< Isaïe 60 >
1 Lève-toi, reçois la lumière, Jérusalem, parce qu’est venue ta lumière, et que la gloire du Seigneur sur toi s’est levée.
१उठ, प्रकाशमान हो; क्योंकि तेरा प्रकाश आ गया है, और यहोवा का तेज तेरे ऊपर उदय हुआ है।
2 Parce que voilà que les ténèbres couvriront la terre, et une obscurité, les peuples; mais sur toi se lèvera le Seigneur, et sa gloire en toi se verra.
२देख, पृथ्वी पर तो अंधियारा और राज्य-राज्य के लोगों पर घोर अंधकार छाया हुआ है; परन्तु तेरे ऊपर यहोवा उदय होगा, और उसका तेज तुझ पर प्रगट होगा।
3 Et des nations marcheront à ta lumière, et des rois à la splendeur de ton lever.
३जाति-जाति तेरे पास प्रकाश के लिये और राजा तेरे आरोहण के प्रताप की ओर आएँगे।
4 Lève autour de toi tes yeux et vois; tous ceux-ci se sont rassemblés, ils sont venus à toi; tes fils de loin viendront, et tes filles à ton côté se lèveront.
४अपनी आँखें चारों ओर उठाकर देख; वे सब के सब इकट्ठे होकर तेरे पास आ रहे हैं; तेरे पुत्र दूर से आ रहे हैं, और तेरी पुत्रियाँ हाथों-हाथ पहुँचाई जा रही हैं।
5 Alors tu verras, et tu seras dans l’abondance; ton cœur admirera, et se dilatera, quand se sera tournée vers toi la richesse de la mer, et que la force des nations sera venue à toi.
५तब तू इसे देखेगी और तेरा मुख चमकेगा, तेरा हृदय थरथराएगा और आनन्द से भर जाएगा; क्योंकि समुद्र का सारा धन और जाति-जाति की धन-सम्पत्ति तुझको मिलेगी।
6 Une inondation de chameaux te couvrira ainsi que les dromadaires de Madian et d’Epha; tous viendront de Saba, apportant de l’or et de l’encens, et publiant des louanges en l’honneur du Seigneur.
६तेरे देश में ऊँटों के झुण्ड और मिद्यान और एपा देशों की साँड़नियाँ इकट्ठी होंगी; शेबा के सब लोग आकर सोना और लोबान भेंट लाएँगे और यहोवा का गुणानुवाद आनन्द से सुनाएँगे।
7 Tout troupeau de Cédar sera rassemblé pour toi, les béliers de Nabaïoth seront employés à ton service; ils seront offerts sur mon autel d’expiation, et je glorifierai la maison de ma majesté.
७केदार की सब भेड़-बकरियाँ इकट्ठी होकर तेरी हो जाएँगी, नबायोत के मेढ़े तेरी सेवा टहल के काम में आएँगे; मेरी वेदी पर वे ग्रहण किए जाएँगे और मैं अपने शोभायमान भवन को और भी प्रतापी कर दूँगा।
8 Qui sont ceux-ci qui volent comme des nuées, et comme des colombes vers leurs demeures?
८ये कौन हैं जो बादल के समान और अपने दरबों की ओर उड़ते हुए कबूतरों के समान चले आते हैं?
9 Car les îles m’attendent, ainsi que les vaisseaux de mer, dès le principe, afin que je fasse venir tes fils de loin, leur or et leur argent avec eux, et les consacre au nom du Seigneur ton Dieu et au saint d’Israël, parce qu’il t’a glorifiée.
९निश्चय द्वीप मेरी ही बाट देखेंगे, पहले तो तर्शीश के जहाज आएँगे, कि तेरे पुत्रों को सोने- चाँदी समेत तेरे परमेश्वर यहोवा अर्थात् इस्राएल के पवित्र के नाम के निमित्त दूर से पहुँचाए, क्योंकि उसने तुझे शोभायमान किया है।
10 Et les fils des étrangers bâtiront des murs, et leurs rois te serviront; car dans mon indignation je t’ai frappée, et par ma réconciliation j’ai eu pitié de toi.
१०परदेशी लोग तेरी शहरपनाह को उठाएँगे, और उनके राजा तेरी सेवा टहल करेंगे; क्योंकि मैंने क्रोध में आकर तुझे दुःख दिया था, परन्तु अब तुझ से प्रसन्न होकर तुझ पर दया की है।
11 Et tes portes seront ouvertes continuellement; ni jour ni nuit elles ne seront fermées, afin que te soit apportée la force des nations, et que leurs rois te soient amenés.
११तेरे फाटक सदैव खुले रहेंगे; दिन और रात वे बन्द न किए जाएँगे जिससे जाति-जाति की धन-सम्पत्ति और उनके राजा बन्दी होकर तेरे पास पहुँचाए जाएँ।
12 Car la nation et le royaume qui ne te sera pas assujetti, périra; ces nations réduites en solitude seront dévastées.
१२क्योंकि जो जाति और राज्य के लोग तेरी सेवा न करें वे नष्ट हो जाएँगे; हाँ ऐसी जातियाँ पूरी रीति से सत्यानाश हो जाएँगी।
13 La gloire du Liban vers toi viendra; le sapin, et le buis, et le pin serviront ensemble à orner le lieu de ma sanctification; et la place de mes pieds, je la glorifierai.
१३लबानोन का वैभव अर्थात् सनोवर और देवदार और चीड़ के पेड़ एक साथ तेरे पास आएँगे कि मेरे पवित्रस्थान को सुशोभित करें; और मैं अपने चरणों के स्थान को महिमा दूँगा।
14 Et ils viendront vers toi, les fils de ceux qui t’ont humiliée, et ils adoreront les traces de tes pieds, tous ceux qui te décriaient, et ils t’appelleront la cité du Seigneur, la Sion du saint d’Israël.
१४तेरे दुःख देनेवालों की सन्तान तेरे पास सिर झुकाए हुए आएँगी; और जिन्होंने तेरा तिरस्कार किया सब तेरे पाँवों पर गिरकर दण्डवत् करेंगे; वे तेरा नाम यहोवा का नगर, इस्राएल के पवित्र का सिय्योन रखेंगे।
15 Parce que tu as été délaissée et haïe, et qu’il n’y avait personne qui te traversât, je t’établirai l’orgueil des siècles, et la joie pour toutes les générations.
१५तू जो त्यागी गई और घृणित ठहरी, यहाँ तक कि कोई तुझ में से होकर नहीं जाता था, इसके बदले मैं तुझे सदा के घमण्ड का और पीढ़ी-पीढ़ी के हर्ष का कारण ठहराऊँगा।
16 Et tu suceras le lait des nations, et de la mamelle des rois tu seras nourrie; et tu sauras que je suis le Seigneur qui te sauve, et ton rédempteur le fort de Jacob.
१६तू जाति-जाति का दूध पी लेगी, तू राजाओं की छातियाँ चूसेगी; और तू जान लेगी कि मैं यहोवा तेरा उद्धारकर्ता और तेरा छुड़ानेवाला, याकूब का सर्वशक्तिमान हूँ।
17 Au lieu d’airain j’apporterai de l’or, et au lieu de fer j’apporterai de l’argent; et au lieu de bois, de l’airain, et au lieu de pierre, du fer; je te donnerai pour gouvernement la paix, et pour préposés, la justice.
१७मैं पीतल के बदले सोना, लोहे के बदले चाँदी, लकड़ी के बदले पीतल और पत्थर के बदले लोहा लाऊँगा। मैं तेरे हाकिमों को मेल-मिलाप और तेरे चौधरियों को धार्मिकता ठहराऊँगा।
18 On n’entendra plus parler d’iniquité dans ta terre, de ravage et de destruction dans tes confins; et le salut occupera tes murs, et la louange tes portes.
१८तेरे देश में फिर कभी उपद्रव और तेरी सीमाओं के भीतर उत्पात या अंधेर की चर्चा न सुनाई पड़ेगी; परन्तु तू अपनी शहरपनाह का नाम उद्धार और अपने फाटकों का नाम यश रखेगी।
19 Tu n’auras plus le soleil pour éclairer pendant le jour, et la clarté de la lune ne luira pas sur toi; mais le Seigneur sera ta lumière éternelle, et ton Dieu ta gloire.
१९फिर दिन को सूर्य तेरा उजियाला न होगा, न चाँदनी के लिये चन्द्रमा परन्तु यहोवा तेरे लिये सदा का उजियाला और तेरा परमेश्वर तेरी शोभा ठहरेगा।
20 Ton soleil ne se couchera plus, et ta lune ne diminuera pas; parce que le Seigneur sera ta lumière éternelle, et que les jours de ton deuil seront finis.
२०तेरा सूर्य फिर कभी अस्त न होगा और न तेरे चन्द्रमा की ज्योति मलिन होगी; क्योंकि यहोवा तेरी सदैव की ज्योति होगा और तेरे विलाप के दिन समाप्त हो जाएँगे।
21 Quant à ton peuple, tous seront justes; pour toujours ils posséderont la terre en héritage; il sera le rejeton de ma plantation, l’œuvre de ma main pour me glorifier.
२१तेरे लोग सब के सब धर्मी होंगे; वे सर्वदा देश के अधिकारी रहेंगे, वे मेरे लगाए हुए पौधे और मेरे हाथों का काम ठहरेंगे, जिससे मेरी महिमा प्रगट हो।
22 Le moindre de tes citoyens en produira mille, et le plus petit une nation très puissante; moi le Seigneur, en son temps je ferai soudain cela.
२२छोटे से छोटा एक हजार हो जाएगा और सबसे दुर्बल एक सामर्थी जाति बन जाएगा। मैं यहोवा हूँ; ठीक समय पर यह सब कुछ शीघ्रता से पूरा करूँगा।