क्या एफ्राईम मेरा प्रिय पुत्र है, क्या वह सुखदायक संतान है? वस्तुतः जब-जब मैंने उसके विरोध में कुछ कहा, मैंने उसे प्रेम के साथ ही स्मरण किया. इसलिये मेरा हृदय उसकी लालसा करता रहता है; इसमें कोई संदेह नहीं कि मैं उस पर अनुकम्पा करूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.
21 Etablis-toi un lieu d’observation, abandonne-toi à l’amertume, dirige ton cœur vers la voie droite, dans laquelle tu as marché: retourne, vierge d’Israël, retourne vers ces cités tiennes.
“अब अपने लिए मार्ग निर्देश नियत कर लो; अपने लिए तोड़ सूचक खड़े कर लो. तुम्हारा ध्यान राजपथ की ओर लगा रहे, उसी मार्ग पर, जिससे तुम गए थे. कुंवारी इस्राएल, लौट आओ, लौट आओ अपने इन्हीं नगरों में.
22 Jusques à quand seras-tu énervée par les délices, fille vagabonde? parce que le Seigneur a créé un nouveau prodige sur la terre: UNE FEMME ENVIRONNERÀ UN HOMME.
हे भटकने वाली कन्या, कब तक तुम यहां वहां भटकती रहोगी? याहवेह ने पृथ्वी पर एक अपूर्व परिपाटी प्रचलित कर दी है— अब पुरुष के लिए स्त्री सुरक्षा घेरा बनेगी.”
23 Voici ce que dit le Seigneur, Dieu d’Israël: Ils diront encore cette parole dans la terre de Juda et dans ses villes, lorsque j’aurai ramené leurs captifs: Que le Seigneur te bénisse, beauté de justice, montagne sainte;
इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह की यह वाणी है: “जब मैं उनकी समृद्धि लौटा दूंगा, तब यहूदिया देश में तथा उसके नगरों में पुनः ‘उनके मुख से ये वचन निकलेंगे, पवित्र पर्वत, पूर्वजों के आश्रय, याहवेह तुम्हें आशीष दें.’
24 Et y habiteront Juda et toutes ses cités ensemble, les laboureurs et ceux qui conduisent les troupeaux.
यहूदिया के सभी नगरों के निवासी, किसान तथा चरवाहे अपने पशुओं सहित वहां एक साथ निवास करेंगे.
25 Parce que j’ai enivré l’âme fatiguée, et j’ai rassasié toute âme qui avait faim.
क्योंकि मैं थके हुए व्यक्ति में संतोष, तथा हताश व्यक्ति में उत्साह का पुनःसंचार करता हूं.”
26 C’est pour cela que je me suis comme éveillé de mon sommeil; et j’ai vu, et mon sommeil m’a été doux.
यह सुन मैं जाग पड़ा. उस समय मुझे यह बोध हुआ कि मेरी निद्रा मेरे लिए सुखद अनुभूति छोड़ गई है.
27 Voilà que des jours viennent, dit le Seigneur, et je sèmerai la maison d’Israël et la maison de Juda d’une semence d’hommes et d’une semence de bêtes,
“यह देखना, वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब मैं इस्राएल के परिवार में तथा यहूदिया के परिवार में मनुष्य का तथा पशु का बीज रोपित करूंगा.
28 Et comme j’ai veillé sur eux, afin de les arracher, et de les détruire, et de les dissiper, et de les perdre, et de les affliger, ainsi je veillerai sur eux, afin de les édifier et de les planter, dit le Seigneur.
जिस प्रकार मैं उनके उखाड़ने में, उनके तोड़ने में, उनके पराभव करने में, उनके नष्ट करने में तथा उन पर सर्वनाश लाने में मैं उन पर नजर रखता आया, उसी प्रकार मैं उनका परिरक्षण भी करता रहूंगा, जब वे निर्माण करेंगे तथा रोपण करेंगे,” यह याहवेह की वाणी है.
29 En ces jours-là, on ne dira plus: Les pères ont mangé des raisins verts, et les dents des fils ont été agacées.
“उन दिनों में उनके मुख से ये शब्द पुनः सुने नहीं जाएंगे, “‘खट्टे अंगूर तो पूर्वजों ने खाए थे, किंतु दांत खट्टे हुए वंशजों के.’
30 Mais chacun mourra dans son iniquité; tout homme qui aura mangé le raisin vert, ses dents seront agacées.
किंतु हर एक की मृत्यु का कारण होगा स्वयं उसी की पापिष्ठता; हर एक व्यक्ति, जो खट्टे अंगूर खाएगा, दांत उसी के खट्टे होंगे.
31 Voilà que des jours viendront, dit le Seigneur, et je ferai une nouvelle alliance avec la maison d’Israël et avec la maison de Juda,
“यह देख लेना, वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब मैं इस्राएल वंश के साथ तथा यहूदिया वंश के साथ एक नयी वाचा स्थापित करूंगा.
32 Non pas selon l’alliance que j’ai formée avec leurs pères, au jour auquel je pris leur main, afin de les faire sortir de la terre d’Egypte; alliance qu’ils ont rendue vaine, et moi je les ai maîtrisés, dit le Seigneur.
उस वाचा के सदृश नहीं, जो मैंने उस समय उनके पूर्वजों के साथ स्थापित की थी, जब मैंने उनका हाथ पकड़कर उन्हें मिस्र देश से उनका निकास किया था, यद्यपि मैं उनके लिए पति-सदृश था, उन्होंने मेरी वाचा भंग कर दी,” यह याहवेह की वाणी है.
33 Mais voici l’alliance que je ferai avec la maison d’Israël après ces jours-là, dit le Seigneur: Je mettrai ma loi dans leurs entrailles, et je l’écrirai dans leur cœur; et je serai leur Dieu, et eux seront mon peuple.
“किंतु उन दिनों के बाद इस्राएल वंश के साथ मैं इस वाचा की स्थापना करूंगा,” यह याहवेह की वाणी है. “उनके अंतर्मन में मैं अपना व्यवस्था-विधान संस्थापित कर दूंगा तथा उनके हृदय पर मैं इसे लिख दूंगा. मैं उनका परमेश्वर हो जाऊंगा, तथा वे मेरी प्रजा.
34 Et un homme n’instruira plus son prochain, et un homme son frère, disant: Connais le Seigneur; car tous me connaîtront, depuis le plus petit d’entre eux jusqu’au plus grand, dit le Seigneur; parce que je pardonnerai leur iniquité, et que de leur péché je ne me souviendrai plus.
तब हर एक व्यक्ति अपने पड़ोसी को, हर एक व्यक्ति अपने सजातीय को पुनः यह कहते हुए यह शिक्षा नहीं देने लगेगा, ‘याहवेह को जान लो,’ क्योंकि वे सभी मुझे जान जाएंगे, छोटे से बड़े तक,” यह याहवेह की वाणी है. “क्योंकि मैं उनकी पापिष्ठता क्षमा कर दूंगा तथा इसके बाद उनका पाप मैं पुनः स्मरण ही न करूंगा.”
35 Voici ce que dit le Seigneur, qui donne le soleil pour éclairer dans le jour, et le cours réglé de la lune et des étoiles pour éclairer pendant la nuit; qui agite la mer, et ses flots mugissent; le Seigneur des armées est son nom.
यह याहवेह की वाणी है, जिन्होंने दिन को प्रकाशित करने के लिए सूर्य को स्थित किया है, जिन्होंने चंद्रमा तथा तारों के क्रम को रात्रि के प्रकाश के लिए निर्धारित कर दिया, जो समुद्र को हिलाते हैं कि उसकी लहरों में गर्जन आए— उनका नाम है सेनाओं के याहवेह:
36 Si ces lois défaillent devant moi, dit le Seigneur, alors aussi la race d’Israël défaudra pour n’être plus à jamais un peuple devant moi.
“यदि यह व्यवस्थित विन्यास मेरे समक्ष से विघटित होता है,” यह याहवेह की वाणी है, “तब एक राष्ट्र के रूप में इस्राएल के वंशजों का अस्तित्व भी मेरे समक्ष से सदा-सर्वदा के लिए समाप्त हो जाएगा.”
37 Voici ce que dit le Seigneur: Si les cieux peuvent être mesurés dans leur hauteur, et les fondements de la terre sondés dans leur profondeur; moi aussi je rejetterai toute la race d’Israël, à cause de tout ce qu’ils ont fait, dit le Seigneur.
यह याहवेह की वाणी है: “यदि हमारे ऊपर विस्तीर्ण आकाशमंडल का मापा जाना संभव हो जाए तथा भूतल में पृथ्वी की नीवों की खोज निकालना संभव हो जाए, तो मैं भी इस्राएल द्वारा किए गए उन सारे कार्यों के कारण इस्राएल के सभी वंशजों का परित्याग कर दूंगा,” यह याहवेह की वाणी है.
38 Voilà que des jours viennent, dit le Seigneur, et la cité sera édifiée pour le Seigneur, depuis la tour d’Hananéel, jusqu’à la porte de l’angle.
देखना, “वे दिन आ रहे हैं,” यह याहवेह की वाणी है, “जब हनानेल स्तंभ से लेकर कोने के प्रवेश द्वार तक याहवेह के लिए नगर को पुनर्निर्माण किया जाएगा.
39 Et le cordeau sortira encore au-delà à sa vue sur la colline de Gareb; et fera le tour de Goatha,
मापक डोर आगे बढ़ती हुई सीधी गारेब पर्वत तक पहुंच जाएगी, तत्पश्चात वह और आगे बढ़कर गोआह की ओर मुड़ जाएगी.
40 Et de toute la vallée des cadavres et de la cendre, et de toute la région de la mort, jusqu’au torrent de Cédron, et jusqu’à l’angle de la porte orientale des chevaux; le lieu saint du Seigneur ne sera pas renversé, et il ne sera jamais plus détruit.
शवों तथा भस्म से आच्छादित संपूर्ण घाटी तथा किद्रोन सरिता तक विस्तृत खेत, पूर्व तोड़ के घोड़े-द्वार के कोण तक का क्षेत्र याहवेह के निमित्त पवित्र ठहरेगा. यह क्षेत्र तब सदा-सर्वदा के लिए न तो उखाड़ा जाएगा और न ही ध्वस्त किया जाएगा.”