< Galates 6 >
1 Mes frères, si un homme est tombé par surprise dans quelque faute, vous qui êtes spirituels, instruisez-le en esprit de douceur, regardant à toi-même, de peur que toi aussi tu ne sois tenté.
१हे भाइयों, यदि कोई मनुष्य किसी अपराध में पकड़ा जाए, तो तुम जो आत्मिक हो, नम्रता के साथ ऐसे को सम्भालो, और अपनी भी देख-रेख करो, कि तुम भी परीक्षा में न पड़ो।
2 Portez les fardeaux les uns des autres, et c’est ainsi que vous accomplirez la loi du Christ.
२तुम एक दूसरे के भार उठाओ, और इस प्रकार मसीह की व्यवस्था को पूरी करो।
3 Car si quelqu’un s’estime être quelque chose, comme il n’est rien, il s’abuse lui-même.
३क्योंकि यदि कोई कुछ न होने पर भी अपने आपको कुछ समझता है, तो अपने आपको धोखा देता है।
4 Or que chacun éprouve ses propres œuvres, et alors il trouvera sa gloire en lui-même et non dans un autre.
४पर हर एक अपने ही काम को जाँच ले, और तब दूसरे के विषय में नहीं परन्तु अपने ही विषय में उसको घमण्ड करने का अवसर होगा।
5 Car chacun portera son fardeau.
५क्योंकि हर एक व्यक्ति अपना ही बोझ उठाएगा।
6 Que celui que l’on catéchise par la parole communique tous ses biens à celui qui le catéchise.
६जो वचन की शिक्षा पाता है, वह सब अच्छी वस्तुओं में सिखानेवाले को भागी करे।
7 Ne vous y trompez pas: on ne se rit point de Dieu.
७धोखा न खाओ, परमेश्वर उपहास में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा।
8 Car ce que l’homme aura semé, il le recueillera. Ainsi, celui qui sème dans sa chair recueillera de la chair la corruption; et celui qui sème dans l’esprit recueillera de l’esprit la vie éternelle. (aiōnios )
८क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा। (aiōnios )
9 Or faisant le bien, ne nous lassons point; car en ne nous lassant pas, nous recueillerons la moisson en son temps.
९हम भले काम करने में साहस न छोड़ें, क्योंकि यदि हम ढीले न हों, तो ठीक समय पर कटनी काटेंगे।
10 C’est pourquoi, tandis que nous avons le temps, faisons du bien à tous, et principalement à ceux qui sont de la famille de la foi.
१०इसलिए जहाँ तक अवसर मिले हम सब के साथ भलाई करें; विशेष करके विश्वासी भाइयों के साथ।
11 Voyez quelle lettre je vous ai écrite de ma propre main.
११देखो, मैंने कैसे बड़े-बड़े अक्षरों में तुम को अपने हाथ से लिखा है।
12 Tous ceux qui veulent plaire selon la chair vous obligent à vous faire circoncire, et cela uniquement afin de ne pas souffrir persécution pour la croix du Christ.
१२जितने लोग शारीरिक दिखावा चाहते हैं वे तुम्हारे खतना करवाने के लिये दबाव देते हैं, केवल इसलिए कि वे मसीह के क्रूस के कारण सताए न जाएँ।
13 Car eux, qui se font circoncire, ne gardent pas la loi; mais veulent que vous soyez circoncis, pour se glorifier en votre chair.
१३क्योंकि खतना करानेवाले आप तो, व्यवस्था पर नहीं चलते, पर तुम्हारा खतना कराना इसलिए चाहते हैं, कि तुम्हारी शारीरिक दशा पर घमण्ड करें।
14 Pour moi, à Dieu ne plaise que je me glorifie, si ce n’est dans la croix de Notre Seigneur Jésus-Christ, par qui le monde m’est crucifié, et moi au monde.
१४पर ऐसा न हो, कि मैं और किसी बात का घमण्ड करूँ, केवल हमारे प्रभु यीशु मसीह के क्रूस का जिसके द्वारा संसार मेरी दृष्टि में और मैं संसार की दृष्टि में क्रूस पर चढ़ाया गया हूँ।
15 Car en Jésus-Christ la circoncision n’est rien, ni l’incirconcision, mais la créature nouvelle.
१५क्योंकि न खतना, और न खतनारहित कुछ है, परन्तु नई सृष्टि महत्त्वपूर्ण है।
16 Quant à tous ceux qui suivront cette règle, paix sur eux et miséricorde sur l’Israël de Dieu!
१६और जितने इस नियम पर चलेंगे उन पर, और परमेश्वर के इस्राएल पर, शान्ति और दया होती रहे।
17 Au reste, que personne ne me fasse de la peine; car je porte sur mon corps les stigmates du Seigneur Jésus.
१७आगे को कोई मुझे दुःख न दे, क्योंकि मैं यीशु के दागों को अपनी देह में लिये फिरता हूँ।
18 Que la grâce de Notre Seigneur Jésus-Christ soit avec votre esprit, mes frères. Amen.
१८हे भाइयों, हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम्हारी आत्मा के साथ रहे। आमीन।